मामी ने बहकाया मामा की गैर हज़री में-1

हेलो दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मेरी उमर 20 साल की है. मैं हमेशा छुट्टियों में अपने मामी के घर जाता था. उनके घर में मामा जो की 51 यियर्ज़ के है और मामी को 46 यियर्ज़ की है और उनकी बेटी नेहा जो 19 साल की है रहते थे.

पीछे 3 – 4 साल से मैं उनके घर नही जा पता क्यू की मेरा अड्मिशन एक हॉस्टिल में हो चुका था. तो जब घर आता कुछ दीनो में हॉस्टिल चला जाता. ऐसे ही इस बार भी मैं घर आया तो मम्मी ने बताया की मामा मामी बोहोट पूछते है की राहुल अभी आता नही.

मैने भी मम्मी से कह दिया की चलो इस बार उनसे मिलके अवँगा लेकिन आप उनको बताना मत. उन्हे सर्प्राइज़ दूँगा इस बार. अब दोस्तो मैं मुंबई का रहने वाला हू और मामा का घर सूरत में था. तो मैने ट्रेन की टिकेट्स करवाई और 5 दिन का प्लान बना कर चला गया.

मैं करीब रत के 10 बजे उनके घर पोछा और डोर बेल बजाई. मामी ने दरवाज़ा खोला और वो चोंक गयी.

मामी – अरे बेटा राहुल? तुम यहा ? मतलब तुमने कॉल भी नही किया और कुछ बताया भी नही?

राहुल – हा मामी, मैं सोचा इस बार आप सब को सर्प्राइज़ डू. तो मैं आ गया.

मामी – सर्प्राइज़ तो तुमने कर दिया आज. अंदर आ जाओ. अब कितने बड़े हो गये हो बेटा.

राहुल – हा मामी, वो 4 साल हो गये शायद. मिलना ही नही हुआ. मामा कैसे है? और नेहा?

मामी – मामा तो बिल्कुल मज़े में है, और नेहा भी बड़ी हो चुकी है.

राहुल – तो कोई दिखाई नही दे रहा. कहा है सब?

मामी – वो मामा का बिज़्नेस तौर होता है ना, तो कुछ दिन के लिए हयदेराबाद गये है. और नेहा भी चुट्टिया थी तो पापा के साथ चली गयी.

राहुल – ऑश, तो आप नही गयी?

मामी – नही, बस मान नई किया तो मैं यहीं रुक गयी. वैसे अब आए हो तो कुछ दिन रुक जाना.

राहुल – हा मामी मैने सोचा तो यही था. लेकिन अब नेहा भी नही है और मामा भी. पता होता तो मैं बाद में आ जाता.

मामी – अरे तो कुछ दिन मामी के साथ बिता लो. मैं तुम्हे बोर नही होने दूँगी. अछा तुम तक गये होंगे ना. बैठो मैं पानी लाई.

मामी पानी लाने चली गयी और मैं मान ही मान सोच रहा था की मामी इस उमर में भी कितनी फिट है और खुद को मेनटेन रखा है. मामी ने इस वक़्त सारी पहनी थी ब्लू कलर की और डीप कट वाली ब्लाउस. जिसमें से तोड़ा क्लीवेज दिख रहा था.

शायद मामी ने मुझे एक्सपेक्ट नही किया था लेकिन कुछ वक़्त से मेरा इंटेरेस्ट भाभी में ज़्यादा होने लगा है. इसलिए मेरे दिमाग़ में काफ़ी तूफान उठ रहा था. फिर मैने खुद को कंट्रोल किया और इतने में मामी ने मुझे पानी का ग्लास दिया और बाजू में बैठ गयी.

मामी – और राहुल, कुछ खाओगे? भूक लगी होगी ना?

राहुल – नही मामी, मम्मी ने तिफ्फ़िं दिया था तो ट्रेन में खा लिया.

मामी – अछा तुम फ्रेश हो जाओ, और चेंज कर लो. मैं तब तक किचन का कम समेत लेती हू.

राहुल – ओके मामी.

मैं हमेशा की तरह कामन बातरूम में चला गया फ्रेश होने तो पता चला की वाहा पानी नही आ रहा है. मैने मामी को आवाज़ लगाई तो मामी बोली

मामी – अरे बेटा वो बातरूम में पानी का प्राब्लम है, तुम मेरे कमरे वाला उसे कर लो.

