मेरी बहन मान्या तो चलो अभी बीस साल नई-नई जवान हुई लड़की है, इसलिए कड़क है, मेरी मामी भी किसी मान्या से किसी तरह कम नहीं है।
मामी रितिका एक हेल्थ क्लब में फिटनेस इंस्ट्रक्टर है और खुद भी एक-दम फिट है। खड़ी चूचियां। तरबूज जैसे गोल चिकने चूतड़, और ऊपर से कपड़े पहनने का अंदाज। सोचने भर से मेरे तो लंड में हरकत शुरू हो जाती है। वैसे भी मामी हमेशा मुझे कामुक नज़रों से देखती रहती है।
मामा हर्ष का रेडीमेड कपड़ों का शोरूम है। मेरी बहन मान्या प्राइवेट बी.ए. कर रही है और मॉडल बनना चाहती है। मान्या का ज्यादा वक़्त शीशे में अपने आप को निहारने में निकलता है। पढ़ाई करते कम से कम मैंने उसे नहीं देखा।
फिटनेस इंस्ट्रक्टर मामी 40 की होने के बावजूद, शरीर के उचित रख-रखाव और कपड़े पहनने के सलीके के कारण अपनी उम्र से दस साल कम उम्र की दिखती है।
मामी रितिका की मानें तो मान्या को मॉडल होना चाहिए। मामी हमेशा बोलती रहती है कि मान्या मॉडलिंग के लिए बिल्कुल सही है, और अगर मॉडल बन गयी तो कामयाब भी रहेगी। मामी का मानना है मान्या खूबसूरत है, सेक्सी है और बोल्ड भी है। अभी नई-नई जवान हुई है इस लिए कड़क तो वो है ही।
वैसे मेरा मानना है लड़कियां कुदरती तौर पर तो केवल सुन्दर ही होती हैं। सेक्सी और बोल्ड तो वो बनाई हैं छोटे अंग दिखाऊ कपड़े पहना कर, मेकअप लगा कर, उठने बैठने चलने देखने और बात करने का स्टाइल समझा कर। इंग्लिश में इसको “ग्रूमिंग” कहते हैं।
फिर मैं कई बार मैं ये सोचता हूं, ये “बोल्ड और सेक्सी ” क्या होता है? सेक्सी का मतलब तो चलो ये हो गया, जिसको देखते ही लंड खड़ा हो जाए और मन करे अभी की अभी चोद दूं इसको।
और बोल्ड? बोल्ड के लिए हर एक का अलग पैमाना होता है। किसी के लिए खुल कर बात करना बोल्ड होना होता है। किसी के लिए नीचे बैठ कर लंड मुंह में लेना बोल्ड होना होता है। नारंग के लिए बोल्ड होने का मतलब है लंड चुसाई और उसके बाद ताबड़-तोड़ चुदाई।
मेरे अनुसार मान्या खूबसूरत तो है, मगर बोल्ड और सेक्सी बनने में समय लगेगा। अगर मान्या नारंग जैसे किसी बंदे के हत्थे चढ़ गयी तो वो पहले ही दिन लंड चुसवा कर और ताबड़-तोड़ चुदाई करके एक बार में ही बोल्ड और सेक्सी दोनों बना देगा।
बाकी नारंग की कम्पनी में काम करने वाले लड़के गेस्ट हाउस में मान्य के साथ क्या क्या-क्या करेंगे ये तो वक़्त तय करेगा। मगर मेरा मानना यही है कि जिस तरह की लड़की मान्या है, उसे किसी भी बात से ज्यादा दिन परहेज रहने वाला नहीं। “मैं मॉडल बनने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं” वाली लड़कियां बड़ी जल्दी चुदाई के रास्ते पर चल पड़ती हैं।
उधर 40 साल की मेरी मामी रीतिका सुन्दर भी है, बोल्ड भी है और सेक्सी भी। मामी बिल्कुल वैसी ही औरत है जैसी औरतें बलराज नारंग की कमजोरी हैं। बलराज इसी उम्र की औरतों को चोदने में दिलचस्पी रखता है।
