हेलो दोस्तो मेरा नाम राजीव है. मेरी स्टडी पूरी हो चुकी है इसलिए मैं घर पर ही हू. मेरे घर मई पापा राजेश गवर्नमेंट जॉब और मम्मी सुधा हाउसवाइफ है. मेरे चाचा योगेश खेती करते है, चाची रानी हाउसवाइफ है और दादा जी चाचा के साथ गाओं मई ही रहते है.
एक दिन अचानक सुबा सुबा चाची का फोन मम्मी को आया.
चाची- नमस्ते दीदी जी, आप कैसे हो?
मम्मी- रानी मैं तो बिल्कुल ठीक हू, सुबा सुबा फोन किया है सब ठीक है ना?
चाची- नही दीदी जी कल रात मेरा और उनका झगड़ा हो गया है और उहोने मुझे पीटा भी (मेरे चाचा).
मम्मी- क्यू पीटा तुझे योगेश ने?
चाची- मैने तो उनसे कहा की आप बचा गोध ले लो. अब मुझसे नही गाओंवलो की बताईं नही सुनी जाती और ससुर जी भी मुझे ही दोष देते है. आप को तो पता ही है की सारा दोष इनमे है, यह बाप नही बन सकते.
मम्मी- योगेश का दिमाग़ काम नही करता क्या? बचा गोध ले लो तुम.
चाची- वो नही मान रहे बोलते है अपना ही होना चाहिए.
मम्मी- अब मैं क्या करूँ टुमरे लिए रानी बताओ?
चाची- जो करना है आप ही करो, मैं आप की हर बात मान लूँगी मुझे बचा चाहिए अब और गाओंवलो की बताईं नही सुनी जाती.
मम्मी- रानी भला मैं क्या करू ऐसा?
चाची- दीदी यदि मैने कही बाहर कुछ क्या तो बदनामी होगी आपकी, इसलिए जो करना है आप ही करो मुझे इस परेशानी से बाहर निकालो.
मम्मी- तू ऐसा वैसा कुछ मत करना. मैं कुछ करती हू तेरे लिए.
फोन कट हो गया तभी मैं नीचे आया तो मम्मी मेरी तरफ ही देखे जा रही थी. मुझे कुछ अजीब सा लगा पेर मम्मी ने कुछ नही कहा और मैं नाश्ता क्या और बाहर चला गया.
शाम को मैं बाहर था तो मम्मी ने कहा दादा जी की तबीयत कुछ ठीक नही है. तुम कुछ दिन गाओं चले जाना. मैने भी हा करदी. रात का खाना खा कर हम सोने चले गये.
मम्मी- (पापा से) सुनो आज रानी का फोन आया था गाओं से उसका योगेश से झगड़ा हो गया था रात को और योगेश ने रानी को मारा भी है.
पापा- तो मैं इनके झगड़े मे नही पड़ने वाला, इनका तो रोज का हो गया है अब यह बचे तो है नही.
मम्मी- रानी बोलती थी के उनके बचा ना होने की वजह से ही झगड़ा हो रहा है, गाओंवले भी बहुत बताईं करते है.
पापा- तो अब मैं इसमे क्या कर सकता हूँ?
मम्मी- आप घर के ज़ीमेवार हो यदि रानी ने कही बाहर चाकर चला लाया तो हमारी ही बदनामी होगी आप सोच लो.
पापा- तुम कहो तो मैं ही रानी के बचा बना डू क्या?
मम्मी- रहने दो आप अब बूढ़े हो चुके हो, मेरे साथ तो होता नही ठीक से.
पापा- क्या तुम भी मैं तो मज़ाक कर रहा हू. तुम बोलो मेरी क्या हेल्प चाहिए?
मम्मी- यदि आप बुरा ना मानो तो एक बात बोलू आप से?
पापा- हा बोलो.
मम्मी- एक जवान लड़का तो है मेरी नॅज़ारो मैं बस एक दो बार मे ही रानी को पेट से कर देगा. यदि आप की इजाज़त हो तो उसे भेज डू गाओं मे?
पापा- यह तुम क्या बोल रही हो रानी मानेगी इसके लिए?
मम्मी- बिल्कुल मान जाएगी उसे तो बचा ही चाहिए.
पापा- लेकिन हम किसी और का बचा क्यू ले?
