तो गाइस मेरा नाम अर्जुन कुमार है. ये कहानी है मेरी मौसी यानी की मेरी मम्मी की बेहन की. मेरी मौसी का फिगर 36-32-36 का एक-दूं गातीला और भरा हुआ था. तो गाइस सीधे कहानी पर आता हू.
ये बात जब की है, जब मैं 20 साल का था. मेरी मौसी 34 की थी. जब में कॉलेज में था, तब मैं मौसी के घर छुट्टी मानने जाता था. लेकिन मेरे मॅन में उनके लिए कुछ ग़लत नही था. जैसे-जैसे वक़्त निकला, मैने पॉर्न देखना शुरू करा.
मैने कहानी पढ़ना शुरू करा, तब से मेरे मॅन में सेक्स करने की इक्चा जागने लगी. तब मेरी कोई गफ़ भी नही थी, तो मैं सोचता था किसके संग करू. लेकिन फिर मेरे पेपर ख़तम हुए, तो मैं मौसी के यहा छुट्टियों में गया.
मुझे गये 1-2 दिन ही हुए थे. मैं मौसी को काम करते हुए देखने लगा. मेरे मॅन में उनके लिए नीयत बिगड़ने लगी. लेकिन फिर मैं सोचता की कैसे करू उनसे बात और मैं दर्र जाता. मैं उन्हे डेली देखने लगा. झाड़ू पोछा लगते हुए मैं उनकी गांद देखने लगा, और उनके बड़े-बड़े बूब्स देखने लगा.
रात में मैं उनको सोच कर मूठ मारने लगा. फिर एक दिन मौसा जी को उनकी कंपनी की तरफ से मेसेज आया की आपको कुछ दीनो के लिए आउट ऑफ स्टेशन जाना होगा. तो मौसी उदास हो गयी. मैने मौसी को गले लगा कर कहा-
मैं: मौसी कोई बात नही, मैं हू ना. आप क्यूँ रो रही हो?
मैने नोटीस करा की मौसी को गले लगाए हुए मेरा लंड खड़ा हो गया. अब उन्हे वो महसूस भी हुआ शायद, पर वो कुछ बोली नही. फिर मौसा जी चले गये. रात में मौसी ने मुझे खाना दिया, और अपने कमरे में सोने चली गयी.
फिर पूरी रात मैं सो नही पाया सोच-सोच कर की कैसे मनौ मौसी को, और पता नही चला कब मैं सो गया. जब सुबा उठा तो मौसी झाड़ू लगा रही थी. उन्हे देख कर मेरा मूड बन गया. मैं उन्हे देखने में इतना खो गया, की पता नही चला मौसी मुझे देख रही थी.
मौसी एक-दूं से बोली: क्या हुआ अर्जुन, क्या देख रहे हो?
मैं एक-दूं दर्र गया.
मैने कहा: नही कुछ नही.
फिर मौसी अपने काम में लग गयी.
मौसी ने आवाज़ लगाई: अर्जुन नास्था कर लो, मैं नहाने जेया रही हू.
मैं नाश्ता करने लगा. फिर एक-दूं से बातरूम में से मौसी के चिल्लाने की आवाज़ आई. मैं बातरूम की तरफ भागा तो देखा मौसी फिसल कर गिर गयी थी, और उन्हे लगी थी पैर में. मैने उन्हे सहारा देते हुए उठाया, और बेड पर लिटा दिया. वो उस समय सिर्फ़ पेटिकोट और ब्लाउस पहनी थी. उस समय मौसी बहुत सेक्सी लग रही थी. मॅन तो कर रहा था पकड़ कर छोड़ डू. फिर मैने उन्हे बेड पर लिटाया और कहा-
मैं: मौसी आप रूको मैं ड्र. को बुलाता हू.
तो मौसी ने कहा: नही अर्जुन, छ्होटी से चोट है. मैं मूव लगा लूँगी.
तो मैने मॅन में सोचा इससे बढ़िया मौका नही मिलेगा मौसी को टच करने का. फिर मैने मौसी को कहा-
मैं: मौसी आप कहा लगा पावगी. रूको मैं लगा देता हू.
उन्होने बहुत माना करा, लेकिन मैं कहा मानने वाला था. मैं मूव ले आया. फिर मैने मौसी के पैर को पकड़ा और पूछा-
मैं: मौसी कहा लगी है बताओ?
मौसी के घुटने में लगी थी, और कमर में. तो मैं मौसी का पेटिकोट उपर करने लगा. मौसी को तोड़ा अजीब लगा रहा था, इसलिए वो बार-बार माना कर रही थी. लेकिन मैने मौसी का पेटिकोट घुटनो से उपर कर दिया, और मैं देख कर शॉक हो गया.
मौसी की टांगे इतनी चिकनी थी, जैसे उन्होने कुछ दिन पहले ही वॅक्सिंग करी हो. मैं उनके पैर पर हाथ फेरने लगा. एक अलग ही फील आ रहा था. मैं उनके घुटने पर मूव लगाने लगा, और मेरा लंड भी एक-दूं खाड़ा हो गया. फिर मैं उनकी कमर पर आया. मैने उन्हे उल्टा करा, और उनके उपर बैठ कर मूव लगाने लगा.
मूव लगते-लगते मैं इतना खो गया, की मैने ब्लाउस में हाथ डाल दिया. तभी मौसी ने मुझे झटक दिया-
मौसी: ये क्या कर रहे हो अर्जुन?
