मैं: वाह मेरी जान, तू तो साज-धज के बैठी है.
निशा: आपको खुश करने के लिए ये सब किया है. मुझे दर्र भी लग रहा था. और आपका प्यार भी मुझे आपकी तरफ खींच रहा था.
अब आयेज-
मैं: तो तू अब डरना बंद कर, और आजा मेरी जान.
निशा: रूको ना बेबी. मैं आपके अंकल को देख कर आती हू. और आपके लिए केसर का दूध भी बनाया है.
वो जल्दी से उठ कर जाने लगी. 5 मिनिट बाद आंटी अपनी पायल के साथ छम-छम की आवाज़ करते हुए आई. उसने मुझे दूध दिया, और मुझे अपने हाथ से प्यार से पिलाने लगी. मैने भी उसे पिलाया दूध.
दूध पीते हुए निशा के पिंक लिप्स को चूम भी रहा था. उसने फिर किचन का गाते बंद कर दिया, और मेरे उपर आ गयी. मैं उसके नीचे लेता था. मेरे अंदर अब सेक्स की गर्मी भर रही थी. मैने चूमते हुए कहा-
मैं: मेरी रानी, आज तुझे जाम के पूरी रात छोड़ूँगा.
निशा: वो तो आप रोज़ ही कर रहे हो. प्लीज़ आज तोड़ा आराम से करना. वरना मेरी आवाज़ बाहर गयी तो दोनो जाग जाएँगे.
मैं अब उसके गुलाबी होंठो को चूमने लगा. निशा भी मेरे बालों में हाथ घूमते हुए मेरा साथ दे रही थी. दोनो एक-दूसरे में डूबने लगे. निशा आँखें बंद करके मेरे होंठो को चूसने लगी.
निशा अपनी ज़ुबान से मेरे मूह से सलाइवा चूसने लगी. मैं भी उसके होंठो को 1 इंच तक खीच कर चूज़ जेया रहा था. इससे आंटी की सिसकियाँ निकल रही थी.
निशा: उम्म्म श उम्म्म. बेबी आप बहुत गरम और सेक्सी हो.
मैं उसके होंठो को चूस्टे हुए उसका ब्लाउस निकालने लगा. निशा ने भी जल्दी से मेरी शर्ट भी निकाल दी. फिर मेरे चेस्ट को चूमने लगी. मेरे साथ आंटी भी गरम हो गयी थी.
मैं अपने एक हाथ से उसकी सील गांद मसल रहा था. निशा अपने गरम मुलायम होंठो से मेरे निपल्स को चूमने लगी. इससे मेरे मूह से उहह उम्म्म निकल रहा था.
निशा: आज मैं भी आपको खूब प्यार करूँगी. आप मुझे हर बार बहुत गरम कर देते हो.
निशा मुझे चूमते हुए वो मेरा हाथ उपर करने लगी, और मेरे आर्म्स चाटने लगी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. निशा मेरे उपर खुले बालों में और ब्लॅक ब्रा में थी. जिसमे से बूब्स मेरी चेस्ट पर लग रहे थे.
वो अपनी ज़ुबान से कुत्ते की तरह मेरी आर्म्स चाट रही थी. दोनो तरफ से खूब आचे से उसने छाता. निशा को मज़ा आ रहा था. मैं उसके मुलायम जिस्म को उपर से मसल रहा था.
अब मैने उसकी कमर पकड़ कर अपने नीचे किया. निशा के दोनो हाथ अपने हाथ से उपर किए. उसने भी मेरे हाथो को कस्स कर पकड़ लिया. इससे उसकी आर्म्स उभर कर बाहर आ गयी. मैं भी खूब दबा के आर्म्स चाटने लगा. इससे उसकी सिसकी निकल गयी.
निशा: उहह श बेबी. कितना मज़ा आ रहा है मैं बता नही सकती हू. लोवे योउ आह.