मैं उनके वॉशरूम में सस्यू कर के बाहर आया और अपने बाग में से अपने नाइट सूट निकालने लगा. और मामी भी पास आकर बैठ गयी.

मामी – अछा सुनो, वो नेहा के कमरे में एसी भी नही चल रहा, तो तुम मेरे साथ ही मेरे कमरे में सो जाना.

राहुल – ठीक है मामी.

और मैं काफ़ी देर से बाग में कुछ ढूंड रहा था जो मिल नही रही थी.

मामी – अरे क्या ढूंड रहे हो बेटा?

राहुल – वो मामी, दरअसल मैं जल्दी जल्दी पॅकिंग करने में अपने अंडरवेर डालना ही भूल गया.

मामी – (हासणे लगी) अरे तो चिंता मत करो. अभी तो तुमने पहनी होगी ना, वही पहें के सो जाओ और कल फिर हम मार्केट से ले आएँगे.

राहुल – हा मामी लेकिन वो पूरा पसीने से भरा हुआ है, तो सोचा चेंज कर लू तो अछा रहेगा.

मामी – अछा एक कम करो बिना अंडरवेर के ही सो जाओ. शॉर्ट्स तो है ना.

राहुल – हा मामी लेकिन वो चैन वाली शॉर्ट्स है. तो अंदर कुछ तो पहें ना पड़ेगा ना?

मामी – मेरे कमरे में आओ, मैं कुछ देखती हू.

मामी ने अलमारी में से मामा की अंडरवेर निकल के दी मुझे.

मामी – ये मामा की पहें लो आज

राहुल – मामी लेकिन ये तो काफ़ी बड़ी लग रही है. बोहोट लूस होगी.

मामी – वो तो लग ही रहा है, आज कल मामा बोहोट नोट हो चुके है. और तुम ठहरे इतने फिट बॉडी वेल. (कुछ सोचते हुए) एक कम करोगे?

नेहा की पनटी डू? वो आएगी तुम्हे? (और मामी मेरे कमर से नीचे मुझे देखने लगी)

राहुल – पता नही मामी, शायद आ जाए.

मामी ने नेहा के कमरे में जाके एक ब्लॅक कलर की पनटी ले आई और मुझे दे दी.

राहुल – मामी ये तो छोटी होगी मेरे ख़याल से.

मामी – अरे जाओ और ट्राइ कर के देखो. क्या पता सही आ जाए.

मैं वॉशरूम गया और पनटी को टच कर के फील करने लगा. और एक बार मैने नेहा की पनटी पहले स्मेल की. लेकिन ढोई हुई थी तो कुछ खुश्बू नही आ रही थी. फिर मैं अपनी जीन्स और अंडरवेर उतार के नेहा की पनटी पहें ली को थोड़ी टाइट हो रही थी. मैने अंदर से ही आवाज़ लगाई.

राहुल – मामी ये तो टाइट है थोड़ी

मामी – दिखाओ ज़रा.

मैं शरमाते हुए दरवाज़ा खोला और मामी मुझे देखने लगी. और फिर हासणे लगी. क्यू की पनटी में मेरे बॉल्स फिट नही आ रहे थे और बाहर आने की कोशिश कर रहे थे और मेरा लंड भी समा नही रहा था. फिर मामी ने अलमारी से अपनी एक पिंक कलर की सिल्क वाली पनटी दी और बोली ये हो जाएगी तुम्हे.

राहुल – मामी लेकिन आपकी पनटी? मैं कैसे पहनु?

मामी – कैसे पहनु मतलब? अब वो भी मैं पहणौ क्या? (मेरा मज़ाक उड़ा के हासणे लगी) अरे किसे पता चलेगा अंदर तुमने क्या पहना है.

मेरे अलावा कों है यहा?

राहुल – अछा मामी

मैं वही सिल्क पनटी वो मामी काफ़ी टाइम से इस्तेमाल कर रही थी, उसपे छूट की जगह येल्लो हो गया था. मैने उसे टच कर के फील किया और अपना लंड सहलाने लगा. फिर मामी की आवाज़ आई.

मामी – अरे हुआ की नही? ये ब नही हो रही क्या?

राहुल – बस हो गया.