मैं एक-दूं दर्र गया.
मौसी कहने लगी: ये क्या हरकत है अर्जुन? शरम नही है बिल्कुल तुम्हे? मौसी हू मैं तुम्हारी.
लेकिन मैं हवस में इतना पागल हो गया था, की मैने मौसी का हाथ पकड़ लिया, और कहने लगा-
मैं: मौसी ई आम सॉरी.
लेकिन मुझे आप बहुत पसंद हो. मैं आपसे बहुत प्यार करता हू. मौसी प्लीज़ ऐसा मत करो.
मौसी ये सुन कर एक दूं शॉक हो गयी और बोली: ये क्या कह रहे हो अर्जुन?
और मुझे थप्पड़ मार दिया. मैं मौसी के आयेज रोने लगा और बोला-
मैं: मौसी प्लीज़ मैं आपसे बहुत प्यार करता हू.
मौसी और नाराज़ हो गयी, और मुझे धमकी देने लगी: अब तुम चुप नही हुए और यहा से नही गये, तो में तुम्हारी मम्मी को फोन लगा दूँगी.
मैं और दर्र गया और रोते-रोते. अपने कमरे में चला गया. फिर सीधे रात में अपने कमरे से निकला.
मौसी ने कहा: खाना खा लो, मैं सोने जेया रही हू.
मुझे मौसी का ये बर्ताव बिल्कुल अछा नही लग रहा था पता नही क्यूँ. शायद मुझे उनसे सच में प्यार हो गया था. मैने खाना भी नही खाया और सोने चला गया. मुझे पूरी रात मौसी का सोच-सोच कर नींद नही आई.
अगले दिन भी मौसी का बिहेवियर सेम ही रहा. मुझसे बिल्कुल भी ऐसे रहा नही जेया रहा था. मैने शाम को मौसी से हिम्मत करके कह दिया-
मैं: मौसी आप ऐसे क्यूँ बिहेव कर रही हो? मुझे बिल्कुल भी अछा नही लग रहा.
और मैं रोने लगा. मौसी ने कोई रिप्लाइ नही करा, और वाहा से चली गयी. फिर मैं और रोने लगा, और मैने डिसाइड करा की मैं अपने घर चला जौ. फिर मौसी ने रात के खाने के लिए आवाज़ लगाई-
मौसी: अर्जुन खाना खा लो, तुमने सुबा से कुछ नही खाया.
मैने माना कर दिया खाने को और कहा: मेरा मॅन नही है मौसी.
फिर अगली सुबा मैं उठा तो मौसी नहाने गयी थी. मैने मौसी के आते ही उन्हे बता दिया-
मैं: मौसी मैं जेया रहा हू.
मौसी ने पूछा: क्यूँ क्या हुआ?
तो मैने मौसी से कहा: पता नही मौसी, बस जेया रहा हू.
और जाते-जाते रोने लगा. मौसी मुझे दरवाज़े तक छ्चोढने आई तो मैने हिम्मत करके मौसी से कह दिया-
मैं: मौसी मैं सच में आप से बहुत प्यार करता हू.
और वाहा से चला गया. मैं अपने घर आ गया, लेकिन मेरे दिमाग़ से मौसी जेया ही नही रही थी. कुछ महीने बीट गये मौसी हमारे यहा आई. मौसी ने मेरा हाल पूछा की कैसे हो अर्जुन. मैने बस कह दिया ठीक हू मौसी. मौसी को तोड़ा अजीब लगा की मैने ऐसे जवाब दिया. फिर मौसी कुछ नही बोली.
बाद में मौसी ने मुझे च्चत पर रोका और बोली: अर्जुन क्या हुआ? तुम इतना रूड क्यूँ हो मुझसे?
मैने कुछ जवाब नही दिया. मौसी ने फिर पूछा, तो मैने कहा-
मैं: बस मौसी ऐसे ही.
तो मौसी खुद बोली: छ्चोढो अर्जुन, वो बात मैं भूल भी चुकी हू बेटा.
तो मैने कहा: मौसी आप भूल गयी हो, मैं नही भूला. लेकिन आप मेरा पहला प्यार हो. आपको कभी नही भूल सकता.
मौसी ये सुन कर शॉक हो गयी. मौसी मुझसे बोली: तुम अब भी वही बात?
तो मैने मौसी को कहा: मैं नही भूल सकता आपको कभी भी.
मौसी को तोड़ा अजीब लगा, और वो चली गयी. फिर वो बाद में मुझसे बात करने के कोशिश करती, लेकिन मैं इग्नोर कर देता. मौसी को ये बहुत बुरा लग रहा था. फिर एक-दूं मौसी मेरे रूम में आई, जब मम्मी सो रही थी.
वो मुझसे बोली: अर्जुन ऐसे क्यूँ बिहेवियर कर रहे हो. मुझसे क्या ग़लती हुई है? मुझे बहुत बुरा लग रहा है.
तो मैने मौसी को कहा: मौसी मैं आपसे बात करूँगा तो मुझे और आपकी याद आएगी. इसलिए मैं आपसे बात नही कर सकता. नही तो मैं आपके बिना और नही रह पौँगा.
फिर मैं रोने लगा तो मौसी भी थोड़ी भावुक हो गयी और बोली: इतना प्यार करते हो तुम मुझसे अर्जुन?
अब आयेज की स्टोरी अगले पार्ट में. देखिए कैसे मौसी मेरे प्यार में पागल हुई.