हेलो दोस्तो, मेरा नाम रमेश है. मई आज आपको जो स्टोरी बताने जेया रहा हू, वो मेरी और हमारे घर काम करने वाली लड़की रोशनी की है.
कहानी शुरू करने से पहले, मई तोड़ा अपने बाते मे बता डू. मेरी आगे 29 है और मई दिखने मे हटता-कटता हू. मेरे लंड का साइज़ भी अछा है और मैने लाइफ मे काफ़ी सारी लड़कियो और औरतो को छोड़ा है. तो चलिए अब कहानी शुरू करते है.
ये कहानी पिछले साल की है. हमारे घर मे एक रोशनी नाम की लड़की 4 सालो से काम करती है. वो जब हमारे घर पहली बार आई थी, तो वो 16 साल की थी. उसकी मा भी हमारे ही घर मे काम करती थी और अपनी हेल्प के लिए ही उसकी मा उसको अपने साथ लेके आती थी.
रोशनी शुरू मे एक दुबली पतली सी लड़की थी. उसका रंग ज़्यादा गोरा नही था, लेकिन नैन-नक्श खूबसूरत थे. पहले-पहले मैने कभी उसको ध्यान से देखा भी नही था. पिछले साल तक उसको हमारे घर काम करते हुए 3 साल हो गये थे और अब वो 19 साल की हो चुकी थी.
अब उसको देख कर कोई अंदाज़ा भी नही लगा सकता था, की वो 3 साल पहले इतनी दुबली भी हो सकती थी. अब उसका फिगर 34″26″36″ हो गया था. वो सारा दिन काम करती रहती थी, इसलिए उसकी बॉडी एक-दूं जिम टाइप फिट थी.
तो हुआ यू, की एक दिन मई सुबा-सुबा उठा. मैने रात को ही पॉर्न देख कर मूठ मारी थी, इसलिए सुबा उठते ही मुझे रात की वीडियो का ख़याल आने लगा. उस वीडियो के बारे मे सोच कर मेरा लंड खड़ा हो गया. आप लोग तो जानते ही होंगे, की वैसे भी लड़के लोग सुबा-सुबा काफ़ी हॉर्नी होते है.
तभी अचानक रोशनी मेरे रूम मे आई. वो पोछा लगाने के लिए मेरे रूम मे आई थी. उसने ब्लॅक रंग का शर्ट और पिंक कलर की लेगैंग्स पहनी हुई थी. ये कपड़े मेरी मम्मी ने ही उसको दिए थे.
जब वो मेरे रूम मे आई, तो मेरा लंड पूरा तन्ना हुआ था. मेरा खड़ा लंड उसको ना दिख जाए, तो मई बेड पर उल्टा होके लेट गया. फिर जैसे ही वो पोछा लगाने के लिए झुकी, तो मुझे उसके बूब्स के बीच की गुफा दिखने लग गयी. मैने ऐसे पहले कभी उसको नही देखा था, लेकिन वो वक़्त ही कुछ ऐसा था.
वो पोछा लगाते हुए इतनी सेक्सी लग रही थी, की मई अपनी नज़रे उससे हटा ही नही पा रहा था. उसके बूब्स की लाइन मे मुझे एक काला तिल दिख रहा था, जो इस सीन को और ज़बरदस्त बना रहा था.
फिर जब वो घूम गयी, तो उसकी टाइट गांद मेरे सामने आ गयी. उसने पीछे से अपना शर्ट उपर उठाया हुआ था, ताकि उसका शर्ट ज़मीन पर लग कर गीला ना हो जाए. इससे मुझे उसकी लेगैंग्स मे से उसकी पनटी की शेप नज़र आ रही थी.
उसका ये जवान जिस्म देख कर मेरा लंड और सख़्त होता जेया रहा था. मेरा दिल तो कर रहा था, की उसको उसी वक़्त पकड़ कर छोड़ डालु. लेकिन ऐसा करना सही नही होता. फिर वो पोछा लगा कर मेरे रूम से चली गयी, लेकिन उस दिन से वो मेरे दिमाग़ मे घूमने लग गयी.
