ही दोस्तो, मेरा नाम रमेश है. और मई वापस आ गया हू अपनी कहानी “रोशनी का सच्चा प्यार” का अगला पार्ट लेके. कहानी का मज़ा लेने के लिए पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मेरी घर की काम करने वाली लड़की रोशनी मुझसे प्यार करने लगी थी. मैने उसके इसी प्यार का फ़ायदा उठाया, और उसकी कुवारि छूट को छोड़ कर मज़ा लिया. अब मई उसको कभी भी छोड़ सकता था, और मुझे इस बात की भी टेन्षन नही थी, की वो मेरे गले पद जाएगी. अब आयेज-
पिछली चुदाई के बाद रोशनी और मई दोनो ही फिरसे चुदाई करना चाहते थे. अब हम दोनो जहा मौका मिलता था, वही शुरू हो जाते थे. जब मम्मी किचन मे नही होती थी, तो मई उसको किचन मे जाके चूस्टा था. जब वो बातरूम मे कपड़े धो रही होती थी, तब भी मई उसको चूस्टा था और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ता था.
लेकिन हमे मैं काम करने को नही मिल रहा था. अब मेरी नज़र उसकी गांद पर भी थी. उसकी क़ास्सी हुई गांद को फाड़ने के लिए मई कब से तरस रहा था. फिर हम दोनो को मौका मिल गया. जैसा की मैने आपको बताया, की रोशनी के घर वालो ने उसके लिए लड़का देखा था. तो उसकी मा और पापा उसी काम से घर से बाहर जाने वाले थे. फिर उसने मुझे कहा-
रोशनी: मम्मी-डॅडी शाम तक के लिए बाहर जेया रहे है. मई आपकी मम्मी को बोल कर छुट्टी ले लूँगी. फिर आप मेरे घर आ जाना, और अपनी जान को प्यार कर लेना.
मई: हा ठीक है.
फिर रोशनी ने मेरी मम्मी को अगले दिन की छुट्टी बोल दी. अगले दिन मई तैयार हुआ और सुबा-सुबा घर से निकल गया. मई 15 मिनिट मे ही रोशनी के घर पहुँच गया. रोशनी ने दरवाज़ा खोला, और वो पहले से ही मेरे लिए तैयार बैठी थी.
उसने काले रंग का सूट पहना था, और साथ मे वाइट कलर की पाज़ामी पहनी थी. बॉडी तो उसकी सेक्सी थी ही. उसको देखते ही मेरा लंड पूरा तंन गया. उसका घर ज़्यादा बड़ा नही था. उसके घर मे सिर्फ़ 2 ही कमरे थे. फिर मुझसे रुका नही गया, और मैने उसको पकड़ लिया.
मैने उसके होंठ चूसने शुरू कर दी. वो भी मेरा साथ देने लगी. मई उसके होंठ चूस्टे हुए उसके पुर जिस्म पर हाथ फेर रहा था. क्या कमाल का स्वाद आ रहा था उसको चूसने मे.
फिर मैने उसको बेड पर धक्का दिया और उसके उपर चढ़ गया. हम दोनो किस करे ही जेया रहे थे, और हम दोनो से ही रुका नही जेया रहा था. फिर मैने उसकी शर्ट निकाल दी, और उसकी कमर को चूसना शुरू कर दिया. उसने अपनी ब्रा उतार दी, और मुझे अपने बूब्स पर खींच लिया.
मैने उसके बूब्स पकड़े, और चूसने शुरू कर दिए. वो मेरे सिर को अपनी आगोश मे लेके अपने बूब्स मे दबा रही थी. दोस्तो काससे हुए बूब्स चूसने का मज़ा ही बहुत आता है. फिर वो अपने एक हाथ नीचे ले गयी, और मेरे लंड को पंत के उपर से मसालने लग गयी.
फिर उसने मेरी पंत की ज़िप खोली, और अपना हाथ अंदर डाल लिया. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को दबाने लगी, और मई ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स मसल कर चूस रहा था. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और उसने अपनी पाज़ामी उतार दी.
अब मई पूरा नंगा था, और मेरा लंड रोशनी को सलामी दे रहा था. रोशनी की पनटी अभी भी उसके जिस्म पर थी. मैने रोशनी की टांगे पकड़ी, और उसकी पनटी भी निकाल दी. अब रोशनी की क़ास्सी हुई छूट मेरे सामने थी.
मई अपना मूह उसकी जाँघो के बीच ले गया, और उसकी छूट को चूमने लग गया. उसकी छूट की खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. उसने मेरे सिर पर पीछे से हाथ रखा, और अपनी गांद उठा कर मेरे मूह को अपनी छूट मे दबाने लग गयी.
