हेलो दोस्तों, कैसे है आप सभी? आज फिरसे एक गांद-फाड़ कहानी लेकर आया हू.
दोस्तों मेरा नाम सागर है, और मेरी उमर 32 साल है. मेरा लंड 8 इंच लंबा है, और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी छूट को रगड़ने के लिए काफ़ी है.
तो दोस्तों आज की कहानी मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड सरिता (बदला हुआ नाम) की है, जिसको मैने काई साल पहले छोड़ा था, जब वो 18 साल की थी. वो मैं फिर कभी बतौँगा. अभी ये उसके साथ हुई रीसेंट चुदाई की कहानी बताता हू.
दोस्तों सरिता की उमर अभी 28 साल है, और उसका बदन एक-दूं कॅसा हुआ है. उसके बूब्स 36″, उसकी कमर 32″, और उसकी गांद 36″ की है. दिखने में वो एक-दूं से गोरी है, और होंठ गुलाबी है. बिल्कुल पारी जैसी लगती है वो, तो अब ज़्यादा समय ना खाते हुए सीधा कहानी पर आता हू.
ये बात आज से 20 दिन पहले की है, जब उसको मैने छोड़ा था. करीब 2 महीने पहले मैं फ़ेसबुक चला रहा था. तब मेरे पास सरिता सिंग नाम से एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. जब मैने उसको देखा था, तो उस पर ड्प को देख कर समझ नही पाया.
उसके तुरंत बाद ही एक मेसेज आया: हेलो सागर, पहचाना?
मैने कहा: नही.
उधर से मेसेज आया: इतनी जल्दी भूल गये.
मैने कहा: नही, आप बताओ तो.
उधर से मेसेज आया: मैं सरिता हू, जिसको तुम प्यार करते थे.
मैने कहा: आज इतने सालों बाद कैसे याद किया मुझको?
तो वो बोली: बस ऐसे ही मैं फ़ेसबुक चला रही थी, तो तुम्हारी ईद दिखाई दी.
फिर सरिता ने मेरा नंबर माँगा, तो मैने उसको नंबर दे दिया. उसके बाद हमारी घंटो फोन कॉल पर कुछ नयी कुछ पुरानी बातें हुई.
मैने कहा: सरिता तुम्हारी शादी हो गयी?
तो वो बोली: हा, मेरी शादी हो गयी, और मेरे दो बच्चे है.
मैने कहा: सही है सरिता, अकेले-अकेले शादी कर ली.
वो कुछ नही बोली.
फिर उसने फोन रख दिया, और मैं उसकी पुरानी यादों में खो गया.
जब मैने पहली बार सरिता को देखा था, तब सरिता 12त क्लास में थी, और हमारे स्कूल में ही पढ़ती थी. हमारे नीचे स्कूल था, और उपर में हमारा घर. उसको मैं बस देखता ही रह गया.
और उसको मैने कैसे छोड़ा था यही सोच-सोच कर मैने कब सरिता की याद में मूठ मार दी, पता ही नही चला.
अगले दिन मैने सरिता को कॉल की, और मैने कहा: सरिता तुम अपनी लाइफ में खुश हो?
तो सरिता बोली: हा मैं खुश हू.
फिर सरिता ने कहा: सागर तुम मुझसे आज भी प्यार करते हो?
मैने कहा: हा.
फिर एक दिन मैने सरिता से कहा: मुझे तुमसे मिलना है.
तो सरिता पहले तो तैयार नही हुई. लेकिन कुछ दिन मेरे फोर्स करने के बाद मान गयी.
उसकी शादी मेरे शहर के पास ही हुई थी, तो उससे मिलना ज़्यादा मुश्किल भी नही था. एक दिन हम दोनो का मिलना पक्का हुआ.
मैने सरिता से कहा: तुम सारी पहन कर आना.
सरिता बोली: ठीक है.
और मैं अपनी कार से उसको लेने चला गया. इधर होटेल में रूम मैने पहले ही बुक कर दिया था.
सरिता जब आई तो मैं उसको देखता ही रह गया. उसने ब्लॅक सारी पहनी थी, जिसमे वो कितनी हसीन लग रही थी बता नही सकता.
उसकी सारी उसकी सेक्सी नाभि से 3 इंच नीचे बँधी थी. सरिता का पेट एक-दूं से चिकना था. उसको देख कर मेरा लंड पंत को फाड़ कर बाहर आना चाहता था. मैने सरिता को आयेज वाली सीट पर बिताया, और फिर हम चल पड़े.
मैने मॅन ही मॅन में सोच लिया था की आज एक बार फिरसे सरिता की छूट को बजाना था.
फिर मैने सरिता से कहा: सेक्सी लग रही हो.
वो मुस्कुरा कर शर्मा गयी. कुछ देर बाद मैने गाड़ी होटेल की पार्किंग में खड़ी की तो सरिता बोली-
सरिता: यहा क्यूँ?
तो मैने कहा: सरिता कुछ टाइम स्पेंड करेंगे, और प्राइवसी रहेगी.
सरिता तो पहले होटेल के रूम में जाने को तैयार नही हुई. लेकिन जब मैने उसको फोर्स किया, तो वो मान गयी.
लेकिन बोली: थोड़ी देर के लिए.
मैने कहा: हा ओक.
फिर रूम की चाबी लेकर हम दोनो रूम में आ गये. उसके बाद हम दोनो ने बैठ कर कुछ देर बातें की. फिर मैं सरिता से चिपक कर बैठ गया.
सरिता ना मुझसे डोर हटने की कोशिश की, लेकिन हटी नही.
मैने सरिता से कहा: अगर तुम बुरा ना मानो तो तुमको एक किस कर लू?
