हेलो दोस्तों, मेरा नाम आरिफ़ है. मैं बठिंडा सिटी से बिलॉंग करता हू, और मेरी आगे 21 साल है. मैं दिखने में बहुत ही सुंदर और स्लिम फिट हू.
मेरा दिल लड़कियों की तरह है. जब भी कोई मस्त काला लंड देखता है, तो ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लग जाता है. और इस बात का पता मुझे मेरी पहली चुदाई पर लगा.
आज मैं आपको बतौँगा, की कैसे बेस्ट फ्रेंड के कज़िन भाई ने मुझे मेरे लड़की होने का एहसास दिलाया.
मेरे बेस्ट फ्रेंड अजय का कज़िन भाई पढ़ाई के लिए बठिंडा में आ कर रहने लगा था. उसका नाम आकाश था. वो अजय के घर पर ही रहता था. मेरी और आकाश की दोस्ती भी हो गयी थी, और हम लोगों में मज़ाक बहुत खुल्ला चलता था. हम लोग मज़ाक में किसी भी हड्द तक चले जाते थे.
एक दिन जब हम दोस्त लोग पुबग खेल रहे थे, तो आकाश की निक्कर फटी हुई थी. नीचे से जो उसने अंडरवेर पहना हुआ था, वो भी तोड़ा सा फटा हुआ था, जिसके कारण मुझे उसका काला-काला लंड सॉफ सॉफ दिख रहा था.
मुझे एक-दूं से शरारत सूझी, और मैं अपना एक हाथ उसकी निक्कर में डाल कर उसको च्छेदने लगा, की उसकी तो निक्कर फटी हुई थी. सभी दोस्त हासणे लगे. आकाश भी इस बात को लेकर कोई ज़्यादा सीरीयस नही हुआ, और मुझे कहने लगा-
आकाश: अगर इतना ही जोश है, तो पकड़ कर देख ले.
मैने चुप-छाप अपनी आँखें नीचे कर ली, और सब इस बात पर ज़्यादा हासणे लगे. उस दिन हम सब पुबग खेल कर अपने-अपने घर को चले गये.
अगले दिन मुझे भैया की कॉल आई, और उन्होने मुझे पूछा.
आकाश: क्या कर रहा है?
मैं: कुछ नही, आप बताओ आप क्या कर रहे हो?
आकाश: चल फिर ऐसा कर, मेरे घर पर आ जाओ. हम लोग बैठ कर पुबग खेलते है.
मैं: ओके भैया, मैं आता हू.
उनके घर पर कोई नही था. हम लोग उनके रूम में चले गये, और पुबग खेलने लग गये. आज वो मुझसे बहुत चिपक कर बैठे हुए थे. उन्होने मज़ाक करते हुए मुझसे पूछा-
आकाश: क्या हुआ, आज मेरी निक्कर में हाथ नही डालेगा क्या?
मैने उनको कुछ नही कहा, और हल्की सी स्माइल कर दी. धीरे-धीरे उन्होने मेरी टाँगो को सहलाना शुरू कर दिया. मैं भी तोड़ा सा जोश में आ रहा था. मुझे ना-जाने कल से क्या हो चुका था, की मैं बार-बार उनके लंड के बारे में सोच रहा था.
बातों ही बातों में उन्होने अपनी निक्कर उतार दी. अब वो केवल अंडरवेर में थे, जिसमे उनका लंड सामना बहुत ही मुश्किल था. फिर उन्होने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. मैने उनको कुछ नही कहा, सिर्फ़ तिरछी निगाहों से देखा, जैसे तोड़ा सा गुस्से में देखते है.
इससे पहले की मैं अपना हाथ उठता, उन्होने मेरे हाथ के उपर अपना हाथ रख कर अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे भी मज़ा आ रहा था. फिर मुझे गर्दन से पकड़ कर उन्होने अपनी तरफ घुमाया, और मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए.