मैने अपनी जीभ उसकी छूट मे डाल दी, और अपनी जीभ से उसकी छूट को छोड़ना शुरू कर दिया. रोशनी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, और अपनी छूट मे मेरा लंड लेना चाहती थी. मैने भी जल्दी से उसकी टांगे खोली, और उसकी टाँगो के बीच आ गया.
मैने अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ना शुरू किया, और रोशनी ज़ोर-ज़ोर की सिसकिया भरने लग गयी. फिर जैसे ही मेरे लंड को उसकी छूट का द्वार मिला, मैने एक ज़ोर का धक्का दिया. पहले धक्के मे मेरा आधा लंड उसकी छूट मे चला गया.
रोशनी: ह…
फिर मई आयेज हुआ और उसके होंठो को चूसने लग गया. उसके होंठो को चूस्टे हुए मैने अपने लंड पर दबाव बनाया और मेरा पूरा लंड रोशनी की छूट मे समा गया.
मई: आहह..
क्या गरम छूट थी उसकी. मई उसके होंठ चूस रहा था, और मेरा जिस्म उसके जिस्म से एक-दूं चिपका हुआ था. मेरा लंड उसकी छूट मे पूरी तरह से फिट था. फिर मैने अपनी कमर को आयेज-पीछे करके उसकी छूट को छोड़ना शुरू किया.
रोशनी आहह आह की आहें भरने लग गयी. मई तोड़ा पीछे हुआ, और मैने अपने हाथ रोशनी के काससे हुए बूब्स पर रख लिए. मई उसके बूब्स मसालने लगा, और साथ मे नीचे से चुदाई की स्पीड बढ़ता गया.
रोशनी ने भी अपनी जाँघो को कस्स लिया, और अपनी कामुक आहों से मुझे और ज़्यादा उत्तेजित करने लग गयी. मुझे उसको छोड़ने मे बहुत मज़ा आ रहा था, और उसको अपने प्यार से चूड़ने मे बहुत मज़ा आ रहा था.
अब मेरी आग और बढ़ गयी थी. मैने उसकी टाँगो को पूरा मोड़ दिया, और अब उसके घुटने उसके कंधो के पास थे. फिर मैने ज़ोर-ज़ोर के धक्के फुल स्पीड से लगाने शुरू कर दिए. रोशनी आहें भर रही थी, और गांद उठा-उठा कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी.
पुर 30 मिनिट की पलंग-तोड़ चुदाई के बाद मई अब झड़ने वाला था. रोशनी अब तक 2 बार झाड़ चुकी थी. मैने अपने धक्के जारी रखे और अपना गरम-गरम वीर्या रोशनी की छूट मे ही निकाल दिया. वीर्या निकलते ही मई शांत हो गया, और रोशनी की साइड मे जाके लेट गया.
अब हम दोनो हाँफ रहे थे, और हस्स रहे थे. हम दोनो के जिस्म पसीना-पसीना हुए पड़े थे. फिर रोशनी ने मेरी बाजू अपने सिर के नीचे रखी, और मुझसे लिपट गयी. रोशनी बोली-
रोशनी: मज़ा आया?
मई: हा बहुत.
रोशनी: मुझे भी बहुत मज़ा आया. पता नही शादी के बाद मई आपके बिना कैसे रहूंगी.
मई: शादी के बाद घर पर तो आओगी ना?
रोशनी: हा.
मई: तो मुझसे मिलने भी आ जाना.
रोशनी: हा ये भी ठीक है.
फिर रोशनी मुझे किस करने लग गयी. वो मेरे उपर आके बैठ गयी, और उसका गरम जिस्म मुझे दोबारा से गरम करने लगा. वैसे भी मुझे अभी उसकी गांद मारनी थी.
मेरा लंड उसको किस करते-करते खड़ा हो गया. फिर मैने उसको मेरा लंड चूसने के लिए कहा. वो नीचे चली गयी, और कुटिया की तरह मेरे लंड को चूसने लग गयी. मैने उसके बाल पकड़ लिए, और उसके मूह मे धक्के देने लग गया.
मई रोशनी को चोक कर रहा था, और उसके मूह से बहुत सारा थूक निकल रहा था. फिर मैने रोशनी को बोला-
मई: रोशनी अब मुझे तुम्हारी गांद मारनी है.
रोशनी: मुझे मारने का इरादा है क्या?
मई: तुमने ही तो कहा था, की तुम मेरे लिए कुछ भी कर सकती हो.
ये सुन कर रोशनी मुस्कुराने लगी, और बोली-
रोशनी: चलो फिर, मार दो आज मुझे.
मैने रोशनी को अपने उपर खींचा, और बोला-
मई: मई ऐसे ही थोड़ी मरने दूँगा तुझे मेरी जान.
फिर हम दोबारा से किस करने लगे. किस करने के बाद मैने रोशनी को बेड पर उल्टा लिटा दिया, और गांद पर आके बैठ गया. रोशनी की थूक से मेरा लंड पूरा गीला था, और चमक रहा था. लेकिन पहले मुझे उसकी गांद के छेड़ को गीला करना था.
