ई होप आपको पिच्छली स्टोरी आक्ची लगी हो.
जो नये है पहले पार्ट 1, पार्ट 2 और पार्ट 3 पढ़ लीजिए.
प्लीज़ मुझे कॉमेंट्स सेक्षन्स या फिर इस ईद अदूलटींग@टूटा.आइयो पर फीडबॅक ज़रूर दीजिए.
अप लोगो के एमाइल्स मुझे बहुत मोटीवेट करते है लगते है और मुझे खुशी होती है इश्स कहानी को आप लोगो को सुनने में. चलिए आगे बढ़ते है.
शाम होते ही अर्चना और आकाश दोनो मेरे घर आ गये. मेने मा को पहले ही बता दिया था. में, अर्चना और आकाश तीनो लिविंग रूम में सोफे पर बैठे थे और मा अंदर थी.
थोड़े देर मा भी आ जाती है. उन्होने सारी पहनी थी. स्लीवलेशस डीप नेक का ब्लाउस पहना था. मा की सारी ट्रॅन्स्परेंट थी इसलिए उनका गोरा पेट और गहरी नाभि दिख रही थी. मेने आकाश की ओर देखा, मा को देख कर आकाश बस देखता रह गया.
मे: मा ये मेरा दोस्त है आकाश और ये उसकी मा है अर्चना आंटी.
शारदा: अक्चा, इनके बारे में, तुमने आज बात की थी.
मे: हा मा. आपको एक कांवली और एक ड्राइवर की ज़रूरत है ना. ये लोग बोहोट ग़रीब है मा और अर्चना आंटी की नौकरी भी छूट गयी प्लीज़ आप इनको काम दे दो.
शारदा: हा क्यू नही वैसे भी ये तुम्हारा अक्चा दोस्त है और इनको काम की भी ज़रूरत है. ठीक है फिर घर क सारे काम जसीए झाड़ू, बर्तन, कपड़े और खाना बनाना करना पड़ेगा.कर पावगी इतना काम?
अर्चना: हा मेमसाहब में कर लूँगी सारे काम. मुझे पैसो की ज़रूरत है अप जो बोलॉगी में करूँगी. मुझे सारे काम आते है. और ये मेरा बेटा कुछ काम नही करता प्लीज़ आप इससे भी नौकरी दे दो.
शारदा: ठीक है फिर तुम घर क काम करना और आकाश ड्राइवर और गार्डेन देख लेगा.
मे: मा हमारा एक गेस्ट रूम वैसे भी खाली है तो अर्चना आंटी को वही पे रूम दे देते है. ट्रॅवेलिंग का टाइम बचेगा और सारे काम भी टाइम पे हो जाएँगे.
शारदा: हा यह सही कहा. अर्चना तुम यही रहना. कल तुम अपना सारा समान ले आना और कल से ही काम चालू कर देना.
अर्चना: शुक्रिया मेमसाहब. में कल आ जौंगी.
में और अर्चना एक दूसरे की तरफ देखके स्माइल कर रहे थे. और आकाश भी अब खुश था वो अब मेरे मा का ड्राइवर बन चुका था.
अर्चना और आकाश को मेने घर ड्रॉप कर दिया. में और आकाश उसके घर के बाहर बात करने लगे.
आकाश: थॅंक योउ यार. अब मज़्ज़ा आएगा. तेरी मा शारदा को छोड़ूँगा में.
मे: बुत तू करेगा कैसे?
आकाश: वो तू मुझपे छोड़ दे. लेकिन शारदा क्या माल है यार. वो ऐसे ही कपड़े पहनती है क्या?
मे: हा ऐसेही कपड़े पहनती है और अक्भी कभी वेस्टर्न भी पहेनटी है.
आकाश: जब में शारदा को कार में ले जौंगा तू और मेरी मा मज़्ज़े करना. और में तेरी मा को सिड्यूस करूँगा. देखता हू कब तक मुझसे दूर्र रह पाएगी.
