ही दोस्तों मेरा नाम राजेश है. मैं उप का रहने वाला हु. मेरी उम्र २२ साल है और मेरे लुंड का साइज ६ इंच है. हाइट मेरी ५’६″ है और रंग मेरा सावला है. मेरे घर में मैं मेरी मम्मी और मेरे पापा है.
ये जो कहानी है वो ६ साल पहले की है. मेरी मम्मी और पापा में अक्सर झगडे होते थे. वो दोनों बिना वजह एक-दुसरे से लड़ते रहते थे. मम्मी पापा से थोड़ा टाइम चाहती थी लेकिन पापा को काम से फुर्सत ही नहीं थी.
मेरे पापा शहर में नौकरी करते थे. और मैं मम्मी के साथ गाओं में रहता था. पापा हफ्ते में एक बार घर आते थे और उस टाइम में भी उनका काम ख़तम नहीं होता था.
हमारी गाओं में थोड़ी ज़मीन भी थी. उसको हमने कॉन्ट्रैक्ट पर दे रखा था. जिसको हमने खेती के लिए ज़मीन दी थी उसका नाम महिंदर सिंह था. महिंदर सिंह की अपनी ज़मीन भी थी जो हमारी ज़मीन के साथ लगती थी.
वो एक ६ फुट का हत्ता-कट्टा आदमी था. वो हमें हर ६ महीने बाद पैसे देने आ जाता था. इस बार जब वो आया था तब पापा घर पर ही थे. जब वो आया तो पापा ने उसको खाना ऑफर किया. फिर वो खाना खाने के लिए हमारे साथ बैठ गया.
मैं देख रहा था की मम्मी बहुत खुश थी महिंदर के आने से. फिर मैंने वो देखा जो आज तक नहीं देखा था. जब वो महिंदर को खाना परोस रही थी तभी महिंदर ने मेरी माँ की गांड पर हाथ फेर दिया.
मुझे लगा माँ उसको कुछ बोलेंगी लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर महिंदर चला गया. माँ जब उसको दरवाज़े तक छोड़ने गयी तब भी दोनों ने हाथ मिलाया था.
मैं समझ नहीं पा रहा था की उन दोनों के बीच क्या चल रहा था. फिर एक दिन वो हुआ जिससे सब कुछ क्लियर हो गया. पापा घर से जा चुके थे. और अब मैं और माँ ही घर पर थे.
रात का वक़्त था और मैं सो रहा था. तभी मुझे दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आयी जिससे मेरी नींद खुल गयी. मैंने हलके से अपने रूम का दरवाज़ा खोला और बाहर देखने लग गया.
मैंने देखा की माँ गेट पर कड़ी थी और किसी से बात कर रही थी. गेट के बाहर कोण था वो मुझे दिखाई नहीं दे रहा था. माँ ने कुछ देर बात की और फिर मेरे रूम की तरफ बढ़ी. मैं जल्दी से भाग कर बीएड पर लेट गया और सोने का नाटक करने लगा.
माँ ने मुझे सोते हुए देख लिया और बाहर चली गयी. फिर मैं भी जल्दी से उठ कर उनके पीछे चला गया. माँ जब थोड़ी दूर पहुँच गयी तो मैं घर से बाहर निकल आया. वो किसी आदमी के साथ जा रही थी.
फिर वो खेतो की तरफ जाने लगे. मैं भी उनके पीछे जाने लगा. वो दोनों खेतो के बीच में जाके रुक गए. फिर मुझे उस आदमी का चेहरा दिखाई दिया. वो आदमी महिंदर सिंह ही था.
उसने खेतो में जाते ही माँ को गले से लगा लिया. फिर वो दोनों किश करने लग गए. मैं ये देख कर हैरान था की माँ ऐसा कैसे कर सकती थी. महिंदर पागलो की तरह मेरी माँ के होंठ चूस रहा था और उसकी गर्दन चाट रहा था.
फिर उसने अपने दोनों हाथ मेरी माँ की गांड पर रखे. माँ का साइज ३८″ ३२″ ४०″ था. अब माँ की गांड कितनी बड़ी थी और महिंदर को कितना मज़ा आना शुरू हो गया ये तो आप समझ ही सकते है.
