हे दोस्तों, मेरा नाम राघव है. मैं गुरदासपुर का रहने वाला हू. मेरी आगे 35 है, और मैं एक कंपनी में जॉब करता हू. मेरी शादी हो चुकी है, और मेरे 2 बच्चे है.
ये जो कहानी है, वो मेरे कॉलेज के दीनो की है. उस वक़्त ये काफ़ी अजीब एक्सपीरियेन्स था. लेकिन अगर आज याद करू, तो लंड खड़ा हो जाता है. और फिर बीवी की जाम के चुदाई करता हू. तो चलिए अब कहानी शुरू करते है.
उस वक़्त मेरी आगे 20 थी, और मैं फाइनल एअर में पढ़ता था. मेरी क्लास में एक अलीशा नाम की लड़की थी, जिसको मैने सेशन के स्टार्ट में ही प्रपोज़ कर दिया था.
उसने भी मेरा प्रपोज़ल आक्सेप्ट कर लिया था, और हमारा रिलेशन्षिप शुरू हो चुका था. अब आपको अलीशा के बारे में बताता हू.
अलीशा उस वक़्त 19 साल की थी, और इतनी खूबसूरत थी, की हाथ लगाने से भी मैली हो जाए. उसकी हाइट 5’6″ थी, और साइज़ 32-28-34 होगा. उसका रंग दूध जैसा गोरा था.
कॉलेज के बहुत सारे लड़के उसके पीछे थे, लेकिन मैने टाइम पर बाज़ी मार ली थी. अलीशा हर तरह के कपड़े पहनती थी. जीन्स में तो उसकी गांद मस्त लगती थी. उसका सूट टाइट होता था, जिसमे से उसके बूब्स मस्त लगते थे.
हमारी रोज़ फोन पर बातें हो रही थी, और हम फोन सेक्स भी कर रहे थे. फोन सेक्स के ड्यूरिंग मुझे पता चला, की वो बहुत हॉर्नी थी. फिर एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया.
शाम का टाइम था, और मैं इंनोवा गाड़ी लेके उसके घर के पास पहुँच गया. 5-10 मिनिट में वो आई, और कार में बैठ गयी. वो अपने घर पर फ्रेंड की ब’दे पार्टी का बहाना बना कर आई थी, तो लाते होने की चिंता नही थी.
जब वो कार में बैठी, तो मैं उसको देखता ही रह गया. उसने वाइट कलर की जीन्स पहनी थी, और पिंक कलर की त-शर्ट. उसकी जीन्स टाइट थी, और उसमे उसकी जांघों की शेप सॉफ नज़र आ रही थी.
त-शर्ट में से उसके गोल-गोल बूब्स, और पतली कमर का पता चल रहा था. उसको देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया. मुझे ऐसे देख कर वो बोली-
अलीशा: अर्रे बस भी करो, खा जाओगे क्या.
मैं: आज तो पक्का ख़ौँगा.
अलीशा: हा ज़रूर खाना.
और फिर मैने गाड़ी ड्राइव करनी शुरू की. मैने ओयो में एक रूम बुक कर रखा था. हमने एक रेस्टोरेंट पर कुछ खाया-पिया, और फिर सीधा रूम पर पहुँच गये.
मुझसे तो अब रुका नही जेया रहा था. मैने अंदर जाते ही उसको पकड़ लिया, और गले से लगा लिया. अब उसका बदन और मेरा बदन आपस में चिपके हुए थे. हमारी साँसे एक-दूसरे से टकरा रही थी.
फिर मैने धीरे से अपने होंठो को उसके होंठो पर रखा, और हमारी प्यार भारी किस स्टार्ट हुई. कुछ ही सेकेंड्स में हमारी किस वाइल्ड हो गयी. मैने साथ-साथ उसकी क़ास्सी हुई गांद दबानी शुरू कर दी, और वो भी मेरा लंड सहलाने लगी.
हम दोनो बातें तो सारी कर ही चुके थे. लेकिन आज प्रॅक्टिकल करने का टाइम था. फिर मैने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, और अब उसके मस्त बूब्स मेरे सामने थे. उसके बूब्स को देख कर मैं पागल हो गया, और मूह उसकी क्लीवेज में डाल कर चूमने लगा.