मे: हा उसको पता ले. फिर हम 4 मिलकर मेरे फार्म हाउस पे घूमने जाएँगे और वाहा पे फिर हम स्वाप करेंगे और अपनी अपनी मा को छोड़ेंगे.
आकाश: हा ये प्लान सही है. में कल से तेरी मा को कार सीखने जौंगा और फिर धीरे धीरे उससे सिड्यूस कर के छोड़ूँगा. तोड़ा टाइम लगेगा पर साबरा का फल मीठा होता है.
हाहहहा. और हम दोनो हासणे लगे.
फिर में घर चला गया. अगले दिन सूभ अर्चना मेरे घर आ गयी उसका सारा समान लेके और गेस्ट रूम में रख दिया. मा ने उससे सब समझा दिया, क्या क्या काम करना है.
मेरे घर पर 3 बेडरूम और एक गेस्ट रूम है. 1 बेडरूम मों दाद का (दाद ज़यादा तार बाहर ही रहते है), दूसरा बेडरूम मेरी सिस्टर का, जो देल्ही में कॉलेज कर रही है और तीसरा बेडरूम मेरा है. और मेरे साइड वाला गेस्ट रूम.
अर्चना ने घर क काम चालू कर दिए थे. अब वो मेरे बेडरूम में आई और झाड़ू मरने लगी. मईएनए तुरंत उस्स्को हग करके किस करने लगा.
अर्चना: ये क्या कर रहे हो. तुम्हारी मा घर पर है.
मे: वो बेडरूम में आराम कर रही है. बस पानी निकल दो चूस के अब रहा नही जेया रहा.
अर्चना: अरे नही. अब तो में तुम्हारे घर पर ही हू. जब चाहो तब छोड़ लेना.
मे: मा रोज़ कार सीखने जाने वाली है. बस तुम और में चुदाई करेंगे.
अर्चना: हा मेरे राजा. अब तो में बस तुम्हारी हू. जितना मान करेगा उतनी चुदाई कर लेना. में कुछ नही बोलूँगी बस अब मुझे काम करने दो.
मेने भी ज़्यादा फोर्स नही किया और बाहर चला गया.
अगले दिन आकाश मेरी मा को कार सीखने ले गया.
में और अर्चना अब अकेले थे घरपर. और अर्चना भी खुश थी. अर्चना को पता था आज में उससे जी भर के छोड़ने वाला हू. वो भी इश्स वक़्त का इंतेज़ार कर रही थी. मेरा और अर्चना का खेल शुरू हो गया था.
आकाश मा को गाड़ी सीखा रहा था और साथ ही मा से बातें कर रहा था. वो मा से कफफी खूल चुका था मा भी कफफी खुल चुकी थी. वूह भी उससे काफ़ी बातें करने लगी.
आकाश: अक्चा आंटी आपने गाड़ी कभी चलाई है?
शारदा: हा मेने चलाई है लेकिन इतने साल से चलाई नही इसलिए प्रॅक्टीस नही है मुझे.
आकाश: कोई बात नही आंटी में सब सीखा दूँगा आपको.
मा अब ड्राइविंग सीट पर बैठ गयी थी और आकाश उससे इन्स्ट्रक्षन दे रहा था.
जबही आकाश और मा ड्राइविंग क लिए जाते में और अर्चना चुदाई करते. और आकाश मुझे घर आने से पहले ही कॉल कर देता.
आकाश: हा आपका फेस (फेस टच करते हुए) हमेशा आगे और शोल्डर्स सीधा.
आकाश 1 हफ्ते से ड्राइविंग सीखा रहा था. एक हफ्ते में आकाश और मा कफफी करीब आ गये थे और एक दूसरे के दोस्त बन चुके थे. ड्राइविंग क वक़्त आकाश मा का हाथ पकड़ कर गियर डालना सिखाता तो कभी उके शोल्डर या फेस को टच करता.
