गर्मी की पहली गरम गंद चुदाई-2

ही फ्रेंड्स, उमिद है आपकी “गर्मी की पहली गरम गंद चुदाई-1” पसंद आया होगा. अब आयेज..

जेसे ही उसका लंड मेरे हाथ मे आया, मैं तो पागल हो गया. मैने उसे एक बचा साँझ रा था, पर उसका लंड एक आचे और बड़े मर्द की तरह मोटा और लंबा था.

फिर वो मेरे पास और आ गया, और मैं उसके लंड को धीरे धीरे उपेर नीचे कर रा था. मैं उसके अंडरवेर मे ही उसके लंड की मूठ मार रा था. इसमे मुझे बहोट मज़ा आ रा था. फिर वो मेरे पास आया और मेरे गंद को मसालने लग गया.

वो मेरे चुटटरो को अपने हाथ मे भर कर ज़ोर ज़ोर से मसल रा था. मेरे मूह से आहह आ की बहोट हल्की हल्की सिसकारियाँ निकालने लग गयइ थी. मैने पीछे मूड कर देखा तो उसके मूह भी खुला का खुला रह गया. मैं साँझ गया की अब वो भी बहोट गरम हो चुका था. एक तो गरमी का मोहल था, और उपेर से मेरे हाथो मे उसका गरम लंड.

जिसने मेरे जिस्म की गरमी को दस गुना बढ़ा दिया, मुझे क़ास्स्म से बहोट अछा लग रा था. वो अब मेरे इतने करीब आ गया था, की उसकी गरम सस्ने मेरी गार्डेन पर लग र्ही थी.

इससे मैं गरम हो रा था, मुझसे अब कंट्रोल न्ही हो रा था. मैं उसके लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसालने लग गया था. और वो मेरी गंद को अपने हाथो से मसलने लग गया था.

मैं तो अब मरने वाला हो रा था. मैने पीछे मूड कर उसकी आँखो मे देखा. मुझे उसकी आँखो मे देखते ही पता चल गया. की वो मुझसे अपना लंड चुसवाना च्चता है. इसलिए मैं उसके लंड के टोपे को अपनी उंगलियो से मसालने लग गया. इतने वो मेरे कान मे धीरे से बोला.

वो – ख़ान उतरना है तुमने ?

मैं – बस अगले वेल स्टॉप पर.

वो – ठीक है, मैं भी तुम्हारे साथ ही चलूँगा अब.

ये सुनते ही मैं खुश हो गया, और मैने उसके लंड को अपने पूरे हाथ मे ले कर मसल दिया. जिससे उसके मूह से एक दम आहह की आवाज़ निकल गयइ.

इतने मे मेरा बस स्टॉप आ गया, और फिर मैं धीरे धीरे जा कर बस से नीचे उतार गया. वो मुझसे चिपक कर मेरे पीछे पीछे आता रा. और आख़िर मे हम बस से नीचे उतार गये.

वो – मेरा नाम आशु है.

मैं – मेरा नाम वरुण है.

आशु – तुम तो बहोट गरम और सेक्सी गंद के मलिक हो.

मैं – हन वो तो मैं हूँ.

आशु – ये गंद मरवाना कब शुरू किया तुमने ?

मैं – मैं गंद न्ही मरवाता, सिर्फ़ लंड चूस्ता हूँ.

आशु – क्यो गंद मरवाने मे क्या दिकाट है तुम्हे ?

मैं – मुझे अपनी गंद पहला लंड एक हर्यवाणी जात का लेना है.

आशु – क्यो उमने ऐसा क्या है.

मैं – वो काफ़ी दमदार और तकाड़े होते है.

आशु – क्यो मेरा लंड दमदार न्ही है.

मैं – न्ही तुम और तुम्हारा लंड सच मे मुझे काफ़ी अछा लगा.

आशु – क्यो ?

मैं – एक तो तुम्हारा लंड काफ़ी बहोट बड़ा और सेक्सी है. और तुम मुझे इस लिए आचे लगे, क्योकि तुमने अभी तक मुझे कोई गली न्ही दी. वेर्ना हर कोई मुझे मा बहें की गली दे कर ही बात करता. पर तुम सच मे मुझे बहोट अछा लगा.

आशु – चलो वो सब तो ठीक है. अब ये बतो की गंद ख़ान मर्वानी है ?

