नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम लोकेश है, और मैं पुणे से हू. मेरी उमर 19 साल है, और मुझे सेक्स करने की बड़ी तलब है. मैं हमेशा ये सोचता हू की काश कोई लड़की मान जाए मेरे साथ सेक्स करने के लिए.
मेरी हाइट 5’8″ है, और लंड मेरा 6 इंच का है. रंग मेरा गोरा है, और मैं हॅंडसम हू. ये कहानी पिछले महीने की है, जब मैने अपने मोहल्ले की एक गस्ति आंटी को छोड़ा. चलिए बताता हू सब कैसे हुआ.
हमारे मोहल्ले में गीता आंटी रहती थी. उनके पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते थे. गीता आंटी बहुत सेक्सी थी, और मोहल्ले का हर मर्द उनका दीवाना था. गीता आंटी एक-दूं दूध के जैसी गोरी थी, और उनका फिगर 36-30-38 था.
मैं और मेरे दोस्त उनके बारे में हमेशा बात करते रहते थे, और अपनी फॅंटसीस बताते थे. एक दिन हमारे एक दोस्त ने बताया की गीता आंटी को दूसरे मर्दों के साथ सेक्स करने का बहुत शौंक था.
जब हमने उससे पूछा की उसको कैसे पता, तो उसने कहा की उसने अपने पापा को उनके फ्रेंड के साथ गीता आंटी के बारे में बातें करते सुना था. उसकी ये बात सुन कर मैं बहुत खुश हो गया. मुझे लगा की मेरी भी किस्मत खुल सकती थी.
फिर इसी सोच के साथ मैं हर रोज़ गीता आंटी के घर के बाहर इधर-उधर घूमने लगा. मैं आंटी को पाटने का सोच कर ये सब कर रहा था. लेकिन मुझे ये नही पता था, की तरीका सच में काम आ जाएगा.
कुछ दिन और बीट गये, और अब आंटी भी मुझे नोटीस करने लगी थी. फिर फाइनली एक दिन आंटी ने मुझे घर के गाते पे खड़े होके बुलाया, और पूछा-
आंटी: क्या कर रहे हो यहा बेटा तुम?
मैं तोड़ा दर्र गया की मैं क्या जवाब देता. लेकिन फिर मैने उनको बेवकूफ़ बनाने के लिए कहा-
मैं: आंटी वो मैं किसी का घर ढूँढ रहा था.
आंटी: इतने दीनो से तुम्हे वो घर ही नही मिला? सच-सच बताओ क्या कर रहे हो, वरना पोलीस को फोन कर दूँगी.
उनकी ये बात सुन कर मैं दर्र गया. फिर मैने बोला-
मैं: आंटी मैं आपको बहुत लीके करता हू, तो मैं आपको देखने के लिए बार-बार आपके घर के सामने से गुज़रता हू.
आंटी ये सुन कर हासणे लगी और बोली: ऐसा क्या है मुझमे जो मुझे देखने के लिए मेरे घर के बाहर चक्कर लगते हो?
मैं: बहुत कुछ आंटी. आप बहुत ज़्यादा खूबसूरत हो.
आंटी: अर्रे रहने दो, तुम तो यू ही बढ़ा-चढ़ा के बोल रहे हो. आओ अंदर आओ, तुम्हे मैं छाई पिलाती हू.
अंदर जाने का ऑफर सुन कर मैं बहुत खुश हो गया. मैं आंटी को फॉलो करने लगा, और आंटी आयेज-आयेज जेया रही थी. आंटी ने एक नाइट गाउन पहना था बेबी पिंक कलर का. उस नाइट गाउन में आंटी की गांद बहुत बड़ी लग रही थी. जब मैं अंदर जेया रहा था, तो पीछे से उनकी मस्त गांद को देखते हुए जेया रहा था.
फिर आंटी ने मुझे सोफा पर बिताया, और अंदर से मेरे लिए छाई लेने चली गयी. मेरा ध्यान अभी भी आंटी की गांद पर था. फिर आंटी छाई लेके आई. जब उन्होने छाई का कप टेबल पर रखा, तो मुझे उनके लटकते हुए गोरे-गोरे बूब्स दिखने लगे.
