ही मेरा नाम अमन है और मैं पटना से हू. ये कहानी 2 साल पहली की है जब मैं 18 साल का था. मा एकदम विद्या बालन दिखती है. मैं पड़ाई कर रहा था 1स्ट्रीट एअर मे और मा डॉक्टर थी और दाद फ़ौजी थे. तो साल मे 1 या 2 बार घर आते थे. दाद घर आए हुवे थे वो भी बहुत समय बाद. तो उन्होने मुझसे पूछा-
दाद- तो अमन पड़ाई कैसा चल रहा है बेटा?
मैं- सब अच्छा चल रहा है दाद.
दाद- ऐसे ही मॅन लगा के पड़ाई करो तुम्हे भी अपनी मा की तरह डॉक्टर बनना है.
मैं- जी दाद.
हम लोग खाना खाने लगे. खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे मे गया और ग़मे खेलने लगा. मुझे किसी की आवाज़ सुनाई देने लगी. मैने सोचा किसी और के घर से आ रही होगी. तो मुझे नींद आई और मैं सो गया.
मैं सुबह उठा तो देखा की मा और दाद बहुत ही खुश लग रहे थे. मुझे अजीब लग रहा था तो मैने पूछा उन दोनो से-
मैं- मा आप इतनी खुश क्यू दिख रही है और दाद आप भी, ऐसा क्या हुआ?
दाद- कू.. कू.. कुछ नही बेटा वो ऐसे ही बहुत दीनो बाद घर आया हू ना.
मैं- मा आप बताओ ना?
मा- कुछ नही यही तो बात है बेटा.
मैं- चलो मान गया मैं.
मैं बातरूम मे गया और मूह ढोने लगा. मूह धो कर ब्रश करने के लिए कोल्गेट को पकड़ा और ब्रश मे लगाने वाला था की कोल्गेट मेरे हाथ से दुस्तबेंत मे गिर गया. अब और कोल्गेट का पॅकेट तो था नही तो मैने उसी कोल्गेट को निकालने की सोची और निकालने लगा.
मैने कोल्गेट को पकड़ा और निकाला. पर कोल्गेट के साथ मेरे हाथ मे कुछ और भी था. मैने कोल्गेट को अपने दूसरे हाथ मे लिया तो डांग रह गया. मेरे उस हाथ मे 2 कॉंडम थी. मैने उसे फिर से डस्टबिन मे डाल दिया.
फिर उस चीज़ को देख कर मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा. जिसे मैने हिलना चालू कर दिया. ये पहली बार था जब मैने हिलाया था. तब मुझे पता चला की इतना अच्छा लगता है. फिर मैं नाह कर वाहा से बाहर निकला और उन लोगो को ध्यान से देखने लगा तभी. मेरी नज़र मा पर ज़्यादा चली गयी. तभी मैने मा के बारे मे असलील चीज़ सोचना चालू कर. रेड सॅडी मे वो कमाल लग रही थी.
मा- अमन बेटा क्या हुवा कहा खो गये. यहा आओ नाह लिया है तो खाना खाना खाओ.
मैं- जी मा. आअता हू.
मैं टेबल मे गया दाद मैं मा सभी खाना खाने के लिए बैठे.
दाद- बेटा सुनो तुम अपनी मा को हॉस्पिटल छ्चोड़ देना. मैं तुम्हारी फीस जमा करने तुम्हारे कॉलेज जेया रहा हू.
मैने कोल्गेट को पकड़ा और निकाला. पर कोल्गेट के साथ मेरे हाथ मे कुछ और भी था. मैने कोल्गेट को अपने दूसरे हाथ मे लिया तो डांग रह गया. मेरे उस हाथ मे 2 कॉंडम थी. मैने उसे फिर से डस्टबिन मे डाल दिया.
फिर उस चीज़ को देख कर मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा. जिसे मैने हिलना चालू कर दिया. ये पहली बार था जब मैने हिलाया था. तब मुझे पता चला की इतना अच्छा लगता है. फिर मैं नाह कर वाहा से बाहर निकला और उन लोगो को ध्यान से देखने लगा तभी. मेरी नज़र मा पर ज़्यादा चली गयी. तभी मैने मा के बारे मे असलील चीज़ सोचना चालू कर. रेड सॅडी मे वो कमाल लग रही थी.
मा- अमन बेटा क्या हुवा कहा खो गये. यहा आओ नाह लिया है तो खाना खाना खाओ.
मैं- जी मा. आअता हू.
मैं टेबल मे गया दाद मैं मा सभी खाना खाने के लिए बैठे.
दाद- बेटा सुनो तुम अपनी मा को हॉस्पिटल छ्चोड़ देना. मैं तुम्हारी फीस जमा करने तुम्हारे कॉलेज जेया रहा हू.
