ही दोस्तो मेरा नाम पारूल है. मई 26 साल की हू, और एक शादी-शुदा लड़की हू. मेरी शादी 2 साल पहले हुई थी. मेरे पति का नाम अजय है, और वो मुझे बहुत प्यार करते है. मेरा एक डेढ़ साल का बेटा भी है. कुल मिला के काहु, तो मेरी एक खुश-हाल फॅमिली है.
लेकिन आज तक कोई ये बात नही जानता, की जो मेरे बेटा है, वो आक्चुयल मे मेरे और मेरे पति का नही, बल्कि मेरे और मेरे जीजा जी का बेटा है. अपनी शादी के 2 साल मे मैने ये राज़ सब से च्छूपा कर रखा है, लेकिन आज मई आप सब के साथ ये किस्सा शेर करना चाहती हू.
उस वक़्त मई 24 साल की थी, और मेरा फिगर 34″28″36″ था. मई उस वक़्त भी बहुत सेक्सी लगती थी, और आज भी लगती हू. मेरे कॉलेज के सारे लड़के मेरे पीछे पड़े रहते थे, लेकिन मई किसी के हाथ नही आई. फिर मेरे लिए अजय का रिश्ता आया.
अजय एक अची फॅमिली का लड़का था, और उसकी फॅमिली वेल एस्टॅब्लिश्ड भी थी. फिर हमारी शादी की बात भी पक्की हो गयी. मेरे जीजू अजय को पहले से जानते थे. वो बिज़्नेस मीटिंग्स के दौरान एक-दूसरे से मिले हुए थे.
फिर मेरी और अजय की बाते होने लग गयी. अजय काफ़ी सेन्सिबल और स्मार्ट था. धीरे-धीरे हमारी सेक्सी छत शुरू हो गयी. अब वो मुझसे मेरी सेक्सी पिक्स माँगता था. मई पहले उसको माना करती थी, लेकिन फिर पिक्स भेज भी देती थी. आख़िर-कार वो मेरा होने वाला पति था.
शादी वाले दिन उसने मुझे एक बॉक्स भेजा. उस बॉक्स मे कुछ टॅब्लेट्स थी. उसने मुझे मेसेज मे लिखा था, की मई सुहाग-रात से पहले एक टॅबलेट खा लू. मुझे नही पता था, की वो टॅबलेट किस चीज़ के लिए थी, और ना ही उसने मुझे बताया था.
फिर शादी के बाद जब मई रूम मे बैठी थी, तो मैने टॅबलेट निकाली, और खा ली. लेकिन ये मेरी बहुत बड़ी ग़लती थी. वो टॅबलेट शरीर की गर्मी को बढ़ाने वाली थी. अजय ने मुझे वो टॅबलेट इसलिए दी थी, ताकि वो मुझे पूरी रात चोद सके. लेकिन हुआ कुछ और ही.
टॅबलेट खाने के बाद मेरी बॉडी को गर्मी चढ़ने लगी. मेरा अब सेक्स करने का बहुत दिल कर रहा था. फिर जब मैने विंडो से नीचे देखा, तो अजय अभी नीचे था. वो अपने दोस्तो के साथ दारू पी रहा था. मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था, क्यूकी यहा मई अपनी छूट के साथ उसकी वेट कर रही थी, और वो नीचे दारू की गांद मार रहा था.
फिर मई बेड पर बैठ गयी, और अपनी छूट सहलाने लगी. मेरी गर्मी बढ़ती जेया रही थी, तो मैने ज़ोर-ज़ोर से अपनी छूट मसलनी शुरू कर दी. मई ज़ोर-ज़ोर से आहें भर रही थी. फिर 30 मिनिट के बाद मेरा दरवाज़ा नॉक हुआ. उस वक़्त मई ज़ोर-ज़ोर से साँसे ले रही थी.
फिर मई उठी, और मैने दरवाज़ा खोला. दरवाज़े के बाहर जीजू और अजय खड़े थे. अजय दारू पीक लूड़क चुका था, और जीजा जी उसको संभाल रहे थे. फिर जीजा जी बोली-
जीजा जी: आज आपके साब ने थोड़ी ज़्यादा पी ली है. इसलिए मई इनको छोढ़ने आया हू.
अजय की आँखें भी नही खुल रही थी. फिर मैने जीजू की हेल्प की, और अजय को सोफा पर लिटा दिया. अजय सो गया, और मई जीजू की तरफ देखने लग गयी. मेरी साँसे अभी भी चढ़ि हुई थी. फिर जीजू बोले-
जीजू: तुम हाँफ क्यू रही हो?
मई: वो टॅबलेट दी थी अजय ने, वो खाई थी.
जीजू: कों सी? वो रेड वाली?
मई: हा, आपको पता है?
जीजू: हा, मैने ही तो उसको दी थी.
मई उनकी तरफ देखने लग गयी. फिर वो बोले-
जीजू: अब तो तुम्हे बहुत मुश्किल होगी. और अजय भी सो गया है.
मई: ह्म, अब मई क्या करू?
जीजू: मेरे साथ सुहाग-रात माना लो.
जीजू ने ये मज़ाक मे बोला था, और वो हासणे लग गये. मई अब अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी, और मैने जीजू की बात को सीरियस्ली लेते हुए उनको गले लगा लिया. फिर मैने उनके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. जीजा जी ने मुझे डोर हटाया, और बोले-
जीजा जी: पारूल ये क्या कर रही हो?
मई: किसी को पता नही चलेगा जीजू. और ये करके आप मेरी हेल्प ही करोगे.