मैं – गंद न्ही सिर्फ़ तुम मेरा मूह ही छोड़ोगे तुम.

आशु – ठीक है. अब बतो चलना ख़ान है.

मैं – यहीं पास मे ही हुमारे खेत है. व्हन चलते है.

मैं उसका लंड चूसने के लिए काफ़ी तड़प रा था. मैं उसे जल्दी से लोगो से छिपते हुए अपने कहतो मे ले गया. अब तक शाम हो चुकी थी.

धीरे धीरे आंधरेआ होने वाला था. जल्दी हम खेतो मे आ गये. व्हन एक जगह देखी जगह चारो तरफ बड़ी बफ़ी झाड़िया थी.

उसने व्हन आते ही अपना कपड़ा नीचे ज़मीन पर बिछा दिया. और खुद अपनी लोवर को नीचे करके उसे पर ल्ट गया. उसका लंड करीब 8 इंच का था. जो उपेर आसमान की तरफ देख रा था.

मेरे मूह मे उसके लंड को देख कर पानी भर गया. मैने नीचे बैठ गया और उसकी दोनो टाँगे खोल कर उसके बीच मे बैठ गया. मैने अपना मूह खोला और उसका लंड ज़ोर ज़ोर से मूह मे भर कर चूसने लग गया.

जेसे ही मैने उसका लंड मूह मे लिया, तो वो पागल हो गया. और उसके मूह से आहह आह की आवाज़ें निकालने लग गयइ. मैं ज़ोर ज़ोर से रंडी की तरह उसका लंड चूस रा था.

मेरे मूह की थूक से उसका पूरा लंड गीला हो गया था. फिर मैने उसके लंड को अपने दोनो हाथो मे पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से उपेर नीचे करने लग गया. मैने उसकी बॉल्स को भी हाथ मे पकड़ कर मसल रा था..

मेरी ये हारकेट उससे बर्दाश न्ही हुई. जिस वजह से उसने मेरा मूह पकड़ा और अपना लंड मेरे मूह मे दल दिया. उसने अपनी टाँगे उठा कर मेरी गार्डेन पर र्ख दी. जिससे मैं लंड चाहते भी अपने मूह से निकल न्ही पा रा था.

आशु नीचे से अपनी गंद को उठा उठा कर मेरा मूह छोड़ रा था. वो अपनी कहराम सीमा पर आ गया, और फिर मेरे मूह मे उसके लंड के पानी की पिचकारियाँ निकालने लग गयइ.

जब उसके लंड का सारा पानी मेरे मूह मे निकल गया. तब उसने मेरा मूह छोड़ा. मैने उसके लंड का सारा पानी थूक कर बाहर निकल दिया, फिर वो बोलो.

आशु – चलो अब तुम ल्ट जाओ, मैं तुम्हारा लंड भी चूस्ता हूँ. तुम्हारा भी दिल करता होगा है ना.

उसके मूह से ये सुन कर मैं खुश हो गया और अब मैं उसकी जगह ल्ट गयाँ आशु ने मेरी जीन्स अंडरवेर के साथ निकल दी. मेरा 5 इंच लंड उसने अपने हाथो मे लिया, और उपेर नीचे करने लग गया.

मुझे बहोट मज़ा आ रा था. फिर उसने मेरे लंड को मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया. मैं बहोट गरम हो गया था, मुझे लगा की बस मेरा होने वाला है.

पर तभी उस बहें छोड़ ने मुझे पलट दिया, और वो अपना लंड मेरी गंद मे डालने लग गया. मैं साँझ गया की वो मेरी गंद मरने वाला है.

मैं – छ्चोड़ो मुझे ये ग़लत है, देखो पहले ही हुमारी बात हुई थी इस बारे मे.

पर अब वो सला ख़ान मेरी सुनने वाला था. उसने मेरी जबरदती गंद को छोड़ दिया. और फिर वो लंड मेरे मूह मे दल कर मुझे चुस्वा चुस्वा कर मेरे मूह मे उसका पानी निकल दिया. जिसे मुझे ज़बरदस्ती पीना पड़ा.

दोस्तो आपको मेरी ये पहली गंद चुदाई केसी लगी, ये मुझे ज़रूर ब्ताना.

थॅंक्स.