हेलो फ्रेंड्स, उमिद है आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” चुदाई कहानी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज..
अब सुखी और अंजलि के साथ बाबओ ने मज़े से चुदाई की थी और उन दोनो को भी बहुत मज़ा आया था. चुदाई ख़तम होने के बाद, सब बाबओ ने लोटे मे अपना पानी निकाल दिया था.
फिर अंजलि और सुखी खड़ी हो गयी. तभी अंजलि को बाबा ने कहा-
बाबा: चल तू जेया और जल्दी से जाके पूजा कर. एक बाबा तेरे साथ जाएगा और तुझे सब समान दिलवा देगा.
इस्पे अंजलि ने कहा: ठीक है.
फिर अंजलि वाहा से चली गयी. दूसरी तरफ सुखी अपने बूब्स पकड़े हुए सब को देख रही थी. तभी एक बाबा ने सुखी से कहा-
बाबा: एक बात बोलू तुझे?
सुखी ने हेस्ट हुए जवाब दिया: हा जी, बोलो क्या बात है.
तो बाबा ने कहा: तू कमाल की चीज़ है. तेरा अब कोई काम तो है नही, तो बस मज़े देती रह.
इस्पे सुखी ने कहा: आपको मज़ा आया के नही?
फिर बाबा बोला: हा मज़ा तो बहुत आया. तू बता, तुझे मज़ा आया?
सुख ने कहा: हा मुझे भी बहुत मज़ा आया.
फिर सुखी ने बाबा को मंजी पर बैठने को कहा. अंजलि और सुखी अब अपनी-अपनी जगह मज़े ले रही थी और वो दोनो अपने-अपने काम भी कर रही थी. अंजलि की पूजा चल रही थी और वो पूजा का काम कर रही थी. सुखी इधर बाबा के पास बैठी मज़ा ले रही थी.
अंजलि के सामने भी एक बाबा बैठा था. उस बाबा ने अंजलि को पूजा की सारी विधि बताई और उसको सब समझाया. फिर पूजा करने के बाद बाबा ने अंजलि को कहा-
बाबा: ये ले दो लड्डू. इसमे से एक लड्डू उसको खिला देना, जिससे तू बच्चा चाहती है. लेकिन तू एक ही लड्डू अपनी मर्ज़ी से दे सकती है. और दूसरा लड्डू दूसरे आदमी को अपने आप मिलना चाहिए और उस आदमी को तेरी चुदाई करनी होगी. दोनो मे से किसी को भी ये नही पता होना चाहिए, की तू उनसे बच्चा चाहती है. और फिर तू अपने पति से चुदाई करवा लेना, तुझे बच्चा हो जाएगा.
बाबा की बात सुन कर अंजलि खड़ी हो गयी. फिर थोड़ी देर बाद बाबा का आशीर्वाद लेके अंजलि वाहा से चली गयी. जाने से पहले जब उसने सुखी को देखा, तो सुखी वाहा नही थी. उसने इधर-उधर देखा, तो उसको दिखा, की सुखी एक बाबा के पास बैठी हुई थी. और वो बाबा सुखी की गांद मार रहा था.
वो बाबा सुखी की गांद मे लंड डाल रहा था और सुखी को मज़ा आ रहा था. अंजलि ने सुखी को डिस्टर्ब नही किया और वो उसकी वेट करने लग गयी. फिर थोड़ी देर गांद मरवाने के बाद, सुखी खड़ी हो गयी और अपने कपड़े पहन-ने लग गयी.
सुखी ने गांद मरवाने का पूरा मज़ा लिया था. जब उसने अंजलि को सामने खड़ी देखा, तो उसकी आँखों मे शरम आ गयी थी. लेकिन अंजलि को लगा, की सुखी गुस्से मे थी, तो उसने सुखी को देखते ही उसके पैर पकड़ लिए और बोली-
अंजलि: मुझसे ग़लती हो गयी, जो मई तुझे यहा लेके आ गयी.
फिर सुखी ने उसको खड़ा किया और कहा-
सुखी: क्या बात कर रही हो तुम? मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. तुम्हे टेन्षन लेने की कोई ज़रूरत नही है.
ये बात सुन कर अंजलि के मॅन का बोझ कम हो गया और वो तोड़ा शांत हो गयी. फिर सुखी बोली-
सुखी: अब बहुत मज़ा ले लिया है. चलो अब घर चलते है.