ये सुनते ही जीजू ने मुझे कस्स के पकड़ लिया, और मेरे होंठ चूसने लग गये. वो साथ-साथ मेरे लहँगे के उपर से मेरी गांद दबाने लग गये. मई पागलो की तरह उनके होंठ चूस रही थी, और वो भी वाइल्ड होते जेया रहे थे.
फिर वो पीछे गये, और उन्होने दरवाज़ा बंद कर लिया. उसके बाद वो मेरे पास आए, और मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया. फिर वो मेरे उपर आए, और उन्होने मेरी चोली खोल दी. मैने नीचे रेड ब्रा पहनी हुई थी.
जीजू मेरी रेड ब्रा मे काससे हुए बूब्स देख कर पागल हो गये, और मेरी क्लीवेज मे मूह डाल कर चूमने-चाटने लग गये. मई भी उनको अपनी आगोश मे ले लिया, और उनके चूमने का मज़ा लेने लगी. फिर उन्होने मेरी ब्रा उतार दी, और मेरे निपल्स चूसने लगे.
वो खींच-खींच कर मेरे निपल्स चूस रहे थे. उसके बाद वो नीचे आए, और मेरी कमर चूमने लगे. वो मेरी नाभि मे जीभ डाल कर चूस रहे थे. अब मई गर्मी से पागल हो गयी थी. मई उनके उपर आ गयी, और मैने उनकी शेरवानी उतार दी.
उनका लंड 7 इंच का था. मैने उनका लंड पकड़ा और चूसना शुरू कर दिया. उन्होने मुझे 69 की पोज़िशन मे कर दिया, और मेरी छूट मे मूह मारने लगे. मैने लहँगे के नीचे सिर्फ़ पनटी पहनी थी. उन्होने मेरी पनटी को छूट वाली जगह से फाड़ दिया, और मेरी छूट मे जीभ मारने लगे.
उधर मई उनका लंड ज़ोर-ज़ोर से मसल कर चूसने लग गयी. वो मेरे मूह मे धक्के दे रहे थे, और मुझे मज़ा आ रहा था. मेरी छूट पानी-पानी हो रही थी, और जीजू मेरा पानी पी रहे थे. मई भी उनके लंड को मज़े से चूस रही थी.
फिर उन्होने मुझे नीचे किया, और मेरा लहंगा उतार दिया. उन्होने मेरी पनटी फाड़ दी, और मेरी जाँघो और छूट को चूसने लग गये. फिर वो मेरी टाँगो के बीच मे आए, और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगे. वो लगातार 2 मिनिट तक मेरी छूट पर लंड रग़ाद-रग़ाद कर तडपा रहे थे.
मई लंड लेने के लिए मॅर जेया रही थी, और मई तंग आके बोली-
मई: डाल भी दे मादरचोड़!
ये सुन कर जीजू हस्स पड़े. फिर उन्हे अचानक से गुस्सा आ गया, और उन्होने मेरी छूट मे पुर ज़ोर का एक धक्का मारा. मेरी चीख निकल गयी, और जीजू का आधा लंड मेरी चूत मे चला गया. उसके तुरंत बाद जीजू ने 2 और धक्के मारे, और बेरेहमी से अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दिया.
मेरी छूट से अब खून निकल रहा था. फिर जीजा जी बोले-
जीजा जी: मादरचोड़ किसको बोला रंडी?
ये बोल कर जीजू ने अपने मूह से मेरा मूह बंद कर लिया, और धक्के पे धक्का देने लगे. 2 मिनिट के दर्द के बाद मुझे मज़ा आना शुरू हो गया, और मई भी गांद उठा-उठा कर उनका साथ देने लगी. अब वो मेरी छूट छोड़ रहे थे, और साथ मे मेरे निपल्स काट रहे थे.
मई तो मज़े से पागल हो रही थी. वो लगातार 30 मिनिट मेरी छूट मे धक्के मारते रहे, और मेरे निपल्स चूस्टे रहे. फिर उनका पानी निकालने वाला हो गया. मई अब तक 3 बार झाड़ चुकी थी. फिर उन्हने अपनी स्पीड तेज़ की, और अपना पानी मेरी छूट मे ही निकाल दिया.
उसके बाद हम 10 मिनिट तक लेते रहे. मई अब भी उनको चूम-चाट रही थी, और मेरी आग ठंडी ही नही हो रही थी. 10 मिनिट बाद उनका लंड फिरसे खड़ा हो गया. इस बात उन्होने मुझे घोड़ी बना लिया , और मेरी गांद के छेड़ पर अपना लंड रगड़ने लगे.
फिर उन्होने मेरी गांद को चाट कर गीला किया, और उसके बाद लंड मेरी गांद के छेड़ पर सेट किया. लंड सेट होते ही उन्होने एक ज़ोर का झटका मारा, और आधा लंड मेरी गांद मे घुसा दिया. मेरी तो साँसे ही उपर चढ़ गयी.
फिर उन्होने धक्के देते हुए अपना पूरा लंड मेरी गांद मे डाल दिया. उन्होने मेरी बॉडी अपनी पकड़ मे लॉक की हुई थी, और मई हिल भी नही पा रही थी. 20 मिनिट उन्होने मेरी गांद की ठुकाई की. इनमे से 10 मिनिट मैने दर्द बर्दाश्त किया, और बाकी के 10 मिनिट चूड़ने का मज़ा लिया.
फिर उन्होने अपना पानी मेरी गांद मे ही निकाल दिया. 4 बार और चूड़ने के बाद मेरी आग ठंडी हो गयी. फिर जीजू अपने कपड़े पहन कर चले गये, और मई वाहा नंगी ही लेती रही. सुबा अजय के उठने से पहले मैने सब ठीक कर लिया. और उसके बाद मेरी मॅरीड लाइफ स्टार्ट हो गयी.
दोस्तो अगर कहानी अची लगी हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.