फिर मैने भाभी की दोनो लेग्स फैलाई और सेंटर पर आ कर अपना लंड उनकी छूट के च्छेद के पास लगाया. फिर धीरे से अंदर डाला. अभी 3 या 4 इंच अंदर गया था और भाभी चिल्लाने लगी-
भाभी: सलीम निकालो, दर्द हो रहा है.
मैने कहा: भाभी अभी मज़ा आएगा.
फिर मैं अपने दोनो हाथ भाभी की चुचि पर रख कर दबाने लगा. कुछ देर के बाद भाभी को आराम मिला. फिर मैने एक ज़ोर से शॉट मारा, और पूरा लंड भाभी की छूट के अंदर चला गया. भाभी की आँखों से आँसू आने लगे, और वो रोने लगी.
भाभी: सलीम इसे निकाल लो, मैं नही बर्दाश्त कर पा रही हू.
फिर मैने भाभी के होंठो पर होंठ रखे, और लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया. उनकी आँखों से आँसू निकल रहे थे. कुछ देर के बाद कमरे में पच-पच की आवाज़े घूमने लगी. फिर भाभी ने अपनी गांद उठा-उठा कर साथ देना शुरू किया मेरा.
मैने भाभी को 5 से 6 मिनिट तक छोड़ा उसी पोज़िशन पर. फिर मैने भाभी से बोला-
मैं: भाभी डॉगी स्टाइल पर आओ.
तो भाभी बोली: इसमे और दर्द होगा?
मैने कहा: कुछ नही होगा.
भाभी फिर डॉगी स्टाइल पर आ गयी. फिर मैने छूट के च्छेद पर लंड लगाया, और एक-दो झटके में पूरा अंदर चला गया. पूजा भाभी चिल्लाने लगी, और फिर मैने उनको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ना शुरू किया. मैं ज़ोर के शॉट मारता रहा, और हर शॉट पर भाभी की आवाज़ निकल रही थी. 5 मिनिट के बाद मैं उनकी छूट में डिसचार्ज हो गया. उसके बाद भाभी उठी और बोली-
भाभी: तुम्हे अपना माल मेरी छूट में नही छ्चोढना चाहिए.
फिर 15-20 मिनिट के बाद फिरसे मेरा लंड खड़ा हो गया. तो मैने भाभी को उठाया, और कहा-
मैं: मेरे लंड पर बैठो.
और भाभी उठ कर मेरे लंड को अपनी छूट के च्छेद में लगा कर बैठ गयी. फिर वो उछालने लगी. थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई चलती रही. फिर मैने भाभी को डाइनिंग टेबल पर बिताया, और दोनो टांगे उनकी खोल कर उनकी छूट में लंड दल कर छोड़ता रहा. 20 मिनिट की चुदाई के बाद मैं एक बार डिसचार्ज हो गया.
फिर भाभी बोली: सलीम बहुत मज़ा आया, बहुत लंबा और मोटा लंड है तुम्हारा. ऐसे लंड की तमन्ना थी मुझे.
मैने कहा: भाभी आपकी तमन्ना पूरी हो गयी है. मेरी अभी एक तमन्ना बाकी है.
तो पूजा भाभी बोली: कों सी तमन्ना?
मैने कहा: मैं तुम्हारी गांद मारना चाहता हू.
तो पूजा भाभी बोली: नही मैं तुम्हारा लंड गांद में नही ले सकती. बहुत दर्द होगा.
मैं: भाभी एक बार, अगर दर्द होगा तो नही करूँगा.
भाभी: नही मैं नही दूँगी.
फिर थोड़ी देर के बाद पूजा भाभी ने कहा: अब तुम घर जाओ, मेरे बच्चे आने वाले होंगे.
फिर मैं अपने घर चला गया. हफ्ते भर से इंतेज़ार कर रहा था, की भाभी की बच्चे हटते तो फिर मैं उनकी छोड़ू. फिर शनिवार शाम को भाभी के बच्चे अपनी नानी के घर गये थे. तो 5:30 बजे भाभी का फोन आया-
भाभी: सलीम आज घर में मैं अकेली हू. तो तुम आ जाओ.
