ही दोस्तों, मेरा नाम अनुज है, और मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 24 साल है, और मैं दिखने में काफ़ी हॅंडसम हू. मेरी हाइट 5’10” है, और रंग गोरा है.
मैने हल्की दाढ़ी भी रखी है. मेरा लंड 7.5 इंच का है, और मैं किसी भी लड़की या औरत को संतुष्ट कर सकता हू. ये कहानी पिछले साल की है. तो चलिए कहानी का सफ़र शुरू करते है.
म्बा करने के बाद मैने बाट सारी मंक’स में जॉब के लिए धक्के खाए. लेकिन कही बात नही बनी. मा-बाप ने मुझे लोन लेके पढ़ाया था, और अब मेरे जॉब करने की बहुत ज़रूरत थी.
मैने बहुत हाथ-पैर मारे, लेकिन जॉब नही मिली. फिर मेरे एक दोस्त ने मुझे ड्राइवर की जॉब ऑफर की. उसने कहा की जब तक सही जॉब नही मिलती, तब तक यही जॉब कर ले. कम से कम पैसे तो आएँगे घर पर.
मुझे उसकी बात सही लगी, और मैं इंटरव्यू के लिए चला गया. जहा मैं इंटरव्यू के लिए गया, वो एक बहुत बड़ा बांग्ला था. काफ़ी रिच फॅमिली थी.
मेरा इंटरव्यू वेद प्रकाश( मेरा बॉस) नाम के बंदे ने लिया. मेरी क्वालिफिकेशन्स और मेरी पर्सनॅलिटी देख कर उसने मुझे जॉब पर रख लिया. मेरी सॅलरी 25000 फिक्स हुई, और टाइमिंग सिर्फ़ आने की फिक्स हुई, जाने की नही. उसने कहा की अगर लाते हुआ करेगा तो मैं उन्ही के घर में सर्वेंट क्वॉर्टर्स में सो जया करू.
फिर अगले दिन से मैने काम पर जाना शुरू कर दिया. बॉस के घर में उनके अलावा उनके मम्मी-डॅडी, उनकी बीवी, और उनकी बेटी थी. उनका बेटा फॉरिन में उनका बिज़्नेस संभालता था.
मेरे अलावा उनके घर में 2 और ड्राइवर थे. एक उनके पेरेंट्स के लिए था, और दूसरा उनकी बीवी और बेटी के लिए. अब आते है मैं स्टोरी पर.
सनडे का दिन था, तो आज ऑफीस नही जाना था. मैं सुबा- सुबा गाड़ी वॉश कर रहा था. तभी दूसरा ड्राइवर गाड़ी बंगलो के अंदर लेके आया. उस गाड़ी में से बॉस की बेटी बाहर निकली.
ओह मी गोद! क्या लड़की थी यार. एक-दूं पताका. वो बिल्कुल टार्ज़ॅन मोविए वाली ‘शा तकिया’ की तरह लगती थी. उसने वाइट कलर की टॉप और रेड कलर की शॉर्ट स्कर्ट पहनी थी. वो इतनी गोरी थी, की किस करने पर भी उसकी चाँदी लाल हो जाए.
उसकी स्कर्ट उसकी जांघों से उपर थी, और उसकी मस्त जांघों का नज़ारा दिखा रही थी.
टॉप उसकी स्ट्रॅप्स वाली थी, जो सिर्फ़ बूब्स और आधी कमर को ही धक रही थी. उसको देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने मॅन में सोचा “हाए यार, ऐसी भी लड़कियाँ होती है?”
फिर मैने उसके बारे में पता किया तो पता चला की वो 1स्ट्रीट एअर की स्टूडेंट थी. उस दिन के बाद मैने बहुत कोशिश की उसको देखने की, लेकिन मुझे चान्स ही नही मिला. आक्च्युयली मेरी घर में एंट्री ही नही थी. जब घर में होता भी था, तो बाहर ही बैठता था.
फिर एक दिन आया, जब सब कुछ बदल गया. शाम का टाइम था. कोई 9 बाज रहे होंगे. मैं घर पर ही था, और बॉस फॉरिन गये हुए थे. मुझे मेरे बॉस की कॉल आई.