उनको देख कर तो मेरी आँखें फाटती की फाटती रह गयी. आंटी ने मुझे उनके बूब्स देखते हुए देख लिया, और एक छ्होटी सी स्माइल पास की. फिर आंटी मेरे सामने सोफा पर बैठ गयी. उसके बाद आंटी ने मुझे पूछा-
आंटी: छूट छाती है कभी?
मैं आंटी के मूह से ये बात सुन कर हैरान रह गया.
मैं बोला: जी आंटी?
आंटी: तुम्ही ने कहा ना तुम मुझे लीके करते हो. अगर मैं भी लीके करने लगी, तो पहले हम बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड बनेंगे. फिर ब्फ-गफ़ बन कर हम सेक्स तो करेंगे ही. तो इसलिए पूच रही हू, की मेरे होने वाले ब्फ ने कभी छूट छाती है.
मैने कहा: नही आंटी, नही छाती.
मेरी ये बात सुनते ही उन्होने अपना गाउन उठाया, और अपनी पनटी उतार दी. क्या सेक्सी जांघें थी उनकी. उनकी नंगी छूट अब मेरे सामने थी. उनकी छूट बिल्कुल क्लीन-शेव्ड थी. छूट देखते ही मेरा लंड पंत पूरी तरह से तंन गया.
फिर वो बोली: आजा चाट इसको.
मैं कुत्ते की तरह घुटनो के बाल उनकी छूट के पास गया, और उनकी छूट पर अपना मूह लगा कर चाटने लगा. वो अपनी गांद हिला-हिला कर अपनी छूट चटवाने लगी, और आ आ करने लगी. मैं जीभ डाल-डाल कर उनकी छूट का स्वाद ले रहा था.
कुछ देर में आंटी बहुत गरम हो गयी. वो खड़ी हुई, और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम में ले गयी. वाहा जाके उन्होने मुझे बेड पर धक्का दिया.
फिर वो मेरी पंत खोलने लगी, और उसके बाद उन्होने मेरा अंडरवेर उतार दिया. मेरा तन्ना हुआ लंड देख कर वो खुश हो गयी, और उन्होने मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया. मुझे विश्वास नही हो रहा था, की इतनी सेक्सी आंटी मेरा लंड चूस रही थी.
कुछ देर लंड चूसने के बाद वो सीधी हुई, और मेरे उपर आके लंड अपनी छूट पर सेट किया. फिर वो नीचे बैठने लगी, और लंड छूट में जाने लगा. हम दोनो के मूह से सिसकारियाँ निकालने लग गयी. अब मेरा पूरा लंड आंटी की गीली छूट में था.
क्या फीलिंग थी यार एक-दूं जन्नत. मैने सुबा ही मूठ मारी थी, नही तो मेरा इतने में ही निकल जाता. फिर आंटी ने अपना गाउन निकाल दिया, और ब्रा भी निकाल दी. अब उनके पहाड़ जैसे बूब्स मेरे सामने थे. आंटी आगे की तताफ झुकी, और मुझे बूब्स चूसने को बोला.
मैं उनके बूब्स के निपल्स मूह में लेके चूसने लगा. नीचे से आंटी गांद उठा-उठा कर नीचे मारने लगी, जिससे मेरा लंड उनकी छूट के अंदर-बाहर होने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं तो जन्नत में था. मैं आंटी को कभी किस कर रहा था, कभी उनके बूब्स चूस रहा था और दबा रहा था.
फिर आंटी ने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे, और अपनी गांद तेज़ी से आयेज-पीछे करने लगी. 15 मिनिट की इस चुदाई के बाद हम दोनो का पानी निकल गया. उसके बाद आंटी ने कपड़े पहने, और मुझे जाने के लिए कहा.
दोस्तों कहानी आपको कैसी लगी, कॉमेंट करके ज़रूर बताए. मैं आपकी फीडबॅक की वेट करूँगा.