ही दोस्तो, उमिद है आपको कुवारि सोनिया की चुदाई स्टोरी पसंद आ रही है, अब आयेज पढ़िए..
मैं अपने दिमाग़ मे सोनिया को छोड़ने का प्लान बनाने लग गया. इतने मे रात हो गयइ, रात को हम सब ने एक साथ बैठ कर डिन्नर किया. डिन्नर के बाद सब अपने अपने रूम मे सोने के लिए चले गये.
उसके पापा गेस्ट रूम मे चले गये, और मेरे मम्मी पापा अपने रूम मे चले गये. मेरी बड़ी बहें का की त्यारी कर र्ही है. इसलिए रात को लाते सोती है, पर दीदी स्टडी कम रात भर च्चत पर अपने बॉय फ्रेंड से बातें ज़्यादा करती है.
मेरी दीदी को शायद ये न्ही पता था, की मुझे इस बात का पता है. क्योकि मैने आज तक दीदी से इस बारे कभी बात ही न्ही करी. डिन्नर के बाद सोनिया दीदी के रूम मे स्टडी करने के लिए चली गयइ.
और मेरी बहें उपेर अपने यार से बातें छोड़ने के लिए चली गयइ. मैं दीदी के रूम मे ऐसे ही किसी बहाने से घुसा जेसे दीदी अंदर रूम मे ही हो.
मैं – दीदी प्लीज़ यार आप मेरी शर्ट दो मुझे कल दल कर बाहर जाना है.
मेरी आवाज़ सुन कर सोनिया बोली – दीदी तो यहाँ न्ही है, शायद वो च्चत पर गयइ है किसी काम से.
मैं – ओक.
मैं ये कह कर वापिस जाने ही वाला था, की तभी सोनिया ने मुझे से आवाज़ देते हुए खा – सुनिए वेसए आप कों से स्कूल मे पढ़ते हो ?
मुझे बस इसी पल का इंतेज़ार था, मैं रुका और वापिस मूड कर दीदी के बिस्तर पर बैठ गया. मैं फिर सोनिया से बात करने लग गया. दीदी का बिस्तर एक दम स्टडी टेबल के साथ ही था.
मेरे साथ ही सोनिया बैठी हुई थी, उसने एक शॉर्ट स्कर्ट और एक खुला सा टॉप डाला हुआ था. जिसमे उसके बूब्स मुझे बहोट आचे लग र्हे थे. नीचे उसकी गोरी चींकी टाँगे मेरे मूह मे पानी भर र्ही थी.
तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया, मैं टेबल पर पड़े पेन से खेलते हुए. सोनिया से बातें करने लग गया, मैने ऐसे ही जान भुज कर पेन नीचे गिरा दिया.
जिसे उठाने के लिए, वो नीचे झुक गयइ. जब सोनिया ने पेन उताया तो मेरे सामने उसके नंगे बूब्स आ गये. मुझे तो उसके रिघ्त वेल बूब्स का निपल भी दिख गया.
दोस्तो मैने उस टाइम खुला सा पाजामा डाला हुआ था. जिसमे मेरा लंड उसके बूब्स देख कर पूरा खड़ा हो गया. मेरे पाजामे मे मेरे लंड ने तंबू बना दिया था.
मैं और मेरा लंड सोनिया को देख मार पूरी तरह से पागल हो चुका था. फिर जब उसने देखा की मैं उसके बूब्स को लगातार घूर रा हूँ, तो सोनिया बोली.
सोनिया – मैं आई.
ये कह कर वो बाहर चली गयइ, मैने 5 मिनिट तक उसका वेट किया. पर सोनिया न्ही आई, इसलिए मैं उठा और इधेर उधेर उसे देखने लग गया.
पर सोनिया मुझे किन न्ही दिख र्ही थी. फिर मैं किचन मे गया तो मैने देखा की सोनिया फ्रिड्ज खोल कर उसमे कुछ ढूंड र्ही थी. फ्रिड्ज की लाइट मे उसका टॉप और उसके बूब्स मस्त चमक र्हे थे.
तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया, मैं तभी ज़ोर से चीलाया.
मैं – एयाया छिपकली.
छिपकली सुनते ही सोनिया बुरी तरह से दर गयइ और मुझसे आकर लिपट गयइ. मेरा लंड पहले से ही खड़ा था, जो उसके पेट पर जा कर लग रा था.उसका गरम नरम जिस्म मुझे बहोट ही अछा लग रा था. सोनिया भी मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी र्ही, और जब वो नॉर्मल हुई तो मुझसे अलग हो कर बोली.
सोनिया – सॉरी मैं दर गयइ थी.
मैं – कोई बात न्ही.
