ही रीडर्स, मेरा नाम कमाल किशोरे है. मैं 56 साल का हू, और बॅंक से रिटाइर्ड हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और लंड 7 इंच का है. 10 साल पहले मेरी बीवी मॅर गयी थी. मेरे बच्चे अब्रॉड में सेट्ल है, और मैं घर में अकेला रहता हू. ये कहानी मेरी और मेरे पड़ोसी दोस्त की बहू की है. तो चलिए कहानी शुरू करता हू.
मेरे पड़ोस में जो फॅमिली रहती है, वो मेरे बचपन के दोस्त की है. क्यूंकी मैं यहा शुरू से रह रहा हू, और वो भी. उसका नाम मुकेश कुमार है, और वो भी मेरी ही आगे का है. उसकी फॅमिली में उसके अलावा उसकी बीवी, उसके दो बेटे, और 2 बहुए रहती है. उसकी एक बेटी भी है, जो अपने ससुराल में रहती है.
उसके छ्होटे बेटे की शादी अभी पिछले साल ही हुई थी. ये बात 6 महीने पहले की है. उसके छ्होटे बेटे की बीवी, जिसका नाम पूजा है, उसको कॉंपिटेटिव एग्ज़ॅम की तैयारी करनी थी. बाकी सब तो वो अपने आप पढ़ सकती थी, लेकिन उसको मेद्स में बड़ी दिक्कत थी. इसलिए वो मेद्स की कोचैंग लेना चाहती थी.
उन्होने काई जगह कोचैंग के लिए पूछा लेकिन हर जगह बॅच फुल थे. फिर एक दिन मुकेश इस बारे में मुझसे बात कर रहा था. तभी वो मुझसे बोला-
मुकेश: अर्रे यार, तू तो कॉलेज में मेद्स का चॅंपियन था. तूने बॅंक का एग्ज़ॅम भी पहली बार में क्रॅक कर लिया था. तू ही पढ़ा दे मेरी बहू को. वैसे भी तू फ्री रह कर बोर हो जाता है.
मैं: अर्रे वो पहले की बात थी. अब इतने साल हो गये उस बात को.
मुकेश: अर्रे मेद्स तो वही रहता है, उसमे कों से चेंजस होते है. तू सिलबस चेक कर ले. अगर तेरे बस का हुआ, तो तू पढ़ा देना. नही तो रहने देना. हेल्प कर दे यार, बच्ची परेशन है.
मैं: जो हुकुम मेरे यार, तू सिलबस भिजवा देना.
मुकेश: मैं अभी भिजवा देता हू.
फिर वो चला गया, और 10 मिनिट बाद उसकी छ्होटी बहू मेरे पास आई. उसने आते ही मेरे पैर च्छुए, और मैने उसको “जुग-जुग जियो” का आशीर्वाद दिया.
पूजा एक बहुत खूबसूरत लड़की है. उसका रंग गोरा है, और शरीर भरा हुआ है. हाइट उसकी 5’3″ है, और साइज़ 34-30-36 होगा. उसने लेगैंग्स और शर्ट पहना हुआ था, और साथ में दुपट्टा नही था. उसके कपड़े पूरी फिटिंग वाले थे, और पूरी बॉडी का नक्शा सॉफ नज़र आ रहा था. उस वक़्त तक मेरी पूजा पर ऐसी कोई गंदी नज़र नही थी.
फिर मैने उसकी सिलबस बुक चेक की. उसमे जो सिलबस था, वो सब मुझे आता था. तो मैने उसको कहा की मैं उसको पढ़ा दूँगा. उसने कहा की वो शाम में मेरे पास पढ़ने आ जया करेगी, और मैने भी हामी भर दी. फिर वो चली गयी.
उसी दिन शाम को वो मेरे पास पढ़ने आई. मैने उसको चेर पर बिताया, और सामने वाली चेर पर मैं बैठ गया. हमारे बीच में टेबल था, जहा मैने नोटबुक रख कर उसको सवाल समझने शुरू कर दिए. मैने उसको बोल दिया था की अगर उसको कुछ ना समझ आए तो वो पूछने में झिझके नही.
