हेलो दोस्तो, मेरा नाम किरण है. मई 23 साल की हू, और काफ़ी सेक्सी हू. मेरा फिगर 34″26″36″ है. मेरा रंग गोरा है, और बॉडी टाइट है. मेरी फॅमिली मे मई, मेरे मों-दाद, और एक बड़ी बेहन है. मेरी बड़ी बेहन मुझसे 7 साल बड़ी है, और उसकी शादी 5 साल पहले हो चुकी है.
ये कहानी 2 महीने पहले की है. इसमे आपको पता चलेगा, की कैसे मेरे जीजा जी ने मुझे रंगे हाथ पकड़ लिया, और फिर मेरे और उनके बीच जिस्मानी संबंध बन गये. ये सब इतनी जल्दी हुआ, की मुझे कुछ पता ही नही चला. तो चलिए शुरू करते है मेरी कहानी.
2 महीने पहले मेरे मों-दाद को किसी की शादी पर जाना था. मेरे एग्ज़ॅम्स चल रहे थे, तो मई उनके साथ नही जेया पाई. अब मई घर पर अकेली थी, और पढ़ाई कर रही थी. तभी मुझे मेरे बाय्फ्रेंड की कॉल आई. जब मैने फोन उठाया, तो मेरा ध्यान पढ़ाई से हॅट कर सेक्सी बातो की तरफ चल पड़ा.
जब मेरे बाय्फ्रेंड को ये पता चला, की मई घर पर अकेली थी, तो वो मेरे घर आने की ज़िद करने लगा. मैने उसके साथ किस्सिंग तो बहुत बार की हुई थी, लेकिन चुदाई अभी तक नही हो पाई थी. मैने भी देखा, की आज अछा मौका था, और उसको घर बुला लिया.
वो 15 मिनिट मे घर के सामने आ गया, और मैने उसको चुपके से घर के अंदर ले लिया. मैने उस वक़्त शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी, और उसने जीन्स और त-शर्ट पहनी थी. मई उसको अपने रूम मे ले गयी, और हम दोनो किस्सिंग करने लगे.
उसने मुझे अपनी बाहो मे कस्स लिया, और ज़ोर-ज़ोर से मेरे होंठ चूस रहा था. वो साथ-साथ मेरी गांद भी दबा रहा था. मई काफ़ी गरम हो गयी थी, और मैने उसकी त-शर्ट उतार दी. फिर उसने भी मेरी त-शर्ट उतार दी, और मेरी क्लीवेज मे मूह डाल कर चूमने लगा.
हम दोनो पुर मज़े मे थे, और मई ज़ोर-ज़ोर से साँसे ले रही थी. मेरी छूट भी थोड़ी गीली हो गयी थी. तभी अचानक पीछे से आवाज़ आई-
आवाज़: किरण!
आवाज़ सुन कर हम दोनो अलग हो गये. हमने दरवाज़े की तरफ देखा, तो वो मेरे जीजू थे. फिर मई बोली-
मई: जीजू आप यहा कैसे?
उनको देखते ही मेरा फटतू बाय्फ्रेंड बाहर भाग गया. अब मई ब्रा और शॉर्ट्स मे खड़ी थी, और जीजू मेरे सामने थे. मेरी साँसे अभी भी तेज़ चल रही थी, और मई दर्र रही थी. मुझे समझ नही आ रहा था, की मई कैसे रिक्ट करू.
मेरे दिमाग़ मे आया, की मैने अंदर आते वक़्त दरवाज़ा बंद नही किया था, इसलिए जीजू सीधा अंदर आ गये थे. फिर जीजू मेरी तरफ बढ़े, और मेरे पास आके रुक गये. जैसे ही मई कुछ बोलने लगी, तो जीजू ने अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए.
वो मुझे किस करने लगे, और मुझे भी इस बात से कोई प्राब्लम नही हुई. शायद मई गरम थी, इसलिए मई कुछ बोल नही पाई. फिर मई भी उनका साथ देने लगी, और हम दोनो एक-दूसरे को पुर जोश मे किस करने लगे. 10 मिनिट की किस के बाद हम अलग हुए, और जीजू ने मुझे बेड पर लिटा लिया.
वो मेरी गर्दन, कंधो, और क्लीवेज को चूमने लगे, और मेरे बूब्स दबाने लगे. तभी मेरे फोन पर दीदी की कॉल आई-
दीदी: ही किरण कैसी हो?
जीजू मेरी गर्दन पर किस करे जेया रहे थे.
मई: दीदी ठीक हू.
दीदी: तेरी साँस क्यू चढ़ि हुई है?
मई: दीदी मई वो सीडीया चढ़ रही थी.
दीदी: अछा तेरे जीजू आने वाले है. वो रात वही रुकेंगे. तू उनका ध्यान रखना.
मई: हा दीदी आचे से रखूँगी.
दीदी: ओक बाइ.
अब तक जीजू ने मेरी शॉर्ट्स उतार दी थी, और मेरी जाँघो को चूम रहे थे. वो पनटी के उपर से मेरी छूट को चूम रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मई उनके सिर को अपनी जाँघो मे दबा रही थी. तभी जीजू का फोन बजा-
जीजू: हा जान बोलो.
अब मैने जीजू के लंड को पंत के उपर से मसलना शुरू कर दिया था .
दीदी(जीजू को बोली): अछा मैने किरण को आपके आने के बारे मे बोल दिया है. आप शरमाना मत, जो चाहिए होगा माँग लेना उससे. छ्होटी बेहन जैसी है वो आपकी.
जीजू: ठीक है जी.
