हेलो दोस्तो बहुत दीनो बाद फिर से हाज़िर हू आप लोगो के सामने एक कहानी लेके.
कहानी मे कों कों है….
1. सुरेश कुमार मेरे पापा, आगे- 49
2. दीप्ति कुमार मेरी मम्मी, आगे- 38
3. राहुल कुमार मई खुद, आगे- 17
4. मोहम्मद अज़ीज़, आगे- 46
5. ज़फ़र ख़ान, आगे- 48
तो हम लोग एक अप्पर मिड्ल क्लास फॅमिली से है आंड हम एंपी के भोपाल मे रहते है. पापा जो की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मे जड्ज है. पापा मिक्स्ड नेचर के आदमी थे ज़्यादा टाइम वो कोर्ट मे ही रहते थे.
मेरी मम्मी जो को 38 साल की है वो दिखने मे एकद्ूम दूध सी गोरी है 36 के बड़े बड़े बूब्स. मोटी गोल गांद किसी भी ला लंड खड़ा कर दे. मम्मी डेली सुबा 6 ब्जे हमारे घर के पास वेल मंदिर जाती और 7:30-8:00 बजे तक घर आ जाती.
मेरा स्कूल भी सुबा 7 ब्जे से ल्गता है तो मई घर से 6:20 तक निकल जाता हू. मेरा स्कूल मंदिर से जस्ट पहले तुर्न पर है तो स्कूल के मैं गाते से मंदिर सॉफ दिखता है.
एक दिन मई स्कूल के मैं के गाते पहुचा तो मैने देखा मम्मी मंदिर के बाहर वाली सीढ़ियों पर चढ़ रही है. बारिश का टाइम था तो मम्मी का पैर स्लिप हुआ. मई दर्र गया लेकिन मम्मी नीचे गिरी नही उःने किसी आदमी ने पकड़ लिया था.
मम्मी ने उनसे कुछ कहा शायद थॅंकआइयू बोला होगा और मंदिर के अंदर चली गयी. जब वो आदमी मेरे सामने आया तो मैने पहचानना की यह तो मंदिर और हमारे घर मे रास्ते पे जो फोटो स्टूडियो है वाहा के मलिक है.
ऐसे ही कुछ दिन बीट गये.
एक शाम को जब मई अपने दोस्त के घर से बुक के लेके आ रहा था. तो मैने मम्मी और उन्ही अंकल को मार्केट मे बाते करते हुए देखा. मुझे पहले अजीब लगा पर मैने इग्नोर कर दिया.
फिर एक दिन सुबा मे मैने मम्मी से कहा की मई भी उनके साथ मंदिर चलता हू, रास्ते मे मई अपने स्कूल च्ला जौगा और आप मंदिर चली जाना. तो मम्मी ने मुझे डाट के माना कर दिया और घर से मंदिर के लिए निकल गयी.
मई भी तभी अपना बाग उठया और साइकल लेके निकला. मम्मी आयेज आयेज थी मई उनके पीछे. मैने देखा आज वो अंकल ने शॉप जल्दी खोल दी है. मम्मी पहले तो उनकी शॉप के पास रुकी तो मई भी चुप गया.
फिर मम्मी ने इधर उधर देखा, जब उनको लगा की कोई नही देख रहा है तो वो शॉप मे घुस गयी. मुझे बड़ा अजीब लगा, मई अपनी साइकल को वही चोर के यूयेसेस शॉप के पास आया आंड एक विंडो से देखने लगा.
मम्मी और वो अंकल जिनका नाम ज़फ़र ख़ान है, वो साथ मे एक सोफा पर बैठे थे और अंकल मम्मी से कह रहे थे-
ज़फ़र- किसी ने देखा तो नही अंदर आते हुए और घर मे क्या बोला है पति को?
मम्मी – नही किसी ने नही घर मे क्या बोलना वो जानते है मई मंदिर गयी हू.
ज़फ़र- हन हन मंदिर तो आज आई पर किसी दूसरे वेल (एक नॉटी स्माइल के साथ).
मुझे समझ नही आ रहा था की क्या हो रहा है.
मम्मी – मुझे आज के दिन का भौत इंतेज़ार था ज़फ़र, यह मेरा सपना था जो आज पूरा होने जा रहा है सिर्फ़ तुम्हारी वजह से.
ज़फ़र- अरे तुम चिंता क्यू करती हो बस आज के दिन को एंजाय करो (मम्मी के हाथ तो पकड़ के बोला)
मम्मी ने हा मे सर हिलाया और स्माइल की.
