किचन में दोस्त की मा के साथ सेज सजाई

ये बात सुन कर उसकी मा निशा चौंक कर मुस्कुराने लगी. मैने उसकी कमर ज़ोर से दबा दी. जिससे उसकी उहह निकल गयी. फोन पर उसका बेटा हस्स रहा था.

मैं: बोल ना जल्दी रुक सकता हू ना?

डीपू: तेरी ये गफ़ हा बोल दे तो रुक सकता है.

मैने उसकी मा से कहा: ले बोल मेरा दोस्त कुछ पूच रहा है.

निशा मुझे घूर के देखने लगी. मैने इशारे में कहा बोल ना.

निशा: हा आने दो आप.

डीपू: ठीक है भाई तू आ जाना.

उसने फोन रख दिया. निशा मेरे गाल खींच कर बोली-

निशा: आप ना बहुत नॉटी हो. अभी उसे पता चल जाता. आप ना किसी दिन मरवा दोगे.

मैं: कुछ नही होगा. मैं हू ना मेरी जान.

ये बोल कर मैं उसके नाज़ुक होंठो का रस्स पीने लगा. 5 मिनिट किस के बाद वो बोली-

निशा: अछा उठो अब. डीपू आने वाला होगा. आप जाओ अब रात को आ जाना. मुझे बहुत दर्र लग रहा है रात के बारे में सोच कर.

मैं: तू दर्र मत, मैं सब देख लूँगा.

उसके बाद मैं घर से अपने घर को निकल गया. मैं घर जेया कर सो गया, ताकि रात को जाग कर आंटी की छूट को रग़ाद साकु. मैने आज उसकी गांद मारने का इरादा किया.

मेरी आँख 8 बजे खुली. मैने घर पर जल्दी से खाना खाया, और कुछ बहाना बना कर कल आने को बोल दिया. उसके बाद मैं अपनी रंडी के पास निकल गया. मैने मेडिकल से नींद की गोली लेली, जो डीपू को और उसके पापा को सुलने के लिए थी. मेरा लोड्‍ा रात के थ्रिलर सेक्स के लिए एक्शिटेड था.

मैं 10 मिनिट में उसके घर पहुँच गया. घर पर डीपू और उसकी मा हॉल में थे. सब ने खाना खा लिया था. डीपू मुझे देख कर बोला.

डीपू: आ गया भाई. थोड़ी देर में चलते है रूम में.

मैं: हा भाई.

मेरे सामने उसकी मा बैठी थी. मुझे देख कर सेक्सी स्माइल दे रही थी. मैने उसे सेक्सी तरीके से आँख मार दी. फिर मेरे खड़े लंड की तरफ इशारा किया, जिसे देख कर वो शरमाने लगी. 10 मिनिट तक हम ऐसे ही नॉर्मल बातें करते कर रहे थे. फिर निशा किचन में जाती है. 5 मिनिट बाद मैं भी पानी पीने के लिए जाता हू.

जाते ही किचन में उसे पीछे से पकड़ लेता हू, और गले पर चूमने लगता हू. निशा उम्म्म करने लगी. और बोलती है-

निशा: प्लीज़ छ्चोढो, अभी डीपू बाहर ही है.

मैं: ये देख मेरा लंड, इसे कों ठंडा करेगा?

मैने उसका एक हाथ जीन्स के उपर लंड पर रख दिया. वो बोली-

निशा: आपका तो हमेशा खड़ा रहता है. अभी दिन में इतना किया, फिर भी इसे चैन नही है.

मैं: इसे तेरे मूह और छूट में ही चैन मिलता है.

फिर मैने पॉकेट से नींद की गोली निकली, और निशा को देते हुए कहा-

मैं: इसे अपने पति और बेटे को दूध में देदे. इससे ये दोनो जल्दी से जाएँगे.

वो गोली लेके मुस्कुरा कर बोली: श तो ये है आपका आइडिया. बहुत बदमाश हो गये हो. पूरी तैयारी के साथ मेरी जान निकालने आए हो.

