हम दोनो चुदाई के लिए तड़प उठे थे. मेरे लंड से पानी बह रहा था, और उसकी छूट मुझे अपना पानी पिलाने के लिए तड़प रही थी. आख़िर वो दिन आ ही गया जब अनलॉक हुआ. और वो मुझे दूसरे ही दिन मिलने के लिए आ गयी.
हम लोगो ने मेरे एक दूसरे फ्लॅट मे जाके चुदाई करने का प्लान बनाया. मई आपको आयुषी का फिगर बता देता हू. आयुषी 5 फुट 5 इंच लंबी है, और उसका फिगर साइज़ 32″ 30″36″ है. उसका रंग गोरा है, और बाल काले है. उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
अब मई आपको अपने बारे मे तो बताना ही भूल गया. मई वेल एजुकेटेड चार्टर्ड अकाउंटेंट हू और एक बॅंक मे सी.आ. हू. मई हंडोमे हू, मेरी हाइट भी अची है, और मेरा रंग भी गोरा है. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है.
आयुषी के परिवार वाले, मेरे और आयुषी की दोस्ती के बारे मे जानते है. उसके परिवार वालो को तो मई बहुत अछा लगता हू. वो लोग तो मुझे दूल्हा बनाने को तैयार है. अब मई कहानी पर आता हू.
तो तैयार हो जाइए दोस्तो. आज मई अपनी कहानी सुना कर आपके लंड का वो हाल करूँगा, की उसमे से इतना वीर्या निकलेगा, जितना आपने सोचा भी नही होगा. इतना मज़ा आएगा आपको, जितना कभी आपको छूट की चुदाई करने से भी नही आया होगा.
छूट की मालकिन सभी लड़किया, अपनी छूट से पानी की नादिया बहाना शुरू कर देंगी. उन लड़कियो की छूट ने भी कभी इतना पानी नही छोढ़ा होगा, जितना ये कहानी पढ़ने के बाद आप सब की छूट से निकालने वाला है.
सनडे दोपहर के 1 बजे, मई और आयुषी मेरे दूसरे फ्लॅट मे चले गये. वाहा पर एक बेडरूम है. मई और आयुषी अक्सर वाहा पूरा-पूरा दिन सेक्स करते रहते थे. मैने 3 महीने से आयुषी को नही छोड़ा था. और आज मई उसको छोड़ने के लिए मररा जेया रहा था.
फिर बेडरूम मे जाते ही मैने आयुषी को पुर 10 मिनिट तक फ्रेंच किस किया. उसके बाद हम दोनो ने एक-दूसरे को “ई लोवे योउ” कहा. फिर मई बातरूम मे फ्रेश होने, और नहाने के लिए चला गया.
नहाने के बाद मई शॉर्ट्स पहन कर बाहर आ गया. फिर आयुषी भी फ्रेश होने के लिए बातरूम मे चली गयी. वो जब बातरूम से बाहर आई, तो उसने रेड कलर की निघट्य पहनी हुई थी. निघट्य के अंदर उसने रेड कलर की पनटी, रेड कलर की ब्रा, और रेड कलर की एक स्कर्ट पहनी हुई थी.
वो ऐसी दिख रही थी, जैसे कोई अप्सरा हो. मई उसके बदन को देख कर तड़प रहा था. आयुषी ने अपनी पूरी बॉडी पर वॅक्स की थी. और उसका पूरा बदन ऐसा लग रहा था, जैसे माखन और मखमल जैसा मुलायम हो. उसका शरीर मुझे अपना रस्स-पॅयन करने के लिए आमंत्रित कर रहा था.
आयुषी जैसे काम-देवी बन गयी थी. उसके तरबूज़ के साइज़ के बूब्स मुझे बहुत आचे लग रहे थे. फिर वो मुझे किस करने लगी. उसके होंठो से निकल रहा टेस्ट इतना मज़ेदार था, की दिल तो कर रहा था उनको चूस्टा ही जौ. उसकी जीभ से इतना मीठा रस्स निकल रहा था, की मई पूरा दिन उसकी जीभ चूस सकता था.
15 मिनिट किस करने के बाद उसने मेरी शॉर्ट्स निकाल कर मुझे नंगा कर दिया. अब मेरा बड़ा सा लंड उसको सलामी दे रहा था. उसने 3 महीने के बाद मेरा पेनिस देखा था. और वो देखते ही मेरे पेनिस पर टूट पड़ी.