फिर महिंदर ने माँ की साड़ी खोल दी और अब माँ सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. क्या ज़बरदस्त लग रही थी माँ. मेरा भी उनको देख कर लुंड खड़ा हो गया था.
फिर महिंदर ने माँ के ब्लाउज में मुँह दाल लिया और उनकी क्लीवेज चूमने लग गया. माँ उसके सर को अपनी छाती में दबा रही थी. फिर महिंदर ने माँ का ब्लाउज खोल दिया. माँ ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उनके बड़े-बड़े बूब्स अब महिंदर के सामने थे.
बूब्स देखते ही महिंदर माँ के बूब्स पर टूट पड़ा. वो पागलो की तरह उनके बूब्स चूसने लग गया. माँ कामुक आहें भरने लगी और मज़े से महिंदर की अपनी आगोश में ले लिया.
फिर उसने माँ को नीचे लिटा लिया. नीचे पत्तो का एक ढेर था जो काफी कम्फर्टेबले था. महिंदर माँ की उप्पेर बॉडी को चूम रहा था. फिर वो नीचे आया और उसने माँ का पेटीकोट उतार दिया.
माँ पंतय नहीं पहनती थी तो अब माँ पूरी नंगी थी. माँ की जाँघे इतनी सेक्सी और मोती थी की किसी भी मर्द का लुंड खड़ा हो जाये. फिर महिंदर माँ की जांघो को चाटने लगा. माँ को पूरी तपिश चढ़ी हुई थी.
फिर उसने अपना मुँह माँ की छूट पर लगाया और उसको चाटना शुरू कर दिया. माँ महिंदर के सर को अपनी छूट में दबा रही थी और बोल रही थी-
माँ: अह्ह्ह ज़ोर से चाटो. बहुत देर से तरस रही है ये. खा जाओ आज मेरी छूट को.
महिंदर माँ की छूट में जीभ मार-मार का उसकी छूट का मज़ा ले रहा था. फिर महिंदर ने अपने कपडे उतार दिए. अब महिंदर का ९ इंच लुंड माँ के सामने था. लुंड देख कर माँ की आँखों में चमक आ गयी.
माँ अब महिंदर को कामुक निगाहो से देख रही थी. फिर महिंदर माँ की जांघो के बीच आया और उसने अपना लुंड माँ की छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. माँ ाहः अहह की आवाज़े कर रही थी. फिर माँ बोली-
माँ: अब दाल भी दो ना.
ये सुनते ही महिंदर ने माँ की छूट में धक्का मारा. माँ की आह निकल गयी और महिंदर का पूरा लुंड माँ की छूट में चला गया.
माँ बोली: अब रुकना मत मेरी जान. आज चोद कर भोंसड़ा बना दे मेरी छूट का.
ये सुनते ही महिंदर ने अपना लुंड अंदर- बाहर करना शुरू कर दिया. माँ ने अपनी टाँगे महिंदर की कमर पर लपेट ली. महिंदर फुल स्पीड में माँ की चुदाई कर रहा था.
वो साथ-साथ माँ के बूब्स चूस रहा था. माँ उसकी गांड को अपनी तरफ दबा रही थी और उसका सर सेहला रही थी. १५ मिनट महिंदर उसी पोजीशन में माँ को छोड़ता रहा. इस बीच माँ एक बार झाड़ चुकी थी.
फिर महिंदर ने माँ की छूट से अपना लुंड बाहर निकला और उसको घोड़ी बना लिया. उसके बाद उसने एक ही झटके में लुंड माँ की छूट में दाल दिया. माँ की आह निकली और महिंदर ने दे दाना दान माँ की चुदाई शुरू कर दी.
२० मिनट वो ऐसे ही माँ को छोड़ता रहा. फिर वो आठ अहह करते हुए माँ की छूट में झाड़ गया. उसके बाद वो दोनों कुछ देर वही लेते रहे. फिर जैसे ही माँ कपडे पहनने के लिए कड़ी हुई मैं वह से भाग आया.
उस दिन के बाद मैंने बहुत बार माँ को महिंदर से चुड़ते हुए देखा.
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