हेलो फ्रेंड्स मैं राजीव, अपने पढ़ा की मुझे आंटी से प्यार हो गया था.
पीछा परता यहा पढ़े – आंटी से प्यार-3
अब आयेज..
मैं और आंटी एक दूसरे को देख रहे थे. तभी डोरबेल की आवाज़ सुनाए दी हम ने आपने आप को संभाला. आंटी ने डोर ओपन किया तो देखा डोर पर बॉब्बी था और वो अंदर आया.
बॉब्बी- ही भैया जी आप आज यहा.
मैं- हा बॉब्बी कुछ समान देने आया था आंटी जी को.
बॉब्बी- ओक भैया जी और बॉब्बी अपने रूम मे चल गया.
मैं भी उठ कर आने लगा तो आंटी ने मुझे देखा पर कुछ बोला नही मैं घर वापिस आ गया तो मम्मी घर का कम कर रही थी.
मम्मी- आ गया बेटा तू और मम्मी मुस्कराई.
मैं- हा मम्मी जी पर मम्मी के मुस्कराने का कारण मुझे अभी भी पता नही था.
हम ने रात को खाना खाया और रूम मे सूने चले गये. मैने बोला था की मैं मम्मी के साथ सूटा हू एक ही बेड पर.
रात मे बारिश होने लगी जिस कर्ण थोड़ी ठंड लगने लगी. तो मई मम्मी से चिपक गया. पहले तो मम्मी ने मुझे साइड कर दिया. मैं फिर मम्मी से चिपक गया. इस बार मम्मी ने कुछ नही बोला और मैने मम्मी के कमार पर हाथ रख दिया जिस कर्ण मम्मी तोड़ा सा दर रही थी.
फिर मैने एक हाथ मम्मी के बूब्स पर रख दिया. जैसे ही मैने हाथ रखा तो मुझे मम्मी की ब्रा महसूस हुई तो मैने हाथ नीचे कर दिया. लेकिन फिर मे कमर से नीचे सीधा हाथ उनकी छूट पर रख दिया. इस बार मैने देखा मम्मी की पनटी थोड़ी सी गिल्ली थी. कुछ ही टाइम मे मुझे नीध आ गयी और मैं सू गया.
सुबा मैं उठा तो देखा मम्मी किचन मई थी मैं जल्दी से फ्रेश हो कर गया.
मम्मी- आ गया मेरा बेटा.
आज मम्मी तोड़ा ज़्यादा ही खुश थी मुझे नही पता था क्यू.
मैं- जी मम्मी जी.
मम्मी- रात क्यू नींद अची आई बेटा?
मैं- मम्मी मुझे कुछ समझ नही आ रहा आप क्यू पूछ रहे हो?
मम्मी- मैने तो वैसे ही पूछ लिया बेटा.
मैं- ओक मम्मी जी.
तभी मम्मी को आंटी का फोन आया और उन्होने मम्मी को घर बुलाया और मम्मी भी मान गयी.
तकरीबन 10 भजे मम्मी आंटी के घर चली गयी और मैं लग भाग 10:30 पर च्चत से गया. तो मैने देखा तो आंटी और मम्मी बेडरूम मे थी. मई झट से रोशनदन के पास गया और अंदर देखा.
अंदर आंटी बेड पर लाते रही थी और मम्मी आंटी के बूब्स चूस रही थी और छूट को सहला रही थी.
आंटी- दीदी बस ऐसे ही छूट पर हाथ फेरो मज़ा आ रहा है.
मम्मी- सीमा अब मैं छूट चतु क्या तुमाहरी?
आंटी ने कहा – दीदी यह भी कोई पूछने की बात है.
फिर जैसे ही मम्मी ने छूट मे अपनी जीभ डाली तो आंटी तो तड़प उठी.
आंटी- ओये दीदी माररर गाइ हाअ एससस्स चातूऊ चुतत्तत्त मेरी मज़ा आ गया दीदी.. प्लीज़ जीभ अंदर डालो दीदी..
