तो दोस्तो आपका फिर एक बार मेरी स्टोरी में स्वागत है. इस स्टोरी में आपको मैं बतौँगा की कैसे मेरी गर्लफ्रेंड ने दूसरे लड़कों से चुडवाया. अगर आपको ये स्टोरी पसंद आए, तो अपनी फीडबॅक ज़रूर देना.
पहले मैं आपको मेरे बारे में बता डू. मेरा नामे हर्ष है. मैं कॉलेज के फाइनल एअर में हू. मेरी गर्लफ्रेंड का नामे श्रुति है, और वो भी फाइनल एअर में है. मगर वो दूसरे कॉलेज में पढ़ती है. हम दोनो रीलेशन में स्कूल टाइम से है, जब 12त में थे, तब से.
फिर हम दोनो ने अलग-अलग कॉलेज में अड्मिशन ले ली थी, कोर्स की वजह से. सब कुछ सही चल रहा था, मगर एक दिन में सब बदल गया. मैने कभी सोचा नही था, की ऐसा कुछ होगा. लेकिन जो होना होता है, वो होके ही रहता है.
मेरा दोस्त ज़फर जो की श्रुति की कॉलेज में है, और वो दोनो भी बेस्ट फ्रेंड्स है. हमारा ग्रूप पार्टी करने के लिए क्लब में गये था.
सब ने वाहा एंजाय किया. फिर हम सब ज़फर की कार में रिटर्न होने के लिए बैठ गये. वो वेल्दी फॅमिली से बिलॉंग करता है, तो वो अपनी फोरटुनेर लेकर आया था, और सब को उसने ड्रॉप कर दिया.
अब हम 3 बचे थे मैं, श्रुति और डीप. मेरा घर पहले आता है तो मुझे ड्रॉप कर दिया. फिर वो और श्रुति निकल गये. मैं तका हुआ था, इसलिए सीधा जाके बेड पे सो गया. अगले दिन मुझे याद आया की मेरा पर्स ज़फर की कार में ही रह गया था. इसलिए मैने उसको तुरंत फोन लगाया, और पर्स का पूछा.
उसने बोला: मैं बाहर हू, अभी तुम्हे चाहिए तो घर जाके लेलो.
फिर मैं उसके घर गया, और कार में पर्स लेने के लिए गया. तब मुझे वाहा एक चीज़ दिखी जिसको देख कर मेरे होश उडद गये. वाहा पे उसेड कॉंडम पड़ा हुआ था. मगर फिर मैने सोचा की मुझे क्या लेना देना, तो मैं निकल गया पर्स लेकर.
फिर कुछ दीनो बाद मैं उसकी कॉलेज साइड से निकल रहा था. तब मुझे वाहा श्रुति और ज़फर दिखे. वो दोनो फोरटुनेर में थे. मुझे लगा शायद रिटर्न हो रहे होंगे. क्यूंकी मैं अकेला था, तो मैने श्रुति को कॉल की. उसने फोन पिक किया, और मैने बोला-
मैं: किधर है?
तो वो बोली: कॉलेज में हू. लेक्चर चल रहा है, तो मैं बात नही कर सकती. मैं थोड़ी देर बाद में बात करती हू.
मुझे डाउट हुआ की वो झूठ क्यूँ बोल रही थी. मैने उन दोनो पे नज़र रखी. कुछ टाइम बाद कोई लड़का आया. शायद वो उनका कोई फ्रेंड होगा. फिर वो तीनो कार में निकल गये. मैं उनके पीछे-पीछे जाने लगा. मैं जानना चाहता था, की आख़िर श्रुति ने मुझे झूठ क्यूँ बोला था.
उन्होने कॉलेज से बहुत डोर, एक सुनसान रोड की साइड में कार पार्क की, और बंद कर दी. बहुत टाइम होने के बावजूद उन्होने डोर ओपन नही किया.