मैने वो पनटी पहें ली जो बिल्कुल सही साइज़ की आने लगी और उपर शॉर्ट्स पहें कर बाहर आ गया.

मामी – चलो तुम सो जाओ. मैं भी कपड़े चेंज कर के आती हू.

मैं बेड पे जाके लेट गया और मामी ने एसी ओं कर के डोर लॉक कर दिया. मामी वॉशरूम चली गयी और कुछ देर बाद बाहर आके मेरे पास बैठ गयी. मामी ने ब्लॅक कलर की निघट्य पहेनी थी जो काफ़ी सुंदर लग रही थी मामी पे और उनका फिगर भी उभर उभर कर नज़र आ रहा था. मेरा मान मचलने लगा और इतनी ही देर में मामी बाजू में लेट गयी और लाइट्स ऑफ कर दी.

मामी की पीठ मेरे तरफ थी और मैं उनके गंद को निहार रहा था नाइट लॅंप की रोशनी से. कुछ देर तक जब मुझे लगा की मामी सो चुकी है मैने भी सोने का नाटक करते हुए अपने हाथ उनकी गंद पे टच कर दिया और फील लेने लगा. तोड़ा हाथ उपर नीचे घूमने से पता चला की मामी ने अंदर पनटी तो पहनी हुई है.

मान कर रहा था की मामी की पनटी में गंद देखने में तो मज़ा ही आ जाएगा. तो मैं हल्के हल्के उनकी निघट्य उठाने लगा. फिर कुछ देर बाद उनकी निघट्य थाइस तक उपर हो गयी जो काफ़ी मोटी और गोरी गोरी थी.

इसी दौरान मेरा लंड अपने शॉर्ट्स में पूरा तनटना गया था. एक हाथ से अपने लंड को सहला रहा था और एक हाथ से मामी की निघट्य उठा रहा था जो लगभग उनकी चड्डी दिखाई देने ही वाली थी.

फिर कुछ मेहनत के बाद मामी की निघट्य उपर हो गयी गंद तक और उनकी बड़ी बड़ी गंद उनकी चड्डी से दिखने लगी जो रेड कलर की थी. मैने चेक किया मामी सो रही थी. तो मैं कमर हिला के उनकी गंद पे अपना लंड लगा लिया और नींद में करवट लेते है उसी तरह उनके केमर पे हाथ रख दिया.

कुछ देर टिकने के बाद मेरे लंड से सबर नही हुआ तो मैं उनकी गंद पे ही लंड को रगड़ने लगा. मामी की कमर कितनी सॉफ्ट और मुलायम थी और उनकी गंद उतनी ही बड़ी और मस्त सॉफ्ट.

अब इस वक़्त तो मामी की गंद और मेरा लंड के बीच मामी की चड्डी, मेरा शॉर्ट्स और अंदर जो मामी की चड्डी मैने पहनी थी वो आ रहे थे. अब इससे लंड को कुछ मिल नही रहा था.

उसी वक़्त मामी ने मेरी तरफ करवट ली और अपना हाथ मेरे कमर पे रख दिया और एक तंग मेरे उपर थाइस पे रख दिया. मैं दर के मारे सोने का नाटक कर रहा था. और मामी के सोने का वेट किया.

मामी मेरे से चिपक गयी थी जिसकी वजह से उनकी बूब्स मेरे हाथो से डब रहे थे. और मुझे वो सॉफ्टनेस फील हुई जिसकी वजह से मेरे लंड के कदकपन में ज़रा भी कमी नही हुई. कुछ देर जब मैने कुछ पहेल नही की तो मैं बंद आखों से ही चुपके के कहने लगी.

मामी – क्या हुआ? सो गया क्या तुम्हारा?

मुझे लगा मामी नींद में बोल रही है, तो मैने कुछ जवाब नही दिया.

मामी – अरे जवाब दो राहुल बेटा, सो गया क्या तुम्हारा लुल्ली?

राहुल – सॉरी मामी, वो मैं कुछ संजा नही.

ये सुनते ही मामी ने अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया और चेक करने लगी, शॉर्ट्स के उपर से ही.

मामी – बेटा राहुल, तुम तो काफ़ी बड़े हो गये हो. रुक क्यू गये? कंटिन्यू करो ना बेटा.

आयेज की कहानी अगले पार्ट मे जल्दी ही आएगी.

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