तो जैसा की आपने अभी तक पढ़ा की संकर मम्मी का मूह छोड़ के चला गया और मम्मी को शाम के लिए रेडी रहने को बोला.
अब में ये सोच रहा था की वहाँ जो होगा वो मुझे भी देखना है लेकिन कैसे. सो मैने एक प्लान बनाया की में मम्मी से पहले घर से निकल जवँगा किसी बहाने से और फिर मम्मी को फॉलो करूँगा.
(5 भजे)
में : मम्मी मुझे अभी तोड़ा दोस्तों के साथ बाहर जाना है.
मम्मी: अरे कैसे तुझे बोली थी ना 6 भजे में बाहर चली जवँगी घर में कों रहेगा?
में: अरे मम्मी तोड़ा ज़रूरी है मेरा जाना. एक काम करो आप लॉक कर देना घर और में एक्सट्रा के ले जाता हूँ. में 8 भजे तक वापस आ जौंगा.
मम्मी : ठीक है लेकिन में नही हूँ इसका ये मतलब नही की तू मॅन मानी करेगा जल्दी आके खाना ख़ाके सो जाना.
में: ठीक है मम्मी.
ये सब तो सेट हो गया अब में अपनी स्कूटी लेके निकल गया मेरे गली के बाहर तोड़ा पेड़ के नीचे चुप गया गाड़ी के साथ और इंतेज़ार था मुझे संकर का.
(6 भाज गये)
एक स्कॉर्पियो मेरे गली के सामने आके रुकी, उसका विंडो खुला था तो मुझे ड्राइवर दिख गया. लेकिन वो संकर नही था, मतलब उसने अपने ड्राइवर को मम्मी को लेने भेजा था. और 2 मीं बाद मम्मी गली से निकलके आई.
मम्मी एक दूं मस्त माल लग रही थी. पिंक कलर की सारी और ब्लाउस. डार्क रेड शेड्स वाली लिपस्टिक. फिर वो जल्दी से गाड़ी में बेत गयी.
फिर में भी अपनी स्कूटी स्टार्ट किया और यूयेसेस स्कॉर्पियो के पीछे चला. मेी तोड़ा गॅप मेनटेन कर रहा था गाड़ी से और मैने एक दोस्त का हेल्मेट भी पहना था जिससे में मम्मी को ना दिखू.
20 मीं पीछा करने के बाद वो गाड़ी रुकी एक फार्महाउस पे जो की हुमारे घर से 6केयेम दूर एक सुनसान एरिया था. गाड़ी मैं गाते के अंदर चली गयी. में भी जल्दी से अपनी स्कूटी एक झाड़ी में पार्क किया और फार्म की दीवार ज़्यादा बड़ी नही थी उसके उपर से अंदर घुसा और धीरे धीरे अंदर जाने लगा.
थोड़े अंदर जाने के बाद में एक पूल साइड आ गया. वहाँ मैने देखा संकर एक सोफा पे बेता हुआ था. और उसके साथ और 3 लोग थे और लकिली में तीनो को जानता था.
एक हुमारे एरिया का काउन्सिलर था अशोक (55-60). एक था ज्प (45-47) वो एक मेडिसिन शॉप का मालिक था हुमारे एरिया में ही थी उसकी दुकान भी. और तीसरा आदमी था राजा ( 40-45) वो संकर का भाई था और एरिया का गुंडा.
मुझे मम्मी अभी तक नही दिखी थी. फिर मैने देखा की मम्मी धीरे धीरे चल के आ रही थी सर झुका के पूरी नयी नवेली दुल्हन जैसे चलती है.
अब मुझे उनकी बातें सुन्नी थी इसीलिए में तोड़ा और पास गया दूसरी तरफ के झाड़ी में और वहाँ एक गमले के पीछे बैठ गया.
संकर- अरे ये देखो आ गयी मेरी जान, आजा अपने मालिक के पास चल आ.
