हेलो दोस्तो, मई शाश्वत एक बार फिर आप सब का स्वागत करता हू, मेरी एक न्यू स्टोरी मे . उमीद है, की आप सब इसको पसंद करेंगे . और प्लीज़ मुझे मैल लिख कर ज़रूर बताए, की आपको स्टोरी कैसी लगी .
लेकिन स्टोरी शुरू करने से पहले, मई आपको ये बता डू, की मेरा नाम शाश्वत है . मेरी आगे 22 है और मई एक हॅंडसम बंदा हू. मेरा लंड भी सभी औरतो आंड गर्ल्स को बहुत पसंद आता है.
सो कोई भी गर्ल , भाभी , आंटी को सेक्स कॉल सेक्स, छत, या सेक्स, या कोई भी हेल्प चाहिए हो, तो मुझे मैल करे.
आंड किसी भी दोस्त , भाई को अपनी वाइफ को दूसरे लंड का मज़ा दिलाना हो, तो मुझे कॉंटॅक्ट करे मैल पर. सारी बाते प्राइवेट रहेंगी . प्राइवसी इस थे पॉलिसी. तो आइए अब स्टोरी शुरू करते है-
ये बात 2021 जान की है. मेरे गाओं मे किसी की डेत हो जाने की वजह से, मेरे चाचा आंड चाची उनके घर गये हुए थे . और रात भर उनका वही रुकने का प्लान था . तो शाम को चाची ने मुझे ये बोल कर उनके अपने घर भेज दिया , की घर पे वर्तिका ( चाची की बेटी) और उसका छ्होटा भाई अकेले थे.
फिर मई भी शाम को ही बिके से चाचा के घर चला गया . उनका घर गाओं से तोड़ा बाहर था और उस टाइम खूब ज़ोर की ठंड पद रही थी. मई अंदर गया, तो वर्तिका (मेरी चचेरी बेहन ) ने दरवाज़ा खोला .
शहर मे रहने की वजह से मई बहुत दीनो बाद वर्तिका से मिल रहा था . अब वर्तिका 1स्ट्रीट एअर मे थी और उसने जवानी की दहलीज़ पे कदम रख दिया था . मई तो उसको देखता ही रह गया .
यहा मई आप लोगो को भी तोड़ा मेरी चचेरी बेहन वर्तिका के बारे मे बता डू . वर्तिका 19 साल की मस्त और दूध सी गोरी लड़की है. उसकी हाइट 5’4″ होगी . उसके चूचिया अब थोड़ी-थोड़ी छ्होटे संतरे जैसी उभरने लगी थी . बाल घुंघराले थे उसके और छ्होटी सी ही गांद थी . कुल मिला कर बाला की खूबसूरत है वो.
तो मई अंदर गया और उसने मुझे नाश्ता पानी कराया . उसका छ्होटा भाई भी मुझसे मिल कर बहुत खुश हुआ . फिर थोड़ी देर मे उसका छ्होटा भाई रूम मे जेया कर सो गया . अब मई और वर्तिका टीवी वेल रूम मे, बेड पर बैठ कर टीवी देखते हुए बाते करने लगे . इसी बीच मई बार-बार चोरी से उसके मस्त जिस्म के डरसन कर रहा था .
थोड़ी देर बाद उसको भी नींद आ गयी . अब मई उसके पास जेया कर गौर से उसके मस्त फेस और उसके होंठो को बिल्कुल करीब से देख रहा था . मेरा मॅन अपने लंड को हिलाने का करने लगा, पर वाहा उस रूम मे हिलाने मे रिस्क था.
फिर मई बातरूम गया. मेरी किस्मत अची थी, की वाहा वर्तिका की ब्रा पनटी तंगी हुई थी . मैने ब्रा पनटी को सूँघा और फिर लंड निकाल कर उसकी ब्रा पनटी मे मूठ मारने लगा .
तभी अचानक बातरूम का दरवाज़ा खोल कर वर्तिका अंदर आ गयी और मुझे मूठ मारते देख उसके मूह से चीक निकल गयी.
वर्तिका: भैया! ये क्या कर रहे हो?
मेरी तो दर्र के मारे जान ही निकल गयी थी . मुझे लगा उसने अगर किसी को बता दिया, तो क्या होगा. पर इसी बीच मैने ध्यान दिया, की वर्तिका वही मेरे पास ही खड़ी रही बिना कुछ बोले और एक टक्क मेरे लंड को देख रही थी.
इससे मुझमे थोड़ी हिम्मत आई . फिर हम दोनो थोड़ी देर वही खड़े रहे . फिर मैने उसको हिम्मत करके बोला-
मई: कभी किसी का ये नही देखा है तुमने?
तो वर्तिका ने बोला-
वर्तिका : देखा है छ्होटे भाई का, पर उसका बहुत छ्होटा है. लेकिन आपका तो बहुत बड़ा है .
मई: अभी तो और भी बड़ा हो जाएगा, अगर तुम रूम मे चल के देखोगी इसको. क्यूकी यहा बातरूम मे ठंड है .
तो वर्तिका ठीक है बोल के रूम मे चलने लगी. मई भी उसके पीछे-पीछे वैसे ही नीचे से नंगा लंड हाथ मे लिए रूम मे आ गया. फिर मैने उसको बोला-
मई: वर्तिका आओ यहा बेड पे बैठ जाओ. मई तुम्हे अपना लंड पास से दिखता हू, की ये कितना बड़ा होता है .
तो वो चुप-छाप बेड पे बैठ गयी और मई बिल्कुल अपनी चचेरी बेहन के करीब जेया कर अपना लंड हिलाने लगा. वर्तिका इस सब को बड़े ध्यान से देख रही थी . मैने फिर उसको बोला-
मई: इसको टच करके देखो, की ये कितना गरम है.
