खेत मे चाची की चुदाई की मस्त कहानी

ही दोस्तो, जैसे की अपने पढ़ा है, की चाची की चुड़क्कड़ छूट अब मेरे लंड की दीवानी हो चुकी है, अब आयेज..

मैने उनका गाउन उतार दिया और फिर मैने अपना बॉक्सर भी मैने उतार दिया.

चाची – तेरा लंड तो बहोट बड़ा है.

मैं – ये तुम्हारे लिए ही त्यआर किया है.

अब वो हल्की सी हसी और मेरे लंड को मुति मे ले कर मसलने लग गयइ, मैने उनको बेड पर लेआटा दिया और उनके उपेर मैं एयेए गया. अब मैं उनके बूब्स को दबाने और चूसने लग गया.

चाची – आहह अहः और ज़ोर से दबा बेटा अहः अहः.

फिर मैं उनके पेट पर किस करते करते उनकी छूट के पास आ गया, उस पर हल्के हल्के बाल थे. अब मैं उनकी छूट को जीब से चाटने लग गया और चाची मेरा सिर पकड़ कर अपनी छूट पर दबाने लग गयइ.

चाची – आह श बेटा ऐसे छत मेरी छूट को, आहह बहोट दीनो बाद ऐसा मज़ा मिला रा है.

करीब 10 मिनिट छूट चटवाने के बाद चाची बोली – बेटा अब सहा न्ही जा रा है, अब अपना लंड दल दे और वो मुझे छोड़ दे. मेरी छूट मे बहोट आग लगी हुई है, जल्दी से छोड़ दे मुझे.

मैं – चाची आज तुम्हारी मैं सारी आग भुजा दूँगा.

अब मैं चाची के उपेर आ गया, चाची ने अपने पैर मेरी कमर मे डाल दिए. मैने अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया और मैने एक ही ढके मे अपना आधा लंड अंदर डाल दिया.

इससे चाची पूरी हिल गयइ, उनके मूह से अब हल्की सी चीख निकल गयइ. वो ज़्यादा ज़ोर से छिलाती तो मम्मी भी उठ स्काती थी, तो मैं तोड़ा रुक कर उनको किस करने लग गया.

फिर मैने एक ढके मे पूरा लंड उनकी छूट मे उतार दिया, इश्स बार वो चीख न्ही पाई. क्योकि मैं उनको किस कर रा था, थोड़ी देर रुक कर मैं धीरे धीरे अपनी कमर आयेज पीछे करने लग गया.

चाची – आहह अहः छोड़ बेटे आचे से छोड़ और अंदर तक डाल दे अपना लंड आहह अहः.

मैं – अहः आ चाची क्या मस्त है तू, तेरी छूट कितनी टाइट है.

चाची – आ तेरा लंड भी कितना बड़ा और मोटा है, इतना बड़ा लंड मैने कभी अपनी छूट मे न्ही लिया है. अहः चल अब अपनी स्पीड तेज़ कर दे और मुझे ज़ोर ज़ोर से छोड़.

अब मैं उन्हे ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लग गया, चाची भी नीचे से अपनी गंद उछालने लग गयइ. अब रूम मे ठप ठप आहह आहा अफ की आवाज़ें गूँज र्ही थी.

चाची – आहह बेटे मुझे छोड़ मेरी छूट फाड़ दे आज अपने मोटे लंड से आहह अहः, धीरे धीरे बेटा मैं मार जौंगी आहह अहहह. तेरे चाचा का लंड तो तेरे लंड से भी आधा है, और वो सिर्फ़ 2 मिनिट मे ही झाड़ जाते है.

फिर मैने उनको कुटिया बनने को खा, तो वो झट से पलट गयइ. अब उन्होने अपनी गंद को उपेर उठा लिया, अब मैं पीछे से अपना लंड उनकी छूट मे दल दिया.

अब उनकी कमर को पकड़ कर उन्हे छोड़ने लग गया.. और वो बोली – आ आहह हनी तू कितना मस्त छोड़ता है आहह.

