फ्रेंड्स… मेरा नाम शुभम शर्मा है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.
जैसा कि मैं अपनी पिछली कहानी – दोस्त को जन्मदिन पर दिया शानदार तोहफ़ा, में पहले ही बता चुका हूँ कि हार्दिक को जन्मदिन पर मैंने अपनी गर्लफ़्रेंड शनाया चोदने के लिए दी थी और उसके बाद से हार्दिक उसे समय समय पर चोदता रहता है.
कभी कभी हार्दिक और मैं दोनों मिलकर शनाया को चोद देते हैं. मैं और हार्दिक शनाया को चोदते हुए वीडियो भी बनाते हैं.
अब उससे आगे की कॉलेज गर्ल फक स्टोरी का मजा लें. लेकिन एक दिन गलती से हार्दिक का फ़ोन हमारे दोस्त वंश के हाथ पड़ गया. उसने हम दोनों को शनाया को एक साथ चोदते हुए वाला वीडियो देख लिया.
शनाया और वंश एक ही क्लास में पढ़ते थे और दोनों दोस्त भी थे. वंश हम दोनों का भी अच्छा दोस्त था.
चुदाई का वीडियो देखकर वंश ने हार्दिक से कहा- भाई, मैं भी तो तुम्हारा दोस्त हूँ, तुम्हें मुझे भी तो साथ में ले लेना था. हार्दिक को बात समझ नहीं आई. तो वंश ने उससे शनाया की चुदाई के वीडियो के बारे कहा.
पहले तो हार्दिक सकपका गया, फिर उसने कह दिया- भाई, वो शुभम की गर्लफ़्रेंड है. वो जिसको चोदने देगा, शनाया उसी से चुदेगी. मैं क्या कर सकता हूँ. वंश ने मुझे फ़ोन किया और मुझे उसके पास आने को कहा. मैं आ गया.
वंश ने मुझसे कहा- भाई तूने हार्दिक को अपनी गर्लफ़्रेंड चोदने दी, मुझे कैसे भूल गया. मैं भी तो तुम्हारा दोस्त हूँ.
मैंने सोचा कि साला अब ये सब जान चुका है और शनाया का भी दोस्त है तो इसे चोदने देने में कोई दिक़्क़त नहीं है. फिर भी एक बार शनाया से पूछ लेता हूँ, यदि उसे कोई दिक्कत नहीं होगी तो इसे भी शनाया की चूत का मजा लेने की कह दूंगा.
मैंने वंश से कहा- मैं शनाया से पूछ लेता हूँ, यदि उसे कोई परेशानी नहीं होगी तो तू भी मजा ले लेना.
उसने हां कहा.
मैंने शनाया से सब बात खुल कर कही तो शनाया ने हामी भर दी. वो वंश के साथ आज ही चुदने को तैयार थी.
मैंने फोन काट कर वंश से कहा- वो मान गई है और आज ही शनाया चुदने को राजी है. अपन तीनों दोस्त मिलकर उसे चोदेंगे.
मेरी बात सुनकर वंश और हार्दिक खुश हो गए. वंश ने मेरे घर पर ही प्रोग्राम करने को कहा. शाम का तय हो गया.
वंश ने कहा- आज शाम को मैं तेरे घर स्कॉच लेकर आता हूँ.
मेरा भी मन था कि आज हम सब दारू पार्टी का मजा लेते हुए शनाया की चूत का भोसड़ा बना देंगे.
मैंने शनाया को कॉल किया और उसे शाम की पार्टी के बारे में सब बताया और उसे अपने घर बुला लिया. वो भी पूरी रात मेरे घर रुकने की तैयारी से आने को राजी हो गई थी.
शनाया शाम को मेरे घर आ गई. इधर मैं और हार्दिक पहले से तैयार थे.
शनाया ने आकर हम दोनों को देखा और कर पूछा- वंश नहीं आया क्या? आज भी तुम दोनों ही मुझे एक साथ चोदोगे या अलग अलग?
हमने कहा- एक साथ ही चोद देंगे. वंश भी आने वाला है. वो भी तेरी लेगा.
शनाया हंस कर बोली- अइओ … आज तीन का मजा. साले लगता है … तुम लोग मुझे सड़क छाप रांड बना कर छोड़ोगे!