आज आकाश मा को ड्राइविंग सीखने रात के समय, कफफी दूर ले गया, क्यूकी आज वो दूसरे कामो में बिज़ी था. आकाश मा से और भी पर्सनल बातें करने लगा. आज उसने मा को छोड़ने का मान बना लिया था.
आकाश: आंटी आपके पति आपके साथ नही रहते क्या?
शारदा: नही. उन्हे बिज़्नेस संझलना होता है, इसलिए ज़्यादातर बाहर ही रहते है.
आकाश: ओह. तो आप कैसे रह लेती हो उनके बिना? अपपको उनकी याद नही आती?
शारदा: हा आती है. इसलिए में खुद को बिज़ी रखती हू. पार्टीस में जाती हू और नये दोस्त बनती हू.
आकाश: तो क्या आप मुझे भी अपना दोस्त बनाओगी?
शारदा: हहहहहा अरे तुम मेरे बेटे के दोस्त हो तो तुम मेरे भी बेटे जैसे हुआ ना.
आकाश: बेटा नही बोलो आंटी, दोस्त बोलो. प्लीज़ आंटी.
शारदा: अक्चा ठीक है तुम मेरे दोस्त हो. तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या?
आकाश: नही आंटी. कोई मिली नही. और एक बात बोलू, मुझे मेरी आगे की लड़किया नही पसंद बोहोट नखरे वाली होती है.
शारदा: अक्चा ऐसा है क्या, तो कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए?
आकाश: मुझे मुझसे उमर में बड़ी औरतें पसंद है. जो फ्रेंड्ली हो, और फ्रेंड जैसे बातें करे. शायद्ड कोई आप जैसा मिल जाए.
शारदा: चल बदमाश. में तो अब बूढ़ी हो गयी हू.
आकाश: नही आंटी सच में आप बोहोट सुंदर हो. आपको देख कर लगता नही आप शादी शुदा भी होंगी. अप जैसा ही ढूंड रहा हू. कोई है तो बता दो.
शारदा: हाहहहहाः कुछ भी. बातें करना तो कोई तुमसे सीखे. ठीक है ढूंडती हू.
आकाश के दिमाग़ में एक प्लान आया. वो अब ड्राइविंग सीट पे आ गया.
आकाश का लंड खड़ा हो गया था, लंड लंबा और बड़ा होने क कारण सॉफ दिख रहा था. आकाश जानबूझकर लंड को अड्जस्ट कर रहा था. मा ने भी उसका लंड देख लिया था. मा चोरी चोरी उसका लंड देख रही थी.
आकाश: क्या देख रही हो आंटी?
शारदा: (मा डरते हुए) कुछ नही. कुछ भी तो नही.
आकाश: आंटी आप मेरी दोस्त हो आप मुझे बता स्क्ति हो.
मा कुछ नही बोली. फिर आकाश ने एक लाडगे क सामने कार खराब होने का नाटक किया. वो रास्ते पर कोई भी नही था सिर्फ़ एक्लोदगे क अलावा.
शारदा: क्या हुआ आकाश कार क्यू रुक गयी?
फिर आकाश कार चालू करनेका नाटक करने लगा.
आकाश: पता नही आंटी शायद कार खराब हो गयी है.
आकाश नीचे उतरा और कार चेक करने का नाटक कर रहा था.
शारदा: मेकॅनिक को बुला लो फिर.
आकाश: इस रास्ते पर इतनी रात को मेकॅनिक नही मिलेगा. में एक और बार चेक करता हू.
आकाश फिर से कार ठीक करनेका नाटक करने लगा.
कुछ 15 मीं बाद.
आकाश: आंटी कार तो ठीक नही होगी और इस वक़्त इस रोड पर मेकॅनिक नही मिलेगा.
शारदा: तो अब क्या करेंगे? मुझे दर लग रहा है. प्लीज़ कुछ करो.