उसने तुरंत मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी. फिर वो मेरे लंड को चाटने लग गयी. वो मेरे लंड से निकलते हुए रस्स को पीने लग गयी. मैने उसके शरीर को देखते हुए उसकी स्कर्ट निकाल दी, और उसकी बड़ी गांद को दबाने लग गया.
फिर मैने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया, जिससे उसके बूब्स आज़ाद हो गये. उसके बड़े-बड़े बूब्स एक-दूं फूलो के जैसे कोमल लग रहे थे. मई उसके दोनो बूब्स दबा रहा था, और उसने मेरे लंड को चाट कर पूरा भिगो दिया था. मेरा पेनिस उसकी थूक से चमक रहा था और पूरा गीला हो चुका था. मैने उसको रोका, और कहा-
मई: लगता है आज तुम मेरे लंड को खा जाओगी.
आयुषी: आज मई तुम्हारे पेनिस को तो क्या, तुम्हे भी खा जौंगी.
वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी, और मई उसकी गांद को चूस रहा था. फिर मैने उसकी पनटी को उतार दिया. उसकी छूट का मई क्या बयान करू, उसके लिए मेरे पास शब्द नही है. उसने अपनी छूट पर वॅक्स कराया हुआ था, और उसकी छूट पर एक बाल भी नही था.
उसकी गोरी-गोदी जाँघो मे पिंक-पिंक छूट को देख कर, मेरे सिर पर काम-देवता सवार हो गये थे. मई अपने हाथो से उसकी छूट को सहलाने लगा और उसकी छूट नदी की तरह पानी छोढ़ने लग गयी. मुझे छूट के उस रस्स की प्यास लगी, और मैने अपना मूह उसकी छूट पर रख दिया.
मई अब उसकी छूट की नदी मे बहते हुए पानी को पी रहा था. उसके पानी का टेस्ट नमकीन-नमकीन था. वो पानी बहुत टेस्टी था. आयुषी ने 3 महीने से उस पानी को मेरे लिए बचा कर रखा था. जो पानी उसकी छूट से निकल रहा था, मई उसको पी कर तृप्त होता जेया रहा था.
उसका पानी लगातार मेरे मूह मे जेया रहा था. थोड़ी देर बाद उसकी छूट मे से सफेद मलाई जैसा पानी निकालने लगा. फिर मई उस पानी को पी गया. मई उसकी छूट को इस तरह से चाट रहा था, जैसे उसकी छूट की मलाई को खा रहा था.
मई उसकी गांद मे साथ-साथ उंगली कर रहा था. उसकी गांद का छेड़ एक-दूं पिंक था और कमाल का लग रहा था. क्या बतौ दोस्तो, क्या क़यामत मेरे हाथ लगी थी. उसको पाके मेरा जीवन धान्या हो गया था. उसकी छूट मे से पानी बंद ही नही हो रहा था.
पता नही पिछले 3 महीनो से कितना पानी उसने मुझे पिलाने के लिए बचा रखा था. फिर मैने आयुषी की आँखों पर पट्टी बाँध दी और वो मुझसे पूछने लगी-
आयुषी: क्या कर रहे हो?
मैने उसको जवाब दिया: मई स्वर्ग का सुख देना चाहता हू.
अब मई पूरा नंगा था, और आयुषी भी पूरी नंगी थी. हम दोनो के बदन ऐसे तड़प रहे थे, जैसे भट्टी मे कोयला तापटा है. आयुषी बेड पर लेती हुई ऐसी लग रही थी, जैसे कोई अप्सरा लेती हो. उसकी छूट, उसकी गांद, उसकी कमर, उसके बूब्स, उसकी अंडरआर्म सब कमाल के थे.
फिर मैने फ्रिड्ज मे से लिक्विड चॉक्लेट की बॉटल निकाली, और वो चॉक्लेट उसकी पूरी बॉडी पर लगा दी. मैने उसकी छूट मे चॉक्लेट लगाई, उसकी गांद मे लगाई, उसके बूब्स पर लगाई, उसके अंडरआर्म पर लगाई, और उसके मूह पर भी लगा दी.
मैने उसको चॉक्लेट से नहला दिया. फिर मैने उसकी बॉडी पर लगी हुई चॉक्लेट को अपने जीभ से छाता, और उसके मूह मे डाल दिया. मैने उसकी आँख, नाक, होंठो, गालो, बदन पर लगी चॉक्लेट को इस तरह से छाता, जिससे वो काम की देवी बन गयी.