सरिता ने पहले तो माना कर दिया, फिर कुछ देर बाद बोली: हा, सिर्फ़ एक किस.
मैने कहा: लिप्स पर करनी है.
तो उसने माना कर दिया और बोली: कैसी बातें कर रहे हो? मैं किसी की पत्नी हू.
तो मैने कहा: पहले तुम मेरा प्यार हो, बाद में कुछ और.
वो पता नही कुछ सोच कर बोली: लेकिन सिर्फ़ थोड़ी देर.
मैने कहा: ओक.
फिर मैने सरिता को दीवार के सहारे खड़ा किया, और अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया, और लीप लॉक चालू हो गया. मैं अपने एक हाथ से उसके बालों को सहलाने लगा, और दूसरे हाथ से उसके चिकने पेट को सहलाते हुए उसकी नाभि में उंगली डालने लगा.
मेरा लंड सरिता की छूट में घुसने को तड़प रहा था. इधर सरिता की भी साँसे तेज़ हो गयी, और वो अपने दोनो हाथो से मेरी कमर को सहलाने लगी. लेकिन कुछ देर बाद वो मुझसे अलग हो गयी.
मैने कहा: क्या हुआ?
तो वो बोली: कुछ नही, ये ग़लत है.
मैने कहा: कुछ ग़लत नही है, और किसी को प्यार करना या चाहना कुछ ग़लत नही.
तो सरिता बोली: नही.
मैने कहा: कोई बात नही सरिता.
जब वो तोड़ा शांत हुई, तब मैने सरिता के हाथ को अपने हाथ में लिया और उसको बेड पर पीछे लिटा दिया.
सरिता बोली: सागर क्या कर रहे हो?
मैने कहा: जो आग तुम जलती हुई छ्चोढ़ गयी थी, आज उसको शांत करने दो.
और इतना कह कर मैं उसके पेट को किस और चाटने लगा, और अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा.
सरिता बोली: सागर प्लीज़ मान जाओ.
मैने कहा: नही, आज मुझे मत रोको.
फिर मैने अपनी त-शर्ट उतरी, और सरिता के उपर चढ़ गया, और अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया. उसके बाद मैने एक हाथ से सरिता की सारी उपर की.
उसकी टांगे एक-दूं से चिकनी थी. मैने उसकी टाँगो को चाटना शुरू किया, और सरिता बार-बार माना करती रही, की सागर मान जाओ. मैं उसकी चिकनी टाँगो को चाट-ते हुए उसकी जांघों तक आ गया.
उसने अपनी छूट को अपने हाथो से धक लिया. मैने उसके हाथो को हटाया और उसने रेड पनटी पहन रखी थी. उसकी छूट का उभार पनटी के उपर से ही दिख रहा था.
मैने पनटी के उपर से ही उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. फिर मैने अपनी पंत उतरी, और अपना लंड बाहर निकाल दिया. मेरा लंड सरिता की छूट में जाने को तड़प रहा था. मैने अपना लंड उसकी चिकनी छूट पर पनटी के उपर से ही सहलाना शुरू किया.
सरिता अब सिसकिया लेने लगी, और बोली: सागर मान जाओ ना.
अब मैने सरिता की पनटी को नीचे किया, और उसकी टांगे फैलाई, और अपने लंड पर थूक लगाई. फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड सरिता की छूट को फाड़ते हुए उसमे समा गया.
इधर सरिता की चीख निकल गयी. अब मैने सरिता का ब्लाउस खोल दिया, और ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा.
सरिता बोली: सागर मान जाओ, मुझे देर हो रही है. मैं अब तुमसे कभी नही मिलूंगी.
इधर मैं भी ज़ोर-ज़ोर से सरिता के उपर धक्के मारने लगा. मैने सरिता की छूट को इतनी ज़ोर से ठोका, की पूरा बेड ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा.
मैने कहा: मेरी जान, आज तुझे पुराना वाला मज़ा दूँगा.
अब सरिता भी जोश में आ गयी, और मेरे कान में बोली-
सरिता: तुम्हारा लंड आज भी उतना ताक़तवर है जितना पहले था.
अब मैने सरिता की ब्रा खोल दी, और उसके निपल को चूसने लगा.
मैने सरिता से कहा: जान मज़ा आ रहा है मेरा लंड छूट में लेकर?
वो बोली: हा.
फिर सरिता बोली: जल्दी करो, मुझे घर भी जाना है.
मैं और ज़ोर से सरिता को छोड़ने लगा. सरिता भी मेरा पूरा साथ देने लगी. फिर मैं सीधा लेट गया. मैने सरिता से कहा की मेरा लंड मूह में लो. सरिता ने तुरंत मेरा लंड मूह में ले लिया, और लॉलिपोप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी.
फिर मैने सरिता को अपने लंड पर कूदना शुरू किया. लगभग 30 मिनिट बाद मेरे लंड ने सरिता की छूट को अपने माल से भर दिया. फिर सरिता मेरे उपर लेट गयी.
लगभग 2 घंटे बाद हमारी आँख खुली, तो सरिता बोली: सागर अब सिर्फ़ तुम मेरी चुदाई करोगे.
मैने कहा: जब भी तेरी छूट में खुजली हो, या फिर चूड़ने की आग हो, मुझे कॉल कर देना, मैं आ जौंगा.
अभी 3 दिन पहले मैने उसको उसके घर पर उसके पति की मौजूदगी में चोदा. वो बाद में बतौँगा.
नेक्स्ट स्टोरी में बतौँगा की कैसे मेरी गफ़ अपने बेस्ट फ्रेंड से चुदी.