इसलिए मैने धीरे-धीरे से जाके देखने की कोशिश की. वाहा कार में म्यूज़िक फुल बाज रहा था, मगर अंदर देखते है मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी. ज़फर ने अपना लंड निकाला हुआ था, और श्रुति उसको मूह में लिए जेया रही थी. वो किसी रंडी की तरह ज़फर के लंड को चूस रही थी.
ज़फर उसकी गांद को मज़े से सहला रहा था, और दूसरा लड़का अपने लंड को हिला रहा था. थोड़ी देर तक चूसने के बाद अब ज़फर का लंड पूरा गीला हो चुका था, और अब छूट मारने के लिए भी तैयार था.
वो अपनी सीट पे बैठ गया, और अब श्रुति भी धीरे-धीरे उसकी गोदी में बैठ गयी. फिर उसने लंड को छूट पे रखा, और लंड आराम से उसकी छूट के अंदर चला गया. अब वो लंड पर उपर-नीचे होने लगी. थोड़ी देर में श्रुति ने अपनी स्पीड बढ़ा ली, अब वो ज़ोर-ज़ोर से लंड लेने लगी
झटके इतने थे की अब कार भी थोड़ी सी हिलने लगी, और वो मूह से सिसकियाँ लेने लगी थी. थोड़े टाइम राइड करने के बाद ज़फर झाड़ गया, और उसने अपना माल उसकी गांद पे छ्चोढ़ दिया. उसके बाद ज़फर अपने कपड़े पहनने लग गया.
अब मुझे लगा की फिनिश हो गया, और अब वो रिटर्न हो जाएँगे. मगर दूसरा लड़का जो था, वो अब श्रुति के पास आ गया, और उसको किस करने लगा. मैं बस देखता रह गया, और बहुत हैरान हो रहा था.
वो अब श्रुति के चूचों को दबाने लगा किस करते-करते. श्रुति भी उस लड़के को सहलाने लगी, और उसकी बॉडी पर हाथ घूमने लगी. बाद में श्रुति ने उस लड़के के लंड को मूह में ले लिया, और उसको ब्लोवजोब देने लगी.
थोड़ी देर ब्लोवजोब के बाद ज़फर बाहर निकला. उसने आस-पास चेक किया. फिर उसने इशारा किया, और इशारा देख कर कार में से वो लड़का और श्रुति बाहर निकले. श्रुति कार का सपोर्ट लेके झुक के खड़ी हो गयी, और उस लड़के ने अपना लंड उसके पीछे डाला, और अंदर-बाहर करने लगा.
अब दूसरा लड़का भी श्रुति को पेल रहा था. मेरे मॅन में काई क्वेस्चन्स आ रहे थे. मगर श्रुति के मोन्स की आवाज़ तेज़ हो रही थी. वो लड़के ने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी, और अब वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था. मेरी गर्लफ्रेंड पराए 2 लड़कों से छुड़वा रही थी. ये मुझसे देखा नही जेया रहा था.
थोड़े टाइम बाद उस लड़के ने अपना पानी श्रुति की गांद पे निकाल लिया, और फिर दोनो कार में बैठ गये. ज़फर भी कार में बैठ गया, और श्रुति के चेहरे पर स्माइल थी. वो इस सब से खुश थी. अब मेरा वाहा कोई काम नही था.
फिर मैं भी अब अपनी बिके पे घर की तरफ निकल पड़ा. फिर रास्ते में याद आया की उस दिन पर्स लेने गया था तब जो कॉंडम था, वो भी ज़फर और श्रुति ने उस रात को उसे किया होगा. शायद ये सब पहले से चल रहा था.
इन्ही ख़यालों के साथ मैं अकेला रास्ते पे निकल गया.
अगर आपको कुछ पूछना हो, तो मुझे मैल कर सकते है. मेरी ये कहानी आप सब को कैसी लगी ये भी ज़रूर बताना. मैं आपकी मेल्स का इंतेज़ार करूँगा. मेरी मैल ईद है-