आकाश: एक काम करते है सामने एक लॉड्ज है वाहा आज रात को रुक जाते है, कल सूभ में मेकॅनिक को ले ओँगा.
शारदा: ठीक है मुझे ठंड लग रही है. ज्लडी चलो कफफी रात हो चुकी है.
वो दोनो सामने वेल लॉड्ज में चले गये. वाहा पर आकाश ने जानभुजकर एक ही रूम बुक किया.
आकाश: आंटी यहा एक प्रॉबलेमही, यहा पर एक ही रूम है, एक बेड के साथ.
शारदा: आकाश हम अड्जस्ट कर लेंगे.
आकाश: में एक काम करता हू में यही बाहर सो जौंगा. अप टेन्षन मत लो.
शारदा: रात को ठंड काफ़ी होती है तुम्हे सर्दी लग जाएगी. कोई बात नही हम अड्जस्ट लेंगे.
और फिर वो दोनो रूम में चले गये. रूम कफफी छोटा था और एक बेड था. बेड भी छोटा था.
आकाश: में नीचे ज़मीन पर सो जौंगा.
शारदा: नही आकाश हम एक ही बेड पे सो सकते है. तुम मेरे बेटे जैसे ही हो.
आकाश इसी चीज़े का वेट कर रहा था. वो खुश हो गया. वो दोनो एक दूसरे को पीठ लगाकर सो गये.
आकाश: गुड नाइट आंटी.
शारदा: गुड नाइट आकाश.
आकाश को नींद नही आ रही थी. उसने मा की तरफ मूह कर दिया और मा की मुलायम पीठ को टच करने लगा. उसको टच करते ही उसका लंड खड़ा हो गया. आकाश ने फिर अपना लंड मेरी मा की गंद पर धीरे धीरे रगड़ना चालू किया. और धीरे धीरे उसने मा की सारी भी उपर करनी शुरू कर दी. मा की सारी अब गंद तक आ चुकी थी. मा ने ब्लॅक पनटी पहनी थी. आकाश ने मा की छूट को सहलाना चालू किया.
(स्पून पोज़िशन)
मा रेस्पॉंड नही कर रही थी. आकाश का जोश बढ़ चुका था. इसलिए उसने मा की पनटी निकल दी और खुद की पंत भी. अब उसने उसका लंड मा की छूट पर रगड़ने लगा जिससे मा के छूट से पानी आने लगा. मा नींद में ही गरम हो चुकी थी. आकाश ने कॉंडम लगाया और फिर मा की एक तंग को हल्का सा उठाया और अपना लंड मा की छूट में डालने लगा. धीरे धीरे उसका आधा लंड मा की छूट में चला गया. और अब वो धीरे धीरे मा को छोड़ने लगा(स्पून पोज़िशन).
मा पूरी गरम हो चुकी थी उसकी साँसे भी तेज़ हो गयी थी. मा को लग रा था की वो कोई सपना देख रही है. आकाश ने अपनी स्पीड बधाई और मा के बूब्स को पीछे से पड़कर दबाने लगा. मा की आँखे खुली और उसने देखा आकाश उससे पीछे से छोड़ रहा है. आकाश ने मा को मजबूती से पकड़ रखा था और ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा.
मा चौंक गयी और छीलाने लगी.
शारदा: आआहह नाआहियीई आहह ये क्या कर रहे हो आकाश. मत करो आअहह
मा छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन आकाश की पकड़ मजबूत थी.
आकाश: (छोड़ते हुए) आंटी प्लीज़ आंटी. प्लीज़ छोड़ने दो मुझे. कितने दिन से में तड़प रहा था.
शारदा: (साँस फुल चुकी थी) ये ग़लत है आकाश. आअहह प्लेआसीए तुम मेरे बेटे जैसे हो. आअहह
आकाश: हा लेकिन बेटा तो नही ना आअहह ये लो आंटी. मुझे पता है आपको मज़्ज़ा आ रहा है. अपपको कितने साल से आपके पति ने नही छोड़ा. अप सिर्फ़ मज़्ज़े लो बस. आहह आ
शारदा: आकशह…… नही नही . (. हुए). मेरी बाहर . चली .. . प्लीज़
लेकिन आकाश . वाला नही था.