अब वो मेरे होंठो को चूस रहे थे. मेरे मूह को खोल कर किस कर रहे थे, और उनकी जीभ मेरे मूह के बिल्कुल अंदर तक जेया रही थी. मेरी जीभ से उनकी जीभ टकरा रही थी. हम लोग एक-दूसरे को ज़ोरदार किस कर रहे थे.
ऐसी ज़ोरदार किस मैं अपनी पूरी ज़िंदगी में कभी भी भूल नही पौँगा. फिर उन्होने मेरी त-शर्ट को उतरा, और मेरे बूब्स को अपने मूह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
वो एक-दूं लड़कियों की तरह मेरे बूब्स को चूस रहे थे, जैसे मैं एक लड़की हू. मैं भी उनके बालों में अपने हाथ सहला रहा था, और अपनी चेस्ट को उपर कर-कर के अपने बूब्स को चुस्वा रहा था.
फिर उन्होने इशारे से मुझे अपने पास बुलाया, और अपना लंड चूसने के लिए कहा. पहले मैने उनकी आँखों में आँखें डाली, और एक आइ कॉंटॅक्ट के साथ मूह को नीचे करते हुए उनके लंड को एक-दूं से अपने मूह में ले लिया.
क्या ज़ोरदार लंड था यार. 7 इंच का होगा कम से कम, और काला बिल्कुल बबक वाला. अब मैं उनके लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाट रहा था. ये मेरा फर्स्ट टाइम था, लेकिन मज़ा मुझे एक-दम पॉर्न स्तर की तरह आ रहा था.
मैं लंड को ज़्यादा से ज़्यादा अपने मूह में लेने की कोशिश कर रहा था. वो भी मुझे गर्दन से पकड़ कर ज़ोरदार तरीके से अपने लंड को चुस्वा रहे थे. उनके लंड को मैं अपने गले तक महसूस कर रहा था. मेरी थूक से उनका लंड बिल्कुल भर चुका था.
मेरी थूक मेरे लिप्स से अपने आप बाहर आ रही थी, लेकिन वो रुकने का नाम नही ले रहे थे. मेरा फर्स्ट बबक सकिंग एक्सपीरियेन्स हो चुका था. लगातार अपना लंड चुसवाने के बाद, उन्होने मेरे फेस को नीचे किया, और मैं उनके टट्टो को चाटने लगा.
मैं अपनी जीभ से उनके टट्टो को चाट रहा था. लगातार उनके टट्टो को अपनी जीभ से चाट-चाट कर मैं सॉफ कर रहा था. मुझे इस चीज़ में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैं उनको डॅडी कह कर बुला रहा था, जिससे उनको और ज़्यादा सेक्स चढ़ रहा था.
ऐसे ही उनका लंड चूसने के कारण उनका माल निकालने लगा. उन्होने अपना माल मेरे मूह में भर दिया, और मेरे मूह के उपर भी लगा दिया. फिर उन्होने मुझे खड़ा किया, और ज़ोरदार किस करना शुरू कर दिया.
उनका माल हम दोनो के मूह में घूम रहा था. हम दोनो उनके मालको टेस्ट कर रहे थे, और जीब से एक-दूसरे को ट्रान्स्फर कर रहे थे. ज़ोरदार किस करने के बाद उन्होने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा. मैं चुप-छाप बैठ कर घोड़ी बन गया.
फिर उन्होने एक क्रीम उठाई, और बहुत सारी क्रीम को अपने लंड पर लगा लिया. फिर बहुत सारी क्रीम अपने हाथो में लेकर मेरी गांद के अंदर डालनी शुरू कर दी. वो दो उंगलियो से मेरी गांद के अंदर क्रीम डाल रहे थे.
मेरी गांद वर्जिन होने के कारण मुझे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था. सारा कमरा मेरी सिसकियों और आहह आहह की आवाज़ो से गूँज रहा था. लेकिन सच मानो तो मुझे मज़ा बहुत ही ज़्यादा आ रहा था.
