ही दोस्तों, मैं अरुण अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके हाज़िर हू. उमीद है की पिछले पार्ट में आप सब को मज़ा आया होगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की मेरी मा ने गाओं से एक कांवली भेजी थी. वो कांवली बहुत सेक्सी थी, और उसकी जल्दी से पैसे कमाने थे. फिर वो 10000 रुपय के लिए मुझसे चूड़ने को तैयार हो गयी, और मैने उसकी सील तोड़ी. अब आयेज बढ़ते है.
तो मैं और प्रीति चुदाई के बाद बेड पर लेते हुए थे, और हाँफ रहे थे. फिर प्रीति थोड़ी देर में उठी, और बातरूम में गयी. उसकी नंगी मस्त गांद देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं बहुत खुश था, की मुझे घर पर ही एक सेक्सी रंडी मिल गयी थी.
फिर मैने उसकी चुदाई एक बार और की, और उसको 10000 रुपय दिए. अब मैं हफ्ते में एक-दो बार उसको छोड़ता और उसको 10000 रुपय पेर चुदाई के हिसाब से दे देता. पर इससे मेरी सेविंग्स ख़तम होने लगी, और मैने अपने आप को कंट्रोल किया.
कुछ दीनो बाद मेरे दो दोस्त घर आए अजय और निर्मल. हम लोग पार्टी करने वाले थे, क्यूंकी निर्मल का प्रमोशन हुआ था. मैने उनको सोफा पर बिताया, और प्रीति को कॉफी लेके आने को कहा.
प्रीति जब कॉफी लेके आई, तो पाजामी सूट में उसका जिस्म कमाल का लग रहा था. मेरे दोनो दोस्त कॉफी छ्चोढ़ कर प्रीति को ताड़ रहे थे. वो जब कॉफी रख कर गयी, तो उसकी गांद कमाल की लग रही थी. तभी अजय बोला-
अजय: बड़ी कमाल की कांवली है यार तेरी. छोड़ा की नही उसको?
मैं: छोड़ा तो है, पर एक बार के 10000 देने पड़ते है इसको. 50000 इसी को देके सेविंग्स उड़ा चुका हू. पर साली है बड़ी ज़बरदस्त माल.
निर्मल: हमारी भी सेट्टिंग करवा दे. आज इसी को छोड़ कर पार्टी करेंगे.
मैं: मैं पूच लेता हू. की ग्रूप सेक्स करेगी या नही.
फिर मैं प्रीति के पास गया. मैने उसको जाके पूछा, और वो तैयार हो गयी. फिर मैं अजय और निर्मल के पास गया. मैने उनसे बोला-
मैं: यार वो 30000 माँग रही है. बोलती ग्रूप सेक्स के ज़्यादा पैसे लगेंगे.
उन दोनो को भी सेक्स का सुरूर चढ़ा हुआ था. वो दोनो मान गये. आक्चुयल में प्रीति ने 30000 नही माँगे थे. मैने अपने 10000 भी उनसे लेने के लिए 30000 बोले थे. फिर हम तीनो ने एक-एक पेग लगाया, और प्रीति तब तक नहा कर आ गयी.
वो फिरसे टवल लपेट कर ही आ गयी. और आज तो वो पहले से ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी. किसी ने शायद सही ही कहा है, की नयी-नयी चूड़ने वाली लड़की को चुदाई का रंग चढ़ जाता है. प्रीति के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था.
फिर जैसे ही वो हमारे पास आई, निर्मल उठा, और उसने प्रीति का टवल खींच दिया. अब वो सेक्सी जिस्म की मालकिन हमारे सामने नंगी खड़ी थी. बिल्कुल काससे हुए खड़े-खड़े बूब्स, पतली कमर, सेक्सी जांघें, और जांघों के बीच में क़ास्सी हुई छूट. इस बार उसकी छूट पर बहुत हल्के बाल थे. ऐसा लग रहा था जैसे कोई कम उमर की कमसिन काली हो.
निर्मल ने उसको अपनी बाहों में भर लिया, और उसके होंठ चूसने लगा. अजय भी जल्दी से खड़ा हो गया, और अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया. उसका लंड तकरीबन 6 इंच लंबा था.
वो प्रीति के पीछे गया, और उसकी बॉडी के साथ अपनी बॉडी चिपका ली. वो प्रीति के खूबसूरत जिस्म के साथ अपना जिस्म रग़ाद कर मज़ा लेने लगा. उसका खड़ा हुआ लंड प्रीति की गांद के चियर में रग़ाद रहा था. आयेज से निर्मल भी उसके होंठ चूज़ जेया रहा था.
फिर अजय प्रीति की पीठ चूमने लगा, और हाथ आयेज ले जेया कर उसके बूब्स दबाने लगा. प्रीति पूरी तरह से मदहोश थी. इधर मैने भी अपने कपड़े उतार दिए, और लंड सहलाने लगा. फिर मैं उठा, और मैने प्रीति को अपनी तरफ खींच लिया, और उसके होंठ चूसने लगा.
फिर मैने उसको घुटनो पर बिताया, और उसके मूह में अपना लंड घुसा दिया. अजय और निर्मल ने भी अपने लंड उसके मूह के सामने कर दिए. अब वो एक लंड चूस रही थी, और दो को हाथ से सहला रही थी.
कभी वो मेरा लंड चूस्टी, और बाकी दोनो का सहलाती, और कभी उन दोनो का लंड चूस्टी. फिर अजय ने प्रीति को बालों से पकड़ कर उठाया, और उसको बेड पर ले गया. बेड पर उसने प्रीति को धक्का दिया, और सीधा उस पर चढ़ कर लंड उसकी छूट में घुसा दिया.
अब वो प्रीति को मज़े से छोड़ने लग गया. निर्मल प्रीति के मूह के पास गया, और उसके मूह में अपना लंड घुसा दिया. निर्मल का लंड 7 इंच का था. फिर मैं अपना लंड उसके बूब्स पर घिसने लगा. हम तीनो प्रीति का पूरा मज़ा ले रहे थे.
अजय ने प्रीति को 10 मिनिट छोड़ा, और उसका पानी निकल गया. जैसे ही अजय हटा, निर्मल ने अपना लंड प्रीति की छूट में डाल दिया. अब वो प्रीति को छोड़ रहा था. रूम में पच-पच और प्रीति की आहह आ की आवाज़े आ रही थी.
फिर मैने निर्मल को पोज़िशन चेंज करना का इशारा किया. मेरा इशारा देख कर निर्मल वैसे ही लंड छूट में डाले हुए घूम गया, और प्रीति को अपने उपर ले लिया. अब प्रीति उसके लंड पर उछालने लग गयी.
प्रीति की गांद की सील अभी तक टूटी नही थी, और आज मैं उसकी सील तोड़ने की फिराक में था. निर्मल भी ये जानता था, तो उसने प्रीति को अपनी बाहों में जाकड़ लिया, और मुझे इशारा कर दिया.
मैने फिर जल्दी से प्रीति के चूतड़ पकड़े, उसकी गांद के च्छेद पर थूका, उस पर लंड रग़ाद कर च्छेद को गीला किया, और डाइरेक्ट निशाने पर ज़ोर का धक्का लगाया. प्रीति काँप गयी, और मेरे लंड का टोपा उसकी गांद में घुस गया.
वो चीखने लगी, लेकिन निर्मल ने उसका मूह अपने मूह से बंद कर दिया. मेरा लंड उसकी गांद में फ़ासस गया था, तो मैं उसको अंदर पुश करता गया. फाइनली 2-3 मिनिट की मेहनत के बाद मेरा पूरा लंड उसकी गांद में पूरा समा गया.
निर्मल नीचे से धक्के लगाए जेया रहा था. फिर 2-3 मिनिट रुक कर मैने भी लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. लंड रग़ाद रहा था, तो मैने उस पर और थूक दिया. जल्दी ही मेरा लंड आराम से अंदर-बाहर होने लगा. अब मैं उसकी गांद को मज़े से छोड़ रहा था, और वो भी मज़े से चुड रही थी.
हम दोनो पूरी तेज़ी से उसके दोनो च्छेदो को छोड़ रहे थे. आधा घंटा हमने प्रीति की सॅंडविच चुदाई की, उसके बाद अपना पानी उसके अंदर ही निकाल दिया. चूड़ने के बाद प्रीति बहुत खुश थी, क्यूंकी उसको इकट्ठा 30000 मिलने वाला था.
तो ये थी मेरी कहानी दोस्तों. अगर मज़ा आया हो तो लीके ज़रूर करना.