दोस्तों शुरू करने से पहले एक छ्होटा सा इंट्रोडक्षन दूँगा. ये स्टोरी में आप मैं कॅरक्टर हो, इसलिए मैं आपको “मैं” लिखूंगा. आपका नाम है देवरता. सरनेम इस सीक्रेट जो समय आने पे पता चलेगा. आप गोकुलधाम सोसाइटी में आज शिफ्ट हुए है, और उसका एक ख़ास कारण है.
गोकुलधाम सोसाइटी में एक नयी सुबा होती है. चलिए हम चलते है जेथलाल के घर. जेथलाल, जो अभी भी सो रहा है
दया: टप्पू के पापा उठिए ना. टप्पू के पापा.
जेथलाल: सोने दे दया.
दया (मॅन में सोचते हुए): मुझे पता है आपको कैसे जगाना है.
दया जेथलाल के पाजामे के अंदर हाथ डालती है, और उसके लंड को मसालने लगती है, और अपना मूह कंबल के अंदर लेके जेता के लंड के टोपे पर चुंबन देती है. इससे जेथलाल के शरीर में एक अलग कंपन पैदा होती है. जेथलाल के मूह से आ की सिसकारी आती.
दया, जो की जेथलाल के लंड को लॉलिपोप की तरह चूस रही है, ह्म ह्म
कर रही है. जेथलाल दया के सर पर हाथ रख के पूरा लंड (8 इंच का) उसके मूह के अंदर-बाहर करता है. दया, पूरा लंड उसके गले तक जाता है, और वो उसको चूस्टे-चूस्टे पूरा माल पी जाती है.
कंबल के बाहर आके माल गतक लेती है, और जेता को कामुक निगाहों से देखती है, अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए.
जेथलाल (मुस्कराते हुए): मेरी रानी दया, तू माहिर हो गयी है मुझे नींद से जगाने में.
दया: अब इतने साल तो हो गये है हमारी शादी को.
जेथलाल दया का हाथ पकड़ कर अपनी और खींचता है, और उसके लिप्स पे किस करता है. दया जेता के लिप्स चूस्टी है. तभी-
बापूजी: बहू मेरी छाई?
दया जल्दी से जेता को छ्चोढ़ के उससे नहाने बोलती है, और छाई बनाने चली जाती है. जेता जैसे ही नहाने जाता है, उसे एक फोन आता है.
जेथलाल: हेलो कों?
अननोन: हेलो भाई साहब.
जेथलाल आवाज़ सुन के हक्का-बक्का रह जाता है.
अननोन: भाई साहब मैं आपको बिल्कुल भी तकलीफ़ नही दूँगा.
जेथलाल निशब्द हो कर फोन रख देता है. फिर कमरे से बाहर जेया कर बापू जी की तरफ देखता है.
बापूजी: क्या हुआ जेता, नहाने क्यूँ नही जेया रहा?
जेता बापू जी की दिशा में देखता हुआ बोला: बापू जी देवरता का फोन था.
बापूजी के चेहरे पे एक गंभीर अभिव्यक्ति आ जाती है.
बापू जी: उसने यहा वापस क्यूँ फोन करा? मैने उस दिन सारे रिश्ते ख़तम कर दिए थे ना.
जेथलाल: बापू जी अब भूल जाइए इतनी पुरानी बात को. उससे ग़लती हुई, और उसकी सज़ा भी उसको मिल गयी. आख़िर वो मेरा भाई ही तो है.
बापूजी (उँची आवाज़ में): 100 बात की एक बात. मेरा उसके साथ कोई रिश्ता नही, समझा?
जेथलाल: जी बापू जी, मगर वो यहा रहने आ रहा है.
बापूजी (गंभीर अभिव्यक्ति के साथ): एक अंजान व्यक्ति से हमे क्या मतलब?
जेथलाल सर झुका के अंदर चला जाता है. इसी के साथ जेता नहाने जाता है.
अब हम चलते है भिड़े मास्टर के घर-
इधर माधवी अभी-अभी बातरूम से नहा कर एक टवल लपेट के आ रही थी, और भिड़े ने उसको कामुक नज़रों से देखते हुए पीछे से पकड़ लिया.
माधवी सिसकारी लेती हुई: आ छ्चोढिए ह्म.
भिड़े अपने हाथो से उसके बूब्स को दबाते हुए धीरे-धीरे चूचियों को मसालते हुए-
भिड़े: अर्रे मेरी जानेमन, तुझे देख के दिल और लंड दोनो ज़ोर-ज़ोर से फड़फड़ने लगते है.