वो आहें भरने लगी. उसकी खुश्बू बड़ी प्यारी थी. उसने भी मेरी त-शर्ट उतार दी, और मेरी चेस्ट को चूमने लग गयी. मैने उसकी ब्रा निकाल दी, और उसके पिंक निपल्स चूसने लग गया.
उतने में उसने अपनी जीन्स का बटन खोल, और जीन्स उतार दी. अब वो रूप की रानी मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. उसकी पनटी पिंक थी, और वो बिना कपड़ो की डॉल लग रही थी.
मैने भी अपनी जीन्स उतरी, और अंडरवेर में आ गया. फिर हम बेड पर आ गये. मैने उसके पैरों से किस करना शुरू किया, और उसकी पनटी पर आ गया.
जैसे ही मैने उसकी छूट पर पनटी के उपर से किस किया, उसकी सिसकारी निकल गयी. मैने जल्दी से उसकी पनटी नीचे की, और उसकी कुवारि छूट अब मेरे सामने थी. उसकी छूट पर हल्के ब्राउन बाल थे, जो उसपे चार चाँद लगा रहे थे.
मैने उसकी छूट को देखते ही चाटना शुरू कर दिया. क्या कमाल का स्वाद था उसकी छूट का. वो मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी, और मैं अपनी जीभ से उसको टीज़ कर रहा था.
फिर मैने अपना अंडरवेर उतरा, और मेरा लंड स्प्रिंग की तरह उछाल कर बाहर आ गया. वो मेरा लंड देख कर शर्मा गयी. फिर मैने उसको कहा-
मैं: इसको चूसोगी?
अलीशा: हाहाहा, नही.
फिर मैं उसकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा. उसकी सिसकारिया बढ़ गयी, और मेरा लंड उसकी छूट के पानी से गीला हो गया.
फिर मैने लंड छूट के च्छेद पर सेट किया, और दबाव बनाया. लंड धीरे-धीरे उस जन्नत में जाने लगा, और मुझे अद्भुत सुख की अनुभूति होनी शुरू हो गयी.
3-4 सेकेंड्स में मेरे लंड का टोपा उसकी छूट में चला गया. एक बार तो मुझे लगा मैं गया, लेकिन मैने अपने आप पर कंट्रोल कर लिया. फिर मैं दबाव बनता गया, और लंड अंदर जाता गया.
वो आ आहह करती रही, और मेरा पूरा लंड उसकी छूट के अंदर चला गया. उसकी छूट से तोड़ा खूब भी निकला, लेकिन ये तो होना ही था. लंड पूरा जाने पर उसको दर्द हो रहा था, तो मैने उसको किस करना शुरू कर दिया.
कुछ ही सेकेंड्स में उसका दर्द कम हुआ, और मैने धक्के लगाने शुरू कर दिया. फिर वो मज़े में आ गयी, और मेरे होंठो को चूमने लगी. मैं उसको चूस-चूस कर छोड़ने का मज़ा ले रहा था.
उसके निपल्स लाल हो गये थे, और गले पर भी मेरे दांतो के निशान थे. फिर मैं आ आ करने लगा, तो उसने कहा-
अलीशा: अंदर मत निकाल देना, पंगा पद जाएगा.
तो मैने लंड बाहर निकाल लिया, और अपना माल उसके पेट पर निकाल दिया. हम दोनो को चुदाई में बहुत मज़ा आया. फिर कुछ देर हम वही रुके, और नंगे ही लेते रहे.
मेरी नज़र उसकी सेक्सी गांद पर थी, और मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. मैने उससे पूछा-
मैं: गांद मारने डोगी.
अलीशा: पागल हो क्या, छूट का दर्द अभी गया नही, और तुम्हे गांद छोड़नी है. नही हो सकता.
फिर हमने अपने कपड़े पहने, और वाहा से निकल गये. इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगला पार्ट पढ़िएगा ज़रूर.
अगर आपको ये कहानी पसंद आई हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.