हेलो रीडर्स,
उम्मीद है आप सब को मेरी स्टोरी पसंद आ रही होगी. जिसने पिछला पार्ट नही पढ़ा वो पहले वो ज़रूर पढ़े.
“घर की इज़्ज़त मेरे हाथो में-4”
जैसा की आप लोगों ने पढ़ा कैसे मेरी मम्मी मज़े से एक अंजान रो रिपेर वाले से अपनी छूट की आग बुझा रही थी, और मैं एक-दूं से आ धमका, जिससे मम्मी प्यासी रह गयी थी. अब आयेज…
मम्मी जैसे ही ज़ोमतो वाले से खाना लेके मूडी, और स्माइल कर रही थी, मुझे लग तो रहा था की मम्मी के दिमाग़ में कुछ तो था. वो खाना लेके किचन में चली गयी, और प्लेट्स में लेके आ गयी. फिर हम दोनो ने खाना खाया, और टीवी देखने लगे.
इतने में पापा का फोन गया, और मैं पापा से बात करने लगा. फिर पापा ने मम्मी से बात करने को कहा, तो मैने फोन मम्मी को दिया. लेकिन मम्मी ने माना कर दिया क्यूंकी मम्मी पापा से नाराज़ थी.
फिर तोड़ा मानने के बाद मम्मी मान गयी, और पापा से थोड़ी बहुत बात करने लगी. मुझे लग रहा था की पापा मम्मी को सॉरी वग़ैरा बोल रहे थे. फिर मम्मी ने फोन रख दिया, और बोली-
मम्मी: बेटा मैं थोड़ी देर सो लू, बहुत नीड आ रही है.
मे: ठीक है.
फिर मम्मी अपने रूम में चली गयी, और मैने तो मम्मी के पीछे जाना ही था देखने, की मम्मी क्या करने वाली थी. मम्मी रूम में घुसी, और अपना गाउन घुसते ही निकाल के साइड फेंक दिया.
मैं विंडो पे खड़ा था, और सारा नज़ारा देख रहा था. मम्मी का दर्र ही ख़तम हो गया था, की उनका बेटा कही उनको देख ना ले. वो बेड पे लेट गयी, और अपना फोन चलाने लगी.
थोड़ी देर मम्मी ने फोन चलाया, और फिर फोन को साइड रख दिया, और अपने बूब्स मसालने लगी. मैने भी अपना लंड हाथ में ले लिया, और हिलने लगा.
मम्मी फिर अपनी छूट मसालने लगी, और फिर अपनी छूट में मम्मी ने एक उंगली डाली, और अंदर-बाहर करने लगी. मम्मी अपनी सिसकारियाँ बहुत कंट्रोल कर रही थी, ताकि मैं ना सुन लू.
वो अपनी छूट में उंगली करती गयी, और एक बार झाड़ गयी. मम्मी के झड़ने से बेडशीट गीली हो गयी थी.
उनकी आग अभी भी शांत नही हुई थी. उन्होने उंगली करना कंटिन्यू रखा, और ये देख-देख कर मैं भी झाड़ गया.
फिर मैने सोचा फिरसे मम्मी को डरा देता हू. तो मैने मम्मी के रूम के डोर पर नॉक किया.
मे: मम्मी गाते खोलो.
मम्मी की तो फिरसे गांद फटत गयी होगी. उन्होने 2 मिनिट बाद गाते खोला, और मुझे डाँटने लगी.
मम्मी: क्या काम है बोल? अभी ही आँख लगी थी, तूने जगा दिया. चैन से सोने भी नही देता.
मैने चुप-छाप मम्मी की दाँत सुन ली क्यूंकी अब मम्मी बेचारी फिरसे अधूरी रह गयी थी, तो गुस्सा तो आना बनता ही था.
मे: सॉरी मम्मी.
मम्मी: चल कोई बात नही, बोल क्या हुआ?
मे: मैं बाहर दोस्त के साथ जेया रहा हू.
मम्मी: ठीक है, ध्यान से जाओ, और टाइम से घर आ जाना.
मे: ओक.
ये कह करके मैं बाहर चला गया. मुझे कही नही जाना था. मुझे तो मम्मी को अकेला छ्चोढना था और देखना था मम्मी क्या करती है.
3-4 मिनिट में ही मैं आराम से घर में घुस गया, और मम्मी को ढूँढने लगा. देखा तो मम्मी अपने रूम में ही थी, और बेड पे नंगी लेती हुई उंगली कर रही थी.
मैं भी मज़े से मम्मी को च्छूप-च्छूप के देखता रहा.