ये बोल कर वो माधवी की छूट मैं उंगली डाल देता है. माधवी भिड़े के होंठो को चूस रही है, और उसके लंड को मसल रही है. दोनो जैसे ही आयेज बढ़ते है, डोरबेल बजती है, और दोनो एक-दूं से अलग हो जाते है. थोड़ी साँस लेके भिड़े बाहर जाता, और माधवी तैयार होती है. दोनो का मूड था, मगर इस डोरबेल ने खराब कर दिया.
भिड़े (दरवाज़ा खोलते हुए): कों है?
अननोन: नमस्ते भिड़े सिर.
भिड़े: नमस्ते, आप?
अननोन: जी मेरा नाम देवरता है. मगर आप ँझे देव बोल सकते है.
मैं इस सोसाइटी मैं नया हू, आपसे मिल कर अछा लगा.
भिड़े: अछा हा, आइए अंदर. मुझे फोन आया था चंदा रमणी जी का. उन्होने आपको फ्लॅट बेच दिया ना?
मे: जी बिल्कुल.
भिड़े: अंदर आइए.
मे: जी नही, आप मुझे चाबी दे दीजिए. आपको परेशानी लेने की ज़रूरत नही.
भिड़े: अर्रे इसमे परेशानी क्या? माधवी, छाई लेके आना, मेहमान आए है.
भिड़े के रिक्वेस्ट पर मैं अंदर आ गया और सोफे पे बैठ गया. फिर चाबी लेके छाई का इंतेज़ार किया. अब तोड़ा मेरा यानी आपका परिचय हो जाए. नाम देवरता गाड़ा,
जेता का छ्होटा भाई, और चंपकलाल का छ्होटा बेटा.
मगर चंपकलाल ने (मेरे बापू जी ने) एक ग़लती की वजह से घर से निकाल दिया. खैर छ्चोढिए, मेरी हाइट 6’4″ है और चौड़ी छाती है. बाइसेप्स, एबेस आंड बॉडी सब तगड़ी है, जैसे कोई फिल्म का हीरो हो.
माधवी एक नीले कलर की खूबसूरत सारे पहन के आई, जिसमे उसके बूब्स की निपल दिख रहे थे, और क्लीवेज भी.
मे: नमस्ते.
माधवी छाई देने झुकती है: नमस्ते.
मैं उसकी क्लीवेज और चूचियाँ देख के मदहोश हो जाता हू, और छाई लेता हू. मगर मेरा लंड तड़पने लगता है. फिर माधवी भिड़े के पीछे खड़ी हो जाती है. मैं वापस होश में आ कर छाई के लिए धन्यवाद करता हू.
माधवी: इसमे धन्यवाद क्या? अब आप भी हमारी सोसाइटी के सदस्या है. एक परिवार की तरह.
मे (मुस्कुराते हुए): जी.
भिड़े: वैसे आप काम क्या करते है?
मे: जी मुझे काम ढूँढना है. 2-3 जगह से इंटरव्यू का लेटर आया था. एक तो कॉलेज से और…
भिड़े: अर्रे इसमे हमारी बेटी सोनू भी जाती है. आप क्या पढ़ते है?
मे: जी मैं एक फिज़िकल टीचर हू. एक तरह से स्पोर्ट्स कोच भी समझ सकते है आप.
भिड़े: हा, आपको देख के लगता है. वेल देन आप पढ़ाई कहा तक करे है?
मे: जी बस 12त.
भिड़े: अछा कुछ कारण?
मे: जी पर्सनल प्रॉब्लम्स. (छाई कप नीचे रख के) चलिए सिर और माँ, छाई बहुत अची थी धन्यवाद. अब मैं चलता हू.
भिड़े: जी आपको मदद चाहिए हो किसी चीज़ में तो ज़रूर बताईएएगा.
मे: जी सिर बिल्कुल.
भिड़े: और हमारे यहा एक और नये मेंबर है. वो ज़रा रूड है. कुछ दिन रहने आए है. उनकी तरफ से माफी.
मे: अर्रे सिर कोई बात नही. सब आप लोग जैसे नही होते ना.
एक बार माधवी को पूरी देखते हुए मैं बाहर निकल जाता हू.
मे (मॅन में): यहा बहुत कुछ है, मज़ा आएगा.
इसके बाद मैं घर पर जेया कर सब समान सेट करता हू, जिसमे पूरा दिन चला जाता है, और रात का वक़्त आ जाता है. फिर मैं खाना बना के और खा के नीचे जाता हू कॉंपाउंड में. कॉंपाउंड से जाते हुए-
माधवी: देव जी.
