मेरा नाम राजन है, और मैं आज अपनी लाइफ के सबसे पहले सेक्स की एक घटना ले कर आया हूँ. जो मैं जवानी मे कदम र्खते ही कर लिया था. दोस्तो ये कहानी एक दम साची है, और एक बहोट ही मस्त लड़की की चुदाई की कहानी है. मुझे पूरी उमीद है, की आपको मेरी कहानी पढ़ कर बहोट ही मज़ा आएगा.
दोस्तो मुझे शुरू से ही जवान होती लड़किया बहोट ही पसंद आती थी. क्योकि जब उनके छ्होटे छ्होटे बूब्स जब बड़े होते है. तो सच मे बहोट मस्त लगते है. उनकी कवरी छूट पर एक बाल तक न्ही होता.
जिस वजह से उनकी छूट को छत छत कर उसका पानी पीने मे भी बहोट मज़ा आता है. उनकी एक एक अदा नॅचुरल होती है, दोस्तो कसम से अगर आपको ऐसी कोई जवान होती लड़की की छूट मरने का मोका मिले. तो उससे पहले आप एक बार मेरी ये कहानी ज़रूर पढ़ ले.
क्योकि मैं आपको बटुंगा, की केसे ऐसी लड़कियो को पागल करके खुद ही चूड़ने के लिए मजबोर किया जाता है. अब मैं आपका ज़रा भी टाइम खराब न्ही करूँगा. सीधा ही अपनी कहानी शुरू करता हूँ.
मेरी उमर 22 साल है, और मैं डिप्लोमा कर रा हूँ. बात आज से एक महीने पहले की है. जब मैने अपने एग्ज़ॅम दे कर अभी फ्री हुआ था. मेरी एक महीने की चुट्टिया थी, जिसे मैं घर पर बैठ कर आराम से एंजाय कर रा था.
दोस्तो, मैं दिखने मे एक गुड लुकिंग वाला लड़का हूँ. मेरे घर मे मैं मेरे मम्मी पापा और मेरी एक बड़ी बहें रहती है. हम सब देल्ही मे रहते है. मेरे पापा का अपना एलेक्ट्रॉनिक्स का काम है.
आज जो मैं बात आपको बताने जा रा हूँ, वो उस टाइम की है. जब मैं 18 का जस्ट अभी हुआ ही था. मैं घर पर अपने रूम मे बैठा हुआ था, तभी अचानक घर की डोर बेल बाजी. मैं उठ कर डोर ओपन करने के लिए गया, तो देखा व्हन एक अंकल खड़े है.
मैने उनको नासमटे करी, और अपने रूम मे वापिस जाने लगा. पर तभी पीछे से मुझे ऐसा लगा की तेज़ रोशनी आ र्ही है. जब मैने पीछे मूड कर देखा, तो अंकल के पीछे एक पारी जेसी लड़की अंदर आ र्ही है.
उसके हाथ मे एक छ्होटा सा बेग था, उसके गोरे चेहरे पर धूप पद र्ही थी. इसलिए रूम मे वो एक बल्ब की तरह चमकाने लग गयइ थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया, मुझे ऐसा लगा की मानो हुमारे घर मे एक पारी आसमान से उतार कर आ गयइ है.
फिर मैने अंकल को सोफे पर बिताया. बतो ही बतो मे अंकल ने मुझे ब्टाया की ये उनकी लड़की सोनिया है. इसने अभी अभी +2 पास करी है. अब इसने देल्ही के गर्ल्स कॉलेज मे अददमीससिओं लेना है. इसलिए इसका परसो एग्ज़ॅम है, मैं इसके साथ वो ही एग्ज़ॅम दिलाने के लिए आया हूँ.
मैं उनकी बात से साँझ गया, की सोनिया हुमारे घर दो दिन तो रहने वाली है ही अब. मेरी नज़र बार बार सोनिया पर जा कर रुक र्ही थी. उसकी उमर भी 18 साल की थी, उसने अभी अभी जवानी मे कदम र्खा था. क्योकि उसका जिस्म अभी भर रा था, उसके बूब्स ना तो ज़्यादा बड़े थे, और ना ही ज़्यादा छ्होटे.