मेरे मामा को मान्या की ये मॉडलिंग वाली बातें बिल्कुल भी पसंद नहीं। मान्या की नौं इंच की निक्कर नीचे से इतनी खुली होती कि जब वो बैठती है तो कभी-कभी चूत की छोटी-छोटी झांटों तक की झलक तक मिल जाती है। घर पर निक्कर के नीचे चड्डी पहनने की वैसे भी मान्या की आदत नहीं।
बाहर भी मान्य ऐसे ही छोटी चड्ढी पहनती है जो केवल चूत और चूतड़ों के बीच की लाइन ही ढकती है। बाकी बैठने पर चूत की फांकें और मांसल चूतड़, सब दिखाई देते हैं।
मामी ही कौन सी कम है। मामी हेल्थ क्लब में पेंट और टी शर्ट पहन कर जाती है। टी शर्ट का गले का कट इतना नीचा होता है कि आधे मम्मे साफ़ दिखाई पड़ते हैं।
यही आधे मम्मे हेल्थ क्लब के मालिक के लिए भारी फायदे का सौदा हैं।
हेल्थ क्लब की सारी कसरत करने की मशीनें इन्हीं “आधे मम्मों ” के कारण बिज़ी रहती हैं।
मामी और मान्या के इन्हीं तौर तरीकों के कारण मामा-मामी और बाप बेटी की आपस में नहीं बनती। अब मामा शोरूम से घर आ कर व्हिस्की की बोतल खोल कर बैठ जाते हैं और जब तक टुन्न ना हो जाएं पीते रहते हैं।
कई सालों से मामा मामी में कोई जिस्मानी सम्बन्ध नहीं। ऐसा एक बार मामी ने मुझे बताया था। लेकिन मामी को देख कर तो ऐसा तो नहीं लगता की मामी की चुदाई नहीं होती।
वैसे मैं भी कभी-कभी हेल्थ क्लब जाता रहता हूं। हेल्थ क्लब में भी ऑफिस के साथ लगते रेस्ट रूम हैं, जैसे बलराज और नेहा के ऑफिस के साथ लगते रेस्ट रूम हैं। अब वहां मामी कुछ ना करती हो, ऐसा हो तो नहीं सकता।
मामी की बाहर होने वाली चुदाई का यही ख्याल मेरे लंड में हरकत पैदा कर देता है। एक तो मेरा लंड बड़ा है दूसरे लंड के नीचे लटक रहे टट्टे भी छोटे नहीं हैं। इसलिए पैंट के अंदर लंड को और टट्टों को बार-बार हिला-डुला कर ठीक से बिठाना पड़ता है – पेंट की बायीं तरफ।
सामने वाले को मेरी पैंट के अंदर बायीं तरफ का ये उभार साफ़ दिखता है। मामी की नजर भी जब मेरी पेंट के बाएं तरफ लंड और टट्टों के कारण बने इस उभार पर पड़ती है, तो मामी अपनी चूत खुजलाने लग जाती है।
वैसे मान्या का ध्यान भी कभी-कभी मेरी पेंट की बाईं ओर चला जाता है। उसका हाथ भी फट से चूत पर पहुंच जाता है। 40 साल की मेरी मामी बला की सुन्दर और सेक्सी दिखती है। पांच फुट छह इंच लम्बी 53 किलो और 36-28-38 साइज़ के मम्मे, कमर चूतड़। फ़िल्मी हीरोइनों का होता है ये साइज़। लगती ही नहीं बीस साल की सेक्सी बेटी की मां है।
अगर कभी किसी को मां बेटी, रितिका मामी और मेरी ममेरी बहन मान्या, दोनों में से में चुदाई की लिए किसी एक को चुनने की लिए कहा जाए तो वो मेरी मामी रितिका को ही चुनेगा।
