हेलो दोस्तों, ई’म दुस्तयरोककेर9196 आंड मैं वापस आ गया हू अपनी एक और स्टोरी के साथ जो की एक सेक्सी अजनबी भाभी के साथ है. वो मुझे तब मिली, जब मैं लुक्कणोव के गोरखपुर जेया रहा था. थॅंक योउ फॉर युवर रेस्पॉन्स तो मी प्रीवियस स्टोरी “30 यियर्ज़ ओल्ड वर्जिन आंट.”
अब बिना आपका टाइम वेस्ट किए, मैं स्टोरी शुरू करता हू. मेरी गफ़ लुक्कणोव में रह कर अपने गाते एग्ज़ॅम की तैयारी कर रही थी (उसके बारे में मैं हम बाद में बात करेंगे).
मैं अपने होएतॉवन् गोरखपुर वापस आ रहा था, और मैं एक दिन पहले पहुँच कर अपनी गफ़ को सर्प्राइज़ देना चाहता था. सेक्स कम होने की वजह से हम दोनो बहुत हॉर्नी फील कर रहे थे. और एक दिन पहले आना उसके लिए एक बहुत अछा सर्प्राइज़ होने वाला था.
मैं जनरत बस में बैठा, और मैने विंडो सीट लेली. कुछ टाइम बाद एक भाभी जिसका नाम दीपिका(जो मुझे बाद में पता चला) था, वो आई. बस पूरी भारी हुई नही थी, और बहुत सी सीट्स खाली थी. फिर भी वो भाभी मेरे बगल वाली सीट पर आके बैठ गयी, और खुद बात स्टार्ट की, की मैं क्या करता हू आंड ऑल.
मैने भी उससे पूछा: आप अकेले ट्रॅवेल कर रही है?
तो उन्होने बोला की उनके हज़्बेंड देल्ही में काम करते थे, और छुट्टी ना मिलने के कारण वो अकेले अपने घर आई थी फेस्टिवल के लिए. और ट्रेन टिकेट ना मिलने के कारण बस से देल्ही ट्रॅवेल कर रही.
हम ऐसे ही बातें करते रहे. शी वाज़ आ बस्टी गर्ल. बस की हाइ स्पीड के कारण हमारा बगल का शरीर एक दूसरे से टच हो रहा था. मुझे सेक्स तो चढ़ा हुआ ही था काई दिन से सेक्स ना मिलने के कारण, तो मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा.
भाभी की भी नज़र लंड पे पड़ी, और वो तोड़ा अड्जस्ट हुई. बुत पता नही क्यू मुझे ऐसा लगा की उन्होने अड्जस्ट होने के चक्कर में अपना पल्लू और हटा दिया, और सोने का नाटक करने लगी.
मुझसे कंट्रोल नही हुआ. हम बस की 2न्ड लास्ट सीट पे बैठे थे, और हमारे पीछे कोई नही था. और एक बार मुझे ऐसा लगा की भाभी हल्की सी आँख खोल के मुझे देख रही थी, की मैं कुछ कर क्यूँ नही रहा था. और उनके चेहरे पे हल्की की स्माइल आई.
मैं समझ गया वो खुद कुछ चाहती थी. मैने बिना देर किया अपना एक हाथ उसके मूह पे और दूसरा हाथ उनकी एक चूची पे रख दिया, और दबाने लगा. उसने अपनी आँखें खोली, और ज़्यादा नाटक नही किया.
मैं समझ गया वो साथ देगी, और अपना हाथ उसके मूह से हटा लिया.
तब भाभी बोली: ये क्या कर रहे हो?
मैने बोला: वही जो आप चाहती हो.
और ये सुन के भाभी हस्स दी. अब हमने किस किया. क्या बतौ दोस्तों, उसके लिप्स कितने जुवैसी थे. मैं तो उसको चूमता ही रह गया. फिर आधे घंटे बाद बस एक ढाबे पे रुकी, और सब नीचे उतरे खाने-पीने के लिए.
हम दोनो भी उतरे, और भाभी बातरूम गयी, और फिर बाहर आके मेरे साथ बात करने लगी. अब अलग तरह की हस्सी थी उनके चेहरे पे थी.
मैने पूछा: क्या हुआ?
तो वो कुछ बोली नही. फिर बस स्टार्ट हुई, और हम वापस अपने सीट पे बैठ गये, और फिर स्टार्ट किया. जब मैने उनके बूब्स पे हाथ रखा, तो पता चला उन्होने अंदर से ब्रा हटा दी थी.