अब मैं उनकी गंद को पकड़ कर छोड़ रा था, मेरा लंड पूरा उनकी छूट मे जा रा था. उनकी थाइस से मेरी थाइस से टकरा र्ही थी, और रूम मे अब ठप ठप की ज़ोर ज़ोर से आवाज़ आ हृ थी.

फिर मैने उनके दोनो बूब्स पकड़ कर पीछे से ज़ोर ज़ोर से ढके मरने लग गये. करीब 20 मिनिट बाद मेरा पानी निकालने वाला था.

मैं – चाची ख़ान निकालून?

चाची – अंदर ही निकल दे.

मैने अब अपनी स्पीड तेज करदी, और मैने उनकी छूट को पूरा भर दिया. अब मैं उनके उपेर ही ल्ट गया. वो भी वेसए ही मेरे उपेर पदो रही.

फिर हम अलग हुए और मैं बोला – मज़ा आया?

चाची – बहोट मज़ा आया.

मैं – एक बार और करते है?

चाची – अभी न्ही अभी सुबह होने वाली है, तेरे चाचा अभी उठने वेल है. हम बाद मे करते है.

मैं – ठीक है.

फिर मैने उन्हे थोड़ी किस किया और फिर हम अपने कपड़े पहें कर अपने कंबल मे आ कर घुस गया. मैं अपना हाथ उनकी छूट पर र्ख कर सोने लग गया.

वो सुबह मुझसे पहले उठ गयइ, मैं उठा तो मम्मी छाई ले कर आई.

मम्मी – बेटा रात को नींद केसी आई?

मैं – अची आई.

थोड़ी देर मे चाचा आए और वो बोले – मुझे ज़रूर काम से सिटी जाना है, तो मैं शाम तक ही अवँगा. बेटा हनी तुम आज खेत देख लेना.

मैं – ठीक है.

व्हन खेत मे एक छ्होटा सा रूम था, और वो खेत मे एक टीले पर बना हुआ था. व्हन से हुमारा पूरा खेत दिख जाता है, और हम जानवर पर व्हन से नज़र र्खते है.

मैं – चाची आप मेरा खाना ले कर आ जाना.

चाची – ठीक है.

फिर मैं व्हन पहुच गया और चाची का वेट करने लग गया. डोफेर को चाची खाना ले कर आई. मैने दरवाजा बंद दिया और खाने को मैने साइड मे र्ख दिया.

अब मैं चाची को पकड़ कर किस करने लग गया, और उनकी गंद को दबाने लग गया.

चाची – पहले खाना तो खलो?

मैं – आज मैं तुम्हारी छूट को ख़ौँगा.

तो वो हँसे लग गयइ, उन्होने सारी पहें रखी थी. तो मैने उनकी सारी को खोल दिया, और पीछे से आ कर मैने उनके ब्लाउस के उपेर से उनके बूब्स को दबाने लग गया.

अब चाची सकिसकिया प्लेने लग गयइ, और मुझे भी अछा लग रा था. अब मैने उनका ब्लाउस खोलना शुरू कर दिया, तो वो बोली – न्ही अगर कोई आ गया तो दिक्कत आ जाएगी.

मैं – ठीक है.

फिर मैने उन्हे मंजे पर लेआटा दिया, अब मैं उनके जिस्म को चूमने लग गया. अब वो भी सिसकिया ले र्ही थी, और मैं उनका पेटीकोआट उठा कर उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

वो बहोट गरम हो गयइ और मी सिर अपनी छूट मे घुसने लग गयइ. फिर मैने अपने सारे कपड़े उतरे और उनके मूह के पास अपना लंड ले गया.

मैं – इसको चूसो.

तो पहले चाची ने माना किया पर फिर वो मान गयइ, और 10 मिनिट लंड चुसवाने के बाद मैं उनके उपेर चाड गया. अब मैने अपना लंड उनकी छूट मे दल कर ढके मरने लग गया.

अब मैं उनको छोड़ने लग गया, फिर मैने स्पीड तेज़ कर दी और उन्हे मैं ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लग गया. वो भी नीचे से उछाल उछाल कर छुड़वाने लग गयइ.

