आंटी ने उसे देख लिया था. निशा आंटी उसे देख रही थी, और कपड़े से जीन्स के आस-पास सॉफ करने लगी. जब वो कपड़े से लंड की तरफ दबाती, तो लंड का मोटा-पन्न आंटी के हाथ पर टच हो रहा था. निशा आंटी बार-बार वही से सॉफ कर रही थी.
आंटी को मैं देखे जेया रहा था. वो आराम से सफाई करने में लगी हुई थी. उन्हे भी शायद मज़ा आ रहा था. कहानी अब आयेज-
आंटी की आँखों में एक अलग सा नशा छाया हुआ था. वो मेरे उछलते हुए लंड देखे जेया रही थी. निशा आंटी को 15 मिनिट हो चुके थे. अब वो उठने लगी, लेकिन मेरे उपर तो उनकी जवानी का नशा छा गया.
मेरा 7 इंच का लंड पंत में तंबू बनाए हुआ था. उसे तो अब बस छूट चाहिए थी. वो भी सेक्सी हॉट निशा आंटी की. अब आंटी ने कहा-
निशा: तुम जाओ बातरूम में सॉफ कर लो. मैं भी कपड़े चेंज कर लेती हू.
उन्होने ये बात मुझे और मेरे लंड को देखते हुए बोली थी. फिर आंटी पलटी और किचन का काम करने लगी. वो दूसरी तरफ मूह करके खड़ी हुई थी. मुझसे अब रहा नही गया, और मैने आंटी की कमर पकड़ ली. पीछे से मैं आंटी के नेक पर चूमने लगा. आंटी गुस्से से बोली-
निशा: रोहित! ये क्या कर रहे हो तुम? छ्चोढो मुझे और जाओ यहा से.
लेकिन मुझ पर अब छूट का नशा छाया हुआ था. मैने आंटी की एक नही सुनी, और मैं बिना बोले पीछे खड़ा होके आंटी को लगातार चूमे जेया रहा था. आंटी की हल्की सिसकी निकल गयी, और वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी.
निशा: उम्म्म उहह, रोहित! प्लीज़ छ्चोढ़ दो ना. मत करो.
मैं: निशा ई लोवे योउ सो मच. मैं आपसे बहुत प्यार करता हू. प्लीज़ आज मत रोको. मुझे भी पता है आप भी पसंद करती हो.
मैं अब अपना एक हाथ ब्लाउस के उपर से बूब्स पर ले गया, और एक बूब को दबाने लगा. आंटी मेरा हाथ चुधने की कोशिश करने लगी. लेकिन मैने उनको कस्स के पकड़ रखा था. आंटी बोली-
निशा: आह उहह. प्लीज़ रोहित मत करो, किसी को पता चल गया ना, मेरी बहुत बदनामी होगी. छ्चोढो मुझे.
मैं: किसी को पता नही चलेगा. मैं आपसे सॅकी में बहुत प्यार करता हू. जब भी आपको देखता हू. मेरे लंड में खलबली मच जाती है.
अब मैने आंटी को अपनी तरफ किया. उसकी कमर पकड़ कर दीवार की तरफ ले गया. दीवार से सता कर मैं आंटी के होंठो को चूमने लगा. आंटी तोड़ा विरोध कर रही थी. मेरा लंड उनकी छूट में दबा हुआ था.
आंटी ने भी अब अपने आप को ढीला छ्चोढ़ दिया. क्यूंकी मेरे रोमॅंटिक गरम किस से निशा भी गरम हो गयी. वो अब आँखें बंद करके खड़ी थी. मैं अब एक हाथ से आंटी के 34″ के बूब्स दबाने लगा, और दूसरी तरफ से उनके गुलाबी लिपस्टिक वाले होंठो को चूज़ जेया रहा था. अब आंटी बोली-
निशा: उम्म्म उहह श. रोहित प्लीज़, अब छ्चोढ़ दो ना. बहुत है अब.
मैं: नही मेरी जान. आज तुझे मैं अपना बना कर रहूँगा. तुझे आज बहुत प्यार करूँगा. मैने अब उसकी सारी का पल्लू हटा दिया. अब उसके ब्लाउस में मोटे बूब्स मुझे देख रहे थे. मैं अब आंटी को उसकी चेस्ट पर चूमने लगा, और दोनो हाथो से उसके बूब्स दबाने लगा. इससे आंटी की ज़ोरदार सिसकी निकल गयी.
निशा: उहह आह श रोहित. प्लीज़ धीरे करो ना. दर्द हो रहा है. आह रोहित.
मैं: मेरी जान, आज तुझे मैं जाम के खूब प्यार करूँगा. इस दिन के लिए मैने बहुत दीनो से इंतेज़ार किया है.
10 मिनिट तक निशा की चेस्ट और गालों को खूब दबा के चूमा. इससे निशा की काम-वासना जागने लगी. उसकी जवानी बाहर आने लगी. आंटी अपना एक हाथ मेरे बालों में घूमने लगी, और मूह से गरम-गरम सिसकियाँ लेने लगी. मैं अब आंटी को चूमते हुए उसका ब्लाउस उतारने लगा.
एक पल में ही मैने उसके बालों को भी खोल दिया. आंटी के लंबे बाल खुल कर उसकी गांद तक आ रहे थे. मैने अब उसका ब्लाउस भी उतार दिया. आंटी ने अपनी नज़रे नीचे कर ली. वो बस शर्मा रही थी. मैं आंटी के चेहरे को पकड़ कर उसके होंठो को चूज़ जेया रहा था. कसम से बहुत ही मज़ा आने लगा.
अब आंटी मेरे सामने वाइट ब्रा में थी. जिसमे से बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे. मैने एक झटके में ब्रा भी निकाल दी. इससे आंटी के मोटे बूब्स बाहर उछाल कर आ गये.
मैं अब पागलों की तरह बूब्स दबाने लगा. आंटी के एक बूब को मूह में लेके चूसने लगा. आंटी मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी, और गरम सिसकियाँ ले रही थी. अब उसे भी मज़ा आने लगा था.
निशा: उहह आह रोहित. प्लीज़ धीरे से करो ना. अब रहने दो, डीपू आ जाएगा.
मैं: मेरी जान, अभी उससे आने में 2 घंटे है. तब तक मैं तुझे खूब प्यार करूँगा.
वो बोली: अछा ठीक है कर लो. लेकिन यहा मत करो. प्लीज़ बेडरूम में चलो.
आंटी ने अपने कपड़े उठाए, और मुझे लेकर बेडरूम में गयी. मैने उससे जल्दी से बेड पर पटक दिया, और अपनी शर्ट भी निकाल दी. हम दोनो उपर से पुर नंगे थे. निशा मुझे कामुक नज़रो से देख रही थी. मैने उससे कहा-
मैं: आंटी मैं सॅकी में आप से प्यार करता हू. आपको अपनी जान बनाना चाहता हू.
निशा: तुम इतना प्यार करते हो मुझे. ई लोवे योउ रोहित. लेकिन ध्यान रखना किसी को पता ना चले. वरना मेरे लाइफ बर्बाद हो जाएगी.
मैं: मेरी जान. तू टेन्षन मत ले. मैं तुझे अपनी जान से ज़्यादा प्यार करूँगा. तुझे अपनी रंडी बना कर छोड़ूँगा.
निशा: ठीक है सैया जी, बना लो अपनी रंडी. तुम नही मानोगे अब. बहुत ज़िद्दी हो.
दोस्तों कहानी बहुत ही मज़ेदार एर सेक्सी है. अगले पार्ट में निशा की जवानी उभर कर बाहर आ गयी है.
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थॅंक्स.