तब मैने बोला: इसीलिए तुम हस्स रही थी?
तो वो बोली: हा, मेरे बाबू को दिक्कत हो रही थी, तो मैने हटा दी.
और ये सुनते ही मैं उसको किस करने लगा, और उसके ब्लाउस के अंदर हाथ डाल के उसके बूब्स दबाने लगा. क्या बतौ दोस्तों कितना मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसका ब्लाउस खोल दिया, और लिप्स और नेक पे किस करते हुए उसके बूब्स तक पहुँच गया.
मैं अब उसके बूब्स चूसने लगा, और बस में होने के कारण उसने धीरे-धीरे सिसकारियाँ लेनी स्टार्ट की.
भाभी: ओहो बेबी, और चूसो, मज़ा आ रहा है ह. और तेज़ सक करो.
ये सब के चक्कर में मैं अपना लंड बाहर निकालना भूल ही गया था, और पंत के अंदर वो दर्द करने लगा था दबने की वजह से. तो ये बात मैने भाभी को बताई.
उसने तुरंत मेरे पंत का बटन खोला. मैं तोड़ा सा उपर उठा, और उन्होने पंत और अंडरवेर एक साथ थोड़े नीचे कर दिए. (हुमको दर्र नही था ज़्यादा किसी का, क्यूंकी हमारे पीछे कोई बैठा नही था, और हमारे आयेज भी 1-2 रो तक).
मेरे लंड को भाभी ने अपने हाथ में रख कर एक-दो बार उपर-नीचे किया, और बिना कोई सिग्नल दिए अचानक से नीचे झुक गयी साइड्वेस, और मेरा लंड सीधे अपने मूह में ले लिया.
क्या बतौ दोस्तों, मैं तो जन्नत में पहुँच गया. भाभी इतना मस्त चूस रही थी की क्या बतौ. और 5 मिनिट में ही मैं उनके मूह में झाड़ गया. वो सारा माल पीने के बाद 5 मिनिट मेरे लंड को सॉफ करने के बाद उपर आई, और स्माइल करती रही.
मैने उनको किस किया, और फिर कान के पास जाके बोला: अब मेरी बारी.
और मैने उनको विंडो साइड बैठने को कहा. वो उठी, और विंडो साइड जाके अपना सारी और पेटिकोट खुद अपनी गांद तक उठा के बैठ गयी. तब मुझे पता चला भाभी ने अपनी पनटी भी उतार दी थी उस टाइम बातरूम में.
मैं खुश हुआ, और उनको कस्स के चुम्मि ली, और उनके लिप्स काट लिए. उसके बाद मैने हॅंड रेल उठाई, और सीट में साइड्वेस लेट गया, और उनका एक पैर उठा के अपना फेस उनकी छूट के पास ले गया, और छूट पर किस किया. वो सिसकी मारने लगी, और मेरे बालों में अपना हाथ डाल के मेरा सर अपनी छूट पे दबाने लगी.
मैं कभी उनकी छूट में अपनी 1 उंगली, तो कभी 2 उंगली, तो कभी अपनी टंग अंदर-बाहर करता. फिर 15 मिनिट बाद वो झाड़ गयी, और मैने उनका सारा माल पी लिया, और सही से बैठ गया.
उसने अपनी आँखें बंद की, और सीट को बॅक करके 10-15 मिनिट पवर नाप लिया. तभी उनके पति का फोन आया, और उसने बोला-
पति: तुम आ रही हो ना?
तब भाभी मेरी तरफ देखी. मेरे लंड को हाथ में पकड़ के उपर-नीचे किया, और अपने हज़्बेंड से बोली-
भाभी: मैं निकल गयी हू घर से. बुत लुक्कणोव में अपने एक फ्रेंड के पास आज रुकूंगी, और कल निकलूंगी.
और मुझे देख के हासणे लगी. फोन काटने के बाद मैने बोला-
मे: भाभी क्या प्लान है?
तो वो बोली: ओरल करके ही तुम्हारा मॅन भर गया क्या?
मैने कहा: नही.
तब वो बोली: चलो लुक्कणोव में च्लते है, और रूम बुक करते है.
बाकी की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. कोई भी आंटी, भाभी, लड़की किसी भी टाइप का रीलेशन चाहती हो, तो कॉंटॅक्ट मे अट- [email protected] ई’म फ्री तो ट्रॅवेल अट अन्यप्लसे फॉर थे सीक्रेट रिलेशन्षिप. प्राइवसी विल बे मेंटेंड. telegram par aaye hot sex chat ke liye @iaks121