मामी जो हमारा लंड अपनी छूट मे लेने के लिए मेज पे लेट कर हमारे लिए अपने दोनो पेर खोला कर अपनी छूट मेी हमारे लंड का वेलकम कर रही थी. और बगल मेी सोनम भी बिल्कुल नंगी खड़ी थी जिसकी खिली खिली छूट मेरे लंड को धीरे धीरे खड़ा किए जाने का काम कर रही थी.
(अब साला जिसने ज़िंदगी मेी पहली बार एक साथ 2 नंगी छूट देखी हो उसका हाल तो कुछ मेरे जेसे ही होगा).
जाड़ा देरी ना केरते हुए भी मैने अपने लंड का 2-3 बार हिला कर खड़ा किया. और मामी की छूट के दरवाजे पेर रखा ही था बगल से सोनम बोल पद्धि.
सोनम – छूट फाड़ देना आज मम्मी की.
उसकी बाते सुनकर पता न्ही कहा से जोश आ गया.. और सर्ररर से कमर के ज़ोर से पूरा लंड एक ही बार मेी गुस्सा दिया
मामी – हाअए रह धाइया.
सोनम – वाह अपने तो एक ही बार मेी मम्मी को बहाल कर दिया.
पता न्ही क्यू पर सोनम की एससी बाते मेरे अंदर और जोश भरे जेया रही थी. और और एक झाते मेी पहले से जाड़ा ज़ोर के साथ मामी की छूट मेी मे से लंड अंदर बाहर होते जेया रहा था. मेरा लंड भल्ले ही मामी की छूट मेी था पर ेशसास सोनम की छूट की हो रही थी. कसम से मुझे मामी से जाड़ा सोनम की छूट ही जाड़ा सेक्सी लग रही थी.
तभी सोनम मामी के आयेज आके अपनी पैरो को खोलते हुए मामी के मूह के उपर अपनी छूट रख कर अपनी छूट चटवाने लगी. आयेज साला लेज़्बियन्स मोड चल रहा था और मेरी तरह से चुदासोमे लेकिन साला कुछ भी काहो सोनम की वो छूट चत्वाते शमये उसके फेस की एक्सप्रेशन और उसकी स्क-सिकाए भारी आहीे किसी को भी मॅन मो ले तो सोचा मेरा क्या हो रहा होगा.
मामी ने फिर पोज़ बदलने को कहा और फिर मेज मे चॅड कर घोड़ी बन गयइ. जिससे मामी की गंद की खाली छेड़-नुमा गुफफा दिख रही थी एक बार तो मेरा लंड मामी की छूट से फिसल कर गंद मेी गुस्स ही जाड़ा. तभी सोनम ने मेरा लंड पकड़ कर सही छेड़ (अपनी मम्मी की छूट मेी) डाला.
मामी – अगर मेरी गंद मारनी है तो उसके लिए प्रीमियम कार्ड ज़रूरी है.
मैं – सोनम की चुदाई के लिए तो समझा लेकिन आपकी गंद मरने के लिए भी.
सोनम – बिल्कुल. एक बार प्रीमियम कार्ड बन जाए उसके बाद जो कुछ केरना है कर सकते हो.
साला प्रीमियम कार्ड ना हुआ जेसे बपल कार्ड हो गया. खैर मुझे काया मुझे तो बस चुदाई पे फोकस केरना है. और छूट मे लंड डाल केरमे मामी बनी घोड़ी की चुदाई फेर एक बार चालू कर दिया. मामी जेसे कुछ आवाज़े निकलती उससे पहले ही सोनम ने अपने बूब्स मामी की मूह मे डाल कर उनकी आवाज़ डाबा दी.
लेकिन साला एसा मज़ा पहली बार मिला जिसमे फ्री ऑफ कॉस्ट के चुदाई मिली हो. आहहः आहहः साला मज़ा सा आ गया लेकिन ये मज़ा भी अब धीरे धीरे शांत होंने लगा और लंड का माल निकालने के लिए तैयार हो ही गया. और जब ये बात दोनो को बोली तो.
सोनम – मम्मी की छूट मेी ही डाल दो. सारा का सारा डाल दो.
मामी – छूट मेी गिरा दे.
इससे जाड़ा कुछ सोच पाता तभी मेरे माल उनकी छूट मेी ही निकालने लगा था. साला मैने खुद पहली बार देखता था लंड का माल. और ये सारा मामी की छूट मे ही निकलता चला जा रहा था जिससे छूट से माल ओवरफ्लो होंने लगा था. जाड़ा ओवरफ्लो ना हो इसलिए मामी वही लेट गयइ और गंद का दरवाजा बंद कर लिया.