तभी आंटी डिसचार्ज हो गयी.
मम्मी हासणे लगी – सीमा तेरा तो हो गया आज जल्दी.
आंटी- हन आज कल किसी ने मुझे ऐसे ही गरम कर रखा है. आंटी मेरा नाम तो ले नही सकती थी तो चुप हो गयी.
मम्मी- अब मई चलती हू राजीव बहुत सवाल पूछता है.
आंटी- दीदी आप नही करोगे?
मम्मी- रहने दो आज फिर कभी बस तुमहरा हो गया इतना ही काफ़ी है.
आंटी- यह भी सही है थॅंक्स दीदी आपका.
मम्मी- कोई बात नही.. और मम्मी घर के लिए रेडी हो गयी तब तक मैं वाहा से निकल चुका था.
करीब 10 मिंट मे मम्मी आ गयी और मुझे देखा तो मई सूने का नाटक कर रहा था. फिर मम्मी की जान मे जा कर कम करने लगी मैने मम्मी से मज़ाक करने का सोचा.
मैं किचन मई गया और मम्मी से पूछा यह आप के चेहरे पर क्या सफेद सा लगा है? तो मम्मी तोड़ा दर गयी उन्हे पता था कही आंटी की छूट का रूस ना हो उन्होने अपना चेहरा साफ क्या और बोली.
मम्मी- कुछ भी तो नही है.
मैं- क्या चटा आप ने जो जे सफेद सा कुछ लग गया?
मम्मी घबराते हुए – कुछ भी नही तुम तो ऐसे ही बोलते हो.
मैं हस्स कर वाहा से बाहर आ गया. फिर मम्मी ने घर का पूरा कम क्या और मैं भी बचो को टेउतिओं पढ़ना चालू क्या तो आंटी जी घर आए और बोले.
आंटी- राजीव बेटा कैसे हो?
मैं- ठीक हू आंटी जी.
तभी मम्मी आ गये और आंटी मम्मी से बातें करने लग.ई बहुत देर तक वो बातें करती रही और रात को आंटी बॉब्बी के साथ घर चली गयी. हुँने रात का खाना खाया और सूने चले गये.
आज रात मैं सू रहा था तभी मैने अचानक अपना एक हाथ मम्मी के बूब्स पर रखा. तो मुझे एक झटका लगा मम्मी ने आज ब्रा नही पहनी थी. तभी मैने हाथ छूट पर रखा तो नीचे पेंटी भी नही थी, मैं कुछ समझ नही पा रहा था.
मैने ऐसे ही मम्मी के बूब्स को दबाया तो उन्होने कुछ रिक्ट नही क्या. और मैं बूब्स और छूट मसलता रहा. फिर मैने देखा की मम्मी ने बेड की चादर को पकड़ रखा है. मैं ऐसे ही लगा रहा तो थोड़ी देर बाद मम्मी तोड़ा अकड़ गये और फिर सीधी लेट गये. तो मैं समाज गया की मम्मी डिसचार्ज हो गये है तो मैं भी सू गया.
सुबा उठा तो मम्मी बहुत खुस थी और सेक्सी सारी डाली हुई थी.
मैं- मम्मी आप कही जा रहे हो क्या जो आज इतने सनडर लग रहे हो?
मम्मी- नही कही नही जा रही हू तुझे छोड़ कर.
मैं- ओक मम्मी.
तो ब्रेकफास्ट किया और घूमने चल गया. बाहर मुझे आंटी मिली गाते पर उन्होने मुझे स्माइल दी मैं भी स्माइल क्या पर मैं सीधा चला गया. मैं घर वापिस आया तो देखा की मम्मी समान पॅक कर रही थी तो मैने पूछा क्या हुआ?
मम्मी- मैं कुछ दिन तेरे नानी के यहा जा रही हू तेरी नानकी बीमार है उन्होने बुलाया है.
मैं- मेरा खाना कों बनएगा?
मम्मी- मैने तेरी आंटी को बोल दिया है वो खाना बना देगी.
