मेरी आगे 20 हुई थी, और मैने अभी जस्ट कॉलेज कंप्लीट किया था. फिर उसके बाद मैं तोड़ा चिल करना चाह रही थी, इसलिए मैने घूमने का सोचा. बुत फॅमिली ने मुझे ट्रिप पर जाने की पर्मिशन नही दी.
बस उन्होने किसी मुझे रिलेटिव के यहा जाने के पर्मिशन दे दी. तो मैने मेरी मौसी के यहा जाना चुना, और निकल गयी ट्रेन से. ये इंडोरे तो देल्ही ट्रेन थी. ट्रेन जर्नी लंबी थी, और कॉमपार्टमेंट में मेरे साथ एक मा और उनका लड़का था. रात को ट्रेन निकली थी, और सुबा तक की ट्रेन थी.
जैसे ही मैं मेरी सीट पे पहुँची, कुछ देर बाद वाहा एक औरत और उसका लड़का आए. औरत ने मुझसे मेरा नाम पूछा, और हमारी बात-चीत शुरू हो गयी. अब बस हम लोग ही थे उस कोच में, तो हमने गाते लगा लिया, क्यूंकी विनटर्स का टाइम था, और काफ़ी सर्दी थी.
मैं फिर उपर वाले बर्त पे जाके सो गयी, और अपना कंबल ओढ़ लिया. 2-3 गाँठे बाद जब मेरी नींद खुली, तो मुझे मोनिंग की आवाज़ आ रही थी. उस दिन मैने फर्स्ट टाइम रियल लाइफ में इतनी सेडक्टिव आवाज़ सुनी थी.
फिर मैने बड़ी हिम्मत करके देखा खंबल के अंदर से, तो मेरी आँखें खुली की खुली ही रह गयी नीचे का सीन देख कर. एक सीट पे दोनो मा बेटे एक कंबल में सो रहे थे. मों बॅक करके सो रही थी, और आँखें क्लोज़ थी, और लड़का पीछे से स्ट्रोक्स लगा रहा था.
मा बोल रही थी: अया बेटे तूने तो मुझे गर्मी डेडी आहह. ऐसे ही लगा रह बेटा.
वो ये बोल रही थी. फिर धीरे से लड़के ने पीछे से एक गाल पे किस दे दी. उस औरत की पुसी में भी वाइब्रेशन होने लगी थी. करीब 10 मिनिट लड़का अपनी मा को छोटा रहा, और फिर वो बोला-
लड़का: मम्मी मेरा अब निकालने वाला है.
ये सुन कर उसकी मम्मी बोलती है: गांद मैं ही डाल दे बेटा.
और फिर वो दोनो ऐसे ही चिपक कर सो जाते है. मैं चुप-छाप ऐसे ही सोती रहती हू, और सुबा उनसे नॉर्मली बातें करने लगती हू. फिर उनका स्टेशन आ जाता है. वो मेरे पास आती है, और बोलती है-
आंटी: माझे पता है बेटा की तुम कल रात जाग रही थी. मेरा मॅन था की तुम हमे जाय्न करो.
और ये बोलते हुए वो मेरे पास आके मेरे एक गाल पे अपने होंठो से किस करती है. मेरे पास रिक्ट करने तक का टाइम नही था. मैं कुछ बोलती उससे पहले ही उनका स्टेशन आ गया और वो चली गयी. जाते-जाते वो मेरी तरफ घूर रही थी.
अंदर ही अंदर मैं खुश थी. ज़िंदगी में पहली बार मैने ऐसा कुछ फील किया था, और वो अनउटी भी काफ़ी सेक्सी थी. जाते-जाते मैं उनकी सेक्सी आस को देख रही थी. उनकी मटकती हुई आस देखने में मुझे मज़ा आ रहा था.
देल्ही आने में अभी 35 मिनिट्स बाकी थे, तो मैने कोच बंद करके मेरे फोन में एक मस्त लेज़्बीयन पॉर्न लगा ली. फिर मैने फिंगरिंग करी, और तब तक ट्रेन स्टेशन पर पहुँच गयी. मैं फिर स्टेशन पर उतरी, तो सामने मेरी मौसी मुझे लेने आई थी.