मैने देखा की सोनिया ज़ोर ज़ोर से लंबी लंबी साँसे भर र्ही थी. उसके बूब्स उपेर नीचे हो र्हे थे. मुझे समझते देर न्ही लगी, की सोनिया गरम हो चुकी है, वो सिर्फ़ मेरे लंड को देख र्ही थी. मैं हिम्मत करके उसके पास गया और उसे अपनी बाहों मे भर लिया. सोनिया ने मुझे कुछ न्ही खा. फिर मैं सोनिया के होंठो को अपने होंठो मे भर कर उसे किस्सिंग करने लग गया. धीरे धीरे वो भी मुझे किस करने लग गयइ.
हम दोनो एक दूसरे के होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूस र्ही थी. फिर मैने उसे किचन मे फ्रेश की स्लॅप पर बिता दिया. मैने सीधा उसकी दोनो टॅंगो को खोल कर अपने दंटो से उसकी पनटी को नीचे किया. और अपनी जीब से उसकी कोमल छूट को चाटने लग गया. उसकी छूट बहोट ही सॉफ्ट और कमाल की थी. मैने उसकी छूट को ज़ोर ज़ोर से चाटने लग गया.
अब सोनिया की भी बुरी हालत हो र्ही थी, उसके मूह से आहह अहः की मस्त आवाज़ें निकल र्ही थी. वो अपने दोनो हाथो से मेरे सिर को अपनी छूट मे दबा र्ही थी. मुझे ऐसा लग रा था, ये साली मेरा सिर अपनी छूट मे डलवाना चाहती है क्या ?
फिर कुछ ही देर मे उसकी छूट मे से पानी निकल गया, जिसे मैं छत छत कर पी गया. फिर मैने उसे नीचे ज़मीन बिताया और अपना लंड निकल कर उसके मूह के सामने कर दिया. सोनिया साँझ गयइ की मैं क्या चाहता हूँ, उसने मेरा लंड अपने मूह मे भर लिया और मेरे लंड को वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गयइ.
मैने सिर्फ़ 2 मिनिट ही उससे अपना लंड चुस्वाया, क्योकि किचन मे ये सब करना सेफ न्ही था. इसलिए फिर मैने उसे अपने साथ अपने बेडरूम मे ले कर गया. व्हन जाते ही मैने अपने डोर को अंदर से बंद किया. उसके बाद मैने से दीवार से लगा कर उसके सारे कपड़े निकले दिए.
मैं उसके बूब्स को पागल को तरह से चूसने लग गया. सोनिया के मूह से मस्ती से भारी सिसकारिया निकल र्ही थी. जिसे सुन कर मेरे अंदर एक अजीब सा जोश आ रा था. फिर मैने उसका सिर पकड़ नीचे दबा दिया.
सोनिया ने अब मेरा लंड अपनी जीब से चाटना शुरू कर दिया, जब मेरा लंड उसके मूह की गरम थूक से चिकना हो गया. तो मैने अपन लंड उसके मूह से निकल दिया. फिर मैने उसका एक पैर पास बड़ी चेर के उपेर र्ख और नीचे से अपना लंड उसकी छूट पर सेट करके उसके होंठो को अपने होंठो मे ले लिया.
फिर मैने उसकी कमर को कस्स कर पकड़ कर एक जोरदार ढाका मारा. जिससे मेरा लंड उसकी छूट को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया. लंड अंदर जाते ही सोनिया पूरी अकड़ गयइ और उसके मूह से छीलाने की आवाज़ आ र्ही थी. पर उसकी आवाज़ मेरे मूह मे ही डब कर रह गयइ.
मैने देर ना करते हुए एक और ढाका मारा जिसे मेरा लंड अब पूरा उसकी छूट मे समा चुका था. मैने नीचे देख, की उसकी तंग पर छूट से निकलता खून नीचे आ रा है. मेरा लंड पूरा खून से साना हुआ था. मेरे लंड ने उसकी छूट को फाड़ कर र्ख दिया था.
अब मैने उसे ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लग गया. कुछ ही देर की मेहनत ने सोनिया का सारा दर्द मज़े मे बदल दिया. अब मैने उसे दीवार के शहरे घोड़ी बना दिया और पीछे से मैं उसकी छूट को छोड़ने लग गया. सोनिया भी खूब अपनी गंद हिला हिला कर मुझसे अपनी छूट मरवा र्ही थी.
जब मेरा लंड का पानी निकालने वाला था, तब मैने लंड छूट से बाहर निकल कर उसके मूह पर सारा पानी निकल दिया. जिसे सोनिया ने छत छत कर अपने मूह मे भर लिया, और फिर उसे पी गयइ. कसम से दोस्तो उस रात हम दोनो ने पहली बार सेक्स किया था, और दोनो को जन्नत का मज़ा आया था.
फिर सोनिया का अड्मिशन देल्ही मे हो गया. अब हर हफ्ते मैं उसे छोड़ता हूँ. मुझे उमीद है, की आपको मेरी ये कहानी अची लगी होगी. मुझे सपोर्ट करने के लिए कहानी को लीके और शेर ज़रूर करें.
थॅंक्स.