ही दोस्तो, मई यहा अपनी पहली स्टोरी लिखने जेया रहा हू, जो की बहुत बड़ी है. आयेज बढ़ते-बढ़ते बहुत से कॅरेक्टर्स आड होंगे. मेरी आगे उस वक़्त 18 थी. मई अपने मम्मी और पापा के साथ मे रहता था. मेरा एक भाई भी था, जो हॉस्टिल मे रहता था.
अब आते है स्टोरी के हीरो की तरफ. और वो हीरो है, मेरे पड़ोस वाले राम अंकल. वो मेरे पापा के दोस्त भी थे, तो अक्सर घर आते रहते थे. उनकी बीवी की आक्सिडेंट मे डेत हो चुकी थी. बीवी की डेत के बाद उन्होने दोबारा शादी नही की थी. उनकी आगे अभी 42 ही थी.
एक दिन मम्मी बाहर गयी हुई थी और अंकल और पापा कुछ अजीब बाते कर रहे थे. मई उस वक़्त सेक्स का कुछ ज़्यादा नही जानता था. फिर पापा बोले-
पापा: राम, मई समझ सकता हू, की भाभी के जाने के बाद तुम कितने अकेले हो चुके हो.
अंकल: हा यार, पूजा की याद आज भी बहुत आती है.
पापा: पर ऐसे कब तक रहोगे? फिरसे शादी कार्लो ना.
अंकल : नही यार, अब किसी दूसरी लड़की को मई बीवी नही बना सकता.
पापा: फिर कब तक ऐसे ही रहोगे? तुम्हारी भी तो कुछ ज़रूरते है.
अंकल: सारे काम तो मई खुद ही कर लेता हू और खुश भी हू.
पापा: अर्रे काम तो कर लोगे, पर जिस्म को कैसे शांत करोगे?
अंकल: हा यार उसकी बहुत दिक्कत होती है. जब से पूजा गयी है, किसी को हाथ तक नही लगाया.
ये सब सुन कर मई अजीब सा फील कर रहा था और सोच रहा था, की अंकल कितने आचे और प्यारे थे. उनपे मुझे लीके बढ़ने लगा.
पापा: अछा किसी लड़की को जगह नही देनी, तो लड़के को देदे.
और ये बोल कर पापा मुस्कुराने लगे.
अंकल: अर्रे ये क्या बोल रहा है तू? मई वो सब छोढ़ चुका हू.
पापा: अर्रे क्यू झूठ बोलता है. हम दोनो ने मिल कर कितनी गांद मारी है.
अंकल: हा यार, बहुत मज़े करते थे. काश कोई फिरसे मिल जाए.
पापा : तू चिंता मत कर, मई कुछ करता हू.
मई ये सब सुन कर शॉक हो गया था, की पापा और अंकल क्या बात कर रहे थे. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था. पापा के मूह से लड़को की सेक्स की बात सुन कर मेरे अंदर करेंट सा दौड़ने लगा.
अंकल : हा यार, प्ल्ज़ कुछ कर दे. लड़का होगा, तो किसी को शक भी नही होगा. मई चाहे शादी भी कर लू, कोई शक नही करेगा.
पापा: शादी करेगा? साची? खुश रखेगा?
अंकल : हा यार बिल्कुल. क्यू कोई है क्या?
पापा: हा, और तुझे पता भी है उसके बारे मे.
अंकल : कों?
पापा: राहुल.
अंकल: क्या बकवास कर रहा है! राहुल बेटा है तेरा.
पापा: हा मई जानता हू. और ये भी जानता हू, की राहुल नॉर्मल नही है. उसके चूचे उभरे हुए है और गांद फैली हुई है. उसका लंड भी छ्होटा सा है.
अंकल: क्या! राहुल गान्डू है?
पापा: पता नही, पर वो लड़के से ज़्यादा लड़की लगता है.