मैने उन्हे कस्स के गले से लगाया, और मुझे उनके बूब्स फील हो रहे थे. उसके बाद हमने उनकी कार ली, और सीधा फ्लॅट पे आ गये. फ्लॅट पे आने के बाद मैं फ्रेश होने और नहाने चली गयी.
वाहा मैं टॉपलेस नहा रही, तभी मैने उनके शॅमपू की बॉटल के पीछे कुछ देखा. फिर जब मैने उस बॉटल को उठाया, तो उसके पीछे एक वाइब्रटर था.
उस वाइब्रटर को देख कर मैं एक-दूं डांग रह गयी. मैं सोचने लगी, की मौसी इतनी अड्वान्स हो चुकी थी. मौसी एक स अपार्टमेंट में रहती थी. उनके हज़्बेंड अभी क़तर में थे 6 मंत्स के लिए. उसमे से 2 मंत हो चुके थे. यही रीज़न था की मैने मौसी के घर आने को चुना था.
अब मौसी की बात करे तो वो 30 साल की थी. 3 साल फेले ही उनकी शादी हुई थी, और उनके अभी बच्चे नही थे. मैने बात लिया उसके बाद ब्रेकफास्ट किया, और फिर सोने चली गयी. फिर कुछ दिन मैने देल्ही घूमा.
मैं अलग कमरे में थी. एक दिन रात को मुझे प्यास लगी तो मैं पानी की बॉटल लेने फ्रिड्ज के पास किचन में गयी. तब भी मुझे मोनिंग की आवाज़ आ रही थी. ये आवाज़ मुझे मौसी के कमरे से आ रही थी. आवाज़ सुन कर मैं काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो गयी.
फिर मैं सोचने लग गयी, की अंदर क्या कर रही थी मौसी. उसके बाद मुझे विंडो दिखी, जिससे मैं कमरे के अंदर देकने लगी. कमरे में ब्लू लाइट थी. उसमे मौसी न्यूड हो कर बेड पे आइज़ क्लोज़ करके लेती हुई थी, और डिल्डो से अपनी पुसी को फक कर रही थी.
मैने ये देखा, और मुझसे रहा नही गया. जब मैने फ्रिड्ज का गाते खोला था, तो मुझे एक ब्रिंजल (बैंगन) दिखा था. फिर मैं उसको अपने रूम में लेके गयी, और अपनी पुसी में डालने लग गयी.
मौसी को देखते-देखते मेरी साँसे काफ़ी तेज़ चल रही थी, और मौसी तो बेड पे आग लगा रही थी. करीब 15 मिनिट्स के बाद मौसी डिल्डो निकाल देती है, जिसपे उनका पानी लगा था, और उस डिल्डो को अपने मूह से किस करने लगती है.
मैं तो 2 बार कम कर चुकी थी. उसके बाद मैं नंगी ही उस ब्रिंजल को किचन प्लॅटफॉर्म पर राक कर सोने चली गयी. उसके बाद सुबा मौसी आई, और मेरे गाल पे एक किस करी. फिर वो मुझे एक कप कॉफी दे कर चली गयी. जाते-जाते मैं उनकी आस को देख रही थी. क्या मस्त आस थी उनकी.
फिर हमने ब्रेकफास्ट किया. उसके बाद लंच करने जब टेबल पे बैठे, तो लंच में ब्रिंजल की हो सब्ज़ी बनी थी. उस सब्ज़ी को देख कर मैं डांग रह गयी. मॅन ही मॅन मुझे बहुत अजीब सी फीलिंग आ रही थी, की उसमे से किसी एक ब्रिंजल पे मेरा कम था.
स्टोरी यही से अगले पार्ट में कंटिन्यू करूँगी. अगर आप सब को यहा तक की स्टोरी इंट्रेस्टिंग लगी हो, और पसंद आई हो, तो कॉमेंट ज़रूर करे. आपके रेस्पॉन्स पे डिपेंड करता है, की अगला पार्ट कितनी जल्दी आएगा.