मैंने कहा- तेरा मन नहीं है तो ना बोल दे ना.
शनाया बोली- मन नहीं होता तो पहले ही मना कर देती. चलो, अब जल्दी शुरू करते हैं. तू दारू पार्टी की कह रहा था. बना पैग!
मैंने शनाया से कहा- पहले चुदाई शुरू करते हैं … वंश स्कॉच लाएगा, तब दारू का मजा लेंगे. आज तुम्हें भी तीन लंड से चुदने में कुछ ज़्यादा ही मज़ा आएगा.
वो मुस्कुराकर बेडरूम में चली गई.
मैंने वंश को मैसेज किया और उसे बुला लिया- घर खुला छोड़ा है, अन्दर से लॉक करके नंगा होकर बेडरूम में आ जाना.
हम दोनों बेडरूम में आ गए और नंगे हो गए. मैंने शनाया को भी नंगी कर दिया. हार्दिक शनाया की चूत चाट रहा था और मैंने अपना लंड शनाया के मुँह में दे रखा था. हम वंश के आने का इंतज़ार कर रहे थे.
इतने में वंश पूरा नंगा होकर बेडरूम में आ गया. हार्दिक और हम अलग हो गए. शनाया वंश को नंगा देखकर चौंक गई. उसका लंड काफी मोटा था.
मैंने शनाया से कहा- ले तेरा वंश भी तुझे चोदने आ गया है.
वो वंश कर लंड देखने लगी.
मैंने शनाया से पूछा- तुम्हें दिक़्क़त तो नहीं है?
शनाया ने कहा- नहीं, वंश तो मेरा दोस्त है, वो मुझे चोद सकता है. वो मुझे सीधे भी कहता तो भी मैं उसे मना नहीं करती.
ये सुनकर वंश सीधा शनाया पर टूट पड़ा. अब शनाया को एक साथ तीन लंड लेने थे. शनाया ने एक एक करके तीनों के लंड चूसे. उसके बाद हमने शनाया को बेड पर लेटा दिया, उसकी टांगें फैला कर चूत रगड़ने लगे.
पहले शनाया को हार्दिक ने अपने लंड पर बैठाया और उसकी चूत पेलने लगा. पीछे से वंश आया और उसने शनाया की गांड में लंड डाल दिया. शनाया दो लंड से एक साथ चुद रही थी. मैंने सामने से लंड उसके मुँह में दे दिया.
एक राउंड के बाद हमने पोजीशन बदल दी. अब वंश शनाया की चूत मार रहा था और मैं उसकी गांड में लंड पेले हुए लगा था. सामने से हार्दिक ने अपना लंड शनाया के मुँह में दे रखा था.
शनाया बड़े अच्छे से तीनों के लंड ले रही थी. उसके बाद मैं चूत चोदने लगा और हार्दिक गांड मारने लगा. वंश लंड मुँह में दे कर मजा ले रहा था.
तीनों लंड की दमदार चुदाई के बाद शनाया निढाल हो गई. हम तीनों भी शांत हो गए थे. वंश ने पैग बनाए और सब चियर्स करके दारू पीने लगे.
वंश ने शनाया की चूची मसल कर कहा- डार्लिंग, मजा आ गया. क्या मस्त चुदाई हुई थी… आनन्द आ गया. शनाया तेरी चूत बहुत गहरी है यार!
शनाया वंश से बोली- अब से तुझे जब चोदना हो, मैं तैयार हूँ, आ जाना.
फिर तीनों ने दूसरे दौर की चुदाई का कार्यक्रम शुरू किया. उस रात लगातार चार दौर चुदाई चली. शनाया की चूत का भोसड़ा बन गया था और गांड का गड्डा बन गया था. फिर हम सब नंगे ही सो गए.
सुबह उठ कर एक एक बार फिर से चुदाई का मजा लिया और अपने अपने कपड़े पहन कर अपने अपने घर निकल गए.
इस तरह से शनाया और मेरी दोस्ती अब चुदाई का मजा लेने के लिए अलग अलग लंड चूत को सैट करने में आगे बढ़ने लगी थी. हम दोनों ही एक दूसरे के लिए लंड चूत का इंतजाम करने लगे थे.