ही दोस्तो, मेरा नाम मानव है. मैं 20 साल का हू, और एक हॉर्नी लड़का हू. मुझे चुदाई करना बहुत अछा लगता है. मैं हर तरह की औरतो को छोड़ना पसंद करता हू. फिर वो चाहे मुझसे बड़ी हो, छ्होटी हो, या बहुत बड़ी हो.
मुझे सिर्फ़ छूट के मज़े से मतलब होता है, औरत के स्टेटस से नही. मेरा लंड 7 इंच का है, और मेरी हाइट 5’9″ है. मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मम्मी, पापा और एक भाई है. इस कहानी में आपको बतौँगा, की किस तरह मैने अपने घर में 2 दिन के लिए आई नौकरानी को छोड़ा. तो चलिए शुरू करते है.
4 महीने पहले की बात है. मेरी फॅमिली को एक शादी का इन्विटेशन आया था. इन्विटेशन पापा के बॉस की तरफ से था, तो जाना ज़रूरी था. और जाना भी 2 दिन के लिए था. मेरे एग्ज़ॅम्स थे, तो मैं उनके साथ जेया नही सकता था. अब मों को मेरी चिंता थी, की मैं घर में अकेला कैसे मॅनेज करूँगा.
हमारा नौकर भी एक हफ्ते की च्छुटी लेके अपने गाओं गया हुआ था. फिर मम्मी ने उसको फोन किया. उसने मम्मी को बोला, की वो 2 दिन के लिए किसी नौकरानी को भेज देगा. ये सुन कर मम्मी बेफिकर हो गयी, और मम्मी, पापा और भाई शादी पर चले गये.
उनके जाने के एक घंटे के बाद दरवाज़े की घंटी बाजी. मैने दरवाज़ा खोला, और जो देखा, मेरा मूह खुला ही रह गया. 38-40 साल की एक सेक्सी सी औरत मेरे सामने खड़ी थी. उसने ब्लू कलर का शर्ट पहना था, और ब्लॅक कलर की लेगिंग पहनी थी.
उसका फिगर एक-दूं ज़बरदस्त था. उसकी गांद 44″ की होगी, और बूब्स 38″ के थे. कमर उसकी 30 की होगी. वो तो बिल्कुल सेक्स की देवी लग रही थी. गोरा रंग था उसका, और उसके शर्ट में से उसकी क्लीवेज नज़र आ रही थी.
उसका दुपट्टा उसके गले में था, तो क्लीवेज सॉफ नज़र आ रही थी. उसकी क्लीवेज देख कर तो मेरे मूह में पानी आ गया. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: जी आप कों?
वो बोली: मैं मनोरमा. मुझे ओम प्रकाश (हमारा नौकर) के कहने पर भेजा गया है.
मैं: ओक, आइए अंदर.
फिर वो अंदर आ गयी. जब वो अंदर आ रही थी, तो मेरी नज़र उसकी मटकती गांद पर ही थी. मैं तो उसके आने से खुश हो गया था. मैं सोच रहा था, की इतनी कमाल की औरत अगर सेक्स के लिए मान जाए, तो मज़ा आ जाएगा.
अगले कुछ घंटो में मेरी उससे काफ़ी बाते हुई. वो बड़ी फ्रॅंक थी. उसने बताया, की उसकी शादी हो चुकी थी, और उसका पति ड्राइवर था. उसके एक बच्चा भी था. इस दौरान मैं उसके पुर जिस्म पर नज़र डाल रहा था.
वो भी नोटीस कर रही रही थी, की मैं उसके बूब्स और गांद को देख रहा था. जब उसने कोई नेगेटिव रेस्पॉन्स नही दिया, तो मैने उसको बहाने से टच करना शुरू कर दिया.
उसने इस्पे भी कुछ नही कहा. इससे मुझे लगा, की मेरा काम बन सकता था. अब वो किचन में काम कर रही थी. मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था. फिर मैने थोड़ी हिम्मत की, और उसको पीछे से पकड़ लिया.
जैसे ही मैने उसको पकड़ा, तो वो दर्र गयी. वो जल्दी से मेरी तरफ घूम गयी. मैने उसको बोलने नही दिया, और उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए. उसने मुझसे छूटने की कोशिश की, लेकिन मैने उसको कस्स के पकड़ा हुआ था.1 मिनिट बाद उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
फिर हमने 3-4 मिनिट एक-दूसरे के होंठ चूसने का मज़ा लिया. उसके बाद हम अलग हो गये. फिर मैने उसका हाथ पकड़ा, और उसको बेडरूम में ले-जाने लगा. उसने मुझे रोका, और बोली-
मनोरमा: साब किधर लेके जेया रहे हो?
मैं: अंदर चलते है.
मनोरमा: साब मैं रंडी नही हू.
मैं: मुझे पता है. और मैं तुम्हे पसंद करता हू.
मनोरमा: वो तो ठीक है, लेकिन मैं फ्री में कुछ नही करूँगी.
मैं: कितने चाहिए?
मनोरमा: 1500.
मैं: मिल जाएँगे.
ये बोल कर मैं उसको अपने रूम में ले गया. मैने रूम में जाते ही उसको पीछे से पकड़ लिया, और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी मोटी गांद पर टच कर रहा था. क्या बतौ, उसकी गांद कितनी सॉफ्ट थी, एक-दूं गद्दे जैसी.
फिर मैने पीछे से उसके बूब्स पर हाथ डाला, और उनको दबाने लगा. वो अब गरम होने लगी थी, और आहह आहह की आहें भर रही थी. फिर मैने उसको अपनी तरफ घुमाया, और हम दोनो किस करने लगे. उसके होंठो का रस्स चूस कर मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था.