10 मिनिट दोनो आर्म्स को चाटने के बाद मैं अब उसके गले और गालों को चाटने लगा. निशा के गोरे गाल को मूह में लेके 2 इंच तक उपर खींच देता.
निशा: आह बाबा, कितना अछा प्यार करते हो आप. कसम से आज तक इतना मज़ा कभी नही आया.
निशा ने भी मेरा गाल इसी तरह खींचे और हासणे लगी. अब मैने उसकी ब्रा खीच कर निकाल दी. इससे उसकी ब्रा का हुक टूट गया. वो डरते हुए बोली-
निशा: ये आपने क्या किया? तोड़ा आराम से करो ना. पूरी ब्रा खराब कर दी.
मैने उससे गुस्से में देखा. इससे वो चुप हो गयी. फिर मैं एक हाथ से उसका रिघ्त बूब दबाने लगा. दूसरे वाले को मूह में लेके चूसने लगा. मैं काफ़ी ज़ोर से बूब्स दबा रहा था, जिससे उसे दर्द होने लगा.
निशा: आह उहह उफ़फ्फ़ श. प्लीज़, प्लीज़ धीरे करो. दर्द हो रहा है. आज क्या हो गया है आपको?
मैं: मेरी रंडी, तेरा गरम जिस्म मुझे और गरम कर रहा है. आज तू मुझे रोक मत.
निशा: उम्म्म उहह आह. हाहा बेबी. चूसो ना मुझे.
मैं बारी-बारी से उसके दोनो निपल को खूब बुरी तरह से चूसने लगा था. निपल को मूह में लेके 2 इंच तक उपर खींचता, जिससे उसकी सिसकी निकल जाती. निशा को खूब मज़ा आ रहा था.
निशा: श आह उहह. बेबी एस मज़ा आ रहा है. पी जाओ मेरे बूब्स. सब आपके ही है.
निशा के बूब्स चूस्टा हुआ मैने उसकी सारी निकाल दी, और पेटिकोट भी उतार कर फेंक दिया. निशा मेरे सामने पनटी में थी. उसने कहा-
निशा: मुझे नंगा कर दिया. खुद अभी तक कपड़ों में हो.
मैने भी अपनी जीन्स उतार दी. ककचे में मेरा लोड्ा बाहर आने को तड़प रहा था. मैं फिरसे उसके बूब्स को मसल-मसल के चूसने लगा. आंटी को मज़ा आ रहा था.
निशा मेरी नंगी पीठ में हाथ घुमा रही थी.
करीब 30 मिनिट तक मैने दोस्त की मा के बूब्स चूज़. इससे उसके दोनो बूब्स लाल हो गये थे. निशा अब उठी और मुझे लिटने लगी. खुद आयेज आ कर मेरी नाभि को चाट कर. मेरे लोड को ककचे के उपर से किस कर रही थी.
निशा: देखो ना कितना बड़ा है आज. इतना बड़ा कैसे लग रहा है? मेरी जान फिरसे निकलेगा. अभी इसका सारा रस्स निकाल दूँगी.
फिर निशा ने मेरा कक्चा निकाल दिया, और उसके सामने मेरा 7 इंच का लंड था, जिसे वो गौर से देखने लगी. फिर वो मुझे देख कर हासणे लगी. निशा ने लंड को बिना पकड़े टोपे को किस किया.
मैने कहा: श कहा से सीखा है?
निशा: पॉर्न देख कर. जिससे आपको मैं और मज़ा दे साकु.
फिर मुस्कुराते हुए वो टोपे को चाटने लगी. निशा ने अपनी ज़ुबान लंड के टोपे पर घूमना शुरू किया. वो खूब आचे से अब लोड को चाटने लगी. इससे लंड फुल कड़क हो गया. अपने मुलायम हाथो से वो बॉल्स को सहला रही थी.
अब उसने 5 मिनिट तक मेरे काले लंड को छाता. चाट-चाट कर पूरा गीला कर दिया. निशा ने लोड को पूरा एक साथ मूह में भर लिया. वो 6 इंच ही मूह में ले पाई थी.