दीदी: ओक बाइ.
फिर जीजू ने मेरी ब्रा उतार दी, और मुझे गोद मे बिता कर मेरे बूब्स चूसने लगे. मुझे बूब्स चुस्वा कर बड़ा सुकून मिल रहा था. जीजू दबा-दबा कर मेरे बूब्स चूस रहे थे, और उन्होने मेरे निपल्स लाल कर दिए थे.
फिर उन्होने मुझे लिटाया, और मेरी पनटी उतार दी. वो मेरी कुवारि छूट देख कर बोले-
जीजू: अभी तक लंड नही लिया?
मई: नही.
जीजू: क्या बात है!
मई: आज लेने वाली थी लेकिन…
जीजू: लंड तो आज तुम्हे मिलेगा ही.
ये बोल कर जीजू ने मेरी छूट पर अपना मूह लगा लिया, और उस पर किस करने लगे. उनके होंठ मेरी छूट पर लगते ही मेरी सिसकिया निकालने लगी. फिर उन्होने अपनी जीभ निकाली, और मेरी छूट पर फेरनी शुरू कर दी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. जीजू ने अपनी एक उंगली मेरी छूट मे घुसा दी, जिससे मेरी आहह निकल गयी. फिर उन्होने अपनी जीभ मेरी छूट के अंदर डाल दी, जीभ से मेरी छूट छोड़ने लगे. मेरी छूट लगातार पानी निकाल रही थी, और जीजू मेरा पानी बड़े मज़े से पी रहे थे.
फिर जीजू ने अपने कपड़े उतारे, और सिर्फ़ अंडरवेर मे मेरे सामने खड़े हो गये. फिर वो बोले-
जीजू: इसमे तुम्हारा सर्प्राइज़ है, निकाल लो.
मई मुस्कुराते हुए उनके लंड के पास गयी, और मैने उनका अंडरवेर नीचे कर दिया. उनका लंड उछाल कर बाहर आ गया. उनके लंड की लंबाई 7 इंच थी, और वो 3 इंच मोटा था. मई तो उनका लंड देख कर हैरान हो गयी. मुझे किसी ने कहा था, की बड़े लंड वाले की बीवी किस्मत वाली होती है.
मुझे लगा, इस हिसाब से दीदी तो बड़ी किस्मत वाली थी. फिर जीजू अपना लंड मेरे मूह पर मारने लगे. मैने उनके लंड को किस किया, और अपने मूह मे डाल कर चूसने लगी. फिर जीजू ने मेरे मूह मे धक्के मारने शुरू कर दिए.
वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे मूह मे धक्के मारने लगे, और उनका लंड मेरे गले तक जाने लगा. मेरी मूह से काफ़ी थूक निकल रही थी. फिर जीजू ने मुझे बालो से पकड़ा, और मेरे होंठ चूसने लगे. अब वो वक़्त आ गया था, जब लंड और छूट का मिलन होने वाला था.
जीजू ने मुझे लिटाया, और मेरी टाँगो के बीच आ गये. पहले उन्होने 2 बार ज़ोर-ज़ोर से मेरी छूट पर लंड मारा. फिर उन्होने छूट के मूह पर लंड रगड़ा. मेरे मूह से सिसकिया निकले जेया रही थी. फिर उन्होने छूट के छेड़ पर लंड सेट करके पुश करना शुरू किया.
धीरे-धीरे उनका लंड आयेज बढ़ा, और उनके लंड का टोपा मेरी छूट मे घुस गया. मेरे मूह से चीखे निकालने लगी, और छूट से खून निकालने लगा. उन्होने लीप-लॉक करके मेरी चीखे बंद कर दी. अब वो धक्के मारे जेया रहे थे, और 1 मिनिट मे मेरी छूट चियर कर उनका पूरा लंड मेरी छूट मे समा गया.
पूरा लंड डालने के बाद वो 1 मिनिट के लिए रुक गये, और मुझे गरम करने लगे. मेरे होंठ चूस्टे हुए वो मेरे बूब्स भी सहलाने लगे. फिर जब मई गरम हो गयी, तो अपनी गांद हियालने लगी. इससे उनको ग्रीन सिग्नल मिल गया, और उन्होने धक्के लगाने शुरू कर दिए.
अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. जब उनका लंड मेरी बच्चे-दानी पर लगता, तो मेरी मज़े से आहह निकल जाती. जीजू मेरी छूट का पूरा मज़ा ले रहे थे, और साथ-साथ मुझे चूस भी रहे थे. फिर जीजा ने मेरी टांगे उपर की तरफ मोड़ ली, और ज़ोर-ज़ोर के झटके मारने लग गये.
मेरी छूट अब तक 2 बार पानी छोढ़ चुकी थी, लेकिन मुझे मज़ा अब भी बहुत आ रहा था. फिर जीजा जी आहह आहह करने लगे, और उन्होने अपना माल मेरी छूट मे ही निकाल दिया. झड़ने के बाद वो मेरे उपर ही लेट गये.
थोड़ी देर बाद हम दोनो ने फिरसे एक-दूसरे को चूसना शुरू कर दिया. उस पूरी रात हम दोनो ने 5 बार चुदाई की. मई तो सिर्फ़ सील खुलवाने वाली थी, लेकिन जीजा जी ने पहली ही रात मे मुझे कच्ची काली से पूरा फूल बना दिया.
उस दिन के बाद हमे ज़्यादा बार मौका नही मिला. लेकिन जब भी मौका मिला, जीजा जी और मैने खूब मज़े किए. अब मुझे बाय्फ्रेंड की कोई ज़रूरत नही थी.
तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.