मैं किस करने के साथ उसके चूतड़ भी दबा रहा था. फिर मैने उसका शर्ट उतार दिया. शर्ट उतरते ही उसके ब्रा में काससे हुए बूब्स मेरे सामने आ गये. फिर मैं उसकी क्लीवेज में मूह डाल कर उसके बूब्स की गर्मी का मज़ा लेने लगा.
मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसके उपर आ गया. फिर मैं एक हाथ उसकी पीठ पर ले गया, और उसकी ब्रा खोल दी. ब्रा खुलते ही उसने मोटे बूब्स उछाल कर बाहर आ गये.
मैने एक सेकेंड भी वेट नही की, और उसके निपल्स चूसने लगा. वो मस्त हो चुकी थी, और मेरे सिर को अपने बूब्स में दबा रही थी. क्या गर्माहट थी उसके बूब्स की, मुझे तो नशा सा ही चढ़ गया.
फिर मैं नीचे आया, और उसकी कमर चूमने लगा. मैं उसकी नाभि को जीभ से चाट रहा था. फिर मैं नीचे उसकी मोटी जाँघो पर गया. क्या बड़ा सा आसान था उसका. मैं लेगिंग के उपर से उसकी छूट में मूह मारने लगा.
वो मेरे सिर को अपनी जाँघो में दबा रही थी. फिर मैने उसकी लेगैंग्स नीचे की, और उसकी बालो वाली छूट मेरे सामने आ गयी. छूट पर बाल देख कर मैने उससे पूछा-
मैं: शेव नही करा इसको?
मनोरमा: मुझे कों सा पता था, की आज मुझे ये सब करना था. और वैसे भी मेरे पति बाहर ही गये रहते है डेलिवरी पर, तो अरसा बीट जाता है ये सब करके.
फिर मैने उसकी लेगैंग्स खींच कर उसके जिस्म से अलग कर दी. अब उसकी विशाल जांघे मेरे सामने थी. मैं जल्दी से उसकी जांघे चाटने लगा. फिर मैने उसकी बालो वाली छूट में अपनी जीभ डाली. वो बस कामुक सिसकिया ले रही थी.
अब मेरा लंड पुर ऊफान पर था. मैने अपने कपड़े उतार दिए, और मेरा 7 इंच का लंड उसके सामने था. मेरा लंड देख कर उसकी आँखों में चमक आ गयी. फिर मैं उसकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा.
वो कामुकता भारी सिसकिया ले रही थी, और चूड़ने के लिए तड़प रही थी. मैं भी उसको आचे से तडपा रहा था. फिर मैं खड़ा हो गया, और कपड़े पहनने लगा. ये देख कर वो हैरान हो गयी. फिर वो बोली-
मनोरमा: क्या हुआ साब? छोड़ो ना मुझे.
मैं: नही मुझे नही छोड़ना. मैं फ्री में कुछ नही करता.
मनोरमा: प्लीज़ साब, मुझे लंड चाहिए आपका. मुझे पैसे नही चाहिए, आप बस मुझे छोड़ लो.
मैं: पक्का पैसे नही चाहिए?
मनोरमा: हा साब, प्लीज़ मुझे छोड़ दो.
फिर मैं जल्दी से उसकी टाँगो के बीच आ गया. मैने अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया, और एक ज़ोर का धक्का मारा. उसकी ज़ोर की चीख निकली, और मेरा लंड उसकी छूट को चीरता हुआ अंदर चला गया.
काफ़ी टाइम से चूड़ी ना होने की वजह से उसकी छूट काफ़ी टाइट थी. फिर मैने उसकी छूट में ताबाद-तोड़ धक्के देने शुरू कर दिए. वो आहह आ करके मज़े से चूड़ने लगी, और मैं उसके बूब्स और होंठ चूस्टा हुआ उसको छोड़ता रहा.
बड़ा मज़ा आ रहा था. जब मैं धक्के मार रहा था, तो उसके बूब्स उपर-नीचे हो रहे थे. दोस्तो औरत के निपल्स चबाने का मज़ा कुछ और ही होता है.
10 मिनिट मैं फुल स्पीड में धक्के मारता रहा. फिर वो ज़ोर की आहें भरने लगी, और काँपते हुए झाड़ गयी. मैने 5 मिनिट और उसकी छूट छोड़ी, और फिर उसके अंदर ही झाड़ गया. फिर मैं उसके उपर ही लेट गया.
थोड़ी देर बाद मैं उसकी साइड में आ गया. वो उल्टी होके लेट गयी. उसकी गांद देख कर मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. अब मैं इतनी बड़ी गांद का मज़ा लेना चाहता था. फिर मैं उसके उपर बैठ गया.
मैं उसकी गांद को चाटने लग गया, और गांद के छेड़ को अपनी थूक से गीला किया. इससे पहले की वो कुछ बूझ पाती, मैने लंड सेट करके एक ज़ोर का धक्का मारा. वो तड़पने लगी, लेकिन मैने उसको जाकड़ कर काबू कर लिया.
मैं प्रेशर बढ़ता गया जिससे मेरा लंड उसकी गांद में पूरा चला गया. उसकी चीखे रोकने के लिए मैने उसका मूह पिल्लो में दबा लिया था. जब लंड पूरा अंदर चला गया, तो मैं रुक गया.
फिर जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैने धक्के देने शुरू किए. 15 मिनिट मैने उसकी गांद छोड़ी. जब उसको मज़ा आने लगा, तब वो घोड़ी बन गयी. एंड में मैने अपना माल उसकी गांद में भर दिया.
मैने उसको उन 2 दीनो में बहुत छोड़ा. मेरी तो लॉटरी ही लग गयी थी. आज भी वो मुझसे चुड़वति है.
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