मम्मी धीरे धीरे छलके गयी और उसकी गोद में बेत गयी जैसा उसने मम्मी को घर पे करने बोला था सबके सामने.
ज्प: अरे भाभी आप ये तो अपनी जान पहचान वाली है. अरे वा यार भाभी तू तो आज बेबी बन गयी हुमारी. रोज़ मंदिर जाती है और दुकान पे भी आती है तो सब धक के कभी कुछ दिखती ही नही. कितनी मस्त लगती है तू मुझे पता है.
अशोक : अरे भाई संकर ये क्या यार तू तो बोला था मस्त माल लाएगा ये क्या है.
(संकर मम्मी के गले पे किस करते हुए और हाथो को बूब्स पे चलते हुए बोला.)
संकर: भाई आज तक जितनी रंडी छोड़ा है ना सबसे बेस्ट है. रुक धीरे धीरे तुझे पता चलेगा यार क्या चीज़ है. चल मेरी जान शुरू होज़ा पहले अपने मालिक को खुश कर बाद मे मेरे दोस्तों को करना.
म्यूज़िक बजने लग गया. वो लोग सब दारू पीने लग गये और मम्मी को पता था उनको अब क्या करना है. वो अपने घुटनो पे बेती और संकर की पंत खोली और उसके अंडरवेर से उसका लंड बाहर निकली. उसको पहले तोड़ा हाथ से हलाई. वो लॉडा जैसे ही खड़ा हुआ 6 इंच का उसको मम्मी अपने मूह में ले ली.
संकर -आअहह सबाश..
उसने मम्मी के बाल पकड़े और मम्मी के मूह को छोड़ने लगा. फिर 5 मीं बाद अपना माल मम्मी के मूह में छोड़ दिया और मम्मी उसको पी गयी.
फिर मम्मी राजा के तरफ बढ़ी-
राजा: भेंचोड़ रंडी है तू इतना धक के क्या रखी है अपने आप को!
ये बोलके उसने मम्मी की सारी खिचकर फाड़ दी और पूल में फेक दी. अब मम्मी बस ब्लाउस और पेटिकोट में थी दोनो पिंक. क्या माल लग रही थी.
मम्मी फिर घुटनो पे बेती और राजा की पंत खोल कर उसका लंड निकाला. जो की पहले से ही खड़ा था पूरा 7 इंच का. इसको मम्मी मूह में लेने से हिचकिचा रही थी. लेकिन उसने एक धक्का मारा अपने हाथ से मम्मी के सर को अपने लंड पे और आधा लंड अंदर और फिर वो बाल पकड़ के छोड़ता रहा. ऐसे एक एक करके मम्मी ने चारों के लंड चूसे और सबने अपना माल पीला दिया उसको.
अब राजा उठा और उसने मम्मी का ब्लाउस फाड़ दिया और पेटिकोट भी. अब मम्मी बस ब्रा और पनटी में थी, रेड कलर की लेसी ब्रा. जिसमे मम्मी के चुचे चुप नही रहे थे और सेमी ट्रॅन्स्परेंट पनटी जिसमे मम्मी की गांद पूरी दिख रही थी.
ये नज़ारा देख के मानो सब पागल हो गये और मेरा भी लंड खड़ा होगआया और में भी हिलने लगा. वो सब मम्मी के चारों तरफ खड़े हो गये और डॅन्स करने लगे.
अशोक मम्मी के चुचे दबा रहा था. राजा मम्मी की गांद से अपना लंड सहला रहा था. ज्प मम्मी की जांघों को चूम रहा था और संकर होठों को काट रहा था.
10 मीं ऐसे चलने के बाद उन्होने ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मम्मी को भी एक झटके में नंगा कर दिया. अब वो मम्मी को टेबल पे लेता दिया और उसपे टूट पड़े. कोई बूब्स दबा रहा था कोई गांद कोई चूत चाट रहा था कोई होंठ.