फिर हम लोग खाना खाए और दाद कॉलेज के लिए निकल गये. फिर मैं और मा बाहर निकले और स्कूटी मे बैठ गये. मैं स्कूटी चला रहा था. हम दोनो हॉस्पिटल पहुच गये और मा स्कूटी से उतरी और चल कर जाने लगी. जब मा चल कर हॉस्पिटल के अंदर जेया रही थी. तो मैं उनका बॉडी देख रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे सन्नी लीयोन हो.
वाहा से मैं घर पहुचा और मेरे मोबाइल मे पॉर्न देखने लगा मैं जोस मे आ गया. ये पहली बार था जब मैं पॉर्न देख रहा था. मैने हिलने के लिए अपना लंड निकाला तभी. मेरे मोबाइल की बॅटरी ख़तम हो गयी. मैं चारजर के लिए अपने रूम मे गया तो वो वाहा नही था.
तभी मुझे याद आया की मा ने अपनी मोबाइल को चार्ज करने के लिए मेरी चारजर माँगी थी. क्योकि उनकी चारजर खराब हो गयी थी. फिर मैं उनके रूम मे गया और चारजर को देखने लगा. मैने उसे देखा तो वो बेड के नीचे गिरा हुवा था.
जैसे ही मैं चारजर लेने के लिए झुका तो मुझे. वाहा 2 न्यू कॉंडम की पॅकेट मिली इसके बाद. मैने मोबाइल को चार्जिंग मे लगाई और मैने उस मे से एक कॉंडम निकाला और अपने लंड मे लगाने लगा. ये पहली बार था जब मैने कॉंडम लगाई थी. अंदर कुछ गीला गीला था.
तभी दाद की कॉल आई उन्होने मुझे कॉलेज बुलाया. फिर मैने कॉंडम के पॅकेट वही रखी जहा थी और जो लंड मे था उसे लंड मे रहने दिया और स्कूटी से कॉलेज पहुँचा.
मैं- दाद आपने मुझे बुलाया.
दाद- हा बेटे वो तुम्हारे सिर कह रहे थे. की कुछ घंटो के लिए उन्होने सभी नये स्टूडेंट को बुलाया है. कुछ इन्फर्मेशन देने के लिए.
फिर मैं एक नये क्लास मे गया जहा सभी लोग आए हुवे थे. हम लोग बाइयालजी के स्टूडेंट थे. वाहा के सिर हमे फीमेल बॉडी और माले बॉडी की अनॅटमी दिखाने लगे और कुछ नंगी फोटो भी बॉडी. की
सिर- देखो बच्चो ऐसे देख के घबरा मत जाना. अच्छे से काम करना.
मेरे सामने वो नंगी फोटो के कारण मेरे मा की झलक उसमे दिखाई देने लगा और उनकी ओर सेक्स की चाहत या फिर काहु. उन्हे छोड़ने का मान करने लगा और इसके कारण मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा और इस बार मैं रुक नही सकता था. तो जल्दी से भागकर टाय्लेट मे गया और कॉंडम से भरा लंड को हिलने लगा.
इस बार मैंकोनडोम मे झाड़ गया. मैने कॉंडम को फ्लश कर दिया. फिर मैं और दाद घर आ गये. फिर कुछ समय बाद मैं मा को लेने के लिए हॉस्पिटल पहुचा. हम दोनो घर आए. मा ने खाना बनाया और हम खाना खाने लगे. मैने दाद से कहा-
मैं- दाद हमे एक और स्कूटी लेना चाहिए. क्योकि मुझे भी कॉलेज जाने मे लेट हो जाता है.
मा- हा जी अमन सही कह रहा है. अब ले भी दो उसके लिए स्कूटी.
दाद- हा तुम लोग सही कह रहे हो.
फिर हम लोग खाना खा कर सोने के लिए अपने अपने रूम मे चले गये. मैने अपने मोबाइल मे पॉर्न चालू की और देखने लगा. आहा आह की आवाज़ आने लगी वीडियो से जिसके कारण मुझे आज का दिन याद आने लगा.
मुझे आह आह की आवाज़ ऐसे सुनाई देने लगी जैसे. वो सच मे आ रही. हो फिर मैने अपना इयरफोन निकाला कानो से. तो वो आवाज़ सच मे आ रही थी. मुझे वो आवाज़ मा और दाद की रूम से आ रही थी. उ
ँकी और मेरी रूम एक दूसरे की बगल मे था. मैं उनकी आवाज़ को सुन ने लगा और सुनते सुनते सो गया और नींद मे मुझे मा को छोड़ने की सपने आने लगी. सुबह होने पर मेरी पंत गीली थी. आअज दाद का लास्ट दिन था तो वो मा और मुझे कार शोरुम ले गये.
मा- अरे ओ जी आप हमे कार शोरुम क्यो लेकर आ गये.
दाद- तुम लोग कहते थे ना की तुम्हे आने जाने मे प्राब्लम होती है. तो छोटी चीज़ क्यो बड़ी चीज़ लेते है. कल मैं जाने वाला हू ड्यूटी मे. तो तुम लोगो को तो गिफ्ट देना तो बनता है ना. हम दोनो बहुत खुस थे. दाद ने कार चलाने के लिए मुझे दिया और मैं सभी को घर ले आया. मैने अपने दोस्तो के साथ कार चलानी सीखी थी.