सोनिया एक मोटी लड़की न्ही थी, पर उसके बूब्स और गंद एक भरे भरे लग र्हे थे. जो उसके पतले से शेरर पर बहोट आचे लग र्हे थे. मुझे उसके बूब्स इतने आचे लग र्हे थे. की मेरा मान कर रा था, की अभी उसका टॉप फाड़ कर मैं उसके बूब्स बाहर निकल लून. और उसके दोनो बूब्स को एक साथ अपने मूह मे भर के चूस लून.
सोनिया ने मुझे उसे घुरते हुए देख लिया था. फिर मम्मी ने उनके लिए लंच बना और लंच के बाद उसके पापा सो गये. और सोनिया मेरी बहें के साथ बातें करने लग गयइ.
उन दीनो गर्मिया चल र्ही थी, इसलिए अब मुझे भी नींद आ र्ही थी. मैं अपने रूम मे जा कर सो गया. जब मैं शाम को उठा तो देखा की सोनिया दीदी के रूम मे बैठ कर पढ़ र्ही थी.
मैने ढयन से देखा तो मुझे दिखा की सोनिया अभी बातरूम मे से नहा कर बेड पर बैठी हुई है. उसके लंबे काले बाल गीले थे, और वो बेड पर चादर ले कर बैठी हुई थी. तभी मैं अंदर आ कर बातरूम की और जाने लगा, तभी मुझे अंदर आते देख कर वो अचानक ही खड़ी होने लग गयइ.
उसने जेसे ही चादर से हटाई तो मैं उसे ही देखता रह गया. क्योकि सोनिया ने उस टाइम स्कर्ट डाली हुई थी. जो मुश्किल से उसके घुटनो तक आ र्ही थी. जेसे ही वो बेड से नीचे उतरने लगी, तो उसकी स्कर्ट एक साइड से उपेर उठ गयइ.
जिस वजह से मेरे सामने उसकी पूरी गोरी नंगी जाग मेरे सामने आ गयइ. मैं उसको देख कर पागल हो गया. उसकी गोरी जाग पर एक बड़ा सा काले रंग टिल था, जो उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रा था.
मेरा तो उसको इस हालत मे देख कर दिमाग़ खराब हो गया. मेरा मान कर रा था, की अभी उसकी जगह पर गरम हनी दल कर अपनी जीब से सारा चाट लून. मैने आज तक नंगी टाँगे तक न्ही देखी थी. पर आज मुझे टाँगे क्या नंगी जंघे देखने को मिल र्ही थी.
सोनिया ने स्कर्ट के उपेर एक गुलाबी रंग का कुर्ता डाला हुआ था. वो मुझे देख र्ही थी और मैं उसे देख रा था. पर हम दोनो आपस मे कुछ न्ही बोल र्हे थे. फिर सोनिया ने ना जाने क्या सोचा. उसने बेड के किनारे पर अपने पैर नीचे लटका लिए और आँखें बंद करके बेड पर ल्ट गयइ.
मैं अब रूम से बाहर आ गया, पर मैं रूम के दरवाजे के बाहर ही खड़ा अंदर देख रा था. फिर सोनिया पलट गयइ, अब वो अपने पेट के बाल बेड पर लेआतई हुई थी. जेसे ही उसने अपनी टाँगे हवा मे लटकनी शुरू करी.
तभी उसकी स्कर्ट थोड़ी उपेर उठी और उसके आधे चुटटर नंगे हो गये. मुझे उसकी ब्लॅक कलर की पनटी सॉफ सॉफ दिख र्ही थी. जिसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मेरा मान कर रा था, की अभी अपना लंड बाहर निकालून और अपना लंड सीधा सोनिया की छूट मे दल कर उसकी छूट फाड़ कर र्ख डून.
पर उस टाइम मैने अपना लंड मसल कर ही अपने आप पर तोड़ा कंट्रोल कर लिया. क्योकि मेरी ये सोच थी, की जब तक लड़का लड़की मे आग न्ही लगी होती. तब तक सेक्स करने मे ज़रा भी मज़ा न्ही आता है. इसलिए अब मैं प्लान बना कर सोनिया को छोड़ने की सोची.
दोस्तो, मैं क्या और केसे प्लान बनाया. और फिर क्या मेरे प्लान से मैं सोनिया को छोड़ पाया या न्ही. ये सब आप इस कहानी के अगले और फाइनल पार्ट मे जनांगे, आपको मेरी ये कहानी अब तक केसी लगी. मुझे अपना रिव्यू देना मत भूलना.