मम्मी ने 10-15 मिनिट फिंगरिंग की, और फिर रिलॅक्स होके लेट गयी. आधा पौना घंटा मम्मी रिलॅक्स लेती रही. फिर मम्मी बेड से उठ गयी, और ड्रेसिंग टेबल के सामने आके अपने थोड़ी क्रीम वग़ैरा लगाने लगी, और बाल सही करने लगी.
मम्मी की बेडशीट काफ़ी गीली हो रखी थी. उन्होने बेडशीट चेंज भी नही की, और रूम से बाहर आने लगी. मैं भी जल्दी से जाके सोफे के पीछे च्छूप गया. मम्मी रूम से बाहर बिल्कुल नंगी ही आ गयी थी, और किचन में चली गयी.
मैं भी च्छुपते-च्छुपते किचन के करीब जो सोफा था, मैं उसके पीछे च्छूप कर मम्मी को देखने लगा. मम्मी नंगी किचन में बर्तन धो रही थी. उनको नंगा रहने में बहुत मज़ा आता है.
मम्मी ने आधे घंटे तक बर्तन किचन की सफाई की, और फिर जैसे ही मम्मी किचन से बाहर आने लगी, तो मैं च्छूप गया. फिर मम्मी ने टीवी ओं किया, और बड़े वाले सोफे पे रिलॅक्स बैठ गयी. मैं वाहा से किचन में चला गया.
मम्मी मज़े से टीवी देखने लगी. लेकिन किचन में से मुझे मम्मी का सिर्फ़ सिर ही दिखाई दे रहा था. तो मम्मी जिस सोफे पे बैठी थी, मैं पहले उसके पीछे गया, और फिर वाहा से मैं गाते के पास चला गया.
मैं घुटनो के बाल गया था, इसीलिए मम्मी मुझे देख नही पाई, और वैसे भी मम्मी बिल्कुल रिलॅक्स थी, क्यूंकी एक तो पापा घर में नही थे. और मैं भी दोस्त के साथ गया हू, ऐसा कह के गया था.
फिर मम्मी टीवी और मैं मम्मी को देख रहा था.
टाइम कब 7 बाज गये पता ही नही चला. फिर मम्मी सोफे से उठी, और किचन में गयी. मैं भी वही सोफे के पीछे गया. मम्मी खाने की तायारी में लग गयी. उन्होने डाल बनने रख दी, और चावल भी, और इस बीच मम्मी अपनी छूट में उंगली करने लगी.
मम्मी ने थोड़ी देर वैसे ही खड़े-खड़े फिंगरिंग की, और फिर पता नही मम्मी के दिमाग़ में क्या आया, की मम्मी किचन की स्लॅब पे चढ़ गयी, और फिंगरिंग करने लगी. ये देख-देख के ही मेरा तो लंड फटते जेया रहा था.
गॅस पे मम्मी ने कढ़ाई में डाल रखी हुई थी, जो बन चुकी थी, और चावल अभी बन रहे थे. मम्मी डाल की कढ़ाई के उपर खड़ी हो गयी, और फिंगरिंग करने लगी. मुझे तोड़ा अजीब लगा की मम्मी करना क्या चाहती थी.
उन्होने 3-4 मिनिट तक छूट में उंगली की, और अपना सारा माल कढ़ाई में निकाल दिया जिसमे डाल पड़ी थी. मम्मी ने काफ़ी माल निकाला, और फिर स्लॅब पे से नीचे उतार गयी. उन्होने वो सारा माल डाल में आचे से मिक्स कर दिया और गॅस ओं कर दी.
मुझे लगा की मम्मी ने अपना माल ज़्यादा ही डाल में डाल दिया था, इसलिए डाल ठीक करने के लिए मम्मी उसको फिर गॅस पे पका रही थी. मैं भी ये सब देख के काफ़ी हॉर्नी हो गया, की आज मम्मी के माल की डाल पियुंगा. मम्मी का माल मैं पहली बार पियुंगा. वैसे तो मैं अभी वर्जिन ही था.
मम्मी की छूट का पानी मैं पहली बार पियुंगा ये सोच कर मैं पागल हो रहा था, की कैसा टेस्ट होगा, और कितना मज़ा आएगा. फिर ऐसे ही करते-करते 8 बाज गये थे, तो मैं बाहर गया, और गाते पे नॉक करा. 2-4 मिनिट में मम्मी ने गाते खोला मम्मी ने वही गाउन पहन रखा था.
मे: बहुत भूख लगी है मम्मी.
मम्मी ने स्माइल की और कहा: हा, चल खाना रेडी ही है. तू बैठ, मैं लेके आती हू.
मैं सोफे पे बैठ गया. मम्मी खाना लेके आई, और टेबल पे रख दिया. मम्मी ने पहले प्लेट में राइस डाले, और फिर कटोरी में डाल. मैं और मम्मी दोनो साथ में बैठ कर खाना खाने लगे.
