ही रीडर्स, मेरा नाम अजय है. और मैं उप का रहने वाला हू. ये मेरी कहानी का दूसरा पार्ट है. आशा करता हू, की आप सब ने कहानी का पहला पार्ट पढ़ा होगा. और ये भी आशा करता हू, की आपको पहला पार्ट अछा लगा होगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा, की मेरे बच्चे बड़े हो रहे थे, और अपनी बेटी को कुछ ज़रूरी बातें समझने के लिए मैने अपनी साली को बुलाया. मेरी साली डाइवोर्स थी, और हम दोनो में सेक्स के रिश्ते की शुरुआत हुई. अब आयेज बढ़ते है.
मेरे बच्चे घर आ चुके थे, और मुझे रूपा को बीच में ही छ्चोढ़ कर जाना पड़ा. फिर हम सब ने साथ बैठ कर बातें की. आज टाइम जल्दी नही बीट रहा था. या शायद मुझे ही ऐसा लग रहा था. क्यूंकी आज मेरी सेक्सी साली मेरा बिस्तर गरम करने वाली थी.
फिर हम सब ने बैठ कर डिन्नर किया. डिन्नर के वक़्त खूब हस्सी मज़ाक हुआ. रूपा वाहा भी डिन्नर टेबल के नीचे से कभी मेरे पैर पर अपना पैर रग़ाद रही थी, और कभी मेरे लंड पर हाथ फेर रही थी.
मुझे बच्चो का दर्र था. मैं नही चाहता था, की वो मेरी इज़्ज़त ना करे. इसलिए मैने ऐसा कुछ भी नही किया. डिन्नर के बाद हमने थोड़ी देर टीवी देखा, और एग्ज़ॅक्ट 9 बजे मैने बच्चो को उनके कमरे में सोने के लिए भेज दिया.
अब बस मुझे उनके सोने की वेट थी. रूपा अपने रूम में जेया चुकी थी. मैने एक घंटे बाद बच्चो के रूम में जाके चेक किया, की वो सोए या नही. जब मैने देखा, की वो सो चुके थे, तो मैने रूपा को मेरे रूम में आने के लिए मेसेज कर दिया.
अगले 5 मिनिट में रूपा मेरे कमरे में एंटर हुई. और मैं उसको देखते ही खुशी से पागल हो गया. रूपा ने ब्लॅक लेगैंग्स और रेड त-शर्ट पहनी हुई थी. लेगैंग्स में उसकी मोटी जांघें, और त-शर्ट में उसके मोटे बूब्स कमाल के लग रहे थे.
उसके बूब्स तो लग रहा था, जैसे त-शर्ट फाड़ के बाहर आ जाएँगे. पीछे से उसके चूतड़ की शेप कहर ढा रही थी. बाल उसने लपेट कर जूड़ा बना रखा था. आज रात तो मेरी रंगीन और संगीन दोनो होने वाली थी.
उसको देखते ही मैं खड़ा हुआ, और उसको बाहों में भर लिया. हम दोनो ने अपने होंठ मिलाए, और किस करना शुरू कर दिया. हम भूखे शेर-शेरनी की तरह किस कर रहे थे. दोनो सालों से प्यासे थे, तो अंदर का जानवर बाहर आ रहे थे.
5 मिनिट तक हमने जी भर कर एक-दूसरे के होंठ चूज़. इस बीच मैने उसकी गांद दबाई, और बूब्स मसल-मसल कर उसको पूरी तरह से गरम कर दिया था.
फिर मैने उसकी त-शर्ट उतरी, और उसको दीवार के साथ लगा लिया. मैने उसकी ब्रा भी उसी वक़्त उतार दी. अब उसके रस्स के प्याले मेरी आँखों के सामने थे. मैने जल्दी से उसके दोनो बूब्स को पकड़ा, और एक-एक करके उसके निपल्स का रस्स-पॅयन करने लग गया.
क्या स्वाद आ रहा था उसके निपल्स चूसने में. उसके निपल्स एक-दूं कड़क हो चुके थे. वो मदहोश हो रही थी, और मेरा सर सहला रही थी. फिर मैं नीचे घुटनो पर आया, और उसकी कमर चूमने लग गया. मैने अपनी जीभ डाल-डाल कर उसकी नाभि छाती.
फिर मैं और नीचे आया, और मैने उसको घुमा लिया. अब उसकी मोटी गांद मेरे सामने थी. मैने उसकी गांद में लेगैंग्स के उपर से मूह मारना शुरू कर दिया. क्या ज़बरदस्त मादक खुश्बू आ रही थी उसकी गांद से.