आधा घंटा हो चुका था, और मैं उसको क्वेस्चन्स समझा रहा था. वो टेबल पर दोनो हाथ रख कर समझ रही थी. दुपट्टा ना लिया होने की वजह से, और आयेज की तरफ झुकी होने की वजह से, उसके शर्ट के गले में से उसकी क्लीवेज का बड़ा सेक्सी सीन दिख रहा था.
तभी सवाल समझते हुए अचानक से मेरी नज़र उसकी क्लीवेज पर पड़ी. जैसे की मैने आपको बताया की सीन बड़ा सेक्सी था, तो मैं खुद को उसकी क्लीवेज को बार-बार देखने से रोक नही पाया. मैने सोचा भी की वो मेरे दोस्त की बहू थी, और मेरी बेटी जैसी थी, तो मुझे उसको ऐसे नही देखना चाहिए. लेकिन जो लंड होता है ना, उस पर काबू पाना मुश्किल होता है.
उसकी सेक्सी क्लीवेज देख कर मेरे मूह में पानी आने लगा. मेरी बीवी को मॅर 10 साल हो चुके थे. पूजा की क्लीवेज देख कर मुझे लगा की मैं 10 साल से कितना प्यासा था. फिर उसकी उस दिन की पढ़ाई पूरी हो गयी, और वो चली गयी. जब वो जेया रही थी, तब मेरी आँखें उसकी पूरी बॉडी का जे-राय ले रही थी. मस्त माल थी पूजा, ऐसा मेरे दिमाग़ में आ रहा था उसकी बॉडी का नक्शा देख कर.
अगले दिन मैं उसके आने की वेट कर रहा था. फिर वो आई. आज फिरसे उसने शर्ट और लेगैंग्स पहनी थी. आज उसके शर्ट का रंग रेड था, और आप सब तो जानते ही होंगे की गोरी लड़की लाल रंग में कितनी सेक्सी लगती है. उपर से उसका शर्ट स्लीव्ले था, तो मुझे उसकी नंगी बाजू सॉफ देखने को मिल रही थी. उसको देखते ही मेरे लंड में कुछ हरकत होने लगी. जब वो आई तो मैने उसको कहा-
मैं: तुम बैठो बेटी, मैं छाई बना कर लाता हू.
वो बोली: अर्रे अंकल आप क्यूँ तकलीफ़ कर रहे है. आप बैठिए मैं बना लाती हू. मैं छाई बहुत अची बनती हू.
मैं: अची बात है. देखना अगर किचन में कुछ ढूँढने में दिक्कत हुई तो मुझे बताना.
पूजा: ठीक है अंकल.
और ये बोल कर वो अपनी चेर से उठी, और किचन की तरफ जाने लगी. मैं उसको पीछे से देखने लगा. पीछे से वो बहुत सेक्सी लग रही थी. उसकी गांद मटक रही थी जब वो चल रही थी. उसको ऐसे देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था. फिर वो किचन में छाई बनाने लगी.
बाकी सब चीज़े तो उसको मिल गयी, लेकिन उसको छाई की पट्टी नही मिल रही थी. फिर जैसे ही उसने पीछे देखा मेरी तरफ तो मैने अपनी नज़रे हटता ली उससे. फिर उसने पूछा-
पूजा: अंकल छाई की पट्टी कहा है?
मैं अंजान बन कर उसकी तरफ मुड़ा और बोला: बेटा वो नीचे वाले ड्रॉयर में पड़ी है.
पूजा: ओक अंकल.
फिर वो नीचे वाले ड्रॉयर में से छाई की पट्टी निकालने के लिए झुक गयी. जैसी ही वो झुकी, उसकी गांद पीछे की तरफ बाहर आ गयी. लेगैंग्स में क़ास्सी हुई उसकी टाइट गांद का नज़ारा देखते ही बनता था. मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया.
फिर वो छाई बना कर ले आई. हमने छाई पी और पढ़ाई की. पूरा टाइम मैं फिरसे उसकी क्लीवेज का सीन एंजाय करता रहा. फिर पढ़ाई ख़तम हुई, और वो चली गयी. उसके जाने के बाद मैने बातरूम में जाके मूठ मारी.
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