हम जबलपुर के रहने वाले है. मेरी फॅमिली में हम 3 लोग थे, पापा, मम्मी, और मैं. मेरी मा का नाम अलका था, और उसकी आगे 41 थी. हमारी कॉलोनी के हर लड़के की नज़र उसकी गांद पे रहती थी, क्यूंकी उसका फिगर 36-30-38 था. मेरे दाद की सिटी में ही एक दुकान थी जो काफ़ी अची चलती थी.
ये बात तब की है, जब मैने 12त पास की थी, और आचे कॉलेज के लिए पुणे जाने का सोचा. मेरे पेरेंट्स ने भी इसकी पर्मिशन दे दी. बुत दाद मेरे साथ कॉलेज ढूँढने के लिए पुणे नही आ सकते थे, क्यूंकी उनकी दुकान में बहुत काम होता था. मेरी मा भी काफ़ी एजुकेटेड थी, इसलिए वो मेरे साथ गयी पुणे कॉलेज ढूँदने के लिए. मगर हमे क्या मालूम था यहा से हमारी लाइफ बिल्कुल चेंज ही हो जाएगी.
हम लोग जब पुणे पहुँचे तो स्टेशन से ही काफ़ी लड़कों ने मों पे लाइन मारना स्टार्ट कर दिया. और करते भी क्यूँ नही, क्यूंकी उस दिन वो ब्लॅक कुरती में बहुत हॉट लग रही थी. कुछ देर ढूँढने के बाद हमे वाहा एक अछा कॉलेज मिल गया. बुत उसमे हॉस्टिल नही था, तो हमने किराए का घर देखना स्टार्ट किया.
काफ़ी ढूँदने के बाद हमे एक घर सही लगा. उस घर के ओनर मिलिटरी रिटाइर्ड थे, जिनका नाम विकास सिंग था. उनकी आगे 47 के पास थी, और वाइफ की डेत हो चुकी थी. उनकी बेटी की शादी हो चुकी थी, तो वो अकेले ही रहते थे. जब हम वाहा पहुँचे तो उनकी नज़र मों से हॅट ही नही रही थी. कभी वो मों के बूब्स देखते, तो कभी गांद. फाइनली मा की गांद की वजह से जो किराया वाहा 8000 था, वो उन्होने 5000 कर दिया.
मैने मा को कुछ दीनो के लिए अपने साथ ही रोक लिया ताकि मैं तोड़ा बाहर के काम निपटा लू, और मा खाना और घर का काम कर दिया करे. मेरे जाने के बाद अंकल का मा से बात करना तोड़ा अजीब तो लगता था, बुत मैने कभी इस बात पे नोटीस नही किया. बुत एक दिन मैने मों के मोबाइल में विकास अंकल का मेसेज देखा जिसमे लिखा था, “वो जाए तो बता देना”.
मेरे तोड़ा-तोड़ा समझ में आने लगा, मगर उससे ज़्यादा कुछ होता उससे पहले मा को दाद ने बुला लिया. शायद उनको भी मा की गांद की याद आने लगी हो. मा तो चली गयी, मगर मेरे दिमाग़ में ये सवाल था की मा की अंकल से क्या बात चल रही थी, और उनके बीच कुछ हुआ या नही इसका जवाब मुझे 2 महीने बाद मिला. जब एक दिन अंकल अचानक मेरे रूम में आए और बोले-
अंकल: मैं 2 दिन के लिए आउट ऑफ सिटी जेया रहा हू, घर का ख़याल रखना.
उसी रात मा का भी कॉल आया: मैं 2 दिन बाद पुणे अवँगी तुमसे मिलने.
मैने बोला: ठीक है.
बुत दूसरे दिन ही दाद का कॉल आया: मा निकल गयी है पुणे के लिए, शाम तक आती होगी.
मैं शॉक हो गया क्यूंकी मा ने तो बोला था वो दो दिन बाद आएँगी. मैने दाद से ओक बोल के कॉल काट दिया. तब मुझे समझ में आया की मा और अंकल का मुंबई में मिलने का प्लान था.
मैने भी फ्लाइट की टिकेट बुक करी, और मुंबई के लिए निकल गया.
अंकल से मेरी बात होती रहती थी, और उन्होने एक बार बातों ही बातों में बताया था उनको मुंबई बहुत पसंद था. उन्होने उस होटेल का भी नाम बताया था, जहा वो रुकते थे जब भी मुंबई जाते थे.
जब मैं उस होटेल पहुँचा, और रिसेप्षन का रिजिस्टर देखा, तो मेरा शक सही निकला. मा और अंकल रूम नो. 102 में थे, और मैने भी उसी होटेल का रूम नो. 205 ले लिया ताकि मेरा और उनका आमना-सामना ना हो. मैने वाहा के एक रूम सर्विस वाले को 2000 दिए और दोस्ती की. मैने उससे बोला मुझे 102 रूम में जाना है, जब वाहा के कस्टमर बाहर हो.
उसने मुझसे बोला: वो अभी नही है, तुम अभी चले जाओ.
फिर मैं उनके रूम में गया, और एक हिडन कॅम लगा दिया. मा और अंकल लंच करने गये थे. फिर जैसे ही वापस आए, अंकल ने मा को बोला-
अंकल: तुम तो कुरती में इतनी हॉट लगती हो. मैने तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लिया है. उसमे तुम और हॉट लगोगी.
मा ने पूछा: क्या?
अंकल बोले: बतौँगा मगर तुम उसे पहनने से माना नही करोगी.
मा बोली: पहले दिखाओ तो.
अंकल बोले: पहले वादा करो.
मा ने वादा किया, और जब देखा तो शॉक हो गयी. उसमे ब्लॅक कलर का शॉर्ट स्कर्ट था. मा ने वो पहनने से माना कर दिया, क्यूंकी हमारे में ऐसे कपड़े औरतें नही पहनती. बुत अंकल ने रिक्वेस्ट की तो वो मान गयी.
जब मा कपड़े पहन के बाहर आई तो अंकल का खड़ा ही हो गया. क्यूंकी जब उसके बेटे का खड़ा हो गया, तो उनका तो हुआ ही होगा. चिकनी-चिकनी टांगे और बाहर निकली हुई गांद को देख के कोई भी उसे छोड़ना चाहेगा. मगर अंकल ने सबर किया, और वो उसे घूमने ले गये.
मराइन ड्राइव, जुहू, और इंडिया गाते घूमने के बाद फाइनली वो लोग होटेल वापस आ गये, और मैं भी, क्यूंकी असली पिक्चर तो अब स्टार्ट होनी थी. जैसे ही दोनो रूम में आए, अंकल ने मा को पीछे से पकड़ लिया, और नेक पर किस करने लगे. कुछ देर किस करने के बाद मा भी थोड़ी हॉर्नी होने लगी, और अपने हाथ को अंकल की पंत के उपर रगड़ने लगी.
अंकल ने मा को गोद में उठाया, और बेड पे पटक दिया, और उसके पैरों को चूमने लगे. धीरे-धीरे वो उपर आए, और फिर उसकी छूट को लीक करने लगे. वो हल्के-हल्के आह आह की आवाज़ निकाल रही थी. फिर अंकल ने अपनी पंत से अपना 8 इंच लंबा लंड निकाला, और मा के होंठो के उपर रख दिया.
मा को तो ऐसा लगा जैसे वो आइस क्रीम थी, वो फ़ौरन उसको चाटने लगी. अंकल भी उनके बाल पकड़ के मूह आयेज-पीछे कर रहे थे. 10 मिनिट सकिंग के बाद अंकल का गीला लंड मा की प्यासी छूट में जाने के लिए तैयार था.
अंकल ने एक ही झटके में पूरा लंड मा की छूट में डाल दिया मिशनरी पोज़िशन में. मा ज़ोर-ज़ोर से बच्चो की तरह आ आ उफ़फ्फ़ चिल्ला रही थी. मगर उसकी चीख अंकल के लिए एनर्जी ड्रिंक का काम कर रही थी, और अंकल मा को गाली देके खूब ज़ोर-ज़ोर से छोड़ रहे थे. फिर अंकल ने मा को डॉगी स्टाइल में छोड़ना स्टार्ट किया, और छोड़ते ही छोड़ते उसकी गांद में भी अपने लंड को सैर करा दी. गांद में लंड जाते ही मा ऐसे चिल्लयाई जैसे शायद मेरे जानम के टाइम चिल्लाई होगी.
मा: उफ़फ्फ़ ह आहह छोड़ो मुझे, और तेज़ ह ह उफ़फ्फ़.
लेकिन कुछ देर बाद मा को भी मज़ा आने लगा, और अंकल को तो आ ही रहा था. करीब 2 घंटे की चुदाई के बाद दोनो सो गये. मगर उनको एक सर्प्राइज़ मिलना बाकी था.
दूसरे दिन सुबा मैने उनके गाते को नॉक किया, तो मा जिस्म पे चादर लपेटे हुए आई. उनको लगा रूम सर्विस वाला होगा. बुत मुझे देख के शॉक हो गयी, और रोने लगी. अंकल बाहर आए और पूछा-
अंकल: कों है?
तो जब उन्होने मुझे देखा तो उनकी भी फटत गयी. मैं हासणे लगा, और बोला-
मैं: अंकल मा की फिकर मत कीजिए, मैं किसी को कुछ नही बतौँगा. कल रात का सीन मैने भी देखा है, और मुझे मज़ा आया. आप लोग मेरे मामलो में टाँग मत अड़ना, और मैं आपके बीच नही अवँगा.
वो दोनो खुश हो गये, और दोनो की जान में जान आई. फिर हम वापस पुणे गये, और अब मों मेरे नही अंकल के रूम में रुकती है, और आप जानते ही होंगे वो लोग क्या करते होंगे. कॉमेंट करके बताइए.
हर 2 महीने में मों मुझसे सॉरी अंकल से चूड़ने पुणे आती है, और अंकल उसे 2 बार तो गोआ भी ले जेया चुके है, जहा पे अंकल ने मुझे बताया था की उसने मों को बिकिनी भी पहनाई और मस्त रंडी बना के छोड़ा. अंकल ने मुझे ये भी बताया की मा अब दारू भी पीने लगी थी, और मूठ तो उसकी फॅवुरेट ड्रिंक हो गयी थी.
अंकल ने मुझे बताया की मा ने दाद से चीट क्यूँ किया. क्यूंकी दाद का सिर्फ़ 4 इंच का ही था, जो की मा की बड़ी गांद के हिसाब से बहुत छ्होटा था. अंकल आर्मी में रह चुके थे, और काफ़ी स्ट्रॉंग थे, इसलिए मा उनके साथ काफ़ी खुश थी. अंकल ने मा को शादी के लिए भी पूछा था, मगर मा ने इसका जवाब अंकल को अभी तक नही दिया. मगर मुझे लगता है अगर ऐसा ही चलता रहा तो मा शादी कर लेंगी.
अप लोग मुझे बताइए मैने अंकल और मा को पर्मिशन देके सही करा या नही. और अगर उनकी शादी हो जाती है, तो उनको मों को लेके हनिमून पे कहा जाना चाहिए, और कों सी ड्रेसस पहना के छोड़ना चाहिए, और किस-किस पोज़िशन में छोड़ना चाहिए.
दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.