फिर उन्होने दो उंगलियो की स्पीड बढ़ा दी, और मेरी गांद को उंगलियो से छोड़ना शुरू कर दिया. जब उनको लगा की अब उनको अपना लंड डाल देना चाहिए, तो धीरे से उन्होने अपना लंड मेरी गांद के च्छेद पर रखा, और एक-दूं से पूरा धक्का लगा कर अपना आधे से ज़्यादा लंड मेरी गांद में डाल दिया.
मेरी एक-दूं ज़ोरदार चीख निकल गयी, और उस टाइम मेरी आँखों में से आँसू निकल रहे थे, जो की खुशी के आँसू थे. सच मानो, ऐसा एहसास मुझे ज़िंदगी में पहली बार हुआ था. उनके तोड़ा सा पुश करने के बाद उनका पूरा लंड मेरी गांद के अंदर जेया चुका था.
अब वो लगातार मेरी गांद को छोड़ रहा था आयेज-पीछे आयेज-पीछे आयेज-पीछे करके. उन्होने अपने हाथ को आयेज ले-जेया कर मेरी छ्होटी सी नून्न्ी को मसलना शुरू कर दिया. मुझे भी बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था, लेकिन दो-चार मिनिट मसालने के बाद ही मेरा नून्न्ी का पानी निकल गया.
लेकिन वो करीब 10 मिनिट से मुझे लगातार छोड़ रहे थे. ऐसे ही वो मुझे 20-30 मिनिट तक छोड़ते रहे.
उसके बाद उन्होने मुझे उल्टा बेड पर लिटाया, और मेरे उपर लेट कर मुझे नेक पर किस करना शुरू कर दिया. फिर उन्होने अपना लंड मेरी गांद में डाल दिया.
वो लगातार मेरे उपर लेते हुए आयेज-पीछे हो रहे थे, और मेरी गर्दन और मुझे बार-बार पीछे मोड़ कर किस कर रहे थे. मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
फिर वो बेड पर बैठ गये, और मुझे अपने उपर आने के लिए कहा. अब मैं उनकी गोद में बैठ कर अपनी गांद मरवा रहा था, जैसे लड़की मरवती है. मैं उपर-नीचे हो-हो कर की आवाज़ निकाल रहा था.
वो बीच-बीच में मेरे बूब्स को बीते कर रहे थे. मेरी पूरी च्चती पर लाल-लाल दांतो के निशान हो चुके थे. उनका लंड लेकर मैं सातवे आसमान पर था. मेरी आँखों में से आँसू भी आ रहे थे, और मेरी आहों की आवाज़ भी पुर कमरे में गूँज रही थी.
उनका माल निकालने वाला हुआ, तो उन्होने फिर से मुझे घोड़ी बनाया, और अपना सारा माल मेरी गांद में ही निकाल दिया. मेरी गांद में से माल अब बाहर आ रहा था, जिसको वो उंगली से लेके मेरे मूह में डाल देते थे.
उनका माल एक-दूं गरम और नमकीन था, जिसको पी कर मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. फिर उन्होने मुझे एक ज़ोरदार किस की. इस बार हम दोनो एक-दूसरे को किस कर रहे थे, और बाद में उन्होने कहा-
आकाश: आरिफ़, आज से तू मेरी रंडी बन कर रहेगा. जब भी मेरा दिल करेगा, तू आ कर मुझे अपनी गांद देगा.
मैं: मैं तो आज से आपका गुलाम हो चुका हू. आपको गांद मारने का बहुत ही बाड़िया तरीका आता है. चाहे मैने गांद पहली बार मरवाई थी, पर मैं आपका गुलाम हो चुका हू. आज से जब भी आपका दिल करे, मुझे बुला लेना. मैं तो आपका लंड लेने के लिए तड़प रहा हू.