फिर कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. अब मैने रोशनी को आते जाते देखना शुरू कर दिया था. थोड़े ही दीनो मे मेरे दिमाग़ मे उसकी जवानी का खुमार सिर चढ़ कर बोल रहा था. मुझे कैसे भी करके उसका स्वाद चखना था.
अब मई जान-बूझ कर उसके आयेज-पीछे घूमने लगा और उसको बहाने-बहाने से टच करने लगा. एक दिन वो किचन मे सब्ज़ी बना रही थी. जब मों किचन से बाहर आई, तो मई मौका देख कर किचन मे चला गया.
मैने कुछ ढूँढने के बहाने से बार-बार उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ा. अब शायद वो भी समझ रही थी, की मई उससे क्या चाहता था. उस दिन के बाद से जब भी मई उसको देखता था, तो वो भी मुझे उसको देखते हुए देख लेती थी. अब वो जान-बूझ कर मुझे अपने बूब्स और गांद के दर्शन करवाती थी और स्माइल पास करती थी.
मई समझ चुका था, की अब मेरा काम बन सकता था. लेकिन मई ये नही चाहता था, की वो मेरे गले पद जाए. मुझे तो बस उसकी क़ास्सी हुई जवानी का मज़ा लेना था. फिर एक दिन उसने खुद मुझे ये मौका दे दिया.
एक दिन वो किचन मे रो रही थी. तभी मई किचन के बाहर से गुज़र रहा था, तो मुझे वो रोटी हुई दिखी. मैने आस-पास देखा, तो मों वाहा नही थे. फिर मई किचन मे गया और मैने उससे पूछा-
मई: क्या हुआ रोशनी? तुम रो क्यू रही हो?
रोशनी: जी कुछ नही, बस ऐसे ही.
मई: अर्रे बताओ ना क्या हुआ है?
रोशनी: मेरी मा मेरी शादी एक ऐसे लड़के से करना चाहती है, जो मुझे पसंद नही है.
मई: ओक, तो तुम माना कर दो ना.
रोशनी: मई नही कर सकती.
मई: तुम्हे कोई और पसंद है?
रोशनी: हा लेकिन….
मई: लेकिन क्या?
रोशनी: लेकिन वो मुझे मिल नही सकता.
मई: उसको पता है, की तुम उसको पसंद करती हो?
रोशनी: पता नही.
मई: तो उसको बता क्यू नही देती.
रोशनी: ई लोवे योउ रमेश.
मई ये सुन कर खुश भी था और दर्र भी रहा था. मई खुश इसलिए था, की अब मई उसके साथ वो कर सकता था, जो मई करना चाहता था. और दर्र मुझे इस बात का था, की वो मुझसे प्यार करती थी. तो वो गले पद सकती थी.
फिर उसकी ये बात सुन कर मई तोड़ा सीरीयस हो गया. तभी वो बोली-
रोशनी: आपको फिकर करने की कोई ज़रूरत नही है. मई जानती हू, की मेरी औकात क्या है.
मई: नही ऐसी बात नही है.
रोशनी: नही ऐसी ही बात है. आप तो मुझे मिल नही सकते. लेकिन मुझे आपका प्यार तो मिल सकता है ना? मई चाहती हू की मुझे सबसे पहले वही छुए, जिससे मई प्यार करती हू.
ये सुन कर मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा. मई जो चाहता था, बिल्कुल वैसा ही हुआ. अब मई रोशनी के साथ मज़ा भी कर सकता था और वो मेरे गले भी नही पड़ती. मई तभी रोशनी की तरफ बढ़ा और उसको कमर से पकड़ लिया. फिर मैने उसको अपनी तरफ खींचा और उससे चिपक गया. क्या फीलिंग थी उसके जिस्म की, मज़ा ही आ गया.
अब मेरे जिस्म और उसके जिस्म मे कोई फांसला नही था. फिर मई अपने मूह को रोशनी के मूह के पास ले गया और अपने होंठ मैने रोशनी के होंठो से चिपका दिए. रोशनी के होंठ बड़े नाज़ुक थे. फिर मैने उन्हे चूसना शुरू कर दिया.
होंठो से होंठ मिलते ही रोशनी ने मुझे कस्स के पकड़ लिया और वो मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी. मेरा लंड पूरा तंन गया था और रोशनी की छूट वाली जगह पर टच हो रहा था. लगभग 5 मिनिट मैने उसके कोमल होंठो को चूसा और फिर मई उसकी गर्दन पर आ गया.