2 मिनिट उसे खूब चूमा मैने. उसके बाद मैं हॉल में आ गया. निशा सब के लिए दूध लेके आई. उसने अपने हाथ से दूध का ग्लास दिया मुझे भी और डीपू को भी. उसने इशारे में कहा मैने गोली इसमे मिला दी है. और मुस्कुरा कर अपने पति के पास चली गयी.

अंकल को रूम में जाके दूध दे दिया. मैं और डीपू हॉल में दूध पीने लगे. 10 मिनिट ऐसे ही बैठने के बाद मैने कहा-

मैं: चल भाई. रूम में स्टडी करते है.

डीपू: सॉरी भाई. तू कर लेना पढ़ाई आज. मुझे बहुत नींद आ रही है. मैं सोता हू. तू कर ले स्टडी आज.

मैं: कोई बात नही, तू सो जाना. मैं पढ़ लूँगा.

फिर मैं और डीपू साथ में रूम में चले गये. डीपू बेड पर सोने लगा. मैं बुक्स निकाल कर पढ़ने लगा. ऐसे टीमेपस्स करते हुए आधा घंटा बीट गया. डीपू गहरी नींद में था. मैने उसकी मा को मेसेज किया.

मैं: चल आ जेया अब मेरे पास. मुझसे अब रहा नही जेया रहा है.

निशा: रुक जाओ तोड़ा. आपके अंकल को और सोने दो.

मुझे दर्र लग रहा है. रूम में कैसे होगा?

मैं: दर्र में ही रोमॅन्स करने का मज़ा है ना.

निशा: हा आपको तो मज़ा आएगा ही. आप बेशरम हो. प्लीज़ मज़ाक मत करो. मुझे सॅकी दर्र लग रहा है.

मैं: कुछ नही होगा. तेरा बेटा इधर मस्त सो रहा है. यहा तुझे पूरी रात दबा के छोड़ूँगा.

निशा: नही-नही, वाहा नही करेंगे. किचन में करेंगे, वाहा ठीक रहेगा. मैं वही बिस्तर लगा देती हू.

मैं: ठीक है. तू जल्दी कर अब. मेरा खड़ा है कब से.

निशा: देखा है मैने. बहुत ज़ालिम है. आज रात फिरसे मेरा बंद बजेगा. दिन में ही बहुत किया, फिर भी नही तक रहा है. आज मैं इसका सारा रस्स निकाल दूँगी.

ये बोल कर वो अपने काम में लग गयी. मैने अपनी पॉकेट से वियाग्रा की टॅबलेट निकली. मैने ये मेडिकल से ली थी. निशा को जाम के छोड़ने के लिए. मैने 2 गोली एक साथ खा ली. इससे अब मुझ में स्टॅमिना बढ़ने लगा. करीब 20 मिनिट बाद निशा ने मुझे मेसेज किया-

निशा: किचन की तरफ आओ.

मैं जल्दी से गया. मेरी बॉडी में अब गर्मी होने लगी थी. लंड पत्थर के जैसे टाइट हो गया था. 7 इंच का लंड और बढ़ गया था. मैं किचन में गया, तो दोस्त की मा ने वाहा बिस्तर लगाया हुआ था. निशा मुझे मुस्कुराते हुए बोली-

निशा: आज हम दोनो की सेज यहा सजी है. आप अपनी बदमाशी यहा करोगे.

निशा ने क्रीम कलर की सारी और हल्का मेकप किया हुआ था. होंठो पर पिंक लिपस्टिक थी. मैने उसे कमर से पकड़ कर चिपका कर कहा.

मैं: वाह मेरी जान. तू तो साज-धज के बैठी है.

निशा: आपको खुश करने के लिए ये सब किया है. मुझे दर्र भी लग रहा था, और आपका प्यार भी मुझे आपकी तरफ खींच रहा था.

नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए कैसे मैने निशा की गांद की सील तोड़ी. किसी को मुझसे सेक्स सर्विस और रियल सेक्स एक्सपीरियेन्स लेना है. तो मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मैल करे. फुल सॅटिस्फॅक्षन मिलेगा और सेक्यूरिटी भी पूरी रहेगी.

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