अब संकर टेबल पे लेता. मम्मी को उसके उपर लेटया ज्प ने और मम्मी की छूट में संकर का लंड घुस गया था और अब जो ने अपना लंड मम्मी की गांद में डाल दिया था. वो दोनो मम्मी को ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगे.
मम्मी के मूह से ज़ोर ज़ोर से आवाज़ आने लगी. क्यूंकी उसने पहले कभी ऐसा नही किया था और वो रोने भी लगी थी.
फिर अशोक ने अपना लंड मम्मी के मूह में डाल दिया और राजा ने मम्मी को हाथ से उसका लंड हिलने बोला. वो एक एक करके दोनो का लंड ले रही थी. ऐसे ही छोड़ रहे थे. वो और बार बार पोज़िशन बदल रहे थे. कभी संकर गांद मार रहा था कभी ज्प छूट. कभी अशोक गांद और कभी राजा चूत.
और वो जी भर के गाली दे रहे थे-
ज्प: साली रंडी कुटिया. अब साली रोज़ छोड़ूँगा तुझे मेरी दुकान के सामने मैं रोड पे. अपनी गली के कुत्ते भी तुझे छोड़ेंगे.
राजा – मदारचोड़ चूस मेरा लोड्ा आचे से नही तो तेरी गांद में गरम सालिया घुसा दूँगा रंडी.
ऐसे ही 1 घंटा अलग अलग छोड़ने के बाद सब ने अपना माल मम्मी पे गिराया. और मम्मी को लेके सब पूल में खुद गये और वहाँ सब अपने आप को सॉफ किए और मम्मी को बारी बारी किस किए और बूब्स भी चूज़.
फिर मम्मी बहोट तक गयी थी वो लोग बाहर आए. वो चारों अलग अलग सोफे पे बेत गये और अपना पेग पीने लगे.
वो सब की आँख लग गयी थी इतनी चुदाई के बाद, मम्मी भी सो गयी थी. फिर 3 घंटे बाद संकर की आँख खुली और उसने मम्मी के उपर दारू फेकि और बोला-
संकर: साली रंडी तुझे सोने के लिए यहा नही लाया हूँ, चल अपना काम कर… और वो जाके वापस सोफे पे बेत गया.
मम्मी उठी और जाके उसके लंड पे बेत गयी और उपर नीचे होने लग गयी. फिर सब उठ गये और एक एक करके मम्मी सबके लंड पे बेती. फिर सबने अपना माल अंदर ही छोड़ दिया फिर सब सो गये.
सुबे 4 भजे सबकी आँख खुल गयी और वो लोग मम्मी को उठा के वापस टेबल पे ले गये और उसको घोड़ी बना दिया. एक एक करके सबने उसकी गांद मारी और मूह को भी छोड़ा डॉगी स्टाइल में.
सब ने छोड़ने के बाद अपना माल मम्मी के उपर गिरा दिया और उसको स्पर्म से नहला दिया. फिर 6 भाज गये थे. मम्मी पूल में नहा के आई और संकर को बोली-
मम्मी: अब तो मुझे जाने दो प्लीज़.
संकट : ठीक है जेया वैसे भी तेरा काम हो गया है मेरी जान सब खुश है. अब जब भी मुझे ज़रूरत होगी तुझे बूलौँगा.
ये सुनके मम्मी दर्र गयी लेकिन ज़्यादा कुछ नही बोली.
मम्मी: में घर कैसे जाो मेरे कपड़े तो फटत गये है??
संकर : अंदर जेया बहोट सारी रंडियो के कपड़े है कोई भी पहें ले और ड्राइवर घर छोड़ देगा.
यही हुआ फिर में भी जल्दी से घर पहॉंच गया.
इश्स कहानी मेी इतना ही, आयेज मिलेंगे नयी कहानी के साथ. थॅंक योउ, प्लीज़ गिव युवर फीडबॅक इन कॉमेंट्स.