ही दोस्तों, मैं अर्जुन अपनी कहानी के अगले भाग के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. मेरी पिछली कहानी को पसंद करने के लिए आप सब का धन्यवाद. जिन लोगों ने पिछली कहानी नही पढ़ी है, वो प्लीज़ जाके पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मेरे स्टूडेंट की सेक्सी मम्मी उर्मिला मुझसे पट्ट गयी थी. फिर उसने मुझे घर बुलाया, जब उसके घर पर कोई नही था. और फिर हम दोनो ने जाम कर चुदाई की. अब आयेज बढ़ते है.
मैं और उर्मिला चुदाई करके लेते हुए थे. फिर मैं खड़ा हुआ, और अपने कपड़े पहन लिए. कुछ देर में मैं वाहा से निकल आया. उर्मिला ने मुझे जाने से पहले कहा की ऐसा मज़ा उसको ज़िंदगी में इससे पहले कभी नही मिला था.
फिर मैं घर आ गया, और घर पर आके ऐसा शो किया की मैं स्कूल से आया था. उसी दिन रात को मैं उर्मिला से व्हातसपप पर बात कर रहा था. तभी मुझे एक अननोन नंबर से कुछ मेसेजस आए. मैने जब मेसेजस चेक किए तो वो फोटो मेसेजस थे.
जब मैने फोटोस डाउनलोड की, तो मेरी गांद फटत गयी. वो फोटोस मेरी और उर्मिला की चुदाई की फोटोस थी. मैं कुछ समझ नही पाया, की ये फोटोस किसने भेजी थी. फिर मैने मेसेज करके पूछा-
मैं: कों हो आप? और ये फोटोस आपको कहा से मिली?
उधर से जवाब आया: कल शाम को क्शयज़ पार्क में मिलो.
अब मैं घबरा रहा था, की वो कों था जिसके पास फोटोस थी. उधर से उर्मिला के नॉर्मल मेसेज ही आ रहे थे. मैं समझ गया की फोटोस सिर्फ़ मुझको ही भेजी गयी थी.
फिर अगले दिन मैं स्कूल चला गया. स्कूल में भी सारा दिन मेरे दिमाग़ में यही बात चलती रही, की कों होगा वो जिसने मुझे बुलाया था पार्क में. मैं बस स्कूल ऑफ होने, और शाम होने की ही वेट कर रहा था.
स्कूल ऑफ होते ही मैं सीधा पार्क में चला गया, और वेट करने लगा. 5 बजे के करीब मुझे मेसेज आया-
मेसेज: एबीसी थियेटर में आ जाओ, और किसी भी मोविए की टिकेट लेने बैठ जाओ.
मुझे लगा ये क्या मज़ाक हो रहा था. लेकिन मैं कुछ बोल नही सकता था. फिर मैं थियेटर में गया, और मोविए टिकेट लेके बैठ गया. कुछ देर बाद मेरे पास एक बहुत खूबसूरत लड़की आके बैठ गयी.
वो लड़की गोरी-चित्ति थी, और उसने फ्रॉक पहनी हुई थी. मैं इतना टेन्षन में था, की उसको आचे से देखा भी नही. मैं इधर-उधर देख रहा था, की तभी वो लड़की बोली-
लड़की: एक्सक्यूस मे. आप अर्जुन सिर हो ना?
फिर मैने उसकी तरफ देखा. बड़ा ही भोला सा चेहरा था उसका, और फिगर 34-29-34 के आस-पास होगा.
मैं बोला: हा मैं हू. आपको कैसे पता?
लड़की: मेरा भाई सौरव आपके पास पड़ता है.
मैं: अछा तो आप सौरव की बेहन है. क्या नाम है आपका?
लड़की: मैं सपना हू सिर.
मैं: ओक.
सपना: सौरव आपकी बहुत बातें करता है.
मैं: अची या बुरी?
सपना: हहा, ऑफ कोर्स अची.
मैं: तुम यहा अकेली आई हो?
