हेलो दोस्तो, मई शाश्वत आप सब का एक बार फिरसे मेरी कहानी मे वेलकम करता हू. मेरी ये कहानी ‘गाओं मे देखी भैया भाभी की चुदाई‘ का 3र्ड पार्ट है.
इस स्टोरी मे आप पढ़ेंगे, की कैसे मैने अपनी भाभी को पटाया और उनके साथ संबंध बनाए. लेकिन स्टोरी शुरू करने से पहले, मई आपको ये बता डू, की मेरा नाम शाश्वत है. मेरी आगे 22 है और मई एक हॅंडसम बंदा हू. मेरा लंड भी सभी औरतो आंड गर्ल्स को बहुत पसंद आता है.
तो आइए स्टोरी शुरू करते है-
जैसा की अभी तक आप लोगो ने पढ़ा था, की मैने भाभी को छाई बनाते टाइम आचे से रगड़ा और पीछे से उनकी गांद पे लंड सत्ता के खूब मज़े लिए . इससे भाभी की छूट ने तो पानी छोढ़ दिया, पर मेरा लंड अब भी वैसे ही खड़ा था .
फिर जब भाभी छाई लेकर आई, तो मैने भाभी को छोड़ने का प्लान बना लिया था. नेहा भाभी ने मुझे छाई दी और फिर जब छाई थोड़ी कम गरम हो गयी, तो मैने छाई अपनी जाँघो पे लंड के जस्ट नीचे गिरा दी और ऐसे आक्टिंग करने लगा, जैसे मई बहुत जल गया था.
मई: आहह.. भाभी बहुत जल रहा है. यार भाभी , मई अपना लोवर उतार देता हू, आप प्लीज़ अपने हाथो से सहला कर ठीक कर दो ना.
नेहा भाभी : क्या देवर जी, किधर ध्यान था आपका? देखिए जल गये ना आप. ठीक है, मई देखती हू. अब आप अपना लोवर उतारिये, मई ठंडा पानी ले आती हू .
मुझे भाभी की छूट लेने का प्लान कामयाब होता दिखने लगा . जैसे ही भाभी पानी लेने गयी, मैने अपना लोवर उतार दिया. अब मई नीचे से सिर्फ़ अंडरवेर मे था. भाभी ठंडा पानी लेकर आई और मैने बोला-
मई: भाभी आप सोफे के नीचे बैठ कर आराम से ठंडा पानी मेरी जाँघो मे लगा दो. ताकि मेरी जलन ख़तम हो जाए.
भाभी ने वैसा ही किया और वो ज़मीन पे बैठ गयी. फिर उसने मेरे लंड के जस्ट नीचे, जाँघ पे बॉटल से पानी गिरा दिया और अपने नाज़ुक हाथो से मेरी जाँघ सहलाने लगी. अब भाभी के नीचे बैठने से मुझे भाभी की क्लीवेज भी आचे से दिख रही थी. इसके अलावा भाभी के यू सहलाने से मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था.
भाभी : कुछ आराम मिला देवर जी?
मई: हा भाभी, पर अभी भी दर्द हो रहा है. ऐसे ही सहलाती रहो आप.
अब भाभी ने भी मेरे खड़े होते लंड को देख लिया और भाभी के हाथो के कमाल से अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था . भाभी अब बड़े ध्यान से मेरे अंडरवेर मे बने तंबू को देख रही थी. फिर मैने भाभी से बोला-
मई: भाभी तोड़ा उपर भी जल रहा है.
तो भाभी बोली: ज़्यादा जल रहा हो, तो निकाल लो इसको भी. इसकी भी मालिश कर देती हू.
ये सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा और मैने झट से अंडरवेर उतार कर फेंक दिया. फिर मई बोला-
मई: बहुत जल रहा है भाभी.
और ये बोल कर मैने भाभी का हाथ अपने लंड पे रख दिया और बोला-
मई: देखो ना भाभी, कितना गरम है.
भाभी की भी हल्के से आहह निकल गयी और वो बोली-
भाभी : हा गरम तो बहुत है, पर अब से इसकी सारी गर्मी मई ठंडी कर दिया करूँगी, मेरे प्यारे देवर जी.
और ये बोलते हुए भाभी मेरे लंड को उपर-नीचे हिलाने लगी. मुझे अपनी नेहा भाभी के नरम हाथो का एहसास अपने लंड पर बहुत अछा लग रहा था . थोड़ी देर के बाद ही भाभी ने बोला-
भाभी: ये ऐसे नही ठंडा होगा. इसको मूह मे लेकर गीला करना पड़ेगा.
इतना बोल कर भाभी ने मेरे काले भुजंग लंड को अपने प्यारे से मूह मे ले लिया और मेरा लंड चूसने लगी.
मई अब सातवे आसमान पे था. जिस तरह से मेरी भाभी मेरे हथियार को चूस रही थी, उससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
अब भाभी के मूह से सुर्रप.. सुऊर्रप्प.. ऊऊउघ… की आवाज़े आ रही थी. भाभी काफ़ी आचे से लंड को पूरा मूह मे लेकर चूस रही थी. कभी वो पूरा लंड अपने हलाक तक अंदर लेकर वैसे ही 10-15 सेकेंड्स रखती, तो कभी पूरा लंड बाहर निकाल कर, केवल जीभ को लंड के टोपे के चारो तरफ गोल-गोल घुमाती.