मम्मी- मुझे पता था आप यही बोलॉगे मैं आपने ही किसी की बात कर रही हू.
पापा- सॉफ सॉफ बोलो क्या कहना चाहती हो?
मम्मी- मैं सोच रही हू क्यू ना हम राजीव को गाओं भेज दे और घर की बात घर मे ही रह जाएगी.
पापा- तुम यह क्या बोल रही हो तुम्हे पता है ना, रानी कभी नही मानेगी.
मम्मी- यह सब मुझ पेर छ्चोड़ दो आप बस हा करो.
पापा- लेकिन तुम राजीव को ही क्यू भेजना चाहती हो?
मम्मी- एक तो राजीव जवान है दूसरा हमारे ही घर का है तो बचा भी हमारा ही होगा ना.
पापा- बात तो टुमरी ठीक है, कोई गड़बड़ नही होनी चाहिए.
मम्मी- तो फिर ठीक है सुबा मैं राजीव को गाओं भेज दूँगी, आप टेन्षन मत लेना कुछ ग़लत नही होगा.
सुबा मैं उठा और फ्रेश हो कर नीचे गया तो पापा ऑफीस के लिए रेडी थे और मम्मी मेरे लिए नाश्ता त्यआर कर रही थी. मैने गूडमॉर्निंग पापा मुझे पापा ने भी गूडमॉर्निंग बोला और ऑफीस के लिए निकल गये.
मम्मी- राजीव बेटा तुम अपना समान रेडी करो और गाओं चले जाओ कल मैने बोला था ना तुझे.
मैं- ओक मम्मी जी अभी रेडी होता हू.
मैने 9 बजे रेडी हो गया और नीचे आ गया मम्मी ने मुझे कुछ पैसे दिए और मैं गाओं की तरफ अपनी बिके से निकल गया.
मम्मी- (फोन पे) हेलो रानी मैने तेरा काम कर दिया है तेरे पास तेरे बचे का बाप आ जाएगा.
चाची- साची दीदी जी उनका नाम तो बता दो ना.
मम्मी- तेरे पास ही आ जाएगा खुद देख लेना.
चाची- आप ने उसको बोला है की उसे यहा क्या करना है?
मम्मी- मैने बस उसे तेरे घर भेजा है बाकी तुम ही अब देखो कैसे उससे अपनी छूट मर्वानी है ओक बाइ.
मैं करीब 11 बजे गाओं घर पहुच गया, मुझे देख कर चाची थोड़ी सी हैरान हो गये पर खुश बहुत थी.
मैं- नमस्ते चाची जी.
चाची- आओ राजीव बेटा, कैसे हो तुम? बहुत दीनो बायड हमारी याद आए तुम्हे.
मैं- नही चाची जी ऐसा कुछ नही है मुझे पता चला की दादा जी की तबीयत ठीक नही है तो मैं आ गया.
चाची- अछा किया जो तुम आ गये चलो फ्रेश हो जाओ मैं छाई बनती हू.
मैने दादा जी से मिला और हाल चल पूछा और फ्रेश हो कर आया, डोपेहर का खाना खाया और मैं आराम करने चला गया.
शाम को चाचा जी भी खेत से आ गये उन्होने मुझे बुलाया हाल चल पूछा और बहुत बताईं की, करीब रात को 1 बजे सोया मैं.
सुबा उठा तो देखा की दादा जी बाहर बेते थे और चाची मेरे लिए छाई बना रही थी. जब चाची मेरे लिए छाई लेकर आए तो क्या चीज़ लग रही थी. इतनी सेक्सी मानो जैसे कोई आक्ट्रेस हो मेरा तो बुरा हाल हो गया देख कर.
चाची- क्या हुया राजीव?
मैं- कुछ नही चाची, आज तो आप क्या लग रही हो?
चाची- शूकर है किसी ने तो मुझे आचे से देखा.
मैं- क्या मतलब चाची जी?
चाची- कुछ नही तुम छाई पाइयो अभी तो तुझे बहुत मेहनत करनी है.
बाकी नेक्स्ट पार्ट मैं क्या रानी राजीव से छुड़वा पति है? किसी सिंगल लेडी कपल को सेक्स छत या सेक्स थ्रीसम करना हो तो कॉंटॅक्ट मे मी गमाल