मैने उसकी लेगैंग्स को कमर से पकड़ा, और उसको खींच कर निकाल दिया. अब रूपा सिर्फ़ पनटी में थी. क्या बड़ी गांद थी, बहुत सेक्सी. मैने उसकी पनटी को नीचे किया, और उसके चूतड़ खोले. मुझे अब उसकी गांद का च्छेद दिखाई दे रहा था. तोड़ा नीचे छूट थी, और उस पर हल्के बाल भी थे.
मुझसे ज़रा भी रुका नही गया, और मैने अपना मूह उसकी गांद में डाल लिया. मैं उसकी गांद के च्छेद को छाते लगा, और छूट पर भी जीभ मारने लगा. रूपा मस्त होके अपनी गांद हिला रही थी. अगले 5 मिनिट मैने ऐसे ही उसकी गांद छाती.
फिर मैने उसको घुमाया, तो उसकी गीली छूट मेरे सामने आ गयी. मैने उसकी छूट में जीभ डालनी शुरू की, और उसकी क्लिट को दांतो से पकड़ कर चूसने लगा. वो मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी. कुछ देर उसकी छूट चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया.
फिर उसने मुझे धक्का देके बेड पर गिरा दिया. उसने बड़े कामुक तरीके से मेरी तरफ देखते हुए मेरा पाजामा उतार दिया. फिर वो मेरे अंडरवेर के उपर से मेरे लंड पर किस करने लगी. मैने खुद ही अपनी त-शर्ट उतार दी.
वो मेरी तरफ देख रही थी, और अंडरवेर समेत मेरे लंड को मूह में डाल रही थी. फिर जैसे ही उसने मेरा अंडरवेर नीचे किया, मेरा 8 इंच का लंड स्प्रिंग की तरह बाहर आया, और उसने मूह पर लगा.
लंड मूह पर लगने से वो हासणे लग गयी. फिर उसने मेरे लंड पर जीभ फेरी, और उसको मूह में डाल लिया. क्या मज़ा आया, मैं आपको बता नही सकता. वो मेरी तरफ देख रही थी, और किसी बाज़ारू औरत की तरह मेरा लंड चूस रही थी.
ऐसा तो मेरी बीवी ने भी कभी नही किया था. वो लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, और मैं भी कमर उपर-नीचे करके उसकी ताल से ताल मिला रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था. सालों बाद किसी औरत के सुख का अनुभव हो रहा था.
कुछ देर लंड चूसने के बाद वो मेरे उपर आई, और लंड को अपनी छूट पर सेट किया. फिर वो धीरे-धीरे उस पर बैठ गयी. बैठते हुए वो आ आ कर रही थी. मेरा लंड सीधा जाके उसकी बच्चे-दानी पर लगा.
उसकी छूट की गर्मी से मैं स्वर्ग में पहुँच चुका था. लंड को पूरा अंदर लेके, वो आयेज झुकी, और हम दोनो किस करने लगे. फिर वो बोली-
रूपा: छोड़ो मुझे जीजू.
मैने अपने दोनो हाथ उसके छूतदो पर रखे, और नीचे से धक्के देने लग गया. बहुत मज़ा आ रहा था उसको छोड़ने में. नीचे से धक्के मारने से ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी. कुछ मिंटो में वो भी गांद उपर-नीचे करने लगी, जिससे हमारी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी.
हम दोनो सातवे आसमान पर पहुँच चुके थे. 10 मिनिट हमने ऐसे ही चुदाई की. फिर मैने उसको नीचे लिटाया, और उसके उपर आके मिशनरी पोज़िशन में उसको छोड़ने लगा. मैने उसके बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए थे.
अगले 20 मिनिट हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही. उसकी आ आ की आवाज़े मेरा जोश बढ़ा रही थी. कमरे में एसी फुल था, फिर भी हम दोनो पसीना-पसीना हुए पड़े थे.
अब मैं अपने चरम पर आ गया, और लंड बाहर निकाल लिया. तभी रूपा ने पूछा-
रूपा: क्या हुआ?
मैं: मेरा निकालने वाला है, इसलिए निकाला.
रूपा: अंदर ही निकाल दो, मैं पिल लेलुँगी.
मैने दोबारा लंड अंदर डाला, और 15-20 ज़ोर के धक्के मारते हुए झाड़ गया.
इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.