दाद- देखो बेटा ये कार फिलहाल तुम्हारी मा चलायगी और तुम स्कूटी. पड़ाई पूरा करो फिर इसे तुम चलना. दाद का आज लास्ट दिन था. साम को हम लोगो ने खाना खाया और पहले की तरह अपने रूम मे चले गये. मैं फिर से पॉर्न देख रहा था. तो मुझे इस बार आह आह आह की आवाज़ सुनाई दे रही थी और छाप छाप की भी.
मैं जान चुका था दाद उन्हे छोड़ रहे है. उनकी आवाज़ और ज़ोर से आ रही थी. उनके कमरे मे कोई खिड़की भी नही भी नही. मुझे उन्हे चूड़ते हुवे देखने का मान कर रहा था. पर क्या करता मूठ मारकर सो गया.
अगले दाद अपने ड्यूटी के लिए निकालने लगे.
दाद- सुनो बेटे अपनी मा को कार चलना सीखा देना.
मैं और मा ने उन्हे बाइ किया और वो निकल गये.
फिर मा को हॉस्पिटल छोड़कर मैं कॉलेज गया. वाहा बाइयालजी के कारण मा को छोड़ने का मान होने लगा फिर. मैं घर आते समय मा को हॉस्पिटल से ले आया. मैं और मा खाना खाने लगे.
मा- सुनो अमन बेटा तुम मुझे कार चलना सीखा देना. हा.
मैं- जी जी मा.
फिर मैने अपना खाना खाया और अपना चारजर मा की रूम से लेने के लिए गया. तो कॉंडम को चेक करने लगा. मुझे वाहा अब एक भी कॉंडम नही मिला. मैं चारजर लेकर वापस आ गया. फिर मा और मैं सो गये.
अगले दिन मा ने मुझे कुछ दीनो के कॉलेज जाने के लिए माना किया था. ताकि मैं उन्हे कार चलना सीखा साकु. आज मा बहुत अलग अंदाज मे थी. उन्होने बालो को बँधा और कहा.
मा- चलो बेटे अब चलो तुम अपने काम मे लग जाओ.
मैने कार की सीट पर बैठा और उन्हे मेरे आयेज पैर मे बैठने को कहा. वो एक दम हॉट थी और वो मेरे उपर बैठ गयी.
मैं- मा देखो इसे स्टियरिंग और इसे गियर और ये ब्रेक और ये एस्कलाटोर है.
मा सॅडी मे थी.
मा- हा
मैने उन्हे पैर एस्कलाटोर मे रखाया और गियर लगा उहे धीरे धीरे चलाने को कहा और वो मेरे पैर के उपर जाँघ मे थी तो मेरा लंड मचलने लगा. पर धीरे धीरे चलाने लगी. फिर उन्हे उनके सॅडी मे कुछ महसूस हुवा. यानी मेरा लंड उन्हे वो कुछ और लगा.
तभी कार अचानक से रुक गया और उन्हे आयेज ना लगे इसलिए मैने अपना हाथ आयेज कर दिया. तो उनकी बूब्स को चुने से बच गयी. वो दर कर कार से उतार गयी.
मा- देखो बेटा बाकी हम कल सीखेंगे.
मैं- क्या मा आप भी.
उनके जाने के बाद मेरी नज़र मेरे पंत मे गयी तो देखा की मेरा लंड खड़ा हो चुका है. हम लोग घर गये. कुछ देर बाद मा नाह कर निकली. सरीर को अपने टवल से लेपेटे हुवे और पानी से भीगी हुई. मैने उन्हे बहुत दीनो बाद ऐसा देखा था. अप्सरा से कम नही लग रही थी.
मा- क्या हुवा अपनी मा को कभी देखा नही क्या.
मैं- वो मा वो.
मा- चल भाग यहा से.
मैं जाते हुवे उन्हे ही देखता रहा. मखमली सी टाँगो की बीच की छूट कैसी होगी. फिर वो सॅडी पहन कर आ गयी. हम लोगो ने टीवी देखे दिन भर और खाना ख़ाके रात को सो गया.
रोज ऐसा ही चल रहा था कुछ महीनो तक. मैं उन्हे ऐसा ही देखता रहता.
फिर एक दिन हमारे पड़ोस मे रहने वाली आंटी हमारे घर आई. अब इन दोनो के बीच क्या करूँगा कहकर वाहा से अपने कमरे मे चला गया. जब मैं गया तो आंटी और मा बात करने लगी.
आयेज क्या हुवा पता चलेगा पार्ट 2 मे कैसी लगी स्टोरी क्या आप पार्ट के एक्शिटेड है? है, तो आप एमाइल करे ये मेरी एमाइल ईद है:
मेरी मा की छूट मे मेरा लंड वाला स्टोरी नही पड़ा तो अभी पड़े.