ही दोस्तों, मैं नीना अपनी स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट के साथ लौट आई हू. उमीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और आपको पसंद भी आया होगा. जिन लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो पहले उसको ज़रूर पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था की मैं रेग्युलर बस से कॉलेज आती-जाती थी. फिर बस कंडक्टर ने एक दिन मुझे टच किया तो मुझे बहुत अछा लगा. उसके बाद मैं रोज़ उससे खुद को टच करवाने लगी. हमारा ये खेल आयेज बढ़ता गया, तो वो मेरे निपल्स मसालने तक पहुँच गया. अब आयेज बढ़ते है.
मुझको अब बहुत मज़ा आने लग गया था. मेरी छूट की खुजली दिन-बा-दिन बढ़ रही थी. मैं घर पर उसके बारे में सोच कर फिंगरिंग भी करने लग गयी थी. मा कसम फिंगरिंग में मेरी छूट बहुत पानी छ्चोढती थी.
अब मैं सोच रही थी की उससे बात कैसे करू. फिर अगले दिन मैने अपना नंबर एक पेपर पर लिख कर जेब में रख लिया. आज फिर बस में भीड़ थी. जब वो मेरे पास आया, तो उसने टिकेट का पूछा. वैसे अब वो मुझे टिकेट दे जाता था, लेकिन पैसे नही लेता था.
मैने उसको अपनी जेब की तरफ इशारा किया. उसने जेब में हाथ डाला, तो उसको मेरे नंबर वाला पेपर मिला. उसने वो पेपर हाथ में आते ही मेरी तरफ देखा. मैने उसको इशारा किया, और उसने वो पेपर मेरी जेब से निकाल लिया. फिर बस स्टॉप पर पहुँच गयी, और मैं बस से उतार गयी.
शाम को घर आके मैं उसके फोन की वेट करने लगी. उस टाइम फोन भी सिंपल कीपॅड वाले होते थे. फिर मुझे एक अननोन नंबर से कॉल आई. मैं समझ गयी की ये उसी की कॉल थी. हमारी बात कुछ ऐसे हुई-
मैं: हेलो.
वो: हेलो जी, कैसे हो?
मैं: कों बात कर रहा है?
वो: मैं बस कंडक्टर.
मैं: ओह, मैं ठीक हू, आप बताओ कैसे हो?
वो: मेरा तो हाल बहुत ही बुरा है.
मैं: क्यूँ क्या हुआ?
वो: जब से आपको देखा है, आपके बारे में ही सोचता रहता हू. आपको चू कर दिल करता है बार-बार आपको छूटा राहु. बहुत सारा प्यार करने को दिल कर रहा है आपको.
मैं: अछा जी.
वो: हा बिल्कुल. आप मिलो तो सही, आपका सारा रस्स पी जौंगा.
उसकी बातें काफ़ी थर्ड क्लास थी, लेकिन मुझे अची लग रही थी. छूट में आग जो लगी थी. फिर मैने कहा-
मैं: कहा मिलू मैं आपको?
वो बोला: होटेल में मिलते है.
मैं: नही होटेल में नही, वाहा पकड़े जाने का ख़तरा रहता बाई.
वो: फिर मेरी बस में ही मिल लेते है. आप अपने स्टॉप पर मत उतरना. लास्ट स्टॉप के बाद बस खाली हो जाती है, तो आप बैठी रहना.
मैं: हा ये ठीक रहेगा.
अगले दिन मैं जीन्स और त-शर्ट पहन के बस में चढ़ि. मेरी जीन्स ब्लॅक कलर की थी, और त-शर्ट रेड कलर की. दोनो चीज़े टाइट थी, और मेरा पूरा फिगर दिखा रही थी. बस में जाते ही मैने कंडक्टर की तरफ देखा. उसने मुझे देख कर एक स्माइल दी.
आज बस में इतनी भीड़ नही थी, तो मैं सीट पर जाके बैठ गयी. मेरा स्टॉप निकालने के बाद मुझे थोड़ी-थोड़ी घबराहट होनी शुरू हो गयी. फिर आधे घंटे के बाद लास्ट स्टॉप आया. सारे पॅसेंजर्स उतार चुके थे. ड्राइवर ने बस रोक कर साइड में लगा दी. एक बार कंडक्टर भी बस से उतार गया. अब मैं अकेली बैठी थी बस में.
फिर 2 मिनिट बाद वो दोबारा अंदर आया. मेरी धड़कन तेज़ हो गयी. वो मेरे पास आया, और साथ वाली सीट पर बैठ गया. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा, और मेरे हाथ में कुछ दे दिया. मैं देखा तो वो एक चॉक्लेट थी. वो देख कर मैं बोली-
मैं: लड़की को इंप्रेस करने के लिए अछा है.
वो: इतनी खूबसूरत लड़की को इंप्रेस तो करना बनता है.
इस बात पे मैने स्माइल कर दी. फिर वो अपना मूह आयेज लेके आने लगा. मैं समझ गयी की वो मुझे किस करना चाहता था. मैने भी अपने होंठ आयेज किए, और आँखें बंद कर ली. हम दोनो के होंठ मिले, और हमारी किस शुरू हो गयी.
वो मेरे होंठ चूसने लगा, और मैं भी उसका साथ देने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था मुझे किस करके. ये मेरी पहली किस थी. तकरीबन 5 मिनिट हम दोनो किस करते रहे. इस किस से मैं पूरी तरह उत्तेजित हो गयी, और मेरी छूट में सुरसुरी सी होने लगी.
फिर हम दोनो अलग हुए. हम दोनो की साँसे तेज़ हो चुकी थी. उसने मुझे स्माइल पास की, और मैने भी स्माइल पास की. फिर वो खड़ा हो गया, और उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे भी खड़ा कर लिया. अब उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और हम फिरसे एक-दूसरे को किस करने लगे.
साथ में उसने अपना एक हाथ मेरे बूब पर रखा, और उसको दबाना शुरू कर दिया. उसके ऐसा करते ही मेरी सिसकी निकल गयी. फिर वो अपना दूसरा हाथ मेरी गांद पर ले गया, और मेरे चूतड़ को दबाने लगा. मैं बहुत गरम हो गयी थी. उसके ऐसा करने से मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
कुछ देर ऐसा ही करने के बाद उसने मेरी त-शर्ट उपर करके उतारनी चाही. मैने उसको खिड़कियों के पर्दे नीचे करने का इशारा किया. फिर उसने जल्दी से पीछे वाली खिड़कियों के पर्दे नीचे किए, और वापस मेरे पास आ गया. उसने फिर मेरी त-शर्ट को नीचे से पकड़ा, और उपर करके निकालने लगा. मैने भी बाजू उपर उठा कर उसका साथ दिया.
अब मेरी त-शर्ट उतार चुकी थी, और मैं उसके सामने ब्लॅक ब्रा और जीन्स में खड़ी थी. मेरे सेक्सी बूब्स देख कर वो पागल हो गया. उसने मुझे फिरसे बाहों में लिया, और मेरी गर्दन, बाहें, और क्लीवेज चूमने लग गया. वो मेरी क्लीवेज में जीभ डाल कर चाट रहा था, और इसमे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरी ब्रा उतार कर मेरे बूब्स को आज़ाद कर दिया. अब वो किसी छ्होटे बच्चे की तरह मेरे बूब्स को दबा-दबा कर मेरे निपल्स चूसने लगा. उसके ऐसा करने से मेरी छूट ने धड़ा-धड़ पानी छ्चोढना शुरू कर दिया.
इससे आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे.