मैने आपको फर्स्ट पार्ट मे बताया था की परंपरा के अनुसार मुखिया की शादी हो जानी छाईए और बचा नही होना छाईए वही परंपरा के अनुसार बचा तो नही होना छाईए. पर बचा गरभ मे पक्का होना छाईए बहू के जो भी बनाएगी.
पिछला पार्ट यहा पढ़े – मा से शादी करनी पड़ी-2
खैर अब आयेज की स्टोरी कंटिन्यू करता हू..
तो यहा शादी की तैयारी चालू हो चुकी थी. और वाहा मेरे दादाजी का छोटा भाई मानवेंद्रा सिंग को इन ज़्ब चेज़ो के बारे भनक पड़ी.
यहा मई दादा जी के छोटे भाई के ब्क़रे मे बता डक- इनका नाम मानवेंद्रा सिंग, इनकी उमर 70 साल है. भोथ ही कमीने किस्म के आदमी है. इनकी पत्नी का देहांत हो चुका, गाओं की परंपरा के अनुसार अगर मेरे हम दोनो की शादी ना होती तो इन्हे प्रॉपर्टी मिलती.
क्यूकी परंपरा अनुसार किसी आदमी के जायज़ अधिकारी या परंपरा पूरी ना करने प्र प्रॉपर्टी उसके भाई के नाम हो जाती है. इन्हे इस चीज़ का ग्यात था और ये कुछ भी करके प्रॉपर्टी हड़पना चाहते थे.
इनके परिवार मे इनके 1 लड़का है, शहू सिंग. बेटा आगे 50 साल एक नो का श्राबी और लड़ैखहोर इस उमर मे भी तन्डरस्ट है एक दूं. सीता देवी इसकी पत्नी है, उमर 46 साल कड़क माल है और लाची तो जैसे ताइजी और मा को भी पीछे छोड़ दे. अर्जुन इनका लड़का, आगे 20 साल ये देल्ही मे पढ़ाई करता है और मा बाप से अलग भोथ सीधा व्यक्ति है.
यहा मानवेंद्रा सिंग को ये बता पता चलती है की दो लड़की जो अनाथ है प्र उन्ही की कॅस्ट से है. वो अभी उसके बड़े भाई के यहा रुकी है और उनकी शादी हम दोनो से होने जेया रही है. वो तोड़ा सा मुश्करता है और अपने दो आदमियों को कहता है-
मानवेंद्रा- मार दो उन दोनो लड़कियों को जान से ख़तम कर देना. क्यूकी अगर अगले हफ्ते शादी नि हुई तो सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम हो जाएगी. क्यूकी परंपरा के अनुसार जिस दिन का शादी का कार्ड बात गया उस दिन शादी हो जानी छाईए. अगर उस दिन ना हुई तो वो लोग अवेध माने जाएँगे और सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम. अब बतौँगा उन मधर्चोड़ो के खानदान को!
खैर यहा ये ज़्ब प्लॅनिंग चल रही थी और वाहा हुमारे यहा शादी की प्लॅनिंग की जेया रही थी. सब लोगो को कार्ड बात दिया गया था. मंडप वगेरा बंद दिया गया था. सब कार्यकर्म हो गया था ड्ज वगेरा भी बंद दिया था सब कुछ हो चुका था.
अब बात होती है की बारात पास के स्कूल से आएगी और सब मर्द लड़के वालो की तरह कारया करेंगे. और स्कूल से बारात लेकर आएँगे और सभी औरते लड़की वालो की तरह कारया करेंगी. घर प्र बहुओ के साथ रहेगी और मंडप पर शादी करवैंगे लड़की वालो की तरह.
अब ज़्ब तैयारी हो चुकी थी और वो दिन आ गया जिस दिन शादी होनी थी.
सब लोग ब्कार्या वगेरा मे लग गये वाहा मानवेंद्रा सिंग के 2 लोग आकर हुमारे घर के गोडोवन् मे चुप गये. और उन ल्दकियों को मारने का पूरा प्लान बन रखा था उनका.
यहा हम सब मर्द घ्र के स्कूल मे फॉच गये क्यूकी बारात वही से जानी थी. अब खैर आयेज क्या होता है देखते है, खैर यहा हम दोनो दूल्हे की ड्रेस पहन चुके थे. और वाहा हुमारी होने वाली बीवियों ने बहुओ की ड्रेस पहन ली थी.
मैने किसी को नही बताया था की वो दोनो लड़कियाँ रंडी है. क्यूकी हुमारे घ्र की भलाई के लिए ये मुझे सही लगा था. और मैने भी उस लड़की को अपनी दुल्हन मान लिया था. क्यूकी वो लड़की सनडर थी और मेरी सोच थी की एक रंडी को भी आम जेवन जीने का हक़ है. इसलिए मई चुप रहा.
वाहा हुमारी माए अपनी अपनी बहुओ को सज़ा रही थी और उनकी नज़ारे उतार रही थी. दोनो को लग रहा था की ये हुमारी बहू ज़्यादा सनडर है और दोनो का दिमाग़ शायद ये सोचना बंद कर चुका था की वो दोनो रंडी है.
खैर उन्हे अब बस अपने अपने बिटो के नाम प्रॉपर्टी दिखाई दे रही थी.
अब आयेज क्या होता है देखते है नेक्स्ट अपडेट मे क्या होता है. क्या ये रंडियन बनेंगी हुमारी बहू या वो मानवेंद्रा अपने मकसद मे कामयाब रहेगा?
तब तक बने रहिएगा, नेक्स्ट अपडेट जल्द ही आएगा. तब तक के लिए बाइ, अपना ख्याल रखिए. और स्टोरी कैसी लगी कॉमेंट्स मे बताओ यार अच्छा बुरा अपना सजेशन दो, भोथ भोथ आभार होगा. बाकी नेक्स्ट पार्ट मे पता चलेगा आयेज होता है क्या.
क्या होगा ऐसा की सब लोग भोथ हैरान हो जाएँगे. देखते रहिए और बने र्हईएएगा क्या जीत होती है दादा के छोटे भाई की या जीत होती है हुमारी. खैर ये तो वक़्त ही बताईएएगा. क्या करवट लेता है वक़्त देखते है और क्यू ये टाइटल रखा गया है स्टोरी का ये भी पता लगेगा बाद मे.
अपने सुगीस्टीओं पक्का दीजिएगा क्यूकी उससे और न्यू आइडियास मिलेगा और सहयोग मिलेगा. ये स्टोरी 20 पार्ट तक चलेगी उसके बाद अगर रेस्पॉन्स अछा हुआ तो एक और स्टोरी माइंड मे है वो भी पब्लिश करूँगा. बस अपना सहयोग देते रहना, धनेयावध, बने रहिएगा. मेरा क्षाहनी से अनुरोध है की इसमे पिक वगेरा डालने का भी ऑप्षन दे जिससे कहानियाँ और अची लगने लगेगी.