मे (मेहता का घर देखते हुए जहा बहुत सारी महिलाए बैठी रहती है) माँ आपने बुलाया?
माधवी: हा, ये देवरता है आज ही आए है. चंदा रमणी का फ्लॅट खरीदा है.
अंजलि एक और बड़ी चूचियों की महिला सूट में बैठी बोलती है: अछा, स्वागत है आपका.
मे: धन्यवाद जी. (मॅन में) क्या बात है, ये सोसाइटी है ना. इतने आचे लोग और सेक्सी) आप सभी को नमस्ते.
मेरा उनके बूब्स और गांद पे ध्यान की वजह से लंड फड़कने लगता है, और 10 इंच का लंड बाहर आने को ताड़पता है. रोशन मेरे लंड को देख के हक्की-बक्की रह जाती है (ओह मी गोद इतना बड़ा).
दया: नमस्ते देव भाई.
मे: भाभी जी (चरण की और देख कर स्पर्श).
बबिता: मुझे लगता है देव जी कही जेया रहे थे, और हमने रोक लिया.
मे: जी नही, बस खाना खा के घूमने जेया रहा था (ये है सही माल तो). चलिए जी अब आप बात करिए.
और मैं बाहर निकल जाता हू.
रोशन: अर्रे आप मानोगे नही, ये देव का लंड इतना बड़ा था की मैं दर्र गयी.
बबिता: रोशन भाभी सही में?
रोशन (सर हिलाते हुए): हा.
सभी महिला सोच में पद जाती है. पर माना कर देती. मगर रोशन और बबिता अपने पति से खुश नही थी, इसलिए ज़्यादा गहरी सोच में थी. दोनो ही छूट दबाते हुए गरम हो जाती है. सोडा शॉप पर वही रोज़ की गॅप-शॅप. मैं वाहा से निकल रहा था, और भिड़े ने सबसे इंट्रोडक्षन कराया. जेथलाल गहरी सोच में मेरी तरफ देखता है
तारक: क्या हुआ जेथलाल?
जेथलाल: कुछ नही मेहता साहब, बस यू ही दुकान की टेन्षन.
सोढी: टेन्षन को छ्चोढो, और सोडा पियो.
इएर: और देव तुम भी सोडा पियो.
मे: जी नही मैं चलता हू.
तभी दुकान के सामने एक गाड़ी रुकती है, और अजय दीवान गाड़ी से बाहर आते हुए बोलते है-
अजय: कल सुबा तैयार रहना.
हाथी: अजय भाई आइए सोडा पीजिए.
अजय: मेरे पास ये सब का टाइम नही निकलता.
पोपातलाल: ये अलग आदमी है.
तराक: हा तुमसे भी ज़्यादा बड़ा झगड़ालु (हासणे लगता है सब के साथ).
मैं तोड़ा से मुस्कुरके हुए आयेज निकल जाता हू. फिर वो खाली रोड पे आता हू.
अननोन: ये लो सिर फोन.
मे: ध्यान रखना, हमारे पास ज़्यादा वक़्त नही. मुझे सब ख़तम करना होगा जल्द से जल्द.
और वो मोबाइल लेके वाहा से निकल जाता हू. फिर घर वापस आ कर सो जाता हू. आज का दिन बहुत थकने वाला था. बाकी सब के घर रात में चुदाई चल रही थी.
हम चलते है इएर के घर-
बबिता: इएर छूटना नही.
इएर छूट जाता और सो जाता है, क्यूंकी उसका मॅन भर गया था.
बबिता: ये कुछ काम का नही. (मॅन मैं सोचते हुए) मुझे भी चुदाई करनी है. दया भाभी, अंजलि भाभी, और माधवी भाभी के कितने मज़े है. जेता जी का 8 इंच, मेहता साहब का 7 इंच, और भिड़े भाई का 7 इंच का है. अगर वो नया लड़का आके मेरी टांगे उठा के जाम के चुदाई कर दे तो मज़ा आ जाए.
इसी के साथ बबिता फिंगरिंग करके सो जाती है, और एक नयी सुबा और एक नयी उमीद होती है. मैं उठ कर फ्रेश होके ब्रेकफास्ट लेता हू, और कॉलेज निकल जाता हू.
प्रिन्सिपल: एक 28 साल की सेक्सी आंड हॉट लड़की होती है, जिसका फिगर होता है 36-30-34.
प्रिन्सिपल: अंदर आइए देवरता जी.
मे: शुक्रिया मेडम, नमस्ते.
