ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की कैसे मेरी मामी ने मा को प्लेबाय से चुदाई के लिए कन्विन्स कर लिया, और फिर कैसे पूरा प्लान बना लिया. फिर मैने भी जल्दी से मामी को एक बार छोड़ा. अब आयेज बढ़ते है.
वो दिन ऐसे ही नॉर्मल बीट गया. रात को भी मैने मा के साथ कुछ नही किया, क्यूंकी अब मैं जल्दी ही अपनी मा की चुदाई करने वाला था. फाइनली उस दिन का सूरज उग ही आया, जिस दिन मेरा लंड मेरी मा की छूट का स्वाद चखने वाला था.
मैं सुबा 9 बजे खेलने के बहाने से घर से निकल गया. क्यूंकी मा और मामी को चुदाई के लिए जाना था, तो वो मुझे माना नही करने वाली थी. मैं घर से निकला, और उस होटेल पहुँच गया जहा मुझे उन दोनो को छोड़ना था.
फिर मामी और मा 9:30 बजे घर से निकले. उन दोनो ने सारी पहनी हुई थी. 10 बजने से 5 मिनिट पहले ही वो भी होटेल पहुँच गये. फिर वो दोनो रूम में चले गये, जो उन्होने बुक किया था.
रूम में जाके मामी ने मुझे फोन किया. वो मम्मी को ये दिखा रही थी की वो प्लेबाय कंपनी वालो को फोन कर रही थी. फिर कुछ देर बाद मैने उनको फोन किया, की मैं वाहा पहुँच गया था. मैं वैसे तो होटेल में ही था. लेकिन मम्मी को दिखना था की मैं उनके आने के बाद आया था.
मेरा फोन आते ही मामी ने मम्मी से कहा: दीदी वो आ ही गया है बस. हम लाइट बंद कर देते है. इससे उसको हमारा चेहरे नही दिखेगा. और हम पूरी तरह बेशरम होके चुड सकेंगी.
मा: हा ठीक है, बंद कर दो लाइट. मुझे तो दर्र लग रहा है.
मामी: इसमे दर्र वाली कोई बात नही है दीदी. आज आपको जन्नत का मज़ा मिलने वाला है.
मा: पहले तू करना जो करना है.
मामी: ठीक है दीदी, पहले मैं कर लूँगी.
फिर मैने जाके रूम का डोर नॉक किया. मामी ने जल्दी से दरवाज़ा खोला. अंदर की लाइट बंद थी, और मैने भी अपनी आँखों पर मास्क पहना हुआ था. जब रूम का दरवाज़ा खुला, तो बाहर की रोशनी से कमरे में रोशनी हो गयी. मम्मी मेरा चेहरा देखने की कोशिश करने लगी. लेकिन मामी ने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया.
फिर मामी ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे मा के पास ले गयी. फिर उन्हों मुझसे पूछा-
मामी: क्या-क्या करोगे तुम हमारे लिए?
मैं: मैं तो आपका सेवक हू. आप जो चाहे करवा लो मुझसे.
मामी: चल फिर घुटनो पर बैठ जेया.
उसके ये कहते ही मैं घुटनो के बाल बैठ गया.
मामी: अब अपनी शर्ट उतार दे.
मैने मार्केट से नयी पंत-शर्ट लेके पहनी थी, ताकि मा मुझे कपड़ों से ना पहचान ले. फिर मैने अपनी शर्ट उतार दी.
मामी: अब पंत भी उतार दे.
मैं खड़ा हुआ, और मैने अपनी पंत उतार दी. मेरा लंड पूरा तन्ना हुआ था, और अंडरवेर में टेंट बनाए हुए था. फिर मामी ने मेरे लंड को अंडरवेर के उपर से पकड़ा, और बोली-
मामी: लंड तो तगड़ा है तेरा. हम दोनो को खुश कर पाएगा?
मैं: आप आज यहा से संतुष्ट होके जाओगी दोनो.
मामी: चल फिर अपना अंडरवेर भी उतार दे अब.
मैने जैसे ही अंडरवेर उतरा, मेरा लंड उछाल कर मेरे अंडरवेर से बाहर आ गया. मा और मामी दोनो मुस्कुरा कर एक-दूसरे की तरफ देखने लगी. वो दोनो बेड पर बैठी थी. फिर मामी आयेज आई घुटनो पर और मेरे लंड को हाथ में लेके हिलने लगी. उसने मा को बोला-
मामी: दीदी आ जाओ. इससे अछा मौका और नही मिलेगा. इस वक़्त को शरमाने में वेस्ट ना करो.
मामी की ये बात सुन कर मा भी घुटनो पर आ गयी. फिर मामी ने मा का हाथ पकड़ा, और मेरे लंड पर रख दिया. वाह! जब आपकी मा का हाथ आपके खड़े हुए लंड पर पड़ता है, तो ऐसी फीलिंग आती है, जैसी किसी और चीज़ में नही आती.
फिर मामी ने मेरा लंड वापस पकड़ा, और अपने मूह में ले लिया. अब मामी मेरा लंड चूसने लग गयी. मा मामी को लंड चूस्टे हुए देख रही थी. मैं मा को फ्री नही रखना चाहता था. इसलिए मैने उनके बाल पकड़े, और उनको उपर खींच कर उठाया. मा जब खड़ी हो गयी, तो मैने उनका फेस आयेज करके अपने होंठ उनके होंठो से चिपका दिए.