अब वो दोनो अपने घर चलने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गये थे. उसके बाद वो दोनो गुफा से बाहर आ गयी. अंजलि ने बाहर आने से पहले बाबा को बहुत सारे पैसे दिए थे. वो दोनो इतनी चुदाई से काफ़ी खुश लग रही थी.
जब वो बाहर आई, तो ऑटो वाला अभी भी वही खड़ा उनकी वेट कर रहा था. फिर अंजलि और सुखी ऑटो मे बैठ गयी और अपने घर की तरफ चल दी. ऑटो वाले ने जब सुखी और अंजलि से बात की, तो वो दोनो बड़ा हस्स-हस्स के बाते कर रही थी.
फिर थोड़ी देर मे अंजलि और सुखी अंजलि के घर पहुँच गये. अंजलि को उसके घर छोढ़ने के बाद जब सुखी वाहा से जाने लगी, तो अंजलि ने उसको रोक लिया और बोली-
अंजलि: थोड़ी देर मेरे घर पर ही रुक जेया. मुझे तुझसे कोई बात करनी है.
सुखी अंजलि की बात मान गयी और उसके घर आ गयी. घर आने के बाद अंजलि सुखी के लिए जूस लेके आई और बोली-
अंजलि: मज़ा आया के नही सुखी?
इस्पे सुखी ने कहा: हा, आज तो कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ गया.
फिर थोड़ी देर सुखी और अंजलि के बीच बाते हुई और उसके बाद सुखी ने अंजलि से पूछा-
सुखिया: वैसे तुझे मिला क्या वाहा से. बच्चा होने वाला फल?
तभी अंजलि ने सुखी को दोनो लड्डू दिखाए और बोली-
अंजलि: ये मिले है.
सुखी लड्डू देख कर बोली: ये क्या है? और इससे क्या होगा?
तभी अंजलि ने बताया: इसमे से एक लड्डू उस आदमी को देना है, जिससे मई चुड सकती हू. फिर दूसरे आदमी को ये अपने आप मिलना चाहिए. ऐसा आदमी, जो इसको खा ले और उसके बाद मेरी चुदाई भी कर सके.
फिर सुखी ने पूछा: अछा तो फिर पहले किसको खिलाना है.
इस्पे अंजलि बोली: मैने तो सोचा हुआ है, लेकिन अगर मैने तुझे बताया, तो मुझे दर्र है, की तू गुस्सा करेगी.
ये सुन कर सुखी हेस्ट हुए बोली: मुझे क्यू गुस्सा आएगा भला. तू तो ऐसे बोल रही है, जैसे दूसरा लड्डू तू मेरे बेटे को खिलाने वाली है.
अंजलि हस्सी और बोली: हा वो तेरा ही लड़का है, जिसको मई लड्डू खिलाने वाली हू.
ये बात अंजलि के मूह से सुन कर, सुखी के पैरो के नीचे से ज़मीन सरक गयी. क्यूकी उसको लग रहा था, की ऐसा कैसे हो सकता था.
फिर अंजलि ने सुखी को बताया और समझाया, की उसकी और सुखी के बेटे कारण की चुदाई हो चुकी थी. सुखी को अंजलि की पूरी बात समझ मे आ गयी और उसको अब अंजलि और ज़्यादा अची लगने लगी. सुखी काफ़ी देर वही बैठी रही और अंजलि से बाते करती रही.
अंजलि के साथ बाते करके सुखी को खूब मज़ा आ रहा था. फिर सुख ने अंजलि से पूछा-
सुखी: अछा मेरा बेटा खूब मस्त छोड़ता है?
तभी अंजलि ने सुखी को हल्के हाथ से कंधे पर मारते हुए कहा-
अंजलि: बेटा तो खूब मज़ा देगा ही, मा ने जो इतने मज़े लिए और दिए है. 8 इंच का लंड है तेरे बेटे का.
ये बात सुन कर सुखी हस्स पड़ी और उसको अपने आप पर शरम आ गयी. फिर अंजलि और सुखी ने थोड़ी देर तक बाते की और उसके बाद सुखी ने अंजलि को एक किस किया और वाहा से चली गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. आप मुझे अपनी फीडबॅक के लिए, या कोई आइडिया भेजने के लिए मैल कर सकते हो.
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