उमीद है आप सबको स्टोरी पसंद आ रही होगी. जो लोग मेसेजस करते हैं उससे मुझे काफ़ी आछा लगता है और स्टोरी जल्दी जल्दी उपलोआड करने की इचा करती है.
अब आयेज…
अभी तक 2 गेम्स हो चुकी थी और 1 ग़मे की विन्नर अंजलि थी और 2न्ड ग़मे की विन्नर बबिता बनी थी.
अब बारी थी 3र्ड ग़मे की.
बापूजी: अभी तीसरे ग़मे की टायारी मे तोड़ा टाइम लगे गा जब तक सब लोग तोड़ा आराम कर लो.
सब जा कर ज़मीन पे बेत जाते हैं. औरते तो काफ़ी तक चुकी होती हैं तो उनको आराम की ज़रूरत तो थी ही.
बबिता: इएर प्लीज़ मेरे पेर दबा दो ना.
इएर उठ कर बबिता के परो के पास आ कर बेत जाता है और बबिता के पेर दबाने लगता है.
ये देख कर जेथलाल भी बबिता के साइड मे आकर बेत जाता है और बबिता के बूब्स दबाने लगता है.
बबिता: म्म्म्मममम ऊऊओफफ्फ़..
इएर जेथलाल को बबिता के बूब्स दबाते हुए देख लेता है.
इएर: जेथलाल ये तुम क्या कर रहे हो..!
जेथलाल: मे तो बबिता जी को आराम देने की कोशिश कर रहा हू.
इएर: लेकिन…
बबिता: इट’स ओक इएर मुझे आछा लग रहा है.
बबिता: जेता जी आप आआहह ऐसे ही करते रहिए एम्म्म बहोट मज़ा आ रहा है सस्स्स्स्स्स्स्सस्स…
जेथलाल ज़ोर ज़ोर से बबिता के बूब्स दबाता रहता है और फिर चूसने भी लग जाता है. इएर की तो गांद जल रही होती है उसके सामने उसकी बीवी के बूब्स जेथलाल चूस रहा था.
ये देख कर बाकी लोग भी ऐसा ही करने लगे कोई भी किसी की भी बीवी के साथ किस बूब्स दबा रहा था.
अब जेथलाल ने बबिता का मूह पकड़ कर अपने लंड के पास किया तो बबिता भी मज़े से जेथलाल का लंड चूसने लगी.
इतने मे ही टापू सेना ने सबको अगली ग़मे के लिए बुला लिया था.
सब उठकर खड़े हो गये और बापूजी के पास आ गये.
सब लोग : बताइए चाचा जी अब कोंसि ग़मे है?
बापूजी: हन हन पहले सब शांत हो जाओ.
बापूजी: ये तीसरी और आखरी ग़मे है.
इस ग़मे मे औरतो को अपनी आँखो पे पट्टी बँदनी होगी और टापू एक औरत को पकड़ कर एक एक करके मर्दो के पास लेके जाएगा. उसको लंड चूस के बताना होगा की किसका लंड है जो सबसे जाड़ा लंड चूस कर सही बताएगा वो हो तीसरी ग़मे का विजेता.
सारे लोग ये वाली ग़मे सुनकर बहोट एक्शिटेड हो गये थे.
अब एक एक करके टापू सारी लॅडीस की आँखो पे पट्टी बंद देता है और सारे मर्द लाइन मे खड़े हो जाते हैं. सारी लॅडीस के हाथ पीछे करके बंद देते हैं ताकि वो हाथ लगा कर ना पहचान ले.
पहले टापू कोमल को बूब्स से पकड़ता है और पहले मर्द के पास ले जाता है. टापू कोमल को घुटनो पे बेता देता है. कोमल पहले मर्द का लंड मूह मे लेती है.
2-3 मीं तक लंड चुस्ती है लेकिन कोमल को बिल्कुल अंदाज़ा नही हो रहा था की वो किसका लंड चूस रही थी.
फिर कोमल तुक्के मे ही भिड़े भाई बोल देती है. लेकिन लंड इएर का होता है तो कोमल आउट हो जाती है.
अगली बारी से पहले सारे मर्द अपनी जगह चांग करते हैं. ताकि बाकी लॅडीस को पहले वाली की वजह से पता ना चल जाए की 1स्ट्रीट नंबर पे कों खड़ा है.
अब टापू माधवी को पकड़ के वाहा लेके जाता है और घुटनो पे बिता देता है. टापू भी इस काम मे सारी लॅडीस के फुल मज़े ले रहा था. कभी बूब्स दबाना, निपल्स नोचना, गांद मे थप्पड़ मारना.
माधवी अब लंड मूह मे लंड लेती है और चूसना शुरू करती है. माधवी (2-3 मीं लंड चूसने के बाद): ये लंड तो मेहता साहब का है.
बापूजी (हेस्ट हुए): ग़लत ये तो भिड़े का लंड था.
सारे लोग हासणे लगी की माधवी अपने पति का ही लंड नही पहचान पाई. माधवी थोड़ी शरम से अपनी जगह पे चली गयी.
अब टापू अंजलि की छूट मे उंगली डालता है और छूट से पकड़ कर लंड चुड़सवने लेके जाता है.
अंजलि: आआहह टापुउउउ…
अंजलि भी 3-4 मीं तक लंड चुस्ती है और बोलती है – ये हाथी भाई का लंड है.
उसका जवाब बिल्कुल सही होता है अंजलि ने पहले भी हाथी भाई का लंड चूसा था इसलिए ऐसा हुआ.
अब अंजलि के आयेज दूसरे लंड को लेके आते हैं. अंजलि वो लंड भी 2-3 मीं चुस्ती है और सोढी भाई का नाम लेती है. यहा अंजलि ग़लत बोल देती है वो लंड जेथलाल का होता है.
अब टापू सोनू को लता है. सोनू लंड चुस्ती है और अपने बाबा का नाम ले लेती है. सोनू का जवाब बिल्कुल सही. दूसरा लंड भी सोनू मेहता का नाम च्यूक से लेके सही जवाब दे देती है. लेकिन 3र्ड लंड का सोनू गॉल्ट नाम देती है और आउट हो जाती है.
ऐसे ही रोशन और दया भी कोई जवाब दिए बिना आउट हो जाती हैं.
लास्ट मे बबिता जी पोपातलाल का लंड तो गेस कर लेती हैं लेकिन दूसरे लंड पे आउट हो जाती हैं.
बापूजी: सब अपनी आँखों से पट्टी हटा दो.
बापूजी: इश्स ग़मे की विन्नर है सोनू बेतिया.
सारे लोग सोनू के लिए तालियाँ बजाते हैं और बापूजी सोनू की चुदाई की इचा पूछते हैं.
सोनू: मुझे भी सोसाइटी के बीच के बबिता आंटी, अंजलि आंटी और आई (सोनू की मा) के साथ सेक्स करना है.
सारे लोग सोनू की बात सुनकर बिल्कुल हिल जाते हैं.
बापूजी: हन सोनू बेटा कल ऐसा ही होगा.
इसी के साथ चुदाई प्रतियोगिता ख़तम हो जाती है. अब कल सारे विन्नर की इचा पूरी होने की बारी थी.