मेरे अचानक ऐसे हमले से मा थोड़ी अनकंफर्टबल हो गयी. लेकिन फिर वो भी किस में मेरा साथ देने लगी. उधर नीचे से मामी ने मेरा लंड चूसने की स्पीड बढ़ा दी. अब मेरे दोनो हाथो में लड्डू थे
किस करते हुए मैने अपना हाथ मम्मी के बूब्स पर डाल दिया. वाह! क्या मुलायम बूब्स थे मम्मी के. मैने उनका पल्लू हटाया, और उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. इससे मा और वाइल्ड होने लगी.
मा ने किस करते हुए अपना एक हाथ मेरे सर के पीछे रख लिया, और ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगी. फिर मा ने किस तोड़ी, और नीचे घुटनो के बाल बैठ गयी. मा ने मामी को मेरे लंड से हटाया, और अपने मूह में मेरा लंड डाल लिया. क्या बतौन दोस्तों क्या फीलिंग थी. आज मेरा मा को लंड चुसवाने का सपना पूरा हो रहा था.
मामी खड़ी हुई, और मामी ने मेरी तरफ देखते हुए अपना पल्लू हटताया, और ब्लाउस उतार दिया. अब मामी उपर सिर्फ़ ब्रा में थी. उनके सेक्सी बूब्स ब्रा से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे. फिर मामी आयेज बढ़ी, और मेरे मूह को अपनी क्लीवेज में दबा लिया. मैं मामी की क्लीवेज को चाटने चूमने लगा, और उनके बूब्स की गर्माहट का मज़ा लेने लगा.
मैं पीछे हाथ लेके गया, और मामी की ब्रा के हुक खोल दिया. फिर मैने ब्रा को मामी के बूब्स से अलग कर दिया. अब मामी के दो रसीले रतन मेरे सामने थे. मैने उनके दोनो बूब्स को अपने दोनो हाथो में पकड़ा, और उन्हे चाटने, चूसने, और दबाने लगा. मामी ज़ोर की सिसकारियाँ लेने लगी.
नीचे मम्मी मेरा लंड चूज़ जेया रही थी. मैं धीरे-धीरे कमर आयेज-पीछे करके उनके मूह में धक्के दे रहा था. फिर मामी ने अपनी सारी और पेटिकोट दोनो खोल दिए. अब मेरी सेक्सी मामी सिर्फ़ पनटी में थी. फिर उन्होने जान-बूझ कर बात शुरू की.
मामी: लड़के तेरी किस्सिंग कमाल की है. अछा-ख़ासा गरम कर देती है. वैसे कितने साल का है तू?
मैं: 19 का हू.
मामी: बस 19 का. दीदी देखो ये तो मानव की उमर का है. अगर 19 साल के लड़के का लंड इतना तगड़ा होता है. फिर तो मानव का लंड भी तगड़ा होगा. मतलब इतना बड़ा लंड घर पे होने के बावजूद भी हम बाहर वाले के साथ ये सब कर रहे है.
मा: अर्रे वो मेरा बेटा है.
मामी: बेटा है तो और भी सेफ है. घर की बात घर में रहेगी.
ये सुन कर मम्मी सोचने लग गयी. फिर मामी दोबारा घुटनो पर आई, और मेरा लंड मम्मी से ले लिया. फिर मम्मी ने भी अपनी सारी उतार दी, और अब वो सिर्फ़ पनटी में थी. इस बार मम्मी ने मेरा मूह अपने बूब्स में डाला, और अपने बूब्स चुस्वाए.
जिस मा का मैने दूध पिया था, आज उसी मा के बूब्स चुदाई से पहले चाट रहा था मैं. मैं मा के बूब्स चूस्टे हुए अपने हाथ उनकी मस्त गांद पर ले गया, और पनटी के उपर से मा की गांद दबाने लग गया.
इतनी मोटी और सॉफ्ट गांद थी, मानो रब्बर की बनी हो. कुछ देर ऐसे ही चुम्मा-छाती और लंड चुसाई चलती रही. फिर मम्मी मुझसे अलग हुई, और बेड पर जाके घोड़ी बन गयी. उनकी गांद मेरी तरफ थी. मम्मी ने मेरी तरफ देखा और बोली-
मम्मी: आजा लड़के, अब मेरी छूट का स्वाद ले.
फिर मैने मामी के मूह से लंड निकाला, और मम्मी के पीछे चला गया. मैने उनकी कमर पर हाथ रखे, और उनकी पनटी उतार दी. अब मुझे मेरी मा की गांद का च्छेद और छूट का च्छेद सॉफ नज़र आ रहे थे. ये नज़ारा अद्भुत था. इसके बताने के लिए इससे बढ़िया शब्द नही है मेरे पास.
फिर मैने अपना मूह मम्मी की गांद पर लगाया, और गांद के च्छेद को चाटने लगा. मैं उनकी गांद के चियर में उपर से नीचे तक जीभ फेर रहा था. उपर जीभ ले-जाके मैं गांद का च्छेद चूस्टा-चाट-ता, और नीचे जाके छूट के मूह पर फेरता. बड़ा ज़बरदस्त स्वाद और महक आ रही थी मा की छूट और गांद के च्छेद में से.
मामी भी मेरे नीचे आ गयी, और उन्होने फिरसे लंड अपने मूह में डाल लिया. अब नीचे से कक़ची में बैठी मामी मेरा लंड चूस रही थी, और उपर मैं अपनी घोड़ी बनी मा की गांद और छूट चूस रहा था. ऐसा मौका शायद ही किसी को अपनी लाइफ में मिला हो, जो मुझे उस दिन मिला था.
इसके आयेज क्या हुआ, वो मैं आप सब को अगले पार्ट में बतौँगा. उमीद है की आपने ये वाला पार्ट पूरी तरह एंजाय किया होगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो अपने दोस्तों के साथ इसको शेर करना ना भूले, और कॉमेंट सेक्षन में जाके अपनी फीडबॅक ज़रूर दे.