आयुषी ने एक बार तो अपना पानी छोढ़ दिया था. उसने इतना पानी निकाला था, की मैने उसका पानी पी कर अपना पेट भर लिया था. मेरा लंड पूरी तरह तंन कर खड़ा हो चुका था और आयुषी मुझे अपना लंड उसकी छूट मे डालने के लिए कह रही थी. लेकिन मई उसको तडपा रहा था.
मैने उसके शरीर पर लगी चॉक्लेट को पूरी तरह चाट लिया था. फिर मैने उसको फ्रेंच किस किया, और उसकी आँखों पर लगी पट्टी को उतार दिया. उसके बाद उसने भी मेरे लंड पर चॉक्लेट लगाई, और मेरा लंड चूसने लग गयी.
फिर मेरा भी पानी निकल गया, और वो मेरा पूरा पानी पी गयी. उसने मेरा आधा पानी मुझे ही पीला दिया. वो पानी मूह मे डाल कर मेरे मूह के पास आई, और उसने मुझे किस करके आधा पानी मेरे मूह मे डाल दिया. जब वो पानी मेरे मूह मे डाल रही थी, तब उसके मूह से आता हुआ रस्स मुझे अमृत जैसा लग रहा था.
हम दोनो ने एक-एक बार अपना पानी छोढ़ दिया था. फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद, आयुषी ने फिरसे मेरे लंड को अपने मूह मे डाल लिया. उसने फ्रिड्ज से आइस-क्रीम निकाली और मेरे लंड पर आइस-क्रीम निकाल दी. उसके बाद वो मेरे लंड को चाटने लग गयी.
लंड चाट-ते हुए, आयुषी बिल्कुल वासना को देवी लग रही थी. मई आहह आ कर रहा था और मेरा लंड खड़ा हो गया था. उधर आयुषी की छूट से भी पानी निकल रहा था. दूसरी बार खेल अक्सर लंबा चलता है. पहली बार मे पानी 15-20 मिनिट मे निकल जाता है. लेकिन दूसरी बार तो मेरा लंड बैठने का नाम ही नही लेता.
मई सेक्स मे रोमॅंटिक सेक्स पसंद करता हू. और डर्टी सेक्स तो मुझे बहुत पसंद है. फिर आयुषी ने अपनी गांद मेरे मूह पर रख दी और हम 69 पोज़िशन मे एक-दूसरे के गुप्त-अंगो को चाट रहे थे.
अब टाइम आ गया था, की मई अपने लंड को उसकी फूलो जैसी कोमल और मुलायम छूट मे डाल डू. आयुषी मेरे उपर आ गयी, और मई उसके नीचे लेता हुआ था. उपर आके उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी छूट पे सेट करने लगी.
फिर वो नीचे हुई, और मैने भी लंड को उपर की तरफ धक्का दिया. मेरा पूरा लंड उसकी गरम छूट मे प्रवेश कर गया. मई बयान नही कर सकता, की मुझे कितना मज़ा आ रहा था. अब मई स्वर्ग मे था. जब गरम-गरम और माखन जैसी मलाई-दार छूट मे लंड जाता है, तो ज़िंदगी का सबसे ज़्यादा मज़ा आता है.
फिर आयुषी मेरे लंड के उपर उछालने लग गयी. वो बहुत गरम हो गयी थी, और बहुत तेज़ी से अपनी छूट छुड़वा रही थी. चुदाई मे फॅक-फॅक की आवाज़े आ रही थी और कानो मे रस्स घोल रही थी. 15 मिनिट इसी पोज़िशन मे सेक्स करने के बाद, हमने खड़े होके सेक्स किया.
फिर हमने डॉगी-स्टाइल मे भी सेक्स किया और अलग-अलग पोज़िशन्स मे सेक्स किया. दोपहर 1 बजे शुरू हुआ हमारा सेक्स, शाम 6 बजे जाके ख़तम हुआ. आयुषी मुझे बहुत प्यार करती है, और सेक्स मे तो वो मुझे और भी ज़्यादा प्यार करती है.
अगली कहानी भी मई आपको इसी रोमॅंटिक वे मे बतौँगा. आप भी मेरे साथ अपने रोमॅंटिक अनुभव शेर कर सकते हो. आपको ये कहानी कैसी लगी, उसकी फीडबॅक मुझे ज़रूर दे. फीडबॅक देने के लिए आप मुझे मैल कर सकते है. मेरी मैल ईद है:
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