मैने उसके शोल्डर्स पे किस करना शुरू कर दिया. तभी पीछे से हमे किसी के आने की आवाज़ आई और हम अलग हो गये. मैने रोशनी को च्चत पर मिलने को बोला और किचन से बाहर आ गया.
उसके बाद मई च्चत पर चला गया और रोशनी की वेट करने लगा. रोशनी थोड़ी देर मे वाहा आई और आते ही मैने उसको पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया. मई सीडीयो पर बैठ गया और उसको अपनी गोदी मे बिता लिया.
रोशनी की क़ास्सी हुई गांद मेरे लंड को मज़ा दे रही थी और उसके कोमल होंठ मुझे अपना रस्स पीला रहे थे. फिर मैने रोशनी के बूब्स पर हाथ डाला. क्या बतौ दोस्तो, की कितने काससे हुए बूब्स थे उसके. उसके बूब्स बिल्कुल कड़क हुए पड़े थे.
मैने उसके शर्ट के उपर से उसके बूब्स को मूह मे डालना शुरू कर दिया. अब रोशनी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर मैने उसकी जाँघो के बीच हाथ डाला, तो उसकी छूट वाली जगह थोड़ी गीली हो चुकी थी. अब मई उस मस्त लड़की को छोड़ना चाहता था.
मैने उसको गोद से उतारा और रूम मे चलने के लिए बोला. वो मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार थी. फिर जैसे ही हम रूम मे जाने लगे, तो नीचे से मम्मी की आवाज़ आई-
मम्मी: रोशनी…. तू उपर है क्या?
रोशनी: जी मेडम, अभी आई.
उस वक़्त रोशनी को वाहा से जाना पड़ा. मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन हमारे पास कोई दूसरा ऑप्षन नही था. फिर अगले दो-टीन दिन हम ऐसे ही एक-दूसरे को चूस्टे मसालते रहे. अब मई जब भी उसको अकेला देखता था, तो उसको पकड़ कर चूसना शुरू कर देता था.
मई बार-बार उसकी गांद और बूब्स का मज़ा लेता था. लेकिन अभी तक हमे चुदाई का मौका नही मिल पा रहा था. हमने काफ़ी बार ट्राइ किया, लेकिन चुदाई नही कर पाए. फिर रोशनी ने मुझे एक सुझाव दिया (दोस्तो कांवली लड़किया और औरते जितनी सेक्सी होती है, उनका दिमाग़ भी उतना ही तेज़ चलता है).
रोशनी: मई रोज़ सबसे पहले आपके मम्मी-पापा के कमरे की सफाई करती हू. उसके बाद बाकी घर की. और एंड मे आपके रूम की. आपके रूम से पहले जो काम होता है, उसमे एक घंटा लग जाता है. तो कल मई सबसे पहले आपके रूम मे आ जौंगी. वैसे भी आपके मम्मी-पापा तो लाते ही उठते है.
मई: हा बिल्कुल सही है. वाह रोशनी! क्या दिमाग़ लगाया है.
और रोशनी अपनी तारीफ सुन कर मुस्कुराने लग गयी. फिर अगले दिन रोशनी सुबा-सुबा मेरे कमरे मे आ गयी. मई तो एग्ज़ाइट्मेंट मे पूरी रात नही सो पाया. तो मई पहले से रेडी था. रोशनी ने ब्लॅक लेगैंग्स और रेड शर्ट पहना हुआ था.
जैसे ही वो मेरे कमरे मे आई, तो मैने उसको बेड पर धक्का दे दिया. फिर मैने दरवाज़ा बंद किया और उसके उपर कूद पड़ा. सबसे पहले मैने रोशनी के होंठो को चूसना शुरू किया. मैने एक हाथ उसकी छूट पर रखा और उसको मसलना शुरू कर दिया.
रोशनी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. वो मेरे बालो मे हाथ घुमा रही थी और मेरे हाथ को अपनी जाँघो मे दबा रही थी. हम दोनो एक-दूसरे के लिए तड़प रहे थे.