मैने सबसे पहले डाल ही टेस्ट की. सच में अलग ही टेस्ट आ रहा था डाल में.
मे: वाह मम्मी, डाल तो बहुत टेस्टी बनी है.
मम्मी (स्माइल करते हुए): अछा? इसमे मैने एक स्पेशल मसाला डाला है.
मे (डाल खाते हुए): सच में मम्मी, बहुत टेस्टी है. मज़ा आ गया. वो स्पेशल मसाला अब रोज़ डाला करो.
ये सुन कर मम्मी हासणे लग गयी. मम्मी ये समझ रही थी, की मुझे पता ही नही था कुछ. लेकिन मम्मी तो जानती ही थी, की ये उनकी छूट के पानी का कमाल था.
मम्मी: हा बेटा, अब सब चीज़ो में डाल दूँगी ये मसाला. ले और डाल ले.
हम दोनो ने खाना खाया, और फिर टीवी देखने लगे.
फिर 11 बाज गये, और मम्मी बोली: चल बेटा सो जेया, कल कॉलेज भी तो जाना है.
मैं और मम्मी अपने-अपने रूम में सोने चले गये. मैं तुरंत ही मम्मी के रूम में देखने गया. मम्मी नंगी ही थी, और अपनी पूरी सेक्सी बॉडी पे बैठ कर क्रीम लगा रही थी. और फिर मम्मी भी बेड पे लेट गयी, और सोने लगी. मैं भी तक सा रहा था, तो सोने चला गया.
सुबा मेरी आँख खुली. मैने टाइम देखा तो 10 बाज रहे थे. मैं जल्दी से उठा, और रूम से बाहर निकला, और मम्मी को ढूँढने लगा. मैं किचन में गया तो वाहा मम्मी नही थी, सोफा रूम में भी नही थी.
फिर मैं मम्मी के रूम में चेक करने गया. मैने पहले विंडो से ही देखा, तो मम्मी नंगी ही बेड पे सो रही थी. मम्मी को देख के मेरा लंड तंन गया. सोती हुई क्या मस्त लग रही थी मम्मी. उनके बूब्स पे हल्की सनलाइट पद रही थी.
वैसे तो मम्मी ने पीछे वाली विंडो पे परदा डाल रखा था. फिर भी बिल्कुल हल्की सी सनलाइट मम्मी के बूब्स पे पद रही थी. क्या मस्त लग रही थी मम्मी.
अब 10 बाज चुके थे. मैं क्या ही करता कॉलेज जाके, तो मैं वैसे ही मम्मी को देखने लगा. 10-15 मिनिट बाद मैं अपने लंड का पानी निकाल कर अपने रूम में चला गया, और बेड पे लेट गया.
फिर करीब 11 बजे मम्मी के उठने की मुझे आवाज़ आई, तो मैं सोने का नाटक करने लगा. मम्मी मुझे उठाने रूम में आई.
मम्मी: उठ जल्दी निखिल, कितनी देर हो गयी आज उठ.
मैं भी नींद से उठा था, ऐसे करने लगा. मम्मी ने वही गाउन पहन रखा था. मुझे उठाने के बाद मम्मी मेरे रूम से बाहर चली गयी. मैं भी उठा, और बाहर आ गया.
मे: मम्मी आज आपने उठाया क्यूँ नही टाइम से? अब कॉलेज भी नही जेया पौँगा मैं आज.
मम्मी: हा सॉरी बेटा. मैं भी अभी उठी हू, और तुरंत ही तुझे उठाया.
आज बहुत देर हो गयी सोते-सोते.
मे: हा चलो अब क्या ही करना है, छ्चोढो.
मम्मी: हा चल बेटा तू भी नहा ले. मैं भी नहा लेती हू.
मे: हा अभी नहा लूँगा, आप नहा लो पहले.
मम्मी: चल ठीक है, मैं आती हू नहा के.
फिर मम्मी अपने रूम में गयी, और मैं भी पीछे-पीछे चला गया. मम्मी ने अपना गाउन निकाला, और फिर अलमारी में से कपड़े निकालने लगी.
उन्होने एक ब्राउन कलर का फ्रॉक स्टाइल गाउन निकाला.
फिर मम्मी अंदर बातरूम में चली गयी. मैं मम्मी के रूम में गया, और वो गाउन देखने लगा. वो गाउन भी काफ़ी शॉर्ट था जांघों के उपर तक ही होगा लगभग.
फिर मैं मम्मी ने जो गाउन उतरा था, उसको स्मेल करने लगा. क्या खुश्बू आ रही थी उसमे से मम्मी के बदन की.
मैं मम्मी को नहाते हुए तो देख नही सकता था, क्यूंकी रूम में तो बातरूम की कोई विंडो नही थी. बस बाहर की साइड थी एक, और वो भी बिल्कुल ऊँची. मैं वाहा से भी आराम से नही देख सकता था.
