मौसी एक बार फिर हंसी और उठ कर मेरे खड़े लंड पर बैठ गयी और बिना देरी किये चुदाई शुरू कर दी।
जैसे लम्बी लम्बी उठक बैठक मौसी मेरे लंड पर कर रही थी, और जितना मजा मुझे आ रहा था, एक पल को मेरे मन में ख्याल आया ,”अब इसमें उस बेचारे राहुल का क्या कसूर, मौसी चुदती ही इतना बढ़िया है “।
दस मिनट की चुदाई के बाद मैं और मौसी वो इक्क्ठे झड़ गए।
मौसी कुछ देर यूं ही लंड पर बैठी रही। फिर उतरी और मेरे लंड पर लगा सारा चिकना पानी चाट गयी।
मेरा लंड फिर अकड़ने लगा। मौसी बोली “वरुण, एक बार और चोदोगे”?
मैंने भी कहा, “हां मौसी पर अब कैसे चोदना है”?
मौसी ने बिना झिझक कहा, “वरुण तेरा लंड जच्छ खासा लम्बा है, कुछ ऐसे चोद कि पूरा का पूरा लंड बाहर निकले और फिर अंदर जाये – एक झटके से। आह मजा आ जाएगा “।
“मौसी फिर तो पीछे से चोदना पड़ेगा, घोड़ी बना कर – डॉगी स्टाइल में”।
मौसी फिर हंसी “डॉगी स्टाइल ? तो ये बोल ना कुतिया बना कर चोदेगा मुझे “।
“नहीं मौसी मेरा वो मतलब नहीं “।
“अरे वरुण, मैं मजाक कर रही हूं, चल बना घोड़ी मुझे और डाल अपना ये घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में”।
फिर जो बीस मिनट पीछे से मौसी की जो चुदाई हुई – और जो लम्बे लम्बे धक्के लगे, उसने थका दिया मुझे।
मुझे काजल की बात याद आ गयी जब उसने मुझे कहा था, “मम्मी दम भी छोड़ेगी तुममे एक और चुदाई का “? सच ही अब किसी और चुदाई का तो दम नहीं था।
आधा घंटा मैं मौसी की बगल में ही लेटा रहा, और फिर अपने कमरे में चला गया।
लेटते ही इतनी गहरी नींद आयी कि सुबह ही जाग खुली, वो भी काजल ने जगाया, चाय की प्याली कि साथ।
हंस कर काजल बोली, ” बोला था कि नहीं मम्मी दम छोड़ेगी भी तुममे एक और चुदाई का”?
मेरी भी हंसी छूट गयी – एक खिसियानी हंसी।
नहाते धोते ग्यारह बज गए। बारह बजे तक काम वालियां अपना अपना काम खत्म कर के चली गयीं।
मैं और काजल सोफे पर बैठे थे। टीवी में आज से सीरियल ना लगा कर क्राइम पेट्रोल लगाया हुआ था। मौसी तैयार हो कर आयी और टीवी की तरफ देख कर बोली “अरे ये क्या लगा हुआ है आज “? और साथ हंस दी।
फिर मेरी तरफ देख कर बोली, “वरुण मैं नेहा कपूर के साथ मार्किट जा रहीं हूं चार बजे से पहले नहीं आऊंगी। फिर काजल की तरफ आखों का इशारा किया और मुझसे पूछा “ठीक है “?
“चार बजे से पहले नहीं आऊंगी” और वो इशारा ?