फिर मैं घर से थोड़ी देर के बाद भाभी के घर पहुँच गया. भाभी के गले लग कर मैने उनके होंठो को खूब चूसा, और चुचियों को दबाता रहा.
फिर भाभी बोली: मैं आती हू.
भाभी कॉंडम लेकर आई, और बोली: पहन के करना.
मैं: ठीक है भाभी.
फिर मैने भाभी को डॉगी स्टाइल में किया, और उनकी छूट में पूरा लंड डाल कर उनको छोड़ने लगा. दो-टीन मिनिट के बाद मैने लंड बाहर निकाला, और फिर तोड़ा सा भाभी को नीचे झुकने को कहा. भाभी नीचे झुक गयी, और मैने लंड उनकी गांद में डाल दिया. भाभी चिल्लाने लगी.
फिर मैं धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा. जब भाभी की आवाज़े बंद हुई, तो मैने उनकी कमर पकड़ कर एक ज़ोर से झटका मारा, और पूरा लंड की गांद में डाल दिया.
भाभी चिल्लाने लगी: निकालो-निकालो.
फिर मैने धीरे-धीरे उनकी गांद मारना शुरू किया. 15 मिनिट मैने उनकी गांद मारी, और फिर मैं डिसचार्ज हो गया. थोड़ी देर के बाद भाभी चल नही पा रही थी.
वो मुझे बोली: कुत्ते कमीने तुम्हे माना किया था, फिर भी तुमने मेरी गांद मार ली.
तो मैने कहा: मद्रचोड़ भाभी ज़्यादा बाकचोड़ी करोगी तुम्हारी गांद पर मारूँगा भी.
वो बोली: तुम चले जाओ मेरे घर से. मेरे पास कभी मत आना.
फिर मैं आधे घंटे तक बैठा रहा, और भाभी रो रही थी. मैने भाभी को बिस्तर में लिटा के अपना लंड उनकी छूट में डाल कर उनको छोड़ना शुरू किया. हमारी चुदाई आधे घंटे तक चली. फिर मैं अपने घर आ गया.
दूसरे दिन भाभी दुकान पर आई और मैने पूछा: अभी भी क्या चलने में बहुत दिक्कत हो रही है.
वो बोली: तुम ऐसे पूच रहे हो सलीम, जैसे तुम्हे कुछ मालूम ही नही कितनी बुरी तरह से तुमने मेरी गांद मारी.
मैं: चलो भाभी अब बताओ कब आना है घर.
वो कहने लगी: मैं फोन करूँगी और तुम्हे मेरा एक काम करना है.
मैने भाभी को बोला: कों सा काम?
वो बोली: मैं तुम्हे जब घर बूलौंगी तभी बतौँगी.
फिर दो-टीन दिन के बाद भाभी का शाम को फोन आया: सलीम घर आ जाओ.
जब मैं घर पहुँचा मैने भाभी को पकड़ा तो बोली: रूको सलीम, अंदर आओ.
जब मैं अंदर गया तो देखा की कोई बैठा हुआ था. मेरा मूड ऑफ हो गया. फिर मैं दो-चार मिनिट बैठा रहा. भाभी ने मुझे आवाज़ दी और मैं किचन में गया.
मैने बोला: क्यूँ बुलाया था तुमने?
तो वो बताने लगी: ये मेरी देवरानी है. इसका नाम आरती है.
तो मैने कहा: फिर क्या करू मैं मैं?
भाभी: जैसे मेरे से मज़ा लेते हो.
मैं अंजान बन कर बोला: क्या मज़ा लेता हू.
वो बोली: जो मेरी चुदाई करते हो तुम.
मैं: भाभी आपकी चुदाई में तो बहुत मज़ा आता है.
भाभी: तुम्हे इसकी भी चुदाई करनी है?
तो मैं एक-दूं से शॉक में पद गया.
मैने बोला: भाभी जी वो चुडवाएगी?
वो बोली: मैं हू ना, मैं तुम्हारा काम कार्ओौनगी. सलीम जाओ समोसे ले आओ.