भाभी के इतने आचे से लंड चूसने की वजह से, थोड़ी देर मे मई झड़ने को हुआ. फिर मैने भाभी को बोला-
मई: भाभी मेरा होने वाला है.
लेकिन फिर भी भाभी मेरे लंड को मूह मे लेकर चूस्टी रही और मैने अपना पानी भाभी के मूह मे ही निकाल दिया. मेरे पानी को वो बड़े मज़े से पूरा का पूरा गतक गयी .
मई सोफा पे ही पीछे हो कर तोड़ा लेट गया और भाभी से बोला-
मई: मज़ा आ गया यार भाभी आज तो.
तो भाभी बोली: अभी तो खूब मज़े कार्ओौनगी सारी रात आपको, मेरे प्यारे देवर जी.
और ये बोल कर भाभी उपर आकर मेरी गोदी मे बैठ गयी और अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया. मैने भी भाभी का पूरा साथ दिया और भाभी का रस्स-पॅयन करने लगा . अब हम दोनो की जीभ एक-दूसरे के मूह का रस्स पी रही थी.
साथ के साथ अब मई अपनी प्यारी भाभी के जिस्म पे अपने हाथ फिराने लगा था. भाभी की मस्त गड्राई गांद से लेकर उनकी पतली कमर तक को मेरे हाथो ने आचे से मसला.
फिर मैने किस तोड़ कर भाभी को उठाया और एक झटके मे भाभी का ब्लाउस फाड़ दिया. इससे भाभी की ब्रा-लेस चूचिया कबूतरो की तरह आज़ाद हो गयी. फिर मैने भाभी की सारी, जो पहले से ही उतार चुकी थी, उसको हटा कर पेटिकोट और पनटी भी उतार दी और अपनी प्यारी भाभी को मदरजात नंगी कर दिया. उसके बाद मई अपने भी कपड़े उतार कर नंगा हो गया .
फिर मैने एक नज़र सोफे पे लेती अपनी प्यारी नेहा भाभी की तरफ डाली . सच मे हूर लग रही थी वो. उनकी चूची, छूट, पेट सब कातिलाना था . फिर मैने ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए भाभी की टांगे फैलाई और अपने लंड पर थूक लगा कर भाभी की छूट पे सेट कर दिया.
30-45 मिनिट से मस्ती करने की वजह से भाभी की बर पानी छोढ़ रही थी और पूरी गीली हो रखी थी. फिर मैने भाभी की आँखों मे देखते हुए एक ज़ोर के धक्के के साथ अपना लंड भाभी की छूट मे डाल दिया. अब मेरा आधा लंड भाभी की छूट मे घुस गया था.
इससे भाभी की दर्द और मज़े से मिक्स आअहह… निकल गयी. फिर एक दो धक्को मे मैने अपना पूरा लंड भाभी की छूट के अंदर कर दिया . फिर मैने भाभी की दूध भारी चूचिया पकड़ कर उनको छोड़ना शुरू किया .
भाभी की चूचिया बहुत सॉफ्ट थी . और उनको दबाने से तोड़ा-तोड़ा दूध भी निकल रहा था. और इधर भाभी भी मस्त गरम सिसकारिया भर रही थी .
भाभी : आहह.. मेरे राजा, उम्म्म.. ऐसे ही छोड़ो. आहह.. और तेज़ छोड़ो अपनी भाभी को आहह…
मॅज भी भाभी को फुल मज़ा लेकर छोड़ रहा था . मेरे हर एक धक्के के साथ भाभी की चूचिया मस्त उछाले मार रही थी. मेरा लंड अब भाभी की छूट मे पिस्टन की तरह चल रहा था. उस पर से भाभी की गरम सिसकारियो से मेरा जोश और भी बढ़ रहा था.
अब मई भाभी को किस करते हुए, फुल स्पीड मे अपनी नेहा भाभी की ले रहा था. इस बीच भाभी एक बार झाड़ भी चुकी थी, जिसकी गवाही उनका अकड़ता जिस्म और आँखें दे चुकी थी.
अब हर धक्के के साथ कमरे मे फॅक-फॅक की आवाज़े गूँज रही थी . फिर यही कोई 20-25 मिनिट मे मेरा भी माल निकालने वाला था . मेरी लंड की फूलती हुई नस्सो से भाभी को भी इसका अंदाज़ा हो गया था. फिर उन्होने खुद ही कहा-
भाभी: अंदर ही छोढ़ देना देवर जी .
और मैने भी 5-10 धक्को के साथ, अपनी प्यारी सी भाभी की छूट को अपने माल से भर दिया. फिर हम दोनो भाभी-देवर कुछ देर वैसे ही एक-दूसरे की बाहो मे नंगे सोते रहे.
तो ये थी स्टोरी मेरी भाभी के साथ पहले सेक्स की. . करता हू, की आप सब को पसंद आई होगी. मुझे अपने विचार मेरी मैल ईद पर ज़रूर बताए . ताकि मई आपको भाभी की सहेली की चुदाई की भी स्टोरी बता ..
तो अगर आपने अपना लंड या छूट, मेरी ये स्टोरी पढ़ के शांत किए हो. तो प्लीज़ मुझे ज़रूर मैल करे.