कम से कम ठरकी नारंग तो यही करेगा। और सच तो ये है कि मैं भी यही करूंगा, अगर कभी किसी ने मुझसे पुछा तो। मतलब अगर में मामी की इच्छा पूरी करते हुए मामी को भी मान्या के स्क्रीन टेस्ट दौरान नारंग के ऑफिस ले भी जाऊं, तो मामी रितिका की चुदाई पक्की। क्योंकि मामी कुछ ज्यादा ही बोल्ड बनती हैI
मैं जब भी मामा के घर जाया करता हूं मामी और मान्या एक ही बात लेकर बैठ जाती है। “मान्या को एक बार नारंग साहब से मिलवा दो। स्क्रीन टेस्ट करवा दो। अगर सेलेक्ट हो गयी तो लाइफ बन जाएगी।”
मान्या भी मामी की हां में हां मिलाती रहती है और मेरे पीछे पडी रहती है, “हां भैया एक स्क्रीन बार टेस्ट दिलवा दो। अगर सेलेक्ट हो गयी तो लाइफ बन जाएगी।”
अब जब नेहा मैडम ने मुझे एक नई लड़की ढूंढ लाने को कहा, तो मुझे मान्य का ध्यान आ गया। मगर मान्या को नारंग से मिलवाने के लिए मन नहीं मान रहा था। आखिर को मान्या थी तो मेरी बहन ही। ममेरी थी तो क्या हुआ। मैं भला कैसे अपनी बहन मान्य की चूत के परखच्चे उड़ते देख सकता था।
मैंने एक बार फिर मामी को समझने की कोशिश की, “मैं फिर कह रहा हूं मामी ये लाइन हमारे घरों की लड़कियों के लिए नहीं यहां लड़की का… अब मैं क्या बोलूं मामी।” चूत चुदाई जैसे शब्द मेरी जुबान से निकल नहीं रहे थे।
मामी बीच में ही टोक कर बोली, “किशोर मैं समझ रही हूं तुम क्या कहना चाह रहे हो, मगर मेरा विश्वास करो, मान्या अपना ध्यान रख सकती है।”
मैंने भी मन में सोचा क्या खाक ध्यान रख सकती है ये मान्या? चार इंच आठ इंच वाले कपड़े तो इसके पहले ही दिन उतर जाएंगे।
फिर मामी कुछ रुक कर बोली, “किशोर मैं भी चलूंगी तेरे साथ। इसी बहाने तेरा ऑफिस भी देख लूंगी।”मगर मामी भी कहां मानने वाली थी। असल में मामी की सोच भी तो वही थी, “मैं मॉडल बनने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं” वाली।
हार कर मैंने कहा, “ठीक है, मैं नेहा मैडम से बात करूंगा। फिर मैंने मान्या को कहा, “मान्या पहले तो वहां किसी के भी सामने भैया मत बोलना, नहीं तो अगर काम बनना भी हुआ तो नहीं बनेगा। इस मॉडलिंग वाली लाइन में कोई भी अपनी बहन के साथ नहीं जाता।” साथ ही मैंने मामी के तरफ देख कर बोला “मॉडल बनने वाली लड़की की मां भी साथ नहीं जाती।”
मामी बोली, “अरे कुछ नहीं होगा किशोर। मैं चलूंगी, एक बार मैं भी बात करूंगी नारंग साहब से मान्या के बारे में। इसी बहाने नारंग साहब से भी मुलाक़ात हो जाएगी। एक बार मान्या मॉडलिंग में आ गयी तो फिर तो बल्ले ही बल्ले। नोट बरसेंगे नोट।”
उधर मैं सोच रहा था और अगर नेहा ने हां कर दी तो मान्या का जल्दी ही स्क्रीन टेस्ट हो जाएगा। और अगर स्क्रीन टेस्ट में पास हो गयी तो अगला कदम होगा नारंग के ऑफिस के साथ वाले कमरे में मान्या का इंटरव्यू और साथ ही नारंग का लंड मान्या के लंड मुंह में।