मैं भी ये सब देख के खुद को सॉफ किया. तभी मुझे चकेर आ गया और मैं बेहोश हो गया. उसके बाद करीब 4 बजे मेरी नींद खुली तो देखा चारो तरफ रंग ही रंग हो रखा था और मैं अपने बिस्तेर पे लेता हुआ था. पहले तो मुझे कुछ साँझ न्ही आया की ये केसे क्यू अचानक से इतने लोग कब कहा केसे आ गये.
सोनम मेरे पास आई होली खेले के लिए लेकिन उससे देख कर मुझे अजीब सा लगा. क्यूकी कुछ देर पहले सोनम मेरे शमने नंगी अपनी छूट के दर्शन मेरे लंड को खड़ा केरने के लिए कर रही थी. वही अभी वो पूरे कपड़े बिल्कुल अपने बदन को पूरी तरह कवर केरके मेरे शमने खड़ी थी.
मैं – ये सब केसे. और कब.
सोनम – सो कर ही शाम 4 बजे उतोगे तो कब केसे जेसे सवाल ही पूचोगे.
मैं – पागल हा क्या. अभी थोड़ी देर पहले तो हम.
आयेज कुछ बोल पता तभी बाकचो की टोली आई और मेरे मूह पे गुब्बारे मार्केर भाग गये. मैं भी उनके पीछे भागा और बस वही पे फस गया और उसके बाद तो मेी भूत बनके ही बाहर निकला. होली खेलते खेलते 6 बाज गये और 7 बजे तक सब अपने अपने घर छल्ले गये.
मामा – भंग कम खाया कर.
मैं – लेकिन मैने तो भंग खाया ही ंही.
मामा – अछा तो शाम के 4 ब्जे उतना क्या बनता है.
मैं – सुबा आपप होली का पूछ के तो गयाए थे अप.
मामा – सुबा मैं तेरे पास कब आया.
मामा की बाते सुनकर मेरा दिमाग़ करब हो शुरू हो गया. और मुझे एसा लग रहा था की. या तो मैं नशे मेी या फिर ये सब लेकिन तभी पापा को फोन आता है.
पापा – बेटा. तेरी डिमेन्षिया की दवाई सही चल रही हा ना. कुछ प्रोग्रेस हुआ.
ये सुनने के बाद मेरे दिमाग़ के सारे ढँकन खुल गये और अचानक से याद आया की पिछले 2 डिंनो से मैने डिमेन्षिया की दवाई न्ही ली हा. और सबसे पहले जाकर बाग से दवाई खाई.
उसके बाद मेरे दिमाग़ मेी यही चल रहा था की वो सब जो हुआ वो हुआ भी की नही और अगर हुआ. तो सोनम और मामी इतना नॉर्मल केसे है और अगर नही हुआ तो साला मेरी सोच कितनी गाँधी हा की मैं इतना घंडा केसे सोच सकता हू.
होली के 2 दिन बाद मैं वाहा से निकल कर वापस कॉलेज की पड़ाहाई मेी लग गया और देखते देखते मेी मेी अपने कॉलेज के फाइनल मे आ गया.
तभी उससी कॉलेज मेी सोनम ने अपना ट्रान्स्फर कराया और उसने बताया की उसे भाई हुआ है (मामी को लड़का हुआ है). ये सुनकेर मैं उससे भादिया दी. लेकिन उसके मामी को फोन लगाया और मैने उन्हे भी भादिया थी. और बदले मेी मामी ने मुझे “थॅंक योउ ” बोल कर फोन काट दिया.
मैं फिर अपने शाम को अपने हॉस्टिल मेी यूही रात को मोविए देख रहा था. तभी अचानक से मामी की थॅंक योउ वाली बात मेरे डिमाँग मेी खाटकी और तभी व्हातसपप पे अननोन नो. से हिी वाला मेसेज आया.
मैने व्हातसाप खोला और रिप्लाइ न्ही ही. अप कों वाला मेसेज बेजा उसके बाद तो साला जेसे मेरी चाँदी ही चाँदी हो गयइ हो. लगताअर पिक्स आने लगी डाउनलोड किया तो सोनम के न्यूड्स थे जिससे देख ने की देर थी और मेरा लंड खड़ा हो गया.
तभी उससी अननोन नो से फिर एक मेसेज आता है ” कम ओं बेबी फन हास जस्ट बेगान”.
जस्ट फिर वीडियो कॉल और उसके बाद फिर तो फन ही फन.
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