फिर मैने रोशनी के शर्ट मे हाथ डाल लिया और उसके बूब्स मसालने शुरू कर दिए. रोशनी की साँसे तेज़ हो रही थी. रोशनी ने भी मेरे लंड पर हाथ रखा और पाजामे के उपर से मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया.
फिर मैने रोशनी का शर्ट और लेगैंग्स दोनो उतार दिए. क्या कमाल का जिस्म था उसका. वो बहुत ही फिट थी और उसके थोड़े-थोड़े एबेस भी निकले हुए थे. मेरी तो लॉटरी ही लग गयी थी.
फिर मैने रोशनी की ब्रा उतारी और उसके बूब्स पर टूट पड़ा. मई पागलो की तरह उसके बूब्स चूस रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भर रही थी. फिर एक हाथ मैने उसकी पनटी मे डाला और उसकी छूट मसालने लगा. वो भी अपनी गांद हिला कर अपनी छूट मसलवा रही थी.
फिर मई नीचे गया और उसकी पनटी उतार दी. अब रोशनी की क़ास्सी हुई छूट मेरे सामने थी. मई अपने आप को उसकी छूट चाटने से रोक नही पाया. मैने उसकी छूट पे अपना मूह लगाया और जीभ डाल-डाल कर उसको चाटने लगा.
रोशनी सिसकिया ले रही थी और मेरे मूह को अपनी छूट मे दबा रही थी. फिर रोशनी उठी और मुझे बेड पे धक्का दे दिया. वो मेरे उपर बैठ गयी, और उसने अपनी गांद मेरे मूह की तरफ कर ली. फिर वो झुकी और मेरे लंड को किस करने लगी.
हम दोनो 69 पोज़िशन मे थे. लंड के साथ तोड़ा लाद करने के बाद, उसने लंड मूह मे डाल लिया और मज़े से चूसने लग गयी. मई भी पीछे से उसकी छूट चाट रहा था और उसमे उंगलिया दे रहा था.
फिर मैने उसको नीचे लिटाया और उसकी टाँगो के बीच आ गया. अब वक़्त था लंड और छूट के मिलन का. मैने अपने लंड को उसकी छूट पर रगड़ा और एक ज़ोर का धक्का मारा. धक्का लगते ही रोशनी चीख पड़ी-
रोशनी: आह..
मैने रोशनी से पूछा: दर्द हो रहा है?
तो उसने जवाब दिया: आपके लिए मई कुछ भी . कर सकती हू. आप मेरे दर्द की फिकर मत करो.
ये सुन कर मई जोश मे आ गया और 2-3 ज़ोर के धक्को मे मैने अपना पूरा लंड रोशनी की छूट मे घुसा दिया. वो वर्जिन थी और उसकी छूट से खून निकल रहा था. मैने अपना लंड निकाल कर उसका खून सॉफ किया और फिरसे लंड अंदर डाल दिया.
आहह.. क्या मज़ा आ रहा था और क्या गर्मी थी उसकी छूट की. दोस्तो सील तोड़ने का अपना ही मज़ा होता है. फिर मई घपा-घाप उसको छोड़ने लगा और वो भी गांद उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी.
मई साथ कभी उसके होंठ चूस्टा, तो कभी बूब्स चूस्टा. वो पूरी तरह मेरे प्यार मे पागल थी, और जो मई जो बोल रहा था, वो वही कर रही थी. फिर मैने उसको घोड़ी बना लिया और पीछे से उसकी छूट छोड़ने लगा.
लगभग 30 मिनिट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकालने वाला था. रोशनी अब तक 2 बार झाड़ चुकी थी. मैने उससे पूछा-
मई: रोशनी मई पानी कहा निकालु?
तो उसने कहा: मेरे अंदर ही निकाल दो.
मैने बिना फिकर के उसकी छूट मे ही अपना माल छोढ़ दिया. फिर हम थोड़ी देर लेते रहे. मेरा लंड अब फिरसे खड़ा हो गया था और मेरी नज़र उसकी क़ास्सी हुई गांद पर थी. लेकिन अब हमारे पास टाइम नही था.
इससे आयेज क्या हुआ, और मैने कैसे उसकी गांद मारी. वो मई आपको अगले पार्ट मे बतौँगा. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो कहानी को लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.