सपना: मैं यहा किसी से मिलने आई थी.
मैं: किससे?
सपना: आप से.
मैं: मुझसे? मुझसे क्यूँ?
सपना: आपकी फोटोस खींचने वाली मैं ही हू.
उसकी ये बात सुन कर मैं हैरान सा हो गया. मुझे समझ ही नही आया की मैं उसको क्या बोलू. सपना एक 19 साल की लकड़ी थी, और मुझे नही समझ आ रहा था, की उसका मुझे यहा बुलाने का क्या मकसद था. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: लेकिन सपना तुमने ऐसा क्यूँ किया?
सपना: जब मैं घर पे आई तो मैने मम्मी के कमरे से आवाज़ सुनी. जब मैने आपको मम्मी को छोड़ते देखा, तो मेरी छूट ने भी पानी छ्चोढ़ दिया. मैं कितने लड़को से चूड़ी हू, लेकिन आप जैसी तगड़ी चुदाई किसी ने नही की.
सपना: तो अब आपको मेरी चुदाई करनी होगी. जैसे मैं बोलू वैसे. नही तो ये फोटोस पापा के पास चली जाएँगी. फिर उसके बाद वो जो करे सो करे.
उसकी बात सुन कर मैं खुश भी हुआ, और सोचने भी लग गया. खुशी इस बात की थी, की इतनी खूबसूरत लड़की सामने से आके मुझे चुदाई के लिए बोल रही थी. सोच इसलिए रहा था की उसकी ये बात “जैसे मैं बोलू वैसे चुदाई करनी होगी” का क्या मतलब था.
लेकिन फिर मैने सोचा की ना बोलने की तो मेरे पास ऑप्षन ही नही थी. इसलिए मैने उसकी हामी भर दी. फिर उसने कहा-
सपना: चलो मेरे साथ.
मैं खड़ा हुआ, आंड वो मुझे एक होटेल में ले गयी. होटेल ठीक-ताक था. उसने पहले से रूम बुक किया हुआ था. रूम में जाते ही उसने मुझे नंगा होने के लिए कहा. मैं उसकी बात मान कर नंगा हो गया.
फिर उसने मुझे बेड पर लेटने को कहा, और मैं लेट गया. मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो गया था. तभी उसने पास के ड्रॉयर में से हथकड़ी निकली, और मेरे दोनो हाथ बेड की बॅक के साथ बाँध दिए.
उसके ऐसा करते ही मैं समझ गया, की उसके दिमाग़ में कोई खुराफात चल रही थी. फिर उसने मेरे पैर भी बाँध दिए. अब मैं बेड पर बँधा हुआ उसके रहमो-करम पर था. तभी उसने एक पतली सी चढ़ि निकली, और उसको मेरी टाँगो पर मारने लगी.
पहले जब उसने धीरे से मारी, तो मुझे गुदगुदी हुई, लेकिन जब मैं हस्सा, तो उसने वही चढ़ि मेरे लंड पर ज़ोर से मारी. इससे मेरी चीख निकल गयी, और मेरा खड़ा हुआ लंड एक-दूं से बैठ गया
लंड बैठने पार उसने लंड हाथ में लिया, और उसको फिरसे सहलाने लगी. अब इतनी सेक्सी लड़की के हाथ लंड सहलाएँगे, तो लंड तो खड़ा होगा ही. मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. अब वो टाँगो को चढ़ि से मार रही थी.
मेरी टांगे उसके सामने खुली हुई थी, वो अपनी चढ़ि को मेरे लंड पर रगड़ने लगी. लंड के बाद वो मेरे टट्टो पर चढ़ि रगड़ने लग. उसके बाद वो मेरी गांद के च्छेद पर आ गयी. मुझे लगा वो यहा भी चढ़ि रगड़ेगी. लेकिन साली ने चढ़ि मेरी गांद में घुसेध दी. मेरी दर्द से चीख निकल आई.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. यहा तक कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट और शेर ज़रूर करे.