क्या मौसी इशारों में ये कह गयी थी की आज मैं काजल को चोद लूं।
काजल भी थोड़ा सा हैरान हुई। मौसी ने मुझे क्यों बताया की वो चार बजे तक आएगी। बताना तो उसे – काजल को चाहिए था।
और बात भी असल में यही थी।
मौसी कि जाने मैंने रात की चुदाई का सारा किस्सा काजल को बता दिया। जो भी बात हुई उसका एक एक शब्द ब्यान कर दिया ।
काजल उठी, दरवाजा अंदर से बंद करके आई और कपड़े उतार दिए ,”चलो वरुण शुरू हो जाओ”।
“मम्मी बोल ही गयी चार बजे से पहले नहीं आएगी – मतलब चार बजे तक जितने चुदाई कर सकते हो कर लो। इसका ये मतलब भी है वरुण के तुम्हारी आज की रात भी मम्मी के लिए है ” और काजल हंस दी।
“चलो वरुण करो चुदाई जैसे रात को मम्मी की की थी । लेटो बिस्तर पर, पहले मैं करती हूं चुदाई ऊपर बैठ कर। फिर तुम करना चुदाई मुझे घोड़ी बना कर, और डाल देना अपना घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में”।
बिलकुल रात की ही तरह मेरी और काजल की भी दो चुदाइयां हुईं। एक बार काजल मेरे ऊपर, मेरे खड़े लंड पर बैठ गयी। फिर मैंने काजल को चोदा, पीछे से – पूरा लंड बाहर निकाल कर। लम्बे लम्बे धक्के लगा कर।
रात को काजल कंप्यूटर पर बैठ गयी – पहले के तरह। मैं मौसी के कमरे में चला गया – अपनी मां की एक मिनट बड़ी बहन को चोदने। मौसी का पहला ही सवाल था, “वरुण, दिन में काजल को चोदा या नहीं “?
तो मतलब मौसी सच में ही में ही इसी लिए बाहर गयी थी कि मैं काजल को चोद लूं – काजल की चूत को ठंडा कर दूं।
मैंने अचकचा कर कहा, “जी “?
“जी मतलब “? मौसी बोली, मैं तो बोल के ही इस लिए गयी थी कि चार बजे से पहले नहीं आऊंगी – तुझे तो मैं इशारा भी करके गयी थी कि चोद लेना काजल को “।
“मैं जानती हूं उसकी चूत को लंड की तलब लगी हुई होगी। गलती मेरी ही है। पहले तो मैंने उसका बॉय फ्रेंड – राहुल बनने से पहले ही छीन लिया। फिर मस्तराम जैसी फ़िल्में दिखा दिखा कर उसकी चूत गरम कर दी और फिर कपूर से चुदाई भी करवाई तो वो भी इसी घर में”।
“बता वरुण चोदा या नहीं काजल को”।
मैंने सोचा, चार दिनों की धुआंधार चुदाई कि बारे में ना ही बताया जाए तो अच्छा रहेगा। मैंने धीरे से जवाब दिया “चोदा मौसी”।
“मौसी ने फिर पूछा, अच्छा एक आखरी बात और बता, कुंवारी थी काजल? सील फटी थी? मैंने कहा नहीं मौसी मेरी चुदाई कि बाद ही फटी। खून भी निकला। लेकिन अब ठीक है”।
मौसी कुछ देर चुप रही फिर पूछा, आज रात भी चोदेगा काजल को ? कुछ कहा उसने कि आज रात भी चुदवाना चाहती है “?
मैंने कहा “नहीं मौसी आज कि लिए दिन वाली चुदाई ही काफी है काफी हैं। नई लड़की है। एक दिन में दो बार चोदना ठीक नहीं”।
मौसी बोली, “चल ठीक है। तेरे मौसा का फोन आया था। परसों सवेरे आएंगे। कल का दिन और कल की रात है तेरे पास। चल आजा अब मुझे दिखा दे तारे”।
“कल दिन में फिर काजल को जन्नत की सैर करवाना और रात को मुझे। चल आ अब चूस मेरी फुद्दी”। कह कर मौसी ने कपड़े उतारे और चूत खोल कर लेट गयी।
मैं कुछ देर मौसी की चूत चूसता रहा। फिर मेरा मन लंड चुसवाने का हुआ तो मैं घूम गया। मेरा लंड मौसी के मुंह पर था । मौसी ने लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। जल्दी लंड पूरा तन गया। मौसी की चूत भी पानी छोड़ गयी।