आकाश: कोई . नही जाएगी शारदा. . को कुछ पता नही चलेगा.
मा समझ चुकी . वाला नही है और मा भी तक चुकी थी, इसलिए कुछ देर बाद मा ने भी . करना बंद कर दिया. और मा धीरे आवाज़ मोन करने लगी.
शारदा: आआहह….ह्म्म्म्ममम….अया हहाहह एेआअहह .
जब आकाश को लगा मा साथ दे रही है उसने मा को सीधा लेटया (मिशनरी पोज़िशन) और मा क टॅंगो के बीच में आ गया. उसने मा की दोनो टाँगे अपने कंधो पर रख दी और वो छोड़ने लगा.
आकाश: (छोड़ते हुए)आंटी ई लोवे योउ. कितने टाइम से में आपको छोड़ने क लिए तड़प रहा था. आअहह आज मौका मिल ही गया.
शारदा कुछ नही बोल रही थी क्यूकी उसने सपने में भी नही सोचा था उसके बेटे का दोस्त उससे छोड़ेगा और दूसरा, बोहोट वक़्त से उसने चुदाई नही की थी. उससे समझ नही आ रहा थे की वो सही कर रही है या ग़लत. लेकिन कही ना कही उससे भी मज़्ज़ा आ रहा था.
अब वो बस मदहोश हो चुकी थी. मा सेक्स की भूकि थी और आज उससे आख़िर सेक्स मिल ही गया.
आकाश ने मा के सारे कपड़े निकले. मा का दूध जैसा गोरा शरीर देख कर आकाश उससे चाटने लगा. आकाश को रफ सेक्स पसंद है. इस कारण मा के शरीर पर कही कही लाल निशान दिख रहे थे. आकाश और मा अब स्मूच करने लगे.
10 मीं के स्मूच क बाद आकाश ने मा को लंड मूह में लेनेको कहा. मा ने तुरंत कॉंडम निकाला और लंबा कला लंड चूसने लगी.
उसके लाल मोटे रसीले होंठ काले लंड को चूस रहे थे. इश्स को देख कर आकाश पागल हो गया और मा का मूह छोड़ने लगा. मा का मूह पूरा लाल हो गया. और आकाश मा को गंदी गालिया देने लगा.
आकाश: ले रंडी ये ले मेरा कला लंड ले. तुझे में रंडी बनौँगा. साली ये ले. हा ऐसे ही चुस्स मेरे काले लंड को. तुझे पसंद है ना मेरा कला लंड. हा बोल कुटिया.
मा ये सब सुन के, मा पता नही क्यू अक्चा लग रहा थे. उसने पहले ऐसे सेक्स कभी नही किया जहा पर कोई उससे गलिया दे रहा हो.
आकाश अब झड़ने वाला था, आकाश ने अपना सर पानी उसके मूह में डाल दिया.
आकाश: आअहह शारदा मेरा पूरा पानी पी ले. आआज से तू मेरी रंडी है. तुझे रोज़ में मेरा पानी पिलौँगा. साली कुटिया.
मा ने आधा पानी पिया और आधा ज़मीन पर गिरा दिया.
मा आकाश से आकनहें नही मिला पा रही थी. उससे अभी भी यकीन नही हो रहा की उसके बेटे के दोस्त ने एक लॉड्ज मे ले जाकर उससे बुरी तरह से छोड़ा.
दोनो तक चुके थे और एक ही बेड पर सो गये.
सूभ होते ही मा और आकाश फ्रेश होके घर आ गये. उन्होने एक द्दूसरे से कोई भी नही की.
घर आ कर आकाश ने मुझे सब बता दिया. हम दोनो बोहोट खुश थे.