और ये बोल कर मैने उसके हाथो मे अपना लंड पकड़ा दिया . फिर मैने उसको बोला-
मई: अब इसको अपने हाथ से उपर-नीचे करो. फिर देखना ये कितना बड़ा हो जाता है .
वर्तिका अब मेरे लंड की मूठ मार रही थी. फिर मैने देखा, की अब वर्तिका भी पूरी गरम हो चुकी थी, क्यूकी उसकी साँसे तेज़ चलने लगी थी और उसके मूह से स्लो मोन्स भी निकल रही थी. मैने सोचा, की लोहा गरम है और मुझे अभी ही हात्ोड़ा मार देना चाहिए .
मैने फिर वर्तिका को उठाया और लीप तो लीप किस करने लगा, जिसमे मेरी चचेरी बेहन भी साथ देने लगी . अब हम दोनो ही काफ़ी गरम हो चुके थे . मैने अब एक हाथ से वर्तिका की नरम गांद और मुलायम चूचे भी दबाने शुरू कर दिए थे.
फिर मैने वर्तिका की त-शर्ट और ब्रा उतार दी. अब उसके मस्त मीडियम साइज़ चूचे बहुत प्यारे लग रहे थे. और उन पर मैने अपने हाथो से जाम कर प्यार लूटाया और काफ़ी देर चूचिया मसली .
फिर मैने एक चूची को अपने मूह मे भर के पीना शुरू किया. क्या मस्त सॉफ्ट गुलगुल चूची थी वर्तिका की . अब मैने एक हाथ वर्तिका के शॉर्ट्स के अंदर डाल दिया और पनटी के उपर से उसकी छूट सहलाने लगा.
उसकी पनटी छूट रस्स से पूरी गीली हो रखी थी. फिर मैने उसकी पनटी को छूट मे से साइड करके छूट नंगी कर दी और उसके छूट के दाने से खेलने लगा . मई उसकी छूट को मस्त रग़ाद कर सहलाने लगा. साथ-साथ मे उसकी चूची चूस चाट भी रहा था.
फिर मैने वर्तिका की शॉर्ट्स और पनटी उतार कर उसको पूरी तरह नंगी कर दिया. फिर मैने खुद के भी सारे कपड़े उतार दिए. अब मैने नीचे आ कर वर्तिका की कमसिन कुवारि छूट पर अपना मूह लगाया और उसकी छूट को चूसने लग गया .
उसकी छूट मे छ्होटे-छ्होटे ही बाल थे. मैने अभी छूट चाटनी शुरू ही की थी, की एक लंबी सिसकारी के साथ वर्तिका मेरे मूह मे ही झाड़ गयी . और मई उसका सारा खट्टा-मीठा पानी पी गया .
फिर मैने थोड़ी देर और छूट चाट कर, और एक उंगली अंदर डाल कर वापस से वर्तिका को गरम कर दिया . अब मैने ज़्यादा देर ना लगाते हुए अपने लंड पे तेल लगाया और अपनी चचेरी बेहन की छूट पे लंड सेट करके एक मस्त शॉट लगाया.
इससे मेरे लंड का टोपा उसकी छूट मे घुस गया और उसकी सील टूट गयी, जिससे उसने ज़ोर से चिल्लाना चाहा. लेकिन मैने उसके मूह पे हाथ रख कर उसकी चीख उसके मूह मे ही दबा दी . एक दो धक्को मे फिर मैने पूरा लंड वर्तिका की छूट के अंदर कर दिया और थोड़ी देर वैसे ही लेता रहा.
वर्तिका की आंकों से आँसू बह रहे थे और वो रो रही थी. फिर थोड़ी देर सहलाने और दूध चूसने से, वर्तिका का दर्द तोड़ा कम हो गया और वो शांत हो गयी और मुझे किस करने लगी.
उसके बाद मैने नीचे से उसकी छूट मे अपने लंड से धक्के देने शुरू कर दिए . फिर धीरे-धीरे उसको भी मज़ा आने लगा. अब मई ज़ोर-ज़ोर से अपनी चचेरी बेहन की छूट ले रहा था, जिससे उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकारिया भरते हुए बोल रही थी-
वर्तिका : आहह.. भैया.. बहुत मज़ा आ रहा है उउउंम… हा ऐसे ही करो आअहह….
मैने भी वर्तिका की दोनो टांगे अपने कंधे पे चढ़ा ली और खूब मज़े से उसकी छूट मारने लगा . करीब 15 मिनिट की चुदाई के बाद, मैने लंड बाहर निकाल लिया और उसके पेट पे झाड़ गया.
इस बीच वर्तिका भी 2-3 बार झाड़ चुकी थी . फिर थोड़ी देर हम वैसे ही लेते रहे और फिर कपड़े पहन कर सो गये .
तो दोस्तो ये थी मेरी स्टोरी. उमीद है, की आप सभी को पसंद आई होगी. आप सभी लोग प्लीज़ अपने व्यूस मुझे मेरी मैल पे लिखिए. ताकि मई आपके व्यू जान साकु और इसका नेक्स्ट पार्ट ला साकु. उसमे मई बतौँगा, की कैसे मैने मेरी चचेरी बेहन वर्तिका आंड उसकी फ्रेंड प्रिया को छोड़ा.
तो अगर आपने अपना लंड या छूट मेरी ये स्टोरी पढ़ कर शांत की है, तो प्लीज़ मुझे ज़रूर मैल करे.
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आंड एक और बात दोस्तो. ई आम लुकिंग फॉर आ गर्लफ्रेंड आंड इंट्रेस्टेड गर्ल्स कॅन मैल मे. बाइ.