मौसी बोली, “आ जा वरुण आज ऐसे ही चोद दे “। जैसे ही मैं हटा, मौसी ने तकिया चूतड़ों के नीचे रख कर चूत उठा ली और टाँगें चौड़ी करके चूत का छेद मेरे सामने कर दिया।
उस दिन भी मौसी दो बार चुदी। एक तो सीधा लेट कर, उसके बाद पीछे से घोड़ी बन कर। सीधा लेट कर मौसी मस्त चुदवाती है – चूतड़ घुमा घुमा कर। चुदाई होने के बाद कुछ देर मैं मौसी के साथ ही लेटा रहा और फिर उठ कर अपने कमरे में चला गया।
अगले दिन फिर बारह बजे मौसी गयी और चार बजे वापस आने का बोल कर गयी।मतलब भाई बहन की चुदाई की चुदाई के ताले की चाबी दे कर गयी।
दिन में मेरी और काजल की फिर से मस्त चुदाई हुई रात को मौसी की।
अगले दिन मैं वापस सोहना के लिए रवाना हो गया। काजल से वादा ले कर गया कि वो मुझे फोन करके बताती रहेगी कि वहां रेवाड़ी में क्या चल रहा है।
शुरू शुरू में तो काजल हम दोनों के बीच हुई चुदाई की ही बातें करती रहती थी – जैसे उन चुदायियों को याद करके मजा आ रहा हो। मगर धीरे धीरे ये सब कम हो गया।
फिर काजल ने बताया के उसका एडमिशन दुसरे कालेज में हो गया है। अगले सत्र – सेशन – से नए कालेज में जाना है। नया कालेज घर से ज्यादा दूर भी नहीं है।
पापा ने मम्मी के कहने पर स्कूटी भी दिलवा दी है और कपूर आती का बेटा अब मम्मी से बात नहीं करता – उसीसे बात करता है।
मैं हैरान था कि इतनी जल्दी ये सब हो गया ? अभी तो रेवाड़ी में छुट्टियां बिता कर वापस आये मुझे एक महीना भी नहीं हुआ।
फिर एक दिन काजल ने बताया मम्मी ने एक टीवी अपने कमरे में भी लगवा लिया है। ड्राइंग रूम वाले टीवी में अब सेक्सी सीरियल नहीं चलते।
डेढ़ महीने कि बाद हमारे कालेज में चार छुट्टियां आयी और मैं फिर रेवाड़ी गया। काजल की उस दिन छुट्टी थी।
बहुत कुछ बदल गया था।
काजल ने मुझे देख कर अपनी चूत नहीं खुजलाई, मगर मौसी अभी भी मुझे उन्हीं कामुक नजरों से देख रही थी।
दिन में मौसी तैयार हो कर आयी और बोली, “मैं जरा मार्किट हो कर आती हूं, चार बजे तक ही आ पाऊंगी “।
काजल बोली “मम्मी मैं भी चलती हूं”।
मैं और मौसी दोनों हैरान हुए।
“क्या अब काजल मुझसे – अपने मौसेरे भाई से चुदाई नहीं करवाना चाहती “?
सच कहूं तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैंने भी कहा, “मौसी मैं भी चलता हूं “।
मौसी खुश हो गयी और बोली, “वाह, यह तो बड़ी अच्छी बात है, चलो सब चलते हैं “।
मौसा घर पर ही थे इसलिए उस रात मौसी के साथ तो कुछ नहीं होना था।
मैंने काजल से पूछा, “काजल लगता है कोइ बॉय फ्रेंड बन गया है तुम्हारा “।
काजल बोली, “हां वरुण, राहुल अब मेरा बॉय फ्रेंड है। कभी कभार चुदाई भी हो जाती है”।
और फिर हंस कर बोली, “अब तुम्हें अपनी बहन को नहीं चोदना पड़ेगा”।
मैंने भी कहा, “काजल, मुझे भी इस बात की खुशी है। मुझे भी मेरे और तुम्हारे उस चुदाई वाले रिश्ते से कुछ अच्छा नहीं लगता था”।
मैंने को कहा, ” काजल लगता है मौसी कल चुदवाएगी तुम्हारे कालेज जाने कि बाद। देख तो ऐसी ही नजरों से रही थी “।
काजल बोली, “कोइ बात नहीं वरुण। चोद लो मम्मी को। वैसे एक बात बताऊं ? मम्मी अब कपूर अंकल से यहां, इस घर में नहीं चुदवाती – और राहुल से तो बिलकुल भी नहीं”।
कुछ रुक कर काजल बोली, “वैसे वरुण एक बात बोलूं, मुझे तो कभी कभी लगता है पापा में कुछ कमी है। देखने में तो पापा ठीक ही हैं मगर मम्मी के साथ ढंग से सेक्स नहीं कर पाते होंगे। मम्मी तो तुमने देखा ही है। सुन्दर तो वो है ही – एक दम फिट भी है। वर्ना क्या जरूरत है मम्मी को इधर उधर लंड ढूंढने की ? कौन औरत शादी के बाद गैर मर्द से चुदाई करवाना पसंद करती है “।
मैंने कुछ बोला नहीं मगर मैंने भी यही सोचा “हो भी सकता है” I
एकाएक काजल ने मेरा हाथ पकड़ा और बोली, “वरुण एक बात सच सच बताना। क्या अभी भी तुम्हारा मन करता है मुझे चोदने का ? अगर करता है तो मैं अभी भी तुमसे चुदाई करवाने कि लिए तैयार हूं I आज रात आ जाना कमरे में। एक आखरी चुदाई”।
फिर काजल बोली, “एक बात बोलूं वरुण ? राहुल भी बढ़िया चोदता है। लेकिन तुम्हारे लम्बे लंड, और तुम्हारी चुदाई का जवाब नहीं। मम्मी भी इसी लिए तुम्हारे लंड और तुम्हारी चुदाई की दिवानी है।”
मैंने कहा, “काजल जहां तक लंड और चुदाई का सवाल है काजल, तो हाथ की पाँचों उंगलियां भी तो बराबर नहीं। राहुल को बोलो तुम्हें कैसी चुदाई चाहिए। मुझे यकीन है वो समझेगा तुम्हारी बात और वैसे ही चोदेगा तुम्हें जैसे तुम चाहती हो” I
“मौसी के चुदवाने में यही ख़ास बात है। जैसे चुदना चाहती है बता देती है। कभी लंड पर बैठ कर लंड अंदर ले कर चुदाई करवाती है, कभी लेट कर और कभी पीछे से”।
काजल की बातें सुन सुन कर मेरा भी मन काजल को चोदने का होने लगा। एकदम टाइट चूत थी काजल की।
मैंने कहा,”ठीक है काजल मैं रात को आ जाऊंगा”।
फिर मैंने पूछा, “मगर काजल एक बात बताओ तुमने दिन में क्यों नहीं चुदाई करवाई जब मौसी ने जाने के लिए कहा था”।
काजल बोली, “वरुण, मम्मी ने अपने आप को बहुत बदला है। मैं अब उसके सामने तुमसे चुदाई नहीं करवाना चाहती”।
मैंने पूछा, “काजल कंडोम हैं तुम्हरे पास “?
काजल बोली, “नहीं वरुण कंडोम तो नहीं हैं वो गोलियां हैं। मैंने राहुल से मंगवा ली थी”।
मैंने कहा, “तो ठीक है काजल आज रात को आता हूं, अपनी बहन को आख़री बार चोदने”।
चार दिन मैं रेवाड़ी रहा। उस रात काजल के साथ मस्त चुदाई हुई – तीन बार। काजल ने हर बार अलग तरीके से चुदाई करवाई। लंड पर बैठ कर, लेट कर और पीछे से।
काजल दिन में कालेज चली जाती थी। यूं तो काजल का कालेज दो बजे तक होता था, मगर वो रोज बोल कर जाती थी ,”मम्मी मैं आज थोड़ा लेट हो जाऊंगी – चार बजे तक आऊंगी”।
मौसी कनखियों से मेरी और देखती और कहती, “ठीक है काजल”। तीन दिन मौसी कि साथ दिन में बढ़िया चुदाई हुई।
शाम को काजल वापस आ कर पूछती जरूर थी, “वरुण आज कितनी बार चोदा मंम्मी को और कैसे चोदा”।
मैं भी पूरी चुदाई काजल को सुना देता था।
मगर उस रात के बाद काजल के साथ चुदाई नहीं हुई।
अब छुट्टियों के अलावा मैं महीने में एक बार सप्ताह के अंत में शनिवार इतवार दो दिन के लिए अभी भी रेवाड़ी जाता हूं। काजल को भी छुट्टी होती है। मगर वो दो बजे अपनी किसी सहेली के घर चली जाती है ये बोल कर, “मम्मी मैं पांच बजे आउंगी”। जाते जाते मेरी और देखना नहीं भूलती।
मौसा को तो किसी भी दिन छुट्टी नहीं होती। इतवार को दूकान के सारे सामान की लिस्ट बनती है । उस दिन तो वो और भी देर से आते हैं ।
मगर काजल अब मेरे लिए सिर्फ मेरी मौसेरी बहन है – कोई चुदाई नहीं। मौसी के साथ चुदाई बदस्तूर चलती है।
अब सब कुछ बढ़िया चल रहा है – उम्मीद है आगे भी ऐसे ही चलता रहेगा।
समाप्त।