फिर मैं समोसे लेने निकला, तो मेरे दिमाग़ में एक बात आई, की ये दो औरतों को अकेले कैसे छोड़ूँगा. फिर मैं मेडिकल स्टोर गया. मैने मेडिकल से वियाग्रा 200 टॅबलेट ली. टॅबलेट लेकर मैं भाभी के घर पहुँचा. गाते खोल के अंदर गया, और रूम में पहुँचा तो दोनो निघट्य पहने बैठी हुई थी. भाभी को समोसे दिए और भाभी ने मुझे इशारा किया की मैं आरती के पास बैठू.
फिर मैं आरती के पास बैठ गया, और भाभी किचन चली गयी. मैं आरती से बात करने लगा.
मैं: आरती भाभी आप भी बहुत खूबसूरत हो एक-दूं पूजा भाभी की तरह.
वो हासणे लगी. फिर मेरी नज़र पूजा भाभी पर पड़ी. उन्होने मुझे इशारा किया और मैने अपना एक हाथ आरती के पैर पर रखा. वो कुछ नही बोली. फिर मैं उसका पैर रब करने लगा, तो आरती ने कोई जवाब नही दिया. उसके बाद मैने आरती का फेस अपनी तरफ घुमाया, और उसके होंठो पर होंठ रखे और किस करने लगा.
उसने मुझे धक्का दे दिया और बोली: ये क्या कर रहे है आप?
तो मैने बोला: आरती प्यार कर रहा हू.
आरती ने भाभी को आवाज़ दी: पूजा भाभी.
भाभी: बोलो आरती क्या हुआ?
आरती: ये सलीम मुझसे बदतमीज़ी कर रहा है.
तो भाभी हासणे लगी और बोली: वही है जो मेरी चुदाई करता है.
फिट आरती ने मुझे देखा और हल्की सी स्माइल दी.
पूजा बोली: मैं जेया रही हू किचन में काम करने.
फिर मैने आरती के होंठो पर किस किया और उसकी छूट दबाने लगा. थोड़ी देर के बाद आरती की चुचि टाइट होने लगी. फिर मैने आरती को खड़ा किया और निघट्य पूरी अलग कर दी. उसकी ब्रा खोल के उसकी चुचियों को मूह से चूसने लगा. थोड़ी देर के बाद उसकी पनटी गीली हो गयी. फिर मैने उसकी पनटी उतरी और अपने कपड़े उतारे.
आरती बोली: सलीम कहा जेया रहे हो.
मैं: एक ग्लास पानी पीने.
फिर मैं किचन में गया पूजा भाभी को दवाई बोल कर मैने वियाग्रा लेली.
पूजा बोली: टॅबलेट क्यूँ खा रहे हो?
तो मैने पूजा से कहा: आज तो दो खूबसूरत औरतें मेरा लंड लेंगी.
पूजा हासणे लगी और बोली: जाओ पहले आरती को अपना लंड खिलाओ.
फिर मैने आरती को बिस्तर में लिटाया, और उसकी पैर खोले, और अपना लंड उसकी छूट के च्छेद में लगाया. उसके बाद एक शॉट मारा, और आरती बोली-
आरती: हाए मम्मी, मम्मी आ. सलीम दर्द हो रहा है.
फिर मैने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया. आरती अपनी गांद उठा कर साथ देने लगी. फिर मैने ज़ोर से शॉर्ट मारा, और पूरा लंड उसकी छूट में समा गया.
वो चिल्लाने लगी: मॅर गयी.
पूजा भाभी भी आ गयी और बोली: आरती सबर करो, बहुत मज़ा आएगा.
फिर मैं अपना लंड अंदर-बाहर करता रहा, और आरती मेरा साथ देती रही. पूजा भाभी ने भी अपनी निघट्य उतार दी थी, और वो भी नंगी थी अभी. मैं थोड़ी देर चुदाई आरती की करता रहा. फिर पूजा को मैने घोड़ी बनाया और अपना लंड पूजा की गांद में डाल दिया. 3 साल से चलता आ रहा है दोस्तों ये सब. आपको मेरी कहानी कैसी लगी ज़रूर बताए.