प्रिन्सिपल: नमस्ते. तो आप फिज़िकल एजुकेशन के टीचर है. क्वालिफिकेशन? ह्म अछा है सब.
वो खड़ी हो जाती है.
मे: मेडम मैं बच्चो को बहुत आचे तरीके से सीखौँगा. बस एक मौका दीजिए.
प्रिन्सिपल: जी बिल्कुल आपको मौका मिलेगा, मगर उससे पहले.
वो मैं डोर बंद करके सारी खिड़कियाँ बंद कर देती है.
मे: जी.
प्रिन्सिपल: मुझे आपका स्टॅमिना और हेल्त चेक करनी होगी.
मेरे कंधो पर हाथ रखती है.
मे: मुझे क्या करना होगा मेडम?
प्रिन्सिपल: मुझे खुश कर दो.
मे: जी?
प्रिन्सिपल: ये मत सोचना मैं सब के साथ ऐसा करती हू, मगर तुम्हे देख कर आकर्षित हो रही हू.
मैं उसके हाथ पकड़ के आयेज करता हू, और अपनी गोदी में बिता देता हू. प्रिन्सिपल सिसकारी लेती है. मैं फिर उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए लिप्स लॉक करते हुए किस करता हू, और छूट पर हाथ फेरता हू. तभी प्रिन्सिपल पानी छ्चोढ़ देती है एक तेज़ सिसकारी के साथ और हाँफने लगती है.
अब मेरा बड़ा लंड बाहर निकाल कर प्रिन्सिपल मेरी तरफ कामुक निगाहों से देखते हुए मेरे लंड को चूमती है, और चाटने लगती है. धीरे-धीरे लॉलिपोप की तरह चूस्टी है, और स्पीड बढ़ती है.
प्रिन्सिपल: इतना बड़ा लंड, आज तो मेरी छूट फाड़ देगा ये ह्म.
मैं 10 इंच का पूरा उसके गले तक डाल के माल छ्चोढ़ देता हू 2 मिनिट बाद. प्रिन्सिपल पूरा नही गतक पाती और खाँसने लगती है.
मे: आज तुझे पूरा रंडी बना दूँगा.
प्रिन्सिपल: हा.
मैं सारी उपर करके उसकी छूट पर लंड रखता हू, और एक धक्का मारता हू. प्रिन्सिपल आधा लंड जाने पर ज़ोर से चिल्लती है, मगर कमरा साउंड प्रूफ था, इसलिए बाहर आवाज़ नही गयी.
प्रिन्सिपल: मेरी छूट फटत जाएगी.
मे: ले रंडी (एक बार धक्का मार के पूरा घुसा देता हू, और धीरे-धीरे आयेज-पीछे करता हू).
प्रिन्सिपल दर्द से कराह रही थी. मगर धीरे-धीरे आनंद लेने लगी.
प्रिन्सिपल: आ आ मेरी छूट फाड़ दो, और तेज़ छोड़ो.
मे: बोल मेरी छूट को अपने बना दो (तेज़-तेज़ धक्के मारते हुए उसे पूरा ज़ोर से छोड़ने लगता हू, और घाप-घाप की आवाज़ उसकी गांद मेरे शरीर से टकराने से आने लगती है).
प्रिन्सिपल: आह मैं मॅर गयी. ह ऐसे ही छोड़ो. मज़ा आ रहा है. मैं हू तुम्हारी रंडी ह.
मे: ये ले (उसकी गांद पे थप्पड़ मारता हू).
प्रिन्सिपल: आ ई आम कमिंग ( वो पानी छ्चोढ़ देती है).
मे: अभी तो शुरू हुआ हू.
पुर आधे घंटे अलग तरह से छोड़ने के बाद मैं भी उसके अंदर झाड़ जाता हू. प्रिन्सिपल हानफते हुए टेबल पर पड़ी थी.
मे: तो कैसा लगा मेडम जी?
प्रिन्सिपल: मज़ा आ गया. आज से तुम मुझे ऐसे ही छोड़ोगे तो कॉलेज में नौकरी मिल गयी. पैसे 1 लाख पेर मंत.
मे: धन्यवाद (गांद पर छाँटा मार के, और उसको चूम के बाहर आ जाता हू, एक मुस्कुराहट के साथ).
और ये मेरा पार्ट 1 यही समाप्त होता है दोस्तों.
अगर आपको पसंद आई हो, तो ज़रूर बताना की आयेज लिखू या नही. इसी के साथ मेरे जाने का वक़्त आ गया है. चलता हू बाइ.
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