फिर मैने मम्मी का बेड पे चढ़ के वाहा स्मेल करना शुरू किया, जहा मम्मी ने अपना माल छ्चोढ़ दिया था.
हल्की-हल्की मज़ेदार सी स्मेल आ रही थी. मॅन कर रहा था बस वही सूंघटा जौ. फिर मम्मी ने शवर बंद किया, तो मैं जल्दी से रूम से निकल कर सोफे पे जाके बैठ गया.
मम्मी 15-20 मिनिट बाद बाहर आई. क्या सेक्सी लग रही थी वो. गीले बाल, हॉट फिगर, और इतना सेक्सी गाउन. उनके गाउन की शोल्डर की जो स्ट्रीप थी, काफ़ी लूज़ थी, जो मम्मी के शोल्डर से नीचे हो रखी थी, और मम्मी की डीप नेक भी क्या मस्त लग रही थी.
मम्मी के बड़े-बड़े निपल्स बिल्कुल सॉफ दिख रहे थे, और वो गाउन नीचे से मम्मी की आधी जाँघ कवर कर रहा था. मम्मी अगर इस गाउन में झुके, तो छूट दिखनी तो पक्की थी. फिर मम्मी मेरे पास आई और बोली-
मम्मी: चल जेया तू भी नहा ले.
मे: हा, मम्मी आज तो आप बहुत सुंदर लग रही हो.
मम्मी हासणे लगी, और क्यूट सी स्माइल करते हुए बोली: अछा जी? अब जेया और तू भी नहा के सुंदर बनके आ.
मैं भी स्माइल करता हुआ जाने लगा.
मे: मम्मी ब्रेकफास्ट भी टेस्टी बनाना जैसे कल डाल बनाई थी.
मम्मी तोड़ा शर्मा सा गयी, और फिर बोली: हा ठीक है, कुछ स्पेशल बनौँगी.
पहले मम्मी को तोड़ा अजीब लगा होगा क्यूंकी मम्मी को तो पता था की उन्होने कैसे डाल स्पेशल बनाई थी.
फिर मम्मी किचन में चली गयी, और मैं भी रूम में चला गया. फिर मैं तुरंत ही किचन के पास जाके मम्मी को देखने लगा. मम्मी फ्रिड्ज खोल के खड़ी थी, शायद देख रही हो की क्या बनाए.
फिर मम्मी झुक के देखने लगी. मेरी तो किस्मत खोल गयी. मम्मी के झुकते ही मुझे मम्मी की गांद और हल्की सी छूट दिख गयी. इतनी पास से मैने पहली बार मम्मी की छूट और गांद देखी थी. और मैं था भी सिर्फ़ अंडरवेर में.
मेरे अंडरवेर में पूरा टेंट बन गया था. मैने अपना अंडरवेर उतरा, और अपने रूम में फेंक आया. मेरा रूम किचन के साइड में था.
मैं अब नंगा मम्मी को देख रहा था. मम्मी ने कुछ फ्रिड्ज में से निकाला, और स्लॅब पे रख दिया. फिर उन्होने फ्रिड्ज में से शिमला मिर्च और टमाटर निकाले थे, और फिर मम्मी ने उपर कपबोर्ड में से मॅगी के पॅकेट निकाले.
मम्मी वेजीस वाली मॅगी बनाने वाली थी. मुझे वो काफ़ी पसंद भी है. मुझे तो बस वही इंतेज़ार था, की कब मम्मी अपनी छूट का पानी निकाल कर खाने में डालेगी.
पता नही ये सब मम्मी ने कहा देख लिया. पर जो भी था मज़ा बहुत आया था इससे.
फिर मम्मी ने एक कड़ाई में सारी वेजिटेबल्स काट के डाल दी, और फिर मॅगी भी. मुझे बस अब मम्मी की छूट के पानी का इंतेज़ार था, और बिल्कुल कंट्रोल नही हो रहा था. मॅन कर रहा था अभी छोड़ डू मम्मी को.
फिर मम्मी ने एक बार बाहर देखा. मैं भी तुरत पीछे हो कर च्छूप गया था. वैसे तो मम्मी का बाहर आके चेक करना बनता था मुझे, की मैं एक-दूं आ गया तो. लेकिन मम्मी आज-कल अलग ही मूड में चल रही थी.
फिर वही खड़े-खड़े मम्मी ने अपनी छूट में उंगली करना शुरू कर दिया. मेरी तो एग्ज़ाइट्मेंट बहुत बढ़ रही थी.
अगले पार्ट में पता चलेगा क्या मम्मी खाने में अपनी छूट का पानी डालेगी या नही.
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