इसके बाद अगर मान्या ने थोड़ा भी और बोल्ड बनने की कोशिश की, तो समझो तभी की तभी मान्या की चूत की सील की पट् भी हो जाएगी।
इसके बाद अगर मान्या ऐसे ही बोल्ड बनती रही तो और पता नहीं कौन-कौन चोदेगा इसे। साले अपने यारों से भी चुदवा देंगे। कुछ नहीं कर पाएगी ये मान्या। वो हरामी कैमरा ही चालू नहीं करेंगे जब तक मान्या चूत पर हाथ नहीं फिरवा लेगी। चूत और गांड चोद-चोद कर भोंसड़ी का भोंसड़ा बना देंगे।
मामी और मान्या इतनी जिद कर रही थीं कि मुझे नारंग के ऑफिस में मान्या की नेहा माथुर के साथ मीटिंग फिक्स करवानी पड़ी। दो दिन बाद आने वाले बुधवार को मुझे मान्या को बलराज नारंग और नेहा माथुर से मिलवाना था।
बुधवार को मैं मान्या को लेकर बलराज के ऑफिस पहुंच गया और रश्मि उप्पल के केबिन के सामने लगे सोफे पर इंतजार करने लगा। मान्या ने वही छोटे-छोटे कपड़े पहने हुए थे। नौं इंच की निक्कर और छः इंच की टॉप।
अगर मैंने अपनी कार में मान्या को लेकर ना आना होता तो ऐसे कपड़ों में तो मैं उसके साथ चल ही नहीं सकता था। कार में बैठे हुए भी बाहर वालों को उसकी चूचियां दिखाई दे रहीं थीं। कैसे आखें फाड़-फाड़ कर देखते जा रहे थे
थोड़ी देर में नेहा माथुर अपने ऑफिस से निकल कर बलराज के ऑफिस में गयी, और इसके कुछ ही देर बाद रश्मी के फोन की घंटी बजी।
रश्मि बोली, “जाओ किशोर, सर बुला रहे हैं।”
मैं मान्या को लेकर अंदर गया और सोफे पर बैठ गया। नेहा बलराज के सामने एक बड़ी सी कुर्सी पर बैठी थी। नेहा ने मान्या को भी साथ वाली कुर्सी पर बिठा लिया और सवाल जवाब शुरू हो गए। नेहा ने मान्या को सर से पैर तक देखते हुए पूछा, “नाम क्या है तुम्हारा?”
मान्या ने जवाब दिया, “जी मान्या खट्टर”
“मान्या तुमने पहले कभी मॉडलिंग की है, फैशन शो या ब्यूटी कांटेस्ट में भाग लिया है?”
“जी मॉडलिंग तो नहीं की। कालेज के ब्यूटी कांटेस्ट और फैशन शो में भाग लिया है और प्राइज भी जीते हैं”, कह कर मान्या ने अपने साथ लाई फाइल नेहा को दे दी।
नेहा ने पांच मिनट फाइल को देखा और बोली, “देखो मान्या, मॉडलिंग की दुनिया कुछ अलग होती है। फोटो शूट या शूटिंग के दौरान जरूरत के मुताबिक कभी-कभी बहुत छोटे कपड़े भी पहनने पड़ सकते हैं।”
शूटिंग वैसे तो इस ऑफिस के ऊपर बने स्टूडियो में होती है मगर कई बार शूटिंग बाहर भी होती है जैसे गोवा, श्रीनगर, शिमला, जयपुर वगैरह-वगैरह। अगर शूटिंग कहीं बाहर हुई तो आठ-आठ दस-दस दिन घर से बाहर भी रहना पड़ता है।
नेहा बता रही थी, “अगर ऐसी शूटिंग में तुम अकेली लड़की हुई तो ऑफिस से किसी लड़की को तुम्हारे साथ भेजा जायेगा। मगर तुम्हारे घर के किसी सदस्य को साथ जाने की इजाज़त नहीं होगी।”
“मान्या तुम्हारी फिगर ऊपर से ठीक है। तुम्हे ऐसी फिगर रखने के लिए अपने खान पान का ध्यान रखना पड़ेगा। जरा सा भी बढ़ता वजन मॉडल का दुश्मन होता है।”