बॉस: कहा हो अनुज?
मैं: सिर घर पर ही हू.
बॉस: अछा आज रमेश(दूसरा ड्राइवर) नही है, तो तुम श्रुति(बॉस की बेटी) को क्लब ले जाओ.
मैं: ठीक है सिर.
बॉस: मैं उसको कॉल कर देता हू, वो 15 मिनिट में तुम्हारे पास आ जाएगी. आंड ध्यान रखना उसका. क्लब में भी उसके साथ ही रहना. तुम्हे वाहा उसको गुआर्द भी करना है.
मैं: ओक सिर.
बॉस की ये बात सुन कर मैं खुश हो गया. मैं गाड़ी लेके एक-दूं रेडी था. 15 मिनिट बाद वो आई, और उसको देख कर मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो गयी. उसने ब्लॅक कलर की शाइनिंग वाली वन-पीस ड्रेस पहनी थी.
उसमे उसकी बॉडी शेप बिल्कुल सॉफ समझ में आ रही थी. उसका साइज़ होगा तकरीबन 34-28-36. और ऐसी सेक्सी लड़की को देख कर कों से लड़के का लंड खड़ा नही होगा?
फेस पर उसने हल्का मेक-उप किया हुआ था, और बाल उसके स्ट्रेट थे, और ब्राउन कलर किया हुआ था. फिर वो गाड़ी में आके बैठ गयी. मैने रियर व्यू मिरर उस पर ही सेट कर लिया.
20 मिनिट की ड्राइव के बाद हम क्लब पहुँचे. वो क्लब के अंदर जाने लगी, और मैं भी उसके पीछे ही था. उसकी मटकती गांद कमाल की लग रही थी.
क्लब में और भी फुलझड़ियान थी, लेकिन श्रुति से बढ़ कर कोई पताका नही था. वाहा श्रुति ने बहुत दारू पी. उसके साथ उसके फ्रेंड्स भी थे, जिनमे लड़के और लड़कियाँ दोनो थे. थोड़ी देर बाद मैने देखा, की वो अपने एक फ्रेंड को लेके उपर की तरफ जेया रही थी.
मैं भी उसके पीछे जाने लगा. उपर कुछ रूम्स में थे, और वो दोनो उनमे से एक रूम में चले गये. उन दोनो ने खूब पी रखी थी. अंदर जाके उन्होने दरवाज़ा भी बंद नही किया.
आस-पास के रूम्स से लड़के और लड़कियों की आहों की आवाज़े आ रही थी. मैं समझ गया था, की क्लब वालो ने ये जगह चुदाई के लिए बनाई हुई थी.
फिर मैने रूम का दरवाज़ा खोल कर अंदर झाँका. मैं अंदर देख कर हैरान हो गया, और मेरा लंड पंत फाड़ कर बाहर आने वाला हो गया. अंदर वो लड़का आधा नंगा सिर्फ़ जीन्स में बेड पर था, और श्रुति उसके सामने थी.
श्रुति ने सिर्फ़ ब्रा और पनटी पहनी हुई थी, और उसके बाकी कपड़े फर्श पर गिरे हुए थे. क्या बदन था श्रुति का. ऐसा लग रहा था जैसे कोई अप्सरा अभी-अभी दूध से नहा कर आई थी.
दिल तो कर रहा था की अभी उसके पास जाके उसके सारे बदन को कुत्ते की तरह चातु. उसके पुर बदन को काटने का दिल कर रहा था.
फिर श्रुति उस लड़के के उपर बेड पर आई, और उसकी बेल्ट खोलने लगी. वो बड़े कामुक तरीके से उसकी बेल्ट खोल रही थी. श्रुति ने उसकी जीन्स उतरी, और साथ ही उसका अंडरवेर भी उतार दिया.
जैसे ही उसका अंडरवेर उतरा, उसका लंड बाहर आ गया. उसका लंड देख कर मैं हैरान रह गया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. यहा तक अगर कहानी पढ़ने का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉँमेट ज़रूर करो. [email protected]