फिर मई उसकी गांद को चाटने लग गया. मैने उसके चूतड़ खोले और उसकी गांद के छेड़ पर अपनी जीभ लगाने लगा. इससे उसको मज़ा आना शुरू हो गया. मैने उसकी गांद के छेड़ पर थूका, और उसमे उंगली घुसा दी. इससे रोशनी की आहह निकल गयी.
फिर मई उंगली को अंदर-बाहर करने लगा. जब एक उंगली आराम से अंदर-बाहर होने लगी, तो मैने दूसरी उंगली भी उसकी गांद मे डाल दी. दो उंगलिया जाते ही रोशनी चीख पड़ी, और बोली-
रोशनी: रमेश बहुत दर्द हो रहा है.
मई: पहले-पहले तो दर्द होगा ही मेरी जान.
अब मैने उसकी गांद पर फिरसे थूका और इस बार मैने अपना लंड उसकी गांद के छेड़ पर सेट कर लिया. उसकी आवाज़ बंद करने के लिए मैने एक हाथ उसकी गर्दन पर रख लिया, और उसके मूह को बिस्तर मे दबा दिया. फिर मैने लंड पे पूरा प्रेशर डाला, जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी गांद मे चला गया.
आहह.. इतनी क़ास्सी गांद थी, की मेरा टोपा भी दर्द करने लग गया. लेकिन मैने किसी चीज़ की परवाह नही की, और एक ज़ोर की हुंकार के साथ अपना पूरा ज़ोर लगा दिया. मेरा पूरा लंड उसकी गांद को चीरता हुआ अंदर चला गया.
रोशनी दर्द से काँप गयी, और बिस्तर पर ज़ोर-ज़ोर से हाथ मारने लगी. लंड अंदर डाल कर मई रोशनी के उपर ही लेट गया, जिससे वो हिल भी नही पा रही थी. फिर 2-3 मिनिट मे वो थोड़ी शांत हुई, तो मैने उसकी गर्दन को छोढ़ दिया.
रोशनी: आह.. एयेए… माआ… मार दिया आपने तो सच ने.
फिर मई पीछे से रोशनी के गाल पर किस करने लगा, और लंड को हल्के-हल्के धक्के देने लगा. दर्द से रोशनी पसीना-पसीना हो गयी थी. फिर धीरे-धीरे उसका दर्द कम होता गया, और मेरे धक्के तेज़-तेज़ होते गये.
मैने तोड़ा और थूका उसकी गांद पर, और उसको घोड़ी बना कर छोड़ने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था. मेरा लंड उसके खून से सनना हुआ था, लेकिन मुझे पर चुदाई का भूत सवार था. मई उसकी गांद की ठुकाई करता गया, और वो आहें भारती गयी.
15 मिनिट की ठुकाई के बाद मैने अपना पानी उसकी गांद मे ही निकाल दिया. गांद छोड़ने के बाद मेरा लंड भी च्चिल गया था. फिर हम दोनो लेट गये और हमे कब नींद आ गयी पता ही नही चला.
1 घंटे बाद मेरी आँख खुली. उस वक़्त रोशनी का फोन बाज रहा था. मैने रोशनी की तरफ देखा, तो वो . नींद मे थी. फिर मैने फोन देखा, तो वो कंपनी की कॉल थी. मैने कॉल कट की और टाइम पास के लिए रोशनी का फोन देखने लगा.
मई उसकी गॅलरी मे गया, और फोटोस देखने लगा. फिर 2-3 फोटोस देखने के बाद मैने कुछ ऐसा देखा, जिससे मेरी आँखें पूरी खुल गयी. उस फोटो मे रोशनी किसी लड़की के साथ खड़ी थी. वो लड़की कमाल की लग रही थी. उसने ब्लू कलर की जीन्स और रेड कलर की टॉप पहनी हुई थी.
वो इतनी ज़बरदस्त दिख रही थी, की रोशनी की रोशनी भी उसके सामने फीकी थी. उसका फिगर कमाल का था. और वो जक्केलिने की तरह लग रही थी. उसका साइज़ 34″28″36″ लग रहा था. उसने फोटो मे गॉगल्स लगाई हुई थी, और वो काफ़ी मॉडर्न लग रही थी.
उस लड़की को देखते ही मेरा लंड फिरसे हरकत मे आ गया. उसकी फोटो मुझे रोशनी से भी ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी, जो मेरे पास बिना कपड़ो के पड़ी थी. अब मई बड़ी उत्सुकता से रोशनी के उठने की वेट करने लगा.
मई उससे जान-ना चाहता था, की वो अप्सरा कों थी.
इससे आयेज क्या हुआ, वो जान-ने के लिए आपको अगले पार्ट की वेट करनी पड़ेगी.
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