फिर वो धीरे-धीरे लोड को चूसने लगी. मेरे मूह से आह निकल गयी. निशा के होंठ लंड पर चल रहे थे. जब वो चूस्टी तो उसके बाल आयेज की तरफ आ रहे थे. दोस्तों किचन का माहौल गरम हो गया था.
मेरे रंडी दोस्त की मा खूब आचे से चूस रही थी. 10 मिनिट तक उसने लंड को चूसा. अब मैने अपना एक पैर उसके मूह पर दबाया, जिससे लंड पूरा मूह में चला गया.
निशा झपटाने लगी थी. मैने पैर से मूह लंड में दबाए रखा था करीब 2 से 3 मिनिट तक. निशा का मूह लंड में था. उसकी आँखें बड़ी हो गयी थी. निशा के मूह से उम्म्म उम्म उहह निकल रहा था. फिर मैने पैर हटाया, और उसने मूह एक-दूं से उपर किया. वो ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेने लगी और बोली-
निशा: क्या कर रहे हो आप? मेरी जान आज ही निकाल दोगे आप. प्लीज़, आपका बहुत बड़ा है. मुझसे पूरा अंदर नही लिया जाता.
मैं: मेरी रानी, मुझसे रहा नही जेया रहा. तू इतनी सेक्सी है की मेरे अंदर का हवस का पुजारी बाहर आ जाता है.
फिर मैं बैठ गया, और आंटी के बाल पकड़ कर उसका मूह लंड में दबाने लगा. मैने एक बार में लोड्ा मूह में तूस दिया. निशा कुटिया की तरह झुकी हुई थी. मैने अपने दोनो पैर फैला दिए, और उसका मूह उपर-नीचे करने लगा.
मैं: मेरी जान, मेरे रंडी. क्या मस्त लोड्ा चूस्टी है तू. आज तुझे पूरी रात ऐसे ही छोड़ूँगा. आह, चूस-चूस साली, और चूस. मज़ा आ रहा है. ले मेरा लोड्ा पूरा.
करीब 10 मिनिट तक मैने उसका मूह उपर-नीचे लंड में दबाया. इससे आंटी के मूह से थूक भी बॉल्स पर निकल रहा था. फिर मैने मूह उपर किया तो उसकी आँखों में आँसू थे. निशा मुस्कुरा कर बोली-
निशा: उम्म्म, आप बहुत ज़ालिम हो. मज़ा आ रहा है. प्लीज़ और करो. मुझे आपके लोड की गर्मी निकालनी है. मुझे चूसना है आपका लंड.
मैने फिरसे उसका मूह लंड में दबाया. निशा भी अपनी ज़ुबान घुमा रही थी. मैं तो जन्नत में मज़ा ले रहा था. निशा पूरी रंडी की तरह मुझे मज़ा दे रही थी.
अब मैं खड़ा हो गया. मैने निशा का मूह खोला और एक बॉल उसके मूह में दे दिया. निशा आँखें बंद करके आचे से मेरी बॉल्स को चूस रही थी, और बोली-
निशा: आपके ये काले जामुन मुझे बहुत पसंद है. लोवे योउ बेबी.
वो बारी-बारी से मेरी बॉल्स चूसने लगी. 10 मिनिट तक उसने आचे से बॉल्स को चूसा. निशा के चेहरे पर खुशी थी. मैने उसके होंठ चूमते हुए कहा-
मैं: क्या मेरे जान. आज तो तू पूरा मज़ा ले रही है.
निशा: तो ना लू? आप वैसे भी मेरे सुनते नही हो. इसलिए फ़ायदा इसमे ही है, की मैं भी आपके साथ खुल के मज़ा लू. मुझे भी अछा लग रहा है. आप मुझे पूरा बिगाड़ रहे हो.