तो मैने मम्मी को बस स्टॅंड पर छोड़ा और घर वापिस आ गया. घर पर आंटी पहले ही आ गयी और किचन मे काम कर रही थी.
आंटी- राजीव बेटा तुम आ गये, मैं खाना बना रही हू तुम्हारे लिए.
मैं- जी आंटी जी.. और अपने रूम मे चला गया थोड़ी देर बाद आंटी.
आंटी- राजीव बेटा खाना अभी खाना है या बाद मे?
मैं- आंटी जी मई खा लूँगा जब मॅन करेगा.
आंटी- ओक यादि किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो बोल देना..
और आंटी वही टीवी देखने लगी क्यू की आंटी भी घर अकेली ही थी. तो वो यहा ही बेत गये फिर मम्मी का फोन आया मुझे.
मम्मी- क्या कर रहे हो बेटा आंटी घर पर ही है ना?
मैं- जी मम्मी जी टीवी देख रही है.
मम्मी- मेरी भेनजी से बात काराव.
मैने फोन आंटी को दिया.
मम्मी- भेनजी आज रात आप राजीव के पास ही सू जाना बॉब्बी को भी बुला लेना.
आंटी- दीदी जी ठीक है मई बॉब्बी को बुलाया लूँगी.
तभी आंटी ने फोन मुझे दिया तो मम्मी कॉल पे थी.
मम्मी- आंटी आज रात तुमहरे साथ सू जाएगी कोई ग़लती मत करना.
मैं- ओक मम्मी जी फोन कट दिया.
आंटी- राजीव बेटा मेरे पास बेतो मैं बेत गया आंटी तुम अभी भी मुझ से नाराज़ हो क्या?
मैं- नही आंटी जी.
आंटी- तो फिर मुझसे बात क्यू नही करते.
मैं- वैसे ही आंटी जी.
आंटी ने मुझे कहा – बेटा यदि तुम और थोड़े बढ़े होते तो मैं कुछ सोचती पर तुम तो मेरे बचे जैसे हो इस लिए तोड़ा कंट्रोल क्या करो.
मैं- ओक आंटी जी.
आंटी हासणे लगी और मुझे पहली बार आंटी ने गाल पर किस किया मैं भी तोड़ा मुस्कराने लगा.
आंटी- अब जाओ सू जाओ हो सकता है की रात को कोई लॉटरी लग जाए.
मैं कुछ समझा नही था और जब रात को हम ने खाना खाया और सूने गये.
बॉब्बी बोला – मुझे अकेले मे सूना है मुझे नींद नही आएगी.
मैने कहा – साथ मे सूटे है क्या मुश्किल है?
बॉब्बी- नही भैया जी मैं अकेला ही सूटा हू.
आंटी- ओक फिर तुम साथ वेल रूम मई सू जाओ अब खुश.. और मेरी तरफ देख कर आंटी ने स्माइल दी.
रात को हम खाना खा कर सूने चले गये. आंटी मेरे साथ एक ही बेड पर लेट गये दूसरे रूम मे बॉब्बी सू चुका था.
मैं कुछ टाइम बाद आंटी के बूब्स पर हाथ रख दिया और हल्के हल्के से दबाने लगा. आंटी ने ब्रा पहन रखी थी. कुछ देर बाद आंटी उठी और बातरूम के अंदर गये 10 मिंट बाद आंटी आए और सू गये.
मैने फिर से बूब्स पर हाथ रखा तो मुझे अजीब लगा. तो मेने आचे से टच किया तो पता छा की आंटी ने ब्रा उतार दी थी तो मैं खुश हो गया. फिर मई नीचे छूट पर हाथ रखा तो वो गिल्ली और बिना पनटी के थी. जब मैने उनकी छूट मे उंगली डालनी चाही तो उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया.
आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट मे.
मुझे फीडबॅक दीजिए मेरे मैल पे और किसी आंटी कपल या सिंगल लेडी को सेक्स या मसाज करना हो मेरी मैल मे मसाज डाले.