ज़फ़र बोला वो रहा रूम तुम जाओ रेडी होके आओ मई टीबी तक ज़्ब सेट करता हू और ज़फ़र ने मम्मी को एक बाग दिया.
मम्मी करीब 20 मीं बाद रूम से आई मम्मी को देख के मेरा मूह खुला का खुला रहे गया. मम्मी के रेड क्रॉप टॉप और डेनिम की शॉट्स पहने बाहर आई. यूयेसेस क्रॉप टॉप मे मम्मी के बूब्स आधे से ज़्यादा बाहर दिख रहे थे आंड वो शॉट्स भी डॅमेज्ड थी. जिसमे से मम्मी की हल्की हल्की रेड पनटी भी बाहर दिखाई दे रही थी, रूम से बाहर आते मम्मी बोली-
मम्मी – देखो तो मुझे कैसी लग रही हू.
ज़फ़र- मशाल्लाह यह नूवर जानत से क्ब उतार आई इश्स नाचीज़ की दुकान पर.
मम्मी शरमाती हुई बोली- पागल चलो अब काम शुरू करते है.
ज़फ़र अपना कॅमरा ले आता है और मम्मी को कहता की सामने खड़ी हो जाए और पोज़ करने को बोलता है.
मम्मी पहले नॉर्मल ही पोज़ करती है. पर ज़फ़र कहने लगता है की ऐसे पोज़ से फोटो आक्ची नही आ रही है थोड़े बोल्ड पोज़ करो. मम्मी कुछ समझी नही तो ज़फ़र मम्मी को फोन कुछ फोटोस दिखता है. मम्मी शर्मा जाती है तो ज़फ़र कहता है ऐसे शरमाओगी तो कैसे फोटो आक्ची आएगी. टीबी मम्मी कहती है अक्चा करती हू.
टीबी मम्मी अपने मूह को नीचे झुकती है और पैर फैला के खड़ी होती है. ऐसे करने से उनके बूब्स पूरे नीचे लटक गये और पूरा क्लीवेज दिखने लगा.
फिर नेक्स्ट पोज़ मे मम्मी अपने बूब्स को दबाने वला पोज़ देती है.
उसके बाद ज़फ़र उनको कहता है उसके पास और एक सेक्सी पोज़ अगर वो करना चाहे तो वो उन्हे दिखय. मम्मी कहती है दिखाओ, जैसे ही वो फोटो मम्मी को दिखता है मम्मी उसको माना कर देती है और कहती है ऐसे ही ठीक. पर ज़फ़र बोलता है ट्राइ करके देखने मे क्या जेया रहा है, मई कों सा किसी को ब्ताने वला हू .अपने दोस्त पर विश्वा नही डीपू?
ज़फ़र के मूह से डीपू सुन के मम्मी सोच मे प्ड ज्ति है और कहती है रूको आती हू और रूम चली जाती है.
5 मीं बाद रूम का डोर खुलता और जो मई देहकता हू बस देखता रह जाता हू. मम्मी के श्रीर पर एक भी कपड़ा नही था, अपने बूब्स वो अपने एक हाथ से और छूट को एक हाथ के धक र्खा था.
ज़फ़र यह देख के खुश होता है और उसकी पंत मे का तंबू यह बीटीये रहा था की उसके मॅन मे क्या छल है. वो मम्मी की फोटो खिकता है.
तभी मम्मी को के चीक आती जिसके कारण वो अपने दोनो हाथ मूह पे ले आती है और ज़फ़र को मम्मी के छूट और बड़े बड़े बूब्स के दर्शन हो ज्ते है.
मम्मी अब श्रमते हुए अपने हाथो से बूब्स और छूट को धकती है. तभी ज़फ़र उनके पास आता है आंड मम्मी का हाथ हतने की कोशिश करता है. मम्मी भी अब शयद गरम हो गयी थी, वो उसको माना भी नही करती.
ज़फ़र के हाथो मे अब मम्मी की बड़े बड़े बूब्स से और वो उन्हे दबा रहा था. मम्मी आह उम्म्म किए जा रही थी. तभी ज़फ़र एक उंगली मम्मी की छूट मे डालता है तो मम्मी उछाल जाती है और ज़फ़र को कहती है ज़रा आराम से करो, मई कहा बाऐी जा रही हू.
अब ज़फ़र अपनी पेंट उतार देता और अंडरवेर भी अब उसका 7 इंच का लंड मम्मी की आँखों के सामने था.
आयेज क्या हुआ यह जाने की लिए मिलते है इश्स कहानी के नेक्स्ट पार्ट मे.