मैं: तू मेरी रंडी है. तोड़ा बिगड़ जाएगी तो अछा है. तुझे खूब मज़ा आएगा. तेरी जवानी का रस्स पीना है मुझे.
निशा: मेरे राजा जी, सब आपका ही है. आपको कों रोक रहा है?
ये बोल कर उसने मेरे गाल चूम लिए. मुझसे लिपट कर मुझे पुर चेहरे पर चूमे जेया रही थी. निशा की छूट में मैं हाथ डाल कर छूट की पलकों को मसल रहा था. वो सिसक रही थी. छूट भी पूरी गीली हो चुकी थी.
फिर मैं नीचे लेट गया, और उससे कहा-
मैं: चल मेरी रानी, अपनी छूट मेरे मूह पर रख. तेरी छूट का रस्स पीना है.
निशा: हा मेरे राजा. पी लो अब, मेरी छूट को भी अपनी ज़ुबान का जादू दिखाओ.
निशा हेस्ट हुए मेरे मूह पर अपनी बालों वाली छूट लेके बैठ गयी. मैने बाल देख कर छूट को नोच कर कहा-
मैं: साली तुझे बोला ना बाल सॉफ होने चाहिए.
निशा: ह आह बेबी. रूको ना आज कहा टाइम मिला है. कल आपको छूट सॉफ मिलेगी बस.
मैने अब आंटी की गीली छूट पर ज़ुबान घूमना शुरू किया. इससे दोस्त की मॅमी की कामुक नज़रे बंद हो गयी. निशा मेरी ज़ुबान पर अपनी छूट रग़ाद रही थी.
निशा: श श उहह उम्म्म एस एस बेबी. और छातो ना मेरे राजा. बहुत मज़ा आ रहा है.
निशा: हा हा बाबू. छातो और करो. खा जाओ बाबू.
मैं गांद मसालते हुए आंटी की छूट को कुत्ते की तरह छाते जेया रहा था. निशा की गीली छूट की पलकों को ज़ुबान से मसल-मसल कर चाटने लगा. दोस्तों मेरी रंडी की छूट बहुत टेस्टी थी.
अब मैने उसकी फटी हुई छूट में अपनी ज़ुबान घुसा दी. छूट के च्छेद में ज़ुबान से खुदाई करने लगा था. निशा ने अपनी छूट मेरे मूह में दबा दी थी. उसके अंदर सेक्स की आग भड़क रही थी.
गांद को मसल कर छूट को चूसने का मज़ा ही अलग है. निशा के मूह से सिसकियाँ निकले जेया रही थी. जब मैं ज़ुबान छूट के अंदर मसल रहा था-
निशा: आह उहह उहह उम्म्म. एस एस आह बेबी और करो.
15 मिनिट छूट चाटने के बाद आंटी की छूट के क्लाइटॉरिस को मूह से खींच कर चूसने लगा था. निशा की पलकों को खींच-खींच कर चूसने लगा. इससे आंटी का बदन अकड़ने लगा था. 10 मिनिट बिना रुके चूज़ जेया रहा था.
निशा: श श उफ़फ्फ़ आह. उम्म्म बेबी और चूसो ना. बस मेरी छूट का झरना बह रहा है. रूको मत मेरे बाबू.
निशा ने अपनी छूट एक-दूं से मेरे मूह में दबा दी. उसने आँखें बंद करके मेरे मूह में अपना रस्स छ्चोड़ दिया. मैं सारा रस्स मूह से गले में उतारने लगा. 5 मिनिट तक वो मेरे मूह पर बैठी रही. मैं छूट को चूस्टा रहा.
दोस्तों अभी आंटी की चुदाई बाकी है. नेक्स्ट भाग में पढ़िए कैसे मैने निशा की छूट का भोंसड़ा बनाया.
मुझे कहानी पढ़ने के बाद [email protected] पर मैल करे. चुदाई का किसी को सुख चाहिए तो मुझे मेसेज करे. पूरी प्राइवसी मिलेगी.
थॅंक्स.