चाची – आहह अहः बेटे छोड़ और ज़ोर से छोड़ आहह मार गयइ, कितना अछा छोड़ता है तू आहह आहह आज फाड़ दे अपनी चाची की छूट को आहह.

चाची की बातें सुन कर मैं और जोश मे आ गया, और उनको मैं बहोट तेज़ी से छोड़ने लग गया. अब वो चिकने लग गयइ, और वो बोली – आहह बेटे जी भर कर छोड़ आज अपनी चाची को.

कुछ देर बाद मैं रुका और मैने उनको कुटिया बना दिया, अब वो झट से पलट कर मेरे सामने अपनी गंद करके घोड़ी बन गयइ.

मैं – चाची आज मुझे आपकी गंद मारनी है.

चाची – गंद मे बहोट दर्द होगा.

मैं – कुछ न्ही होगा.

फिर मैने काफ़ी सारा थूक उनकी गंद पर डाला, और अपना लंड उनकी गंद पर लगा कर धीरे धीरे से उसमे डालने लग गया. वो मुझे माना करती रही फिर पर मैं न्ही रुका और उनको काफ़ी दर्द हो रा था.

धीरे धीरे मैने अपना पूरा लंड उनकी गंद मे दल दिया, अब उनकी आहह अहः की आवाज़ कम हो र्ही थी. मैने उनके बूब्स को दबाना श्रु कर दिया.

फिर वो नॉर्मल हुई तो धीरे धीरे मैं अपना लंड अंदर बाहर करने लग गया. अब उनका दर्द कम हुआ तो वो सिसकिया लेने लग गयइ, तो मैने अपनी स्पीड तेज़ कर दी.

मैने उनको दीवार की साइड मे घोड़ी बनाया और खड़े हो कर उनकी गंद मरने लग गया. वो भी मस्ती से अपनी गंद मरवा र्ही थी, उनकी गंद कुछ ज़्यादा ही टाइट थी.

करीब 10 मिनिट मे ही मैं उनकी गंद मे ही झाड़ गया, और थोड़ी देर मे अपना लंड मैने उनकी गंद से बाहर निकल लिया. वो काफ़ी तल गयइ थी, और उनकी गंद भी काफ़ी दर्द कर र्ही थी.

तो वो थोड़ी देर लेआतई रही, और वो बोली – हाए तूने तो आज मेरी जान ही निकल दी, अब मुझसे चला तक न्ही जाएगा. तू पूरा जानवर है हरामी वाला.

मैं – अब अगली बार दर्द न्ही होगा.

फिर मैं खाना खाने लग गया, खाना खा कर मेरा फिर से मान हुआ. तो वो माना करने लग गयइ, और कपड़े पहेने लग गयइ. वो अपनी सारी पहें कर जाने लगी, तो उनकी चाल ही बदल ही गयइ थी.

शाम को चाचा आए मैं भी घर आ गया था, वो बोले – बेटा तुम्हे कोई दिकाट तो न्ही हुई ना?

मैने चाची की तरफ देखा तो मैं बोला – न्ही मुझे कोई दिक्कत न्ही हुई.

फिर मैने उनको रात मे फिर से 2 बार और छोड़ा और उनकी गंद भी मारी. अब मैं उनको हुमेशा मोका देख कर छोड़ देता हूँ, और वो भी मुझसे हुमेशा खूब आचे से चुड्ती है.

हम 2 महीने तक चाची के घर रुके और मैने लगातार उनको छोड़ा. मम्मी को तक शक भी होने लग गया था, क्योकि हुमारी हारकेतें ही ऐसी ही थी.

उन्होने एक बार हम दोनो को चुपके से चुदाई करते हुए भी देख लिया था. पर वो कुछ न्ही बोली और 3 महीने बाद पता चला की चाची मा बनने वाली है.

तो सब घर मे खुश हो गये, क्योकि वो मा ब्नने वाली थी. चाचा भी काफ़ी खुश थे, उनको लगा की ये उनका बचा है.

पर आयेज जो हुआ वो मैं आपको इस कहानी के नेक्स्ट पार्ट मे बटुंगा.
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