“तुम्हें देख ऐसा लगता है की तुम्हारी अभी शादी नहीं हुई, मगर अगर कभी शादी का इरादा हो हमें कम से कम छः महीने पहले बताना पड़ेगा।”
“सेलेक्ट हों जाने के बाद तुम्हारा हमारी फर्म के साथ कानूनी कॉन्ट्रैक्ट होगा। ये कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट ध्यान से पढ़ कर ही इस पर दस्तखत करना।”
“और जैसे की मैंने बताया ही है, शूटिंग में कई बार बहुत छोटे कपड़े भी डालने पड़ सकते हैं”, फिर मान्या के कपड़ों की तरफ इशारा कर के बोली, “इन से भी छोटे, जैसे ब्रा और चड्ढी, अगर उनकी मॉडलिंग करनी पड़ी तो। इसमें झिझक नहीं होनी चाहिए।”
अब नेहा चुप हो गयी और मान्या के जवाब का इंतजार करने लगी।
मान्या बोली, “मैडम मैं सारी बातें समझ रही हूं, शादी का मेरा भी कोई भी इरादा नहीं है। जहां तक कपड़ों का सवाल है तो मेरे मम्मी डैडी भी खुले विचारों के हैं।”
“मम्मी डैडी खुले विचारों के हैं।” मान्या की इस बात पर मैं मन ही मन हंसा।
मान्या ने बात जारी रखी, “मैडम अगर मॉडलिंग ही छोटे कपड़ों के लिए होगी तो इसमें छोटे कपड़े पहनने में परहेज कैसा। जहां तक खाने-पीने का और फिगर ठीक रखने का सवाल हैं तो मैडम मैं इस बार का पूरा-पूरा ख्याल रखूंगी। मैडम मैं “मॉडलिंग में अपना कैरियर बनाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं।”
“अपना कैरियर बनाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं।” मान्या की इस बात पर नेहा और बलराज की नज़रें मिली, और मैंने अपना सर पीट लिया। हो गया कबाड़ा मारी ममेरी बहन मान्या के चूत का।
नेहा ने मान्या से कहा ,”अच्छा मान्या जरा खड़ी हो जाओ।”
मान्या खड़ी हुई और बलराज अपनी कुर्सी से उठ कर नेहा के साथ वाली कुर्सी पर बैठ गया, जहां से अभी-अभी मान्या उठी थी।
नेहा ने मान्या से कहा ,”मान्या अपनी निक्कर और टॉप उतार दो।”
मान्या ने मेरी और देखा। मान्या ने सोचा होगा कपड़े उतारूं अपने भाई के सामने? मगर नेहा और बलराज ने समझा की मान्य मुझ से शर्मा रही है।
नेहा ने कहा, “क्या हुआ मान्या, कुछ परेशानी है क्या? ऊपर के कपड़े उतारने को ही कहा है, नीचे के कपड़े उतरने को नहीं कहा।”
मान्या बोली, “नहीं मैडम कुछ नहीं और उसने निक्कर और टॉप उतार दिए।”
मान्या को ऐसे कपड़ों में तो मैंने भी कभी नहीं देखा था। चड्ढी इतनी छोटी की चूत और चूतड़ दिखाई दे रहे थे। ब्रा केवल चूचियों के निप्पल ही ढक रही थी। क्या जिस्म था। छोटे-छोटे चूतड़ और खड़ी चूचियां। मेरे तो लंड पर खुजली होने लग गयी।”
उधर बलराज ने भी अपना लंड खुजलाया और नेहा ने जैसे अपने चूत में घुसी साड़ी निकाली। नेहा और बलराज की नजरें मिलीं और इशारों-इशारों में बात हो गयी।
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