मई ये सब सुन कर शॉक हो गया. मई आपको बताना भूल गया, की मई लड़का कम और लड़की ज़्यादा लगता हू. मुझे लड़के भी पसंद है और लड़कियो जैसे रेडी होना भी. पर दर्र की वजह से मैने कभी कुछ किया नही था. लेकिन मेरे पापा को ये सब कैसे पता चल गया था, ये मुझे पता नही था.
अंकल : अछा ठीक है. मुझे वो बहुत पसंद है. ई वॉंट हिं.
पापा : हा मई कुछ करता हू.
फिर दूसरे दिन पापा और मम्मी कही बाहर जाने वाले था, तो वो मुझे अंकल के पास छोढ़ कर जाने लगे. मई दर्र सा गया था, पर एग्ज़ाइटेड भी था. फिर जब अंकल के घर गये, तो पापा अंकल को बोले-
पापा: मेरे बेटे का पूरा ध्यान रखना.
अंकल : हा यार, अब वो मेरी जान है. मई उसको बहुत प्यार करूँगा.
पापा: मेरे बेटे को काली से फूल बना देना.
अंकल: हा यार, थॅंक योउ सो मच.
फिर वो दोनो चले गये. उसके बाद अंकल ने मेरी तरफ देखा और बोले-
अंकल: राहुल बेटा, बैठो टीवी देखते है.
मई : हा अंकल.
वो मेरे बाजू मे आके बैठ गये और मेरे थाइस पे हाथ सहलाने लगे. मई नॉर्मल ही टीवी देखने लगा और अंकल मेरे गले पे भी सहलाने लगे. मुझे अब अजीब सा लग रहा था. तभी अचानक अंकल ने मुझे पकड़ा और किस करने लगे. वो मेरे होंठो को चूज़ जेया रहे थे.
मई: अंकल आप क्या कर रहे हो? छोढ़ो मुझे.
अंकल: बेटा प्यार करने दे मुझे. थोड़ी देर मे तुझे बहुत मज़ा आएगा.
फिर अंकल मुझे ज़ोर से चूसने लगे. अब मई भी उनका साथ देने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मुझे किस करने के साथ-साथ मेरी गांद भी दबा रहे थे और मई आहह.. आहह.. की आवाज़े निकाल रहा था.
फिर अंकल ने मेरे शॉर्ट्स मे हाथ डाला और मेरे लंड से खेलने लगे. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मई बता नही सकता. फिर अंकल नीचे गये और मेरे लंड को चूसने लगे. अब मई मज़े मे उनके बाल नोच रहा था. फिर मई बोला-
मई: आहह… अंकल, ये आप क्या कर रहे हो? छोढ़ो इसको, ये गंदी चीज़ है.
अंकल: ये गंदा नही है बेटा. ये मेरी जान का डंडा है उमाहह… तू ये बता, की तुझे मज़ा आ रहा है की नही?
मई : हा अंकल, बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा है आहह…
अंकल : तुझे और मज़े चाहिए क्या?
मई : हा बिल्कुल. जो आप बोलॉगे, मई वही करूँगा.
अंकल ने अपने कपड़े निकाल दिए और नंगे हो गये. उनका लंड तकरीबन 8 इंच का होगा. बहुत मोटा था उनका लंड. मई तो देख के ही दर्र गया.
अंकल: लो, ये तुम्हारा ही है. चूसो इसको.
मई: इतना बड़ा! मई नही चूस पौँगा. मुझसे ये नही होगा.
अंकल : अर्रे पूरा जाएगा, ट्राइ तो करो.
फिर मैने धीरे से लंड अपने मूह के अंदर लिया और चूसने लगा. उसके बाद मई लंड को लॉलिपोप की तरह चूसने लगा. अंकल आहह… उहह.. कर रहे थे.
उसके बाद रात मे क्या हुआ और अंकल ने मेरे साथ क्या किया. मई फूल बना या नही. ये सब जान-ने के लिए आयेज के पार्ट्स ज़रूर पढ़िए.